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शनिवार, 27 जुलाई 2019

जल शक्ति मंत्रालय की समीक्षा बैठक

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने  की समीक्षा बैठक
 राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस समेत कई वरीय़ अधिकारी रहे मौजूद
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★ जल शक्ति अभियान को बनाएं जन आंदोलन, पानी के किफायती इस्तेमाल पर हो फोकस
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★ राज्य सरकार जल संरक्षण और संचयन के लिए योजनाओं का पुख़्ता और सम्पूर्ण प्रपोजल भेजे, केंद्र सरकार उसे स्पांसर करेगी
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रांची। जल की एक-एक बूंद जीवनदायनी है. पानी की बर्बादी नहीं हो, यह केंद्र सरकार की विशेष प्राथमिकता है. बारिश के पानी के संचयन व संवर्द्धन के लिए कई योजनाएं शुरू की गई है. हर हाल में भूगर्भ जलस्तर बढ़ाना है ताकि आने वाली पीढ़ी को जल संकट का सामना नहीं करना पड़े. केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने आज होटल रैडिशन ब्लू में जल शक्ति मंत्रालय की समीक्षात्मक बैठक में ये बातें कही. उन्होंने झारखंड सरकार को आश्वासन दिया कि जल संरक्षण और संचयन के लिए योजनाओं का कंक्रीट और कंप्लीट प्रपोजल भेजें, केंद्र उसे स्पांसर करेगी. इस बैठक में श्री शेखावत ने राज्य में चल रही जल संचयन और बारिश के पानी की बर्बादी को रोकने के लिए चलाए जा रहे योजनाओं के प्रगति की जानकारी ली.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता जल संचयन -- योजनाएं समय पर करें पूरा

श्री शेखावत ने कहा कि जल शक्ति की योजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता में है, इनके क्रियान्वयन में कोई कमी नहीं रह जाए. समय पर इन योजनाओं को पूरा करें, विलम्ब होने से योजना की लागत बढ़ती है और लोगों के उसका लाभ भी नहीं मिल पाता है. अगर केंद्र से मदद की जरूरत पड़ेगी तो उसके लिए मंत्रालय पूरी तरह तैयार है.

योजनाओं की यूटिलिटी होनी चाहिए, समय-समय पर थर्ड पार्टी असेसमेंट कराएं

श्री शेखावत ने कहा कि जल संरक्षण औऱ संचयन के लिए जो भी योजनाएं बनाई जाए, उसकी पूरी यूटिलिटी होनी चाहिए. यह बेहतर होगा कि इन योजनाओं का समय-समय पर थर्ड पार्टी असेसमेंट कराएं. उन्होंने यह भी कहा कि जल संचयन की योजनाओं को शुरु करने के पूर्व इससे संबंधित विभागों में समन्वय स्थापित किया जाए, ताकि इसे बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिल सके. उन्होंने जल संरक्षण को लेकर बड़ी योजनाओं की बजाय छोटी-छोटी योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया.

लंबित परियोजनाओं की ली जानकारी, पूरा करने पर दिया जोर

श्री शेखावत ने समीक्षा बैठक में राज्य में जल संसाधन और पेयजल से जुड़े लंबित योजनाओं की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को पूरा करने के लिए जो भी मदद की जरूरत पड़ेगी सरकार उसे हरसंभव पूरा करेगी, बर्शते इन योजनाओं का लाभ लोगों तक सुनिश्चित किया जा सके. इस मौके पर राज्य सरकार की ओर से सुवर्णरेखा परियोजना, उत्तर कोयल नदी परियोजना, बुढ़ई परियोजना, कोनार नहर परियोजना, कनहर सिंचाई परियोजना, कनहर पाइप लाइन परियोजना के चल रहे कार्यों से जल शक्ति मंत्रालय को अवगत कराया गया और इन योजनाओं को पूर्ण करने में केंद्र से मदद की भी मांग की गई.

झारखंड के लिए काफी उपयोगी है जल शक्ति अभियान

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री श्री नीलकंठ सिंह मुंठा ने कहा कि झारखंड राज्य के लिए केंद्र की जल शक्ति अभियान काफी उपयोगी और सार्थक है. झारखंड में औसतन 1200 मिलीमीटर बारिश होती है,लेकिन पठारी इलाका होने की वजह से ज्यादातर बारिश का पानी बहकर बर्बाद हो जाता है पर इस अभियान के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं से बारिश के पानी का काफी हद तक संचयन किया जा सकता है. उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को बताया कि केंद्र ने दो जिलों में इस अभियान को शुरु करने की स्वीकृति दी थी, पर राज्य सरकार ने सभी 24 जिलों के 263 प्रखंडों के हर गांव में इस अभियान को चला रही है.

