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रविवार, 8 सितंबर 2019

अधविश्वास और अफवाह के खिलाफ अभियान चलाएगी एपवा


रांची। आज 8 अगस्त 2019 को ऐपवा  रास्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी और झारखंड राज्य सचिव गीता  मंडल ने  भाकपा माले के रांची स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि एपवा की राज्य कमेटी बैठक में 10 से 25 सितंबर तक अंधविश्वास और अफवाह के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।
 उल्लेख्य है कि इससे पूर्व एपवा राज्य कमेटी की बैठक भाकपा माले कार्यालय में ही संपन्न हुई।  बैठक में  एपवा की महासचिव मीना तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं जबकि राज्य सचिव गीता मंडल , राज्य अध्यक्ष  सबिता सिंह, सुषमा मेहता , जयंती चौधुरी, आईती  तिर्की ,नीता वेदीया ,आदि कमेटी सदस्यों ने भागीदारी की। बैछक में यह भी निर्णय लिया गया कि दुर्गा पूजा के बाद राज्य स्तर पर महिला मुद्दों को लेकर महिलाओं का विशाल जनप्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।

मंगलवार, 3 सितंबर 2019

धमकी भरी भाषा से बाज आए रघुवर सरकारः जनार्दन प्रसाद

 रांची 3सितंबर 2019,भाकपामाले राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर तानाशाही भरी बयानबाजी का आरोप लगाते हुए कागजी विज्ञापनों के बदले जमीन पर काम करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कल गोड्डा में जन चौपाल लगाकर सरकारी योजनाओं के खिलाफ दुष्प्रचार करनेवाले के खिलाफ मुकदमा करने की धमकी देना व लोगों को इसके लिए उकसाना निहायत ही फासीवादी सोच को दर्शाता है।माले नेता के मुताबिक झारखंड सरकार धड़ल्ले से बिना काम पूरा हुए उदघाटन का सिलसिला चला रही है, कई योजनाएं सिर्फ कागज पर ही दिखाई पड़ती है,जमीनी धरातल की सच्चाई कुछ और है। इस अवस्था में योजनाओं पर सवाल उठाना ही उचित है ,अन्यथा सरकारी योजनाएं धरी की धरी रह जाएगी।मुख्यमंत्री द्वारा मुकदमा करने की दी जा रही धमकी इस बात का  द्योतक है कि सरकार की ढपोरशंखी योजनाओं के प्रति जनता का जो रोष है , सरकार उसे दबाना चाह रही है। यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर तो हमला है ही , बल्कि इससे यह भी जाहिर होता है कि सरकार अपनी लूट योजना पर परदा डाल रही है।कोणार डैम का नहर उद्घाटन के 14घंटे के अंदर टूट गया । रघुवर सरकार  इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेने की  बात नही करती ,  बल्कि बदले  में भ्रष्टचारों को बढ़ावा देना चाहती है। सड़कों का खस्ता हालत है,एनएच तक समय पर नहीं बन रहे,नाला-पुलिया के बहाने करोड़ों अरबों का घपला हो रहा, हर योजना मे प्राक्कलन घोटाला हो रहा है , पर सीएम लोगों की जुबांन पर ताला जड़ देने का नाकाम प्रयास कर रहे हैं । यू पी में मिड डे मील मे  बच्चों के  खाना  के बतौर नमक रोटी खिलाया जा रहा है और उसपर कार्रवाई  करने के बदले  में योगी सरकार भंडाफोड़ करनेवाले पर ही मुकदमा कर रही है। रघुवर सरकार भी झारखंड में यू पी सरकार की तर्ज पर सरकार की गलतियों पर सवाल उठाने बालो को जेल भेजना चाहती है । सूचना के अधिकार को तो कुंद कर ही दिया गया है । अब बोलने के अधिकार पर भी हमले प्रायोजित हैं। सरकार के इस कदम की जितनी निंदा की जाए कम है।जनता से डरी  हुई रघुवर सरकार की , जनता  को डराने की सारी कोशिशें नाकाम होगी।सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ, योजनाओं में मची लूट के खिलाफ जनता लड़ेगी।भाजपा सरकार धमकी की राजनीति बंद करे अन्यथा जनता सड़कों पर प्रतिवाद कर इसका जवाब देगी।।             

शनिवार, 31 अगस्त 2019

माले नेता अशोक पासवान की गिरफ्तारी की तीव्र भर्त्सना

गिरफ्तारी के विरोध में निकाला प्रतिवाद मार्च

रांची। भाकपा माले झारखंड राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद द्वारा एक प्रेस बयान जारी करते हुए भाकपा माले झारखंड राज्य कमिटी सदस्य और गिरीडीह जिला के जमुआ विधानसभा का माले नेता अशोक पासवान की गिरफ्तारी की तीव्र निंदा की है । उन्होंने  भाकपा माले का बेकसूर प्रतिबद्ध व समर्पित जननेता अशोक पासवान  को वेबजह गिरफ्तारी की तीब्र भर्त्सना की है ।

