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शुक्रवार, 28 जून 2019

जल, जंगल ज़मीन नारा नहीं, हमारी विरासतः सीएम रघुवर दास

 झारखंड मंत्रालय में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक .
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★ साढ़े चार साल में 36,310 हेक्टेयर वन संवर्द्धन का कार्य हुआ

★ जल-जंगल-जमीन हमारे लिए नारा नहीं है

★ आनेवाली पीढ़ी को हमें हरा भरा प्रदेश देना है

★ मुख्यमंत्री जन वन योजना का काफी अच्छे परिणाम


रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जल-जंगल-जमीन हमारे लिए महज नारा नहीं है। हमें विरासत में हरा भरा प्रदेश मिला है, आनेवाली पीढ़ी को हमें हरा भरा प्रदेश देना है। इसी को ध्यान में रख कर प्राकृतिक वनों को फिर से बढ़ाये जा रहे हैं। इसका नतीजा है कि साढ़े चार साल में 36,310 हेक्टेयर वन संवर्द्धन का कार्य हुआ है। पहली बार बांस-बखार की सफाई का काम भी किया गया। इसके भी काफी अच्छे नतीजे आये हैं। वन क्षेत्र में बांस उगाकर वहां के स्थानीय निवासी अच्छी आमदनी कर सकेंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने झारखंड भवन में आयोजित वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक में कहीं।

पिछले चार सालों में 69,750 हेक्टेयर वनभूमि पर पौधरोपण किया गया
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि यह झारखंड के लिए उपलब्धि है कि झारखंड में कुल भौगोलिक क्षेत्रफल में 33.21 प्रतिशत वन हो गये हैं। अब राज्य के 26,475 वर्ग किमी क्षेत्र में वन व वृक्ष हैं। झारखंड में करम वृक्ष की पूजा की जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले वर्ष करम के पौधों का रोपन अभियान चलाया गया। इसमें पूरे राज्य में 60 हजार करम के पौधे लगाये गये हैं। वर्ष 2011 से 2014 तक राज्य में 20,068 हेक्टेयर वनभूमि में पौधरोपण किया गया, वहीं पिछले चार सालों में 69,750 हेक्टेयर वनभूमि पर पौधरोपण का काम किया जा चुका है।

जंगलों में रहनेवाले लोगों को  सड़क, पानी आदि मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराएगी सरकार
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार ने जंगलों में रहनेवाले लोगों को वन पट्टा दे दिया है। अब उन्हें सड़क, पानी आदि मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना भी सरकार का काम है। डीएफओ से रिपोर्ट मंगाये कि कहां-कहां इसकी जरूरत है।

मुख्यमंत्री जन वन योजना का काफी अच्छे परिणाम
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री जन वन योजना का काफी अच्छे परिणाम आये हैं। इस योजना में पौधे लगाने के लिए राज्य सरकार 75 प्रतिशत अनुदान देती है। इससे अब तक 1116 किसान लाभांवित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यह संख्या और बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में भी वन विभाग की अहम भूमिका हो सकती है। वन विभाग ऐसी योजनाएं बनाये ताकि बरसात का पानी वन क्षेत्रों में ही रोका जा सके। इसके लिए छोटे-छोटे चेक डैम, बोरा बांध आदि बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को खेत की मेढ़ पर पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें। साल-सागवान जैसे पेड़ उनके लिए लंबी अवधि में काफी लाभदायक साबित होंगे। वनोपज के वेल्यू एडिशन को बढ़ावा देने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि महुआ से काफी अच्छे लड्डू बनते हैं। ग्रामीणों को इसके लिए प्रेरित करें। इससे अवैध शराब का निर्माण भी रुकेगा और महिलाओं को अच्छी आमदनी भी होगी। डीएफओ को इसके लिए लगायें, जो ग्रामीणों को इसके लिए जागरूक और प्रशिक्षित करे। इस वर्ष सात जुलाई से छह अगस्त तक नदी सह वन महोत्सव मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे जन आंदोलन बनायें। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ें।

बैठक में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री इंदुशेखर चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार बर्णवाल, पीसीसीएफ श्री संजय कुमार समेत अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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