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शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

रानी कुमारी ने राजद छोड़ा, झाविमो में शामिल



रांची। झारखंड स्वायत्तशासी परिषद (जैक) की पूर्व पार्षद,समाजसेवी और राजद की कद्दावर नेत्री रानी कुमारी ने झारखंड विकास मोर्चा का दामन थाम लिया है। उन्होंने शुक्रवार को झाविमो सुप्रीमो बाबुलाल मरांडी के समक्ष अपने सैंकड़ों समर्थकों संग झाविमो में शामिल होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। श्री मरांडी ने रानी समेत उनके सभी समर्थकों का स्वागत किया। इस अवसर पर रानी ने कहा कि झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी के नेतृत्व में नवोदित राज्य झारखंड में विकास गति पकड़ रहा था, लेकिन   अवसरवादी और स्वार्थपरक राजनीति के तहत उन्हें राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए काम करने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि श्री मरांडी की दूरदर्शी सोच से ही झारखंड का कायाकल्प संभव है। झाविमो का पूरे झारखंड में जनाधार है। पार्टी के प्रति जनता का विश्वास बढ़ रहा है। जनहित में झाविमो सुप्रीमो श्री मरांडी ने कई ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। इस अवसर पर हीरा शाहदेव, अनिता सिंह, सुचित्रा देवी, सरोज कुजूर, आशारानी खलखो, फूलमनी बारला, दीपिका चौरसिया, सरिता देवी, चिंतामणी देवी,बबली देवी,अजय कुमार, शुभम कुमार, ललिता देवी, हरिदास सहित काफी संख्या में रानी के समर्थक मौजूद थे।

हटिया विस क्षेत्र से उर्मिला यादव होंगी नागरिक अधिकार पार्टी की उम्मीदवार



रांची। नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत एचईसी परिसर स्थित वार्ड 41 की पार्षद उर्मिला यादव इस बार नागरिक अधिकार पार्टी की ओर से हटिया विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी होंगी। इस संबंध में नागरिक अधिकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एनके यादव ने बताया कि झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 25 सीटों पर उम्मीदवार चयन कर इसकी घोषणा कर दी है। शेष सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा जल्द की जाएगी। गौरतलब है कि वार्ड पार्षद उर्मिला यादव विगत तीन टर्म से उक्त क्षेत्र की पार्षद हैं। इसके पूर्व भी श्रीमती यादव हटिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में प्रत्याशी रह चुकी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले छह माह से वह लगातार हटिया विधानसभा क्षेत्र की जनता के संपर्क में हैं और उनकी जनसमस्याओं से रू-ब-रू हो रही हैं। नागरिक अधिकार पार्टी की ओर से हटिया विधानसभा क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। श्रीमती यादव ने कहा कि जनसंपर्क अभियान के दौरान उन्हें व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जनता उन्हें हटिया विधानसभा क्षेत्र से विजयी बनाती है, तो क्षेत्र का कायाकल्प करेंगे। उन्होंने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद हटिया विधानसभा क्षेत्र की जनता विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है। अब तक किसी जनप्रतिनिधि ने इस क्षेत्र की जनता की समस्याओं के सुधि नहीं ली। सभी सिर्फ अपने स्वार्थ सिद्धि में लगे रहे, इसलिए इस क्षेत्र में जन समस्याओं का अंबार लगा है। उन्होंने जनता से चुनाव में नागरिक अधिकार पार्टी को समर्थन देने की अपील की है।