अशोक पासवान 2009 में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी दिलाने के लिए जमुआ प्रखंड मुख्यालय में प्रदर्शन कर रहे थे ।  उस समय  के तत्कालीन  BDO ज्योति झा और भाजपा विधायक केदार हाजरा के इशारे पर उन पर झूठा मुकदमा कर दिया गया था । जमुआ पुलिस प्रशासन और विधायक ने मिलजुल कर झूठा मुकदमा में अशोक पासवान को  फंसा दिया । अंततः आज  उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
अशोक पासवान लगातार जमुआ में गरीब मजदूर असहाय की आवाज को उठाते थे और गरीबों की हर लड़ाई में शामिल रहते थे जो भाजपा के विधायक को नागवार गुजरता था और आज सत्ता के गलत इस्तेमाल करते हुए जमुआ में ऐसी आवाज को दबाने की कोशिश भाजपा द्वारा की जा रही है । जिसे भाकपा माले कभी सफल होने नही देगी ।
बालू चोरी और पत्थर माफिया से जमुआ पुलिस की मिलीभगत  के कारण  आज माफिया  जमुआ चौक पर खुलेआम घूमता है और जमुआ के छोटे-छोटे दुकानदारों के ऊपर जमुआ पुलिस द्वारा जुल्म किया जा रहा है ।

इस निकम्मे विधायक और जमुआ पुलिस प्रशासन के खिलाफ हमेशा गरीबों के पक्ष में लड़ाई करने वाले नेता अशोक पासवान  को आज जमुआ प्रशासन  ने गिरफ्तार करके गरीबों की आवाज को बंद करने  की  असफल कोशिश की है , जो सिर्फ और सिर्फ भाजपा विधायक केदार हाजरा के इसारे पर जमुआ पुलिस द्वारा की जा रही है ।
माले नेता अशोक पासवान की झूठा मुकदमा में  गिरफ्तारी के  प्रतिबाद में आज जमुआ में एक प्रतिवाद मार्च निकाला गया एबं जल्द बिना शर्त अशोक पासवान की रिहाई की मांग की गई ।
इस मार्च में शामिल भाकपा माले जमुआ प्रखंड सचिव विजय पांडे ऐपवा नेत्री मीणा दास इंकलाबी नौजवान सभा जिला उपाध्यक्ष मो0 असगर अली भोला पासवान विकास पासवान एनुल अंसारी रंजीत यादव ललन यादव भगीरथ पंडित अभिमन्यु राम लखन हंसदा आदि लोग प्रतिवाद मार्च में शामिल थे । भाकपा माले झारखंड राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने चेतबनी दी है कि अगर जल्द अशोक पासवान को बिना शर्त रिहा न किया गया , तो इस मुद्दे पर राज्य स्तर पर जनान्दोलन को तीव्र किया जाएगा ।

रविवार, 11 अगस्त 2019

संदीप पांडेय की नजरबंदी से तत्काल रिहाई की मांग



नई दिल्ली।  भाकपा माले ने सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय और एनएपीएम की सचिव अरुंधति धुरु की आज लखनऊ में हुई नजरबंदी की कड़ी भर्त्सना करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है. वे आज शाम लखनऊ में होने वाले कश्मीर एकता कार्यक्रम में भाग लेने वाले थे. उन्हें उनके घर में भारी पुलिस घेराबंदी के बीच नजरबन्द कर लिया है और किसी को अंदर से बाहर या बाहर से भीतर नहीं आने जाने दिया जा रहा. यह उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा खुद ही कानून को हाथ में लेने की गैर क़ानूनी कार्यवाही है.

वहां होने वाले कश्मीर एकता कार्यक्रम के आयोजकों में एक मो. शोएब पर इस कार्यक्रम को न करने के लिए कथित रूप से दवाब डाला जा रहा है. लोकतंत्र की आवाज़ों पर इस तरह के हमले देश के अन्य राज्यों में भी हो रहे हैं.

मोदी-शाह की सरकार लोकतान्त्रिक विरोधों को दबाने की कार्यवाहियां कर नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों और देश के लोकतान्त्रिक ताने बाने पर हमला कर रही है. केंद्र व उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस तरह की दमनात्मक कार्यवाहियां बंद करे और संदीप पांडेय एवं अरुंधति धुरु को गैरक़ानूनी नजरबंदी से तत्काल रिहा करे, तथा बिना किसी बाधा के कश्मीर के साथ एकजुटता के लिए आयोजित कार्यक्रम को होने दे जोकि प्रत्येक नागरिक का लोकतान्त्रिक  अधिकार है.