मसानजोर डैम पर झारखंड का अधिकार हो

राज्य के जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री रामचंद्र सहिस ने इस मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को एक मेमोरेंडम सौंपा. इसमें उन्होंने कहा है कि मसानजोर डैम झारखंड की जमीन पर है, लेकिन इसपर पश्चिम बंगाल सरकार का अधिकार है और इसका लाभ भी झारखंड को नहीं मिल रहा है. उन्होंने मसानजोर डैम को झारखंड के अधिकार क्षेत्र में देने का आग्रह किया.

महाअभियान बन रहा है जल शक्ति अभियान, मुख्यमंत्री, मंत्रीगण व अफसर कर रहें हैं श्रमदान

मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने समीक्षा बैठक में जल संवर्ध्धन और जल संचयन के लिए राज्य में चल रही योजनाओं से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को अवगत कराया. उन्होंने कहा राज्य में 1 जुलाई से 15 सितंबर तक जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें बढ़-चढ़कर जनभागीदारी देखने को मिल रही है. इसके तहत हर रविवार को मुख्यमंत्री, मंत्रीगण और अधिकारी श्रमदान करते हैं. इसमें स्कूल, कॉलेज, स्वंयसेवी अन्य़ संगठनों के साथ आमलोगों की भी खूब भागीदारी देने को मिल रही है. कुल मिलाकर यह महाअभियान का रूप धारण करता जा रहा है. मुख्य सचिव ने कहा कि जल शक्ति अभियान के अंतर्गत सभी पंचायतों में पानी के रिचार्ज को लेकर ट्रेंच सह बंड का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इसके अलावा नदियों के किनारे वृहत पैमाने पर वृक्षारोपण किया जा रहा है. राज्य की छोटी-बड़ी 44 नदियों के किनारे 1366 किलोमीटर के दायरे में वृक्षारोपण का काम हो चुका है, जबकि इस साल 274 किमी और 2020 में 305 किलोमीटर क्षेत्र में वृक्षारोपण करने का लक्ष्य है. इसके साथ पूरे राज्य में 1.7 करोड़ पौधे लगाए गए हैं और 820 चैकडैम और 13375 रीचार्ज पीट बनाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के बेहतर क्रियान्वयन पर भी सरकार का पूरा जोर है. सरकारी भवनों, स्कूलों और व्यापारिक भवनों, अपार्टमेंट आदि में इसे लगाया जा रहा है. इसके अलावा विभिन्न विभागों की कई योजनाओं के अंतर्गत भी जल संचयन से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं. इस मौके पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग और नगर विकास विभाग की ओर से भी पेयजल, सिंचाई, व अन्य जल से जुड़ी परियोजनाओं की जानकारी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को दी गई.

समीक्षा बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह, एडिशनल सचिव अरुण बरोका, कमिश्नर  के बोहरा के साथ झारखंड के जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव आराधना पटनायक और मनरेगा आय़ुक्त समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद थे.

बुधवार, 10 जुलाई 2019

अक्टूबर तक 35 लाख किसानों के बीच 5000 करोड़ रुपए का वितरण



30 सितम्बर का लक्ष्य --सभी कार्य पूरा करें

हम सब ऐसा कार्य कर जाएं कि हमारे बाद भी लोग हमारे काम को याद करें


देवघर। गरीब को गरीब बनाए रखने की साजिश करने वालों को बेनकाब करें। चाहे कितना भी बड़ा आदमी हो पब्लिक ऑर्डर सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें। विधि व्यवस्था के साथ महत्वपूर्ण है पब्लिक आर्डर को कायम रखना। यदि कोई इसमें बाधा पहुँचाये तो कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई उस पर करें। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास देवघर के परिसदन में संथालपरगना के सभी जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और उप विकास आयुक्त के साथ प्रमंडल में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए यह बात कही।