गुरुवार, 7 नवंबर 2019

जन समर्थन मिला तो झारखंड की दिशा और दशा संवारेंगेः नंदकिशोर यादव


* सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी नागरिक अधिकार पार्टी


रांची। झारखंड की जनता ने विधानसभा चुनाव में अपना समर्थन नागरिक अधिकार पार्टी को दिया और उन्हें सेवा का अवसर प्रदान किया, तो सबसे पहले नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। मूलभूत सुविधाओं से वंचित झारखंड की जनता को उन्हें उनका वाजिब हक दिलाएंगे। उक्त बातें नागरिक अधिकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और लोकप्रिय समाजसेवी नंदकिशोर यादव ने कही। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता विगत कई वर्षों से विभिन्न प्रकार की जन समस्याओं से जूझ रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की जनता तक विकास की किरण अब तक नहीं पहुंच पाई है। आज भी सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। किसानों, युवाओं, महिलाओं के उत्थान के लिए सरकारी स्तर पर कभी कोई ठोस पहल नहीं की गई। जिसकी वजह से राज्य गठन के 19 वर्षों के बाद भी यहां के किसान बदहाल हैं, युवा बेरोजगारी का दंश झेलने को विवश हो रहे हैं और महिलाएं अपने हक और अधिकार से वंचित हैं। श्री यादव ने कहा कि नागरिक अधिकार पार्टी राज्य के सभी नागरिकों के हित में काम करेगी। सभी जाति, धर्म व संप्रदाय के लोगों को एक समान आदर देते हुए उनकी समस्याओं के प्रति सजग रहेगी। जन समस्याओं का त्वरित निदान नागरिक अधिकार पार्टी के प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में नागरिक अधिकार पार्टी की ओर से अधिक से अधिक सीटों पर प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया गया है। अब तक 25 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का चयन कर लिया गया है। शेष सीटों पर पार्टी की कोर कमेटी के सदस्यों के बीच मंथन जारी है। जल्द ही अन्य सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी।  उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए पार्टी सतत प्रयासरत रहेगी। जनता को बेहतर विधि व्यवस्था, अमन-चैन व अपराध मुक्त समाज देने की दिशा में भी नागरिक अधिकार पार्टी गंभीरता से जुटी रहेगी। श्री यादव ने बताया कि नागरिक अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता सभी विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान में जुट गए हैं। पार्टी की नीतियों और घोषणा पत्रों के प्रमुख बिंदुओं से आमजन को रू-ब-रू कराया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से नागरिक अधिकार पार्टी को व्यापक जनसमर्थन देने की अपील की है।