- केंद्रीय कमिटी
भाकपा माले
सुखदेव प्रसाद भाकपा माले झारखंड राज्य कार्यालय सचिव द्वारा प्रेषित

सोमवार, 5 अगस्त 2019

कश्मीरी अवाम और संविधान के साथ खिलवाड़ः दीपंकर भट्टाचार्य



नई दिल्‍ली। भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को हटाने की कार्रवाई को कश्मीर और देश के संविधान के साथ खिलवाड़ बताते हुए उनकी पुनर्बहाली की मांग की है। माले के झारखंड राज्य कार्यालय सचिव ने श्री भट्टाचार्य की प्रतिक्रिया जारी की है।

श्री भट्टाचार्य के बयान के मुताबिक राष्ट्रपति के आदेश द्वारा धारा 370 को रद्द करना और जम्‍मू एवं कश्‍मीर राज्‍य को दो केन्‍द्र शासित क्षेत्रों -लद्दाख और जम्‍मू एवं कश्‍मीर- में विभाजित करना भारतीय संविधान के विरुद्ध तख्‍तापलट जैसी कार्यवाही से कम नहीं है. मोदी सरकार अपने लुके-छिपे, साजिशाना और गैर-कानूनी तौर तरीकों से संविधान को और कश्‍मीर को बाकी भारत से जोड़ने वाले महत्‍वपूर्ण ऐतिहासिक पुल को, जलाने का काम कर रही है.
इस तख्‍ता पलट की तैयारी में मोदी सरकार ने पिछले एक सप्‍ताह से कश्‍मीर की घेराबंदी कर रखी थी. दुनियां के इस सबसे अधिक सैन्‍यीकृत क्षेत्र में 35000 सैन्‍य बल और भेज दिये गये थे. सैलानियों और तीर्थयात्रियों को घाटी छोड़ने की चेतावनी दे दी गयी थी, जबकि वहां कश्‍मीरी लोगों ने उनके स्‍वागत में अपने दरवाजे खोले हुए थे. उसके बाद अब, विपक्ष के नेताओं को नजरबन्‍द कर दिया गया है, इण्‍टरनेट को बंद कर दिया है, पेट्रोल की बिक्री बंद है, और पुलिस थाने सीआरपीएफ को सौंप दिये गये हैं.

संविधान के अनुसार जम्‍मू एवं कश्‍मीर की सीमाओं को पुर्ननिर्धारित करने अथवा धारा 370 और धारा 35A के बारे में कोई भी निर्णय वहां की राज्‍य सरकार की सहमति के बगैर नहीं लिया जा सकता है. 2018 में जम्‍मू एवं कश्‍मीर विधानसभा बगैर किसी दावेदार को सरकार बनाने का मौका दिये गैरकानूनी तरीके से भंग कर दी गई थी. फिर केन्‍द्र सरकार ने संसदीय चुनावों के साथ जम्‍मू एवं कश्‍मीर में विधानसभा के चुनाव कराने से इंकार कर दिया था. इसलिए राष्‍ट्रपति द्वारा जारी किया गया यह आदेश पूरी तरह से एक तख्‍तापलट है.

जिस प्रकार नोटबंदी ने भ्रष्‍टाचार और कालेधन को कम नहीं किया, बल्कि इसने आम जनता के लिए नई समस्‍यायें पैदा कर दीं और भ्रष्‍टाचार को बेतहाशा बढ़ा दिया, उसी प्रकार जम्‍मू एवं कश्‍मीर के बारे में ऐसा हादसा जनक और गुप्‍त फैसला जबकि वहां इस समय एक चुनी हुई विधानसभा भी नहीं है, कश्‍मीर समस्‍या को हल नहीं करेगा बल्कि वहां के हालात को और खराब कर देगा. वहां बढ़ाया जा रहा सैन्‍य बलों का जमावड़ा और विपक्षी दलों पर हमला जम्‍मू एवं कश्‍मीर की जनता को और ज्‍यादा अलगाव में डाल देगा.

इस प्रकार का तख्‍तापलट केवल कश्‍मीर के हालात पर ही बुरा असर नहीं छोड़ेगा, बल्कि यह संविधान पर एक सीधा हमला है और इसका असर पूरे भारत पर पड़ेगा. भाजपा जम्‍मू एवं कश्‍मीर में उठाये गये इस कदम से, नागरिकता संशोधन बिल और एन.आर.सी. आदि के माध्‍यम से भारत को फिर से 1940 के दशक वाली उथल-पुथल और अशांति की ओर धकेल रही है. जम्‍मू एवं कश्‍मीर में आज वस्‍तुत: आपातकाल लागू कर दिया गया है – पूरे भारत को दृढ़ता से इसके विरोध और प्रतिरोध में खड़े होना होगा क्‍योंकि यही आपातकाल जल्‍द ही पूरे भारत में फैलने के संकेत दे रहा है.

भाकपा(माले) संकट के इस समय में जम्‍मू एवं कश्‍मीर की जनता के साथ खड़ी है और यह आह्वान करती है कि संविधान पर हुए इस हमले और तख्‍तापलट के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन आयोजित किये जाएं. हम मांग करते हैं कि कश्‍मीर घाटी से सैन्‍य बल तुरंत हटाये जायें, धारा 370 और धारा 35A को तुरत बहाल किया जाय और सभी विपक्षी नेताओं को नजरबन्‍दी से तत्‍काल रिहा किया जाय.

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...