गांव और किसान पर ध्यान रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव और किसान पर ध्यान रहे पीएम किसान योजना और मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना से राज्य के 35 लाख किसानों के बीच 5000 करोड़ रुपए का वितरण किया जाएगा। हमारे गरीब किसानों को खाद बीज आदि के लिए किसी साहूकार के पास हाथ फैलाना ना पड़े। यही सोच सरकार की है। मुख्यमंत्री ने जिलो को लक्ष्य दिया है कि इस माह तक उनका ऑनलाइन निबंधन का कार्य पूरा कर लें।

गांव भी शहरों की तरह चमके
मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई योजना के तहत राज्य के 14 लाख घरों में 30 सितंबर तक गैस चूल्हा और सिलेंडर पहुंचाना है। टाइमलाइन बनाकर अपने जिले के लक्ष्य को सभी हासिल करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव भी शहरों की तरह चमके इसलिए 14वें वित्त आयोग के पैसों से गांव के पथ पर स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य भी 30 सितंबर तक पूरा कर लें। आदिम जनजाति के गांवों में पाइपलाइन से पेयजल पहुंचाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जन जल योजना के तहत् आदिवासी बहुल गांव में भी पाइपलाइन से पेयजल पहुंचाने का अभियान समय से पूरा करें। गांव के सड़कें पेभर ब्लॉक से बने ताकि वर्षा का जल जमीन में जा सके। इसके लक्ष्य को भी प्राथमिकता के साथ पूरा करें।

सभी छह जिलों में एक ही दिन व्यापक जागरूकता रैली निकालें
मुख्यमंत्री ने कहा कि संथालपरगना में कुपोषण आज भी व्याप्त है। इसके लिए सभी छह जिलों में एक ही दिन व्यापक जागरूकता रैली निकालें। महिलाओं और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सेवा की तरह मिशन बना के काम करे।

जिलों के उपायुक्त जिला के अनटाइड फण्ड से करने के लिए अधिकृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवघर जिला के उपायुक्त के परामर्श पर विचार कर राज्य सरकार ने निर्णय लिया कि पूरे राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त जिला के अनटाइड फण्ड से करने के लिए अधिकृत होंगे। जिला योजना समिति से अनुमोदन के बदले जिला कार्यकारिणी समिति के अनुमोदन से कार्य होगा तथा जिला योजना समिति की बैठक में उससे अवगत कराया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को 250 आवास स्वीकृत करने का अधिकार दिए जाने की भी बात कहीं। इस पर जल्द ही उन्हें आदेश मिल जाएगा जिसके लिए लक्ष्य निर्धारित कर वे काम करें। किसी ऐसे जरूरतमन्द जिनका नाम अर्हता सूची में नहीं आ रहा है और वे समझते हैं कि उन्हें आवास दिया जाना आवश्यक है तो उनके लिए आवास स्वीकृत कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी निदेश दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य को भी 30 सितंबर तक पूरा करे।

विद्युत की हो नियमित समीक्षा
सभी जिलों के उपायुक्त अपने जिला के विद्युत विभाग के इंजीनियर के साथ बैठक कर शहर की विद्युत आपूर्ति, ट्रांसमिशन लाइन, घर-घर विद्युत पहुँचाने के कार्य की प्रगति जानकारी ले और जिले की जनता को अवगत कराएं।

हम सब ऐसा कार्य कर जाएं कि हमारे बाद भी लोग हमारे काम को याद करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य की चिंता है मुझे पर जब संथाल परगना आया तो इसके पिछड़ेपन ने मुझे बहुत बेचैन किया है। मैंने शपथ लिया है कि यहां बदलाव ला कर ही रहूंगा। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से कहा थी आप भाग्यशाली है कि आपको सेवा करने का अवसर मिला है। आइए, हम सब ऐसा कार्य कर जाएं कि हमारे बाद भी लोग हमारे काम को याद करें।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी, विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री के के खंडेलवाल, डीजीपी श्री कमल नयन चौबे, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास श्री अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, ऊर्जा सचिव श्रीमती वंदना डाडेल, पथ निर्माण सचिव श्री के के सोन, भवन निर्माण सचिव श्री सुनील कुमार, पेय जल एवं स्वच्छता सचिव श्रीमती आराधना पटनायक, कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल, खाद्य आपूर्ति एवं महिला बाल विकास सचिव श्री अमिताभ कौशल, एडीजी विशेष शाखा श्री अजय कुमार सिंह, आईजी ऑपरेशन्स श्री आशीष बत्रा, आयुक्त श्री विमल, डीआईजी संथाल परगना श्री राज कुमार लकड़ा उपस्थित थे।