कर्तव्य निष्ठा की प्रतिमूर्ति हैं प्रवीण कुमार



* ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के बलबूते व्यक्ति शीघ्र ही लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच जाता है। अपने कर्तव्यों के प्रति सजग व गंभीर रहते हुए ईमानदारी पूर्वक जिम्मेदारियों को निभाना व्यक्ति की महानता का परिचायक होता है। ऐसे व्यक्ति समाज के हर वर्ग के चहेते होते हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं चक्रधरपुर में पदस्थापित पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी प्रवीण कुमार। शहर को अपराध मुक्त करना और बेहतर विधि व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। श्री कुमार अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर काफी  कम समय में ही समाज के बीच एक साफ-सुथरी छवि स्थापित करने में सफल रहे हैं। वह एक तेज-तर्रार और जांबाज पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। विभागीय कार्यों का त्वरित निष्पादन करने और अपराध नियंत्रण में सक्रिय भूमिका निभाने में उन्हें निपुणता हासिल है। मूल रूप से बिहार के गोपालगंज जिले के निवासी प्रवीण कुमार की प्रारंभिक शिक्षा गोपालगंज से ही हुई। वहीं से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। तत्पश्चात मुजफ्फरपुर स्थित लंगट सिंह कॉलेज से इंटरमीडिएट किया। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए पटना आ गए और पटना कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद भी उनकी पढ़ाई की लगन जारी रही। उन्होंने दिल्ली स्थित करोड़ीमल कॉलेज से स्नातकोत्तर किया। शिक्षण कार्य के प्रति उनकी अभिरुचि बनी रही।  स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने के बाद वह एक कॉलेज में व्याख्याता के रूप में भी जुड़े। इसके बाद उन्होंने पुलिस विभाग से जुड़कर देश व समाज की सेवा करने का निर्णय लिया। वर्ष 2012 में श्री कुमार पुलिस विभाग में नियुक्त हुए। नियुक्ति के पश्चात विभिन्न स्थानों पर पदस्थापित रहे और अपनी बहुमुखी प्रतिभा प्रदर्शित कर विभाग के कार्यों को गति देने में सफल रहे। उन्होंने पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के निर्देशन में गुमला में प्रशिक्षण प्राप्त किया। झारखंड जगुआर में भी वह कुछ दिनों तक रहे और वहां भी विभागीय प्रशिक्षण प्राप्त कर बखूबी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे। श्री कुमार की पहली पदस्थापना धनबाद स्थित बरहोरा थाने में हुई। धनबाद में उन्होंने कई ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए, जिसकी सराहना की जाती है। उन्होंने अपने आला अधिकारियों के निर्देशानुसार जनहित के कार्यों को निपटाने में कुशलता पूर्वक कार्य किया। इससे कम समय में ही विभागीय अधिकारियों सहित जनता के चहेते अधिकारियों में उनका नाम शुमार हो गया। वह चाईबासा में अंचल पुलिस निरीक्षक के पद पर भी सेवारत रहे हैं। चाईबासा में अपराध नियंत्रण की दिशा में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जिसकी चर्चा आज भी वहां की जनता करती है। वर्तमान में प्रवीण कुमार चक्रधरपुर थाने में बतौर पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी पदस्थापित हैं। यहां विभागीय कार्यों को निपटा ते हुए विभिन्न धर्म व समुदायों के सामाजिक- सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शिरकत कर सामाजिक समरसता की मिसाल कायम कर रहे हैं। चक्रधरपुर की अमन पसंद जनता अपराध नियंत्रण की दिशा में श्री कुमार के द्वारा की जा रही पहल की सराहना करते नहीं थकते। श्री कुमार का मानना है कि अपराध मुक्त समाज से ही स्वच्छ और स्वस्थ समाज निर्माण की दिशा में मार्ग प्रशस्त होता है। बेहतर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए और अपराध मुक्त समाज के लिए पुलिस विभाग के साथ साथ जनता का भी सहयोग जरूरी है। वह बताते हैं कि बिना जन सहयोग से हम बेहतर विधि
-व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में सफल नहीं हो सकते हैं। प्रवीण कुमार एक तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी के अलावा मृदुभाषी, शालीन व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति भी हैं। आम जनता के लिए वह एक सरल, सहज इंसान हैं, वहीं, अपराधियों के लिए वह कहर बनकर बरपते हैं। उनका कहना है कि समाज व देश की तरक्की और समृद्धि के लिए हर वर्ग के नागरिकों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहते हुए सामाजिक नव निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाते रहना चाहिए। आज इससे हमारा देश और समाज मजबूत होगा।
प्रस्तुति : विनय मिश्रा

बुधवार, 6 नवंबर 2019

सासंद गीता कोड़ा तय करेंगी जगरनाथपुर का कांग्रेस प्रत्याशी

गुमला से रामेश्चवर उरांव, हटिया से सुबोधकांत सहाय हो सकते हैं प्रत्याशी


चक्रधरपुर। कांग्रेस की चुनाव समिति ने लिया महत्वपूर्ण निर्णय जगरन्नाथपुर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी तय करने की जिम्मेदारी सांसद श्रीमती गीता कोड़ा को मिली है।गौरतलब हो कि जगरनाथपुर विधानसभा सीट कि विधायक रही श्रीमती गीता कोड़ा के सांसद बनने के बाद से विधायक सीट खाली थी अब विधानसभा चुनाव के लिए जगरनाथपुर सीट के दावेदार कौन होंगे ये निर्णय सांसद श्रीमती गीता कोड़ा लेंगी। इस बात का खुलासा कोंग्रेस के चुनाव समिति की बैठक में तैयार की गई पैनल से हुआ है ।जबकि चाईबासा जिले के  झामुमो के चार विधायकों की सीटिंग सीट पर कांग्रेस की कोई दावेदारी नही है ,जिसमे मनोहरपुर, चाईबासा,मंझगांव व चक्रधरपुर हैं।संसदीय क्षेत्र की बात करे तो कांग्रेस सरायकेला सीट में भी दावेदारी नही की है खरसावां में भी दावेदारी नही ।यानी कि झामुमो के सीटिंग सीट पर कोई दावेदारी नही। कांग्रेस के  संभावित प्रत्याशियों की सूची
के मुताबिक गुमला से लड़ सकते है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव। हटिया से सुबोध कांत का नाम चर्चा में है। घाटशिला सीट यदि कांग्रेस को मिला तो प्रदीप बलमुचू हो सकते हैं प्रत्याशी। वहीं बाघमारा से जलेश्वर महतो की चर्चा  है। 

