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रविवार, 16 दिसंबर 2018

-पारा शिक्षक की मौत अत्यंत दुखद



रांची। पारा शिक्षक कंचन कुमार दास की असमय मौत पर लोक जनशक्ति पार्टी गहरा दुख व्यक्त करती है।
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ संतोष कुमार ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि दुमका में डॉ लुईस मरांडी के आवास पर धरना दे रहे शिक्षक की ठंड लगने से हुई मौत काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रदेश प्रवक्ता डॉ संतोष ने कहा कि झारखंड सरकार अविलंब संज्ञान लेकर पारा शिक्षकों  के मामले सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए समाधान निकालना चाहिए।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षक छात्रों के भविष्य बुनते हैं और उनका सैलेरी एक मजदूर से भी कम दिया जाना काफी चिता का विषय है।लोक जनशक्ति पार्टी पारा शिक्षकों के साथ खड़ी है एवं इनकी मांगों को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय रामविलास पासवान के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर जल्द से जल्द समाधान की मांग की है।
लोक जनशक्ति पार्टी शिक्षक कंचन कुमार दास के परिवार वालों को सरकारी जॉब के साथ उचित मुआवजा प्रदान करे एवं  एक बार फिर प्रधानमंत्री से मांग करती है कि जल्द से जल्द पारा शिक्षकों की मांगों पर वार्ता कर सुलझाया जाए ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृति न हो।

पारा शिक्षकों के दुखड़े से रू-ब-रू हुए समाजसेवी सुधांशु सुमन


पारा शिक्षकों की मांगों को ठहराया जायज

इटखोरी।  इटखोरी एकीकृत पारा शिक्षक संघ ने अपने साथ हो रहे अन्याय के बारे में समाजसेवी सुधांशु सुमन को बताया। शिक्षकों ने वनभोज कार्यक्रम का आयोजन कर समाजसेवी सुधांशूु सुमन को आमंत्रित किया एवं वनभोज कार्यक्रम से पूर्व एक सभा विक्रम कुमार शर्मा, जो संघ के अध्यक्ष है ,.की अध्यक्षता में हुई। पारा शिक्षको ने अपनी मांगों की सूची सौपते हुए कहा कि राज्य के सभी विद्यालय पारा शिक्षकों की बदौलत ही चल रहे है। उसके बावजूद पंद्रह नवम्बर से पारा शिक्षक लगातार हड़ताल पर है, बच्चे विद्यालय में पढ़ाई नही कर पा रहे है। उसके बाद भी यह सरकार मांगों को नही मान रही है।बच्चे पढ़े ना पढ़े इस सरकार को कोई मतलब नही। पारा शिक्षकों ने समाजसेवी सुधांशू सुमन से यह आग्रह किया कि अपने संस्था के माध्यम से उनकी बात सरकार तक पहुंचाएं। पारा शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष विक्रम शर्मा ने बताया कि प्रखंड के 68 विद्यालय पूरी तरह से पारा शिक्षक पर निर्भर है एवं 275 पारा शिक्षक के परिवार पूरी तरह उनपर निर्भर हैं। ऐसे में सरकार के इस रवैया से बच्चे,शिक्षक एवं उनके पूरे परिवार प्रभावित है।पंचायत समिति सदस्य संतोष सोनी ने कहा कि पारा शिक्षक संघ के इस संघर्ष में प्रखंड के जनप्रतिनिधियों का भरपूर सहयोग मिलेगा ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है। रे ग्राम सेवा फाउंडेशन तिरँगा सम्मान यात्रा के सूत्रधार व प्रसिद्ध समाजसेवी सुधांशु सुमन ने कहा कि पारा शिक्षकों की पीड़ा हृदयविदारक है। उन्होंने कहा शिक्षक समाज के आधार स्तंभ है, जिनके मार्गदर्शन से भावी पीढ़ी कर्तव्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर सकेगीl इस बात को सोचते हुए मन में शिक्षक का स्थान बहुत ऊंचा हो जाता हैl  किसी भी देश या समाज में शिक्षा की व्यवस्था को सुदृढ़ करने में प्राथमिक शिक्षकों की अहम  भूमिका होती हैl उन्होंने कहा कि  समस्त राज्य का यह कर्तव्य होना चाहिए कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेl सरकार भी इस विषय को लेकर गंभीर हैl हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चों की शिक्षा निर्विघ्न और गुणवत्तापूर्ण होl इस बात पर निर्णय करना  एक अलग विषय है कि कौन से पारा शिक्षक गुणवत्तापूर्ण है और कौन नहींl लेकिन वर्तमान समय में अगर ये शिक्षा का अलख जगाने हेतु अपनी सेवा दे रहे हैं  तो देश के अन्य राज्य यथा बिहार, छत्तीसगढ़ और यूपी के तर्ज पर झारखंड में भी पारा शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय मिलनी ही चाहिए l
  इटखोरी प्रखंड में 104 प्राथमिक/मध्य विद्यालय में 275 पारा शिक्षक हैंl जो एक हज़ार रुपये मानदेय से अपनी सेवा शुरू करते हुये शिक्षा की गुणवत्ता में अपना योगदान देते हुए अब उम्र के तीसरे या चौथे पडाव तक पहुंच चुके हैंl प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में इनका योगदान अतुलनीय हैl ऐसे में इनके और इनके परिवारजनों के
भरण- पोषण हेतु  इन्हें एक सम्मानजनक मानदेय अवश्य मिलनी चाहिएl उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में पारा शिक्षकों की स्थिति को देखते हुए  जल्द इनके बेहतरी  हेतु जो भी मुझसे हो सकेगा विशेष रूप से प्रयास करूंगा l
समाजसेवी सुधांशु सुमन ने सरकार से भी आग्रह किया है कि सुबे के पारा शिक्षक और विद्यार्थियों के हित में जल्द निर्णय ले, ताकि शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ रहे l