शुक्रवार, 28 जून 2019

जल, जंगल ज़मीन नारा नहीं, हमारी विरासतः सीएम रघुवर दास

 झारखंड मंत्रालय में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक .
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★ साढ़े चार साल में 36,310 हेक्टेयर वन संवर्द्धन का कार्य हुआ

★ जल-जंगल-जमीन हमारे लिए नारा नहीं है

★ आनेवाली पीढ़ी को हमें हरा भरा प्रदेश देना है

★ मुख्यमंत्री जन वन योजना का काफी अच्छे परिणाम


रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जल-जंगल-जमीन हमारे लिए महज नारा नहीं है। हमें विरासत में हरा भरा प्रदेश मिला है, आनेवाली पीढ़ी को हमें हरा भरा प्रदेश देना है। इसी को ध्यान में रख कर प्राकृतिक वनों को फिर से बढ़ाये जा रहे हैं। इसका नतीजा है कि साढ़े चार साल में 36,310 हेक्टेयर वन संवर्द्धन का कार्य हुआ है। पहली बार बांस-बखार की सफाई का काम भी किया गया। इसके भी काफी अच्छे नतीजे आये हैं। वन क्षेत्र में बांस उगाकर वहां के स्थानीय निवासी अच्छी आमदनी कर सकेंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने झारखंड भवन में आयोजित वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक में कहीं।

पिछले चार सालों में 69,750 हेक्टेयर वनभूमि पर पौधरोपण किया गया
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि यह झारखंड के लिए उपलब्धि है कि झारखंड में कुल भौगोलिक क्षेत्रफल में 33.21 प्रतिशत वन हो गये हैं। अब राज्य के 26,475 वर्ग किमी क्षेत्र में वन व वृक्ष हैं। झारखंड में करम वृक्ष की पूजा की जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले वर्ष करम के पौधों का रोपन अभियान चलाया गया। इसमें पूरे राज्य में 60 हजार करम के पौधे लगाये गये हैं। वर्ष 2011 से 2014 तक राज्य में 20,068 हेक्टेयर वनभूमि में पौधरोपण किया गया, वहीं पिछले चार सालों में 69,750 हेक्टेयर वनभूमि पर पौधरोपण का काम किया जा चुका है।

जंगलों में रहनेवाले लोगों को  सड़क, पानी आदि मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराएगी सरकार
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार ने जंगलों में रहनेवाले लोगों को वन पट्टा दे दिया है। अब उन्हें सड़क, पानी आदि मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना भी सरकार का काम है। डीएफओ से रिपोर्ट मंगाये कि कहां-कहां इसकी जरूरत है।

मुख्यमंत्री जन वन योजना का काफी अच्छे परिणाम
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री जन वन योजना का काफी अच्छे परिणाम आये हैं। इस योजना में पौधे लगाने के लिए राज्य सरकार 75 प्रतिशत अनुदान देती है। इससे अब तक 1116 किसान लाभांवित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यह संख्या और बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में भी वन विभाग की अहम भूमिका हो सकती है। वन विभाग ऐसी योजनाएं बनाये ताकि बरसात का पानी वन क्षेत्रों में ही रोका जा सके। इसके लिए छोटे-छोटे चेक डैम, बोरा बांध आदि बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को खेत की मेढ़ पर पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें। साल-सागवान जैसे पेड़ उनके लिए लंबी अवधि में काफी लाभदायक साबित होंगे। वनोपज के वेल्यू एडिशन को बढ़ावा देने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि महुआ से काफी अच्छे लड्डू बनते हैं। ग्रामीणों को इसके लिए प्रेरित करें। इससे अवैध शराब का निर्माण भी रुकेगा और महिलाओं को अच्छी आमदनी भी होगी। डीएफओ को इसके लिए लगायें, जो ग्रामीणों को इसके लिए जागरूक और प्रशिक्षित करे। इस वर्ष सात जुलाई से छह अगस्त तक नदी सह वन महोत्सव मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे जन आंदोलन बनायें। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ें।