जनसमर्थन से अगली बार फिर बनेगी भाजपा की सरकार : नीतू झा

कार्यक्रमों में उमड़ रही भारी भीड़

संताल परगना से विनय मिश्र
दुमका। भारतीय जनता पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह भाजपा को व्यापक जनसमर्थन मिलने के संकेत दे रहा है। जनता के सहयोग से अगली बार फिर झारखंड में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनेगी। उक्त बातें संताल परगना क्षेत्र के लोकप्रिय समाजसेवी और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री नीतू झा ने कही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में शामिल मंत्री राज परिवार, डॉ. लुईस मरांडी सहित अन्य मंत्रीगण अपने कार्यकाल में जनहित की योजनाओं को सफलीभूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे, इसीका परिणाम है कि जनता भाजपा के प्रति समर्पित भाव से अपना समर्थन दे रही है। श्रीमती झा ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में अन्य मंत्रीगण लगनशीलता के साथ जनहित के मुद्दों के प्रति संजीदा रहे हैं। इसीका परिणाम है कि भाजपा के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है। पूरे सूबे में पार्टी का व्यापक जनाधार है। उन्होंने कहा कि इस बार संताल परगना क्षेत्र में विपक्षी महागठबंधन का खाता भी नहीं खुलेगा। जनता पहले से ही मन बना चुकी है कि भाजपा को समर्थन देगी। भाजपा ने अपने शासनकाल में जनहित की समस्याओं को तवज्जो देते हुए उसके समाधान के प्रति संवेदनशीलता से कार्य किया। वर्ष 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रघुवर
 दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने जनहित में कई ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास का सफलतम कार्यकाल झारखंड के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। अबकी बार भाजपा 65 पार के लक्ष्य को पूरा करते हुए विधानसभा चुनाव में सफलता का परचम लहराएगी। संताल परगना क्षेत्र में पार्टी के कार्यकर्ता लगातार जनसंपर्क अभियान में जुटे हैं।

मंगलवार, 5 नवंबर 2019

जम्मू के कण-कण में समाया है हिन्दुस्तान


               

** सुनील सौरभ

लम्बे अरसे बाद या यूँ कहें पहली यात्रा के लगभग सात साल बाद तीसरी बार जम्मू आया। मकसद तो वही होता है, जिसका अंदाजा कोई भी सहज ही लगा सकता है। सही सोचा आपने-माता वैष्णो देवी का दर्शन। कालांतर में दो बार भी इसी उद्देश्य से जम्मू आया था। लेकिन, ठहराव स्थल अलग था। घूमा तो उस बार भी था, तब जम्मू कश्मीर में धारा 370 था, अब नहीं है। हालांकि इससे जम्मू में मुझे कोई नया अनुभव नहीं हुआ। हाँ, जम्मू के कण-कण में हिंदुस्तान जरूर नजर आया। अपने आवासन स्थल जम्मू रेलवे स्टेशन के पास श्रीमाता वैष्णव देवी श्राइन बोर्ड के वैष्णवी धाम गेट से मैं, पत्नी और बेटी सुरभि निकलने लगे, तो गार्ड पर नजर पड़ी। मैंने उससे कहा-"हमलोगों को जम्मू घूमना है, किसी टैक्सी वाले को बुला दें।" तब गार्ड ने गेट पर से ही टैक्सी चालकों के एक नेता को बुला दिया। बातें हुई और हमलोग एक टैक्सी ड्राइवर के साथ जम्मू की लोकल यात्रा पर निकल पड़े।सबसे पहले रघुनाथ मंदिर से शुरुआत करने की बात ड्राइवर ने कही। हमलोग रघुनाथ मंदिर पर पहुँचे, तो गेट तक लाइन लगी थी। गर्मी भी अधिक। आधे घंटे के बाद गर्भ गृह पहुँचे। भगवान श्रीराम, माता सीता,भ्राता लक्ष्मण और श्री हनुमान जी का दर्शन किया।