सोमवार, 19 नवंबर 2018

पारा शिक्षकों के समर्थन में ग्रामीण कांग्रेस का धरना

       
रांची।  राँची जिला ग्रामीण कांग्रेस के तत्वावधान में आज दिनांक 19 नवंबर 2018 (सोमवार) समय 11:00 बजे अपराह्न राज्यपाल भवन राँची के समक्ष  विगत् स्थापना-दिवस (15 नवम्बर 2018) के मौके पर आंदोलनरत पारा-शिक्षकों एवं प्रेस के साथियों पर भाजपा सरकार के पुलिस-प्रशासन द्वारा दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ एकदिवसीय  धरना-कार्यक्रम का आयोजन किया गया।साथ ही  कांग्रेस की आयरनलेडी व देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी की 101 वीं जयंती पर उनके तस्वीर पर पुष्पमाला अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।कार्यक्रम का संचालन राँची जिला ग्रामीण कांग्रेस के माननीय अध्यक्ष श्री सुरेश बैठा जी ने किया।इस अवसर पर झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माननीय डॉ.अजय कुमार ने सभा को सबोधित करते हुए कहा कि "पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज व जेल भेजकर नौकरी से बर्खास्त करने की कार्रवाई कर भाजपा सरकार यह बता देना चाहती है कि इन्हें आम जनों से कोई सरोकार नहीं है। भाजपा की सरकार केन्द्र और राज्य दोनों ही जगह लूटरी और बर्बर हो गई है,इनलोगों को ग़रीबों, किसानों,अल्पसंख्यकों, आदिवासियों की कोई चिंता नहीं है।हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार व लूट मची हुई है।"       
                       डॉ. अजय ने धरना में अलग से आंदोलनरत मनरेगाकर्मियों और पाराशिक्षकों को आश्वासन दिया कि हमारी सरकार आने पर अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी किया जायेगा।
श्री बैठा ने अपने सम्बोधन में कहा कि" पारा शिक्षकों के ऊपर बर्बर कार्रवाई की निंदा करता हूँ और उनके ऊपर दर्ज एफआईआर को वापसी का आग्रह करता हूँ।साथ ही मीडिया बंधुओं पर लाठीचार्ज की कड़ी भर्तस्ना करता हूँ।"
          इनके साथ ही आलमगीर आलम,रविन्द्र सिंह, गीताश्री उराँव,आभा सिन्हा, संतोष पाठक,शमशेर आलम,अशोक मिश्रा, लाल किशोर नाथ शाहदेव, सुनील सिंह, अरवर अली,आदित्य जायसवाल, अमिताभ रंजन, आलोक दुबे, बेलस तिर्की, प्रेम कुमार, सावन मुण्डा वारीश कुरैशी,सुरेश साहु आदि ने अपने विचारों को रखा।धन्यवाद ज्ञापन सुन्दरी तिर्की जी ने किया।
इस अवसर पर विनय सिन्हा दीपु, सतीश पॉल,माधव कच्छप,जयप्रकाश गुप्ता ,सन्नी टोप्पो,आदित्य विक्रम,तुलसी खरवार,प्रिय रंजन सहाय विनीता पाठक,पूर्णिमा सिन्हा,जॉर्ज एक्का,रफीक आलम,जितेंद्र कुमार त्रिवेदी के साथ सैकड़ों कांग्रेसी उपस्थित हुए।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...