बैठक में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री इंदुशेखर चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार बर्णवाल, पीसीसीएफ श्री संजय कुमार समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

शनिवार, 22 जून 2019

मुख्यमंत्री सीधी बात कार्यक्रम की समीक्षा बैठक


उपायुक्त ने प्रगति प्रतिवेदन सौंपने का दिया निर्देश


विनय मिश्रा
 चाईबासा : जिला समाहरणालय सभागार में उपायुक्त अरवा राजकमल के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री सीधी बात कार्यक्रम से संबंधित एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में अपर उपायुक्त  इंदु गुप्ता, जनसंवाद के नोडल पदाधिकारी-सह- जिला आपूर्ति पदाधिकारी  सुरेंद्र कुमार, सदर अनुमंडल पदाधिकारी  परितोष कुमार ठाकुर एवं संबंधित विभाग के पदाधिकारी शामिल रहे।
बैठक में आगामी 25 जून को आयोजित होने वाली मुख्यमंत्री सीधी बात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनसंवाद केंद्र में दर्ज शिकायतों की समीक्षा की जानी है। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में दर्ज होने वाली समस्याओं की साप्ताहिक समीक्षा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव द्वारा की जाती है। प्रत्येक माह के अंतिम मंगलवार को मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र के अंतर्गत 'सीधी बात' कार्यक्रम सूचना भवन, रांची स्थित सभागार में आयोजित होता है। सीधी बात कार्यक्रम में फरियादियों की समस्या का निराकरण मुख्यमंत्री द्वारा किया जाता है। मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र के तहत अपनी शिकायत दर्ज करने के कई माध्यम है। जिसमें ऑनलाइन पोर्टल, 181 डायल करके अथवा सूचना एवं जन संपर्क कार्यालय, पश्चिमी सिंहभूम, चाइबासा मे जिला शिकायत समन्वयक के पास अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं।
उक्त कार्यक्रम के आलोक में जिले में आयोजित बैठक में जनसंवाद केंद्र में दर्ज 40 मामलों की समीक्षा के दौरान संबंधित विभाग के पदाधिकारियों से समस्या के निराकरण हेतु किए गए कार्यों का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दर्ज शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

गुरुवार, 20 जून 2019

हर हाल में किसानों को मिले योजनाओं का लाभ : विजय कुमार सिंह

कोल्हान प्रमंडल की समीक्षा बैठक


विनय मिश्र
चाईबासा। कोल्हान प्रमंडल आयुक्त  विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा मुख्यमंत्री कृषि आर्शीवाद योजना की समीक्षा बैठक आहूत की गई। आयुक्त श्री  सिंह ने कहा कि
अधिक से अधिक किसानों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंचे।
झारखण्ड सरकार के निर्देश के आलोक में कोल्हान प्रमंडल आयुक्त  विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा मुख्यमंत्री कृषि आर्शीवाद योजना की समीक्षा के दौरान आयुक्त ने कहा कि कुल 226385 नोटिस के तामिला के पश्चात अब 87773 आवेदन प्रपत्र ही क्यों प्राप्त किया गया।उन्होंने इसको शत-प्रतिशत करने का निर्देश दिया। उपायुक्त अमित कुमार  पूर्वी सिंहभूम ने उन्हें बताया कि कई किसानों का नाम दो बार अंकित होने के कारण आकड़ों में इतना अन्तर दिख रहा है। आयुक्त ने  ज्यादा से ज्यादा किसानों तक इन योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि 226385 नोटिस के तामिला के पश्चात अब तक कुल 87773 प्रपत्र प्राप्त हुआ, कुल 52684 आवेदन का ऑनलाईन प्रवृष्टि कर दी गई है। सरकार का निर्देश है कि किसानों को खरीफ फसल की खेती के पहले उनके खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और मुख्यमंत्री कृषि आर्शीवाद योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। बैठक में मुख्य रूप से उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम  अमित कुमार, अपर उपायुक्त और जिला कृषि पदाधिकारी उपस्थित थे।

रविवार, 2 जून 2019

भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं संग लक्ष्मण गिलुवा ने की समीक्षा बैठक