रघुनाथ मंदिर से निकलने के बाद सीनियर सिटीजन की उम्र की ओर बढ़ते ड्राइवर ने देश की चर्चा  शुरू कर दी। मैं भी 'इंटरेस्ट' लेने लगा। 370 पर पूछा कि जम्मू वासी इसे किस रूप में लेते हैं, तो वो कहने लगा-"मोदी जी ने बहुत अच्छा निर्णय लिया है, यह जम्मू -कश्मीर के हित में है। अब तो पी ओ के भी भारत में आ जायेगा।" मैंने पूछा-यह आप कैसे कहते हो? उसने कहा-मोदी सरकार देश हित में हर फैसला लेकर रहेगा। मोदी है तो मुमकिन है। जम्मू वासी ड्राइवर दिलीप सहगल ने बताया कि कश्मीर के लोग मोटे दिमाग के होते हैं, नेता अपने बच्चों को विदेश में औऱ कश्मीर में रहने वालों को पत्थर बाज बना रहा है, यह बात वहाँ के लोगों को पता नही चलता है। तब तक हमलोग पार्क ( चिड़ियाघर) पहुँच गए। गाड़ी से निकलते ही भीषण गर्मी का एहसास हुआ। लेकिन, पार्क में जाने के बाद कुछ शांति मिली। हाथी को छोड़ बाघ से लेकर हिरण तक  छोटे-बड़े कई जानवरो को इस पार्क में देखने का मौका मिला। यहाँ से निकलने का मन नहीं कर रहा था। लेकिन, अन्य जगह जाना था और शाम को वापिस लौटने के लिए तैयारी भी करनी थी, इसलिए पार्क से निकल पड़े। बहुत गर्मी में पार्क में वन विभाग की महिला कर्मी भी  परेशान हो एक पेड़ के नीचे बेंच पर बैठ कर हाथ पंखा 'डोला' रहीं थीं।

हमलोगों को अन्य जगह भी घूमना था, इसलिए पार्क से निकल कर गाड़ी में आ गए। गाड़ी में बैठते ही मैंने ड्राइवर से कहा-आप भी सहगल हो, हमलोग तो फिल्मी दुनिया के के.एल. सहगल साहब को जानते हैं। उसने बताया कि उनका घर भी मेरे पास ही है। उनके परिवार के लोग रहते हैं।

पार्क से निकलने के बाद हमलोग बहु फोर्ट गये। इस फोर्ट के अंदर ही जम्मू का सबसे प्राचीन माँ काली का मंदिर है। कड़ी सुरक्षा में यह मंदिर है। भीषण गर्मी और कड़ी धूप में हम सभी मंदिर में प्रवेश कर गए। मंदिर में प्रवेश करते ही अहसास हुआ कि माँ काली का यह मंदिर जागृत है। माँ की पूजा अर्चना करने के बाद हमलोग मेन गेट से निकलने लगे, तो जम्मू कश्मीर पुलिस का दारोगा अपने साथ रहे हथियार बंद एक जवान से कहने लगा कि 'तुम्हारे देश 'बिहार' के बहुत लोग यहाँ आते हैं, तुम्हें बहुत लोगों से भेंट होगी। पता नहीं उस दारोगा ने हम सभी को देखकर कैसे  पहचान लिया कि हम बिहार से हैं!