* जनसमस्याओं के प्रति सजग रहने का निर्देश

चाईबासा । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने शहर स्थित  रविन्द्र भवन में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व  कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की। इह बैठक में  लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा की गई। श्री गिलुवा ने कहा कि कुल मिलाकर झारखंड में जनसमर्थन से भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने जनता के बीच जाकर भाजपा सरकार की नीतियों के बारे में लोगों को बताने का काम किया। उन्होंने कहा कि ग्रास रूट पर कार्यकर्ताओं ने काफी मेहनत किया है। उनकी मेहनत रंग लाई। श्री गिलुवा ने कहा कि कार्यकर्ता ही संगठन की रीढ़ होते हैं। उन्होंने समीक्षा बैठक में शामिल सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि संगठन को सर्वोपरि समझते हुए जनसमस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर रहें। जनसहयोग से ही भाजपा को एख बार फिर सत्ता संभालने का अवसर मिला है। बैठक में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष अशोक सारंगी, पूर्व विधायक पुतकर हेम्ब्रम, जिला परिषद अध्यक्ष  लालमुनि पूर्ती, जिला अध्यक्ष दिनेश चंद्र नंदी, संजू पांडेय, पूर्व विधायक जोहरलाल बानरा, जिला महामंत्री चुमरु चौताम्बा सहित अन्य  मौजूद थे।

बुधवार, 9 जनवरी 2019

झारखण्ड पिछले चार साल में विकास की नयी ऊंचाईयों परः रघुवर दास

झारखंड मंत्रालय में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक 


रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दावा करते हुए कहा कि पिछले चार साल में झारखंड विकास की नयी ऊंचाइयों पर पहुंचा है। यह टीम वर्क का नतीजा है। इस विकास को अब तीव्र गति देनी है। शासन पर जनता का विश्वास बढ़ा है। इसे और मजबूत करना है। काम में तेजी लाने के लिए प्रक्रिया का सरलीकरण करना होगा। नियमों को सरल करें ताकि विकास कार्यों में बाधा नहीं आनी चाहिए। आज की जरूरत के अनुसार नियमों में बदलाव करें। आम लोगों की समस्या का समाधान करें। उक्त बातें उन्होंने झारखंड मंत्रालय में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की उच्चस्तरीय समीक्षा के दौरान कहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिकांश क्षेत्र आज नक्सल मुक्त हो चुके हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। जनता खुद को खुरक्षित महसूस कर रही है। जनता की मांग काफी छोटी-छोटी है। उन्हें आवास चाहिए, जो हम प्रधानमंत्री आवास योजना व अंबेडकर आवास योजना के तहत दे रहे हैं। उन्हें अच्छी सड़क चाहिए, जो गांव-गांव में बन रही है। बिजली घर-घर पहुंचायी जा चुकी है। अब लोगों को क्वालिटी बिजली देने की प्रक्रिया चल रही है। गांव के हर वृद्ध को वृद्धा पेंशन, विधवा महिलाओं को विधवा पेंशन, दिव्यांगों को दिव्यांग पेंशन को शत प्रतिशत पहुंचाना है। उज्जवला योजना के तहत राज्य की और 14 लाख महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन, चूल्हा और पहली रिफिल फ्री दी जायेगी। इसके लिए भी जल्द प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण सड़कों की मरम्मति के लिए इस बार के बजट में अलग से फंड दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव में लाभुकों के साथ स्वयं सहायता समूह को जोड़ें ताकि आवास बनाने के काम में तेजी आये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधान सचिव, कमिश्नर, डीसी तथा डीजीपी से लेकर डीएसपी तक के पुलिस पदाधिकारी सप्ताह में एक दिन गांव जाएं और सीधे जनता से संवाद करें -चौपाल लगायें। इससे ग्रामीणों के छोटे-छोटे मुद्दों का आसानी से समाधान हो सकेगा। शासन और जनता के बीच दूरी नहीं रहने से बिचौलिये भी समाप्त होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों का काम करने से शांति मिलेगी। कमीश्नर अपने क्षेत्र के बीडीओ, सीओ के कार्यों की समीक्षा करें। राज्य से आज नक्सलवाद लगभग पूरी तरह समाप्त हो गया है, राज्य के 13 LWE जिले के जो गांव नक्सल प्रभावित थे उन गांवों के युवाओं को कौशल विकास से जोड़ कर उन्हें प्रशिक्षित करने के कार्य चल रहा है। इसमें और तेजी लाएं। टेक्सटाइल समेत अन्य क्षेत्रों में उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों मे एलडब्ल्यूइ की मद में केंद्र सरकार से मिल रही राशि को केवल विकास कार्यों में खर्च करें। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पानी की टंकी बनाये। इस टंकी के पास नल के माध्यम से ग्रामीणों को जलापूर्ति होगी। दूसरे चरण में इस टंकी को पाइपलाइन के माध्यम से जोड़कर लोगों को पेयजल मुहैया कराया जायेगा। इसके साथ ही गांव में स्ट्रीट लाइट लगायें। इससे रात में भी लोग रोजगार व आवागमन कर सकेंगे। इससे भी गांव में बदलाव आयेगा। गांव में पेभर ब्लॉक के माध्यम से सड़क बनायें। इससे ग्राउंड वाटर रिचार्ज भी होगा और गांव भी साफ सुथरा दिखेगा। इसके लिए स्थानीय एसपी के साथ ही उस क्षेत्र में काम कर रही सुरक्षा एजेंसियों के वरीय अधिकारी से योजना में मदद लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 5-6 माह काम करने का समय है। इसके बाद बरसात में काम धीमा हो जायेगा। डीसी सांसद-विधायक निधि की योजनाओं को स्वीकृत कर तय समय सीमा में तेजी से कार्य करायें। इससे विकास कार्यों में तेजी आयेगी। स्कूलों में बच्चों की ड्रेस बनवाने का कुछ उपायुक्तों ने अच्छा काम किया है। दूसरे डीसी उनसे सीख लेकर अपने जिले में इसे लागू करें। इसमें गांव की महिलाएं ही ड्रेस सिलने का काम कर रही है। सभी उपायुक्त अपने अपने जिले में महिलाओं को प्रशिक्षण दें, सरकार महिलाओं को मशीन देगी। इसी मदद से वे ड्रेस सिल सकेंगी। आदिवासी ग्राम विकास समिति और ग्राम विकास समिति के माध्यम से जो अनुशंसा आयी है, उस पर फंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता रैली निकालने को कहा। इसके अलावा राज्य के सभी 203 कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में सहायक महिला पुलिस की तुरत तैनाती का निर्देश दिया। गांव में चिकित्सा सेवा के लिए कुछ जिलों ने मोटरसाइकिल एंबुलेंस सेवा शुरू की है। इसी प्रकार की सेवा सभी जिलों के सुदूर गांवों के लिए शुरू करें। आयुष्मान भारत से ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को जोड़ने के लिए उपायुक्त जिलास्तर पर सलाहकार समिति बनायें। इसमें वे निजी अस्पतालों को योजना में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। जिलों में एनएचएम , एएंडएम आदि का कोई भी पद फरवरी तक खाली न रहे, इसे सुनिश्चित करें। रेडी टू इट योजना के लिए रामगढ़ के गोला में पायलट के तहत योजना की शुरुआत की जा रही है। इसे अच्छी तरह से लागू करायें। सुकन्या योजना के तहत 15 जनवरी से लाभुकों का चयन कर उन्हें इसका लाभ देने की शुरुआत करें। इसमें सांसद, विधायक व अन्य जन प्रतिनिधियों को साथ में जोड़ें। समारोह आयोजित कर लाभुकों को राशि दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में छात्रावासों की स्थिति का जायजा लें और कमियों को दूर करें-- सुधार करें। दुमका में फरवरी में आर्मी द्वारा बहाली का आयोजन किया जायेगा। वहां के युवाओं को इसके लिए पहले से तैयारी करायें। इसका व्यापक प्रचार और प्रसार हो ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण युवा भाग ले सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द लोगों को पेयजल पहुंचाना है। अप्रैल तक सभी कार्य पूरा हो ताकि गर्मी में पेजयल की दिक्कत ना हो। इसके लिए मिशन मोड़ में काम करें। इसमें आदिम जनजाति गांवों को प्राथमिकता दें। इसके साथ ही एससी-एसटी गांवों में भी पानी पहुंचाने की कवायद तेजी से करें। एडवांस प्लानिंग करें, ताकि हर जरूरत मंद तक समय से पानी पहुंचा सकें।

 बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त  सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक डीके पांडे, सभी प्रधान सचिव, सभी सचिव, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिलों के उपायुक्त सहित सभी विभागों के आला अधिकारी उपस्थित थे.

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

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