दारोगा की बात पर हम पीछे मुड़े और जवान से पूछा कि कहाँ घर है, उसने बताया कि बेगूसराय। मैं ने पूछा कि बेगूसराय में कहाँ, तो उसने कहा-बलिया। जब मैंने उसे बताया कि मेरा घर बख्तियारपुर है और मैं पत्रकार हूँ, तो वह काफी भावुक हो गया। (बख्तियारपुर और बलिया की दूरी करीब 70-75 किलोमीटर है ) उसने बताया कि मेरे जिले के एक बड़े पत्रकार हैं-अजित अंजुम। मैंने कहा वे मेरे अच्छे मित्र हैं, तब वो और भावुक हो गया और मुझे ऐसा लगा कि खुशी में उसकी आँखें भर आयी है! वह आई.टी.बी.पी.का जवान था और एक दिन पहले ही काली मंदिर में उसकी ड्यूटी लगी थी। मेरे पास समय कम था, इसलिए हम सभी उससे विदा लिए। उसने भावुक मन से अभिवादन किया।

काली मंदिर से बाहर आया, तो ड्राइवर ने कहा कि अभी बहुत समय है, बगल में एक अच्छा पार्क है घूम लें। 25 -25 का तीन टिकट लेकर अंदर गए, तो लगा कहाँ आ गए। लेकिन, अंडरग्राउंड में अद्भुत नजारा था। बड़े बड़े अक्यूरिएम में मछली का पूरा संसार बसा था। बच्चों और मछली पर शोध करने वालों के लिए यह म्यूजियम बहुत काम का है। बेटी सुरभि और पत्नी सुभद्रा को यहाँ बहुत आनन्द आया। बाहर निकले, तो बेहद गर्मी थी।सामने एक कुल्फी वाले पर नजर पड़ी। पत्नी बोली कि 'कुल्फी खाया जाए।' हमलोग ठेले वाले के पास खड़े हो गए। बोल-चाल से लगा कि वह बिहारी है। मैंने पूछा कहाँ घर है? उसने बताया भागलपुर के सुल्तानगंज में। पूछने पर उसने बताया कि हम सभी भाई-बहन यहीं पैदा हुए। गाँव जाते हैं, तो मन नहीं लगता है। मेरा तो कर्म और जन्मभूमि भी यहीं हो गया है। पैसे देने लगा, तो उसने कम पैसे ही लिये और कहा-आपने देश के लोगो के लिए इतना तो कर ही सकता हूँ, मेरा कोई मालिक नहीं है। छोटी सी राशि छोड़े जाने से ही हम उसके अहसान तले आ गये और उसकी भावना का क़द्र किया।

यहाँ से निकलने के बाद हमलोग राजा का महल (राजा गुलाब सिंह, राजा हरि सिंह और यहाँ के वर्तमान उत्तराधिकारी राजा कर्ण सिंह का महल) देखने आ गए।
प्रकृति की गोद में और तवी नदी के किनारे महाराजा गुलाब सिंह, महाराजा हरि सिंह और इस महल के वर्तमान उत्तराधिकारी कर्ण सिंह के महल को देखकर लगा जम्मू कश्मीर के अतीत से रू-ब-रू हो रहा हूँ। महल के बड़े परिसर के पीछे के हिस्से यानी 20 वीं सदी के बने महल को होटल बना दिया गया है। अगले हिस्से यानी पुराने तीन -चार मंजिला महल को  पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने अपने कब्जे में लेकर रखा है। इसी महल के एक कमरे में महाराजा का सोने का सिंहासन रखा है, जिसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है। महल के पार्क में महाराजा गुलाब सिंह की आदमकद मूर्ति लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है। इस महल में जम्मू कश्मीर रियासत की स्थापना से लेकर भारत में विलय तक की कहानी सचित्र लगी है। दुर्लभ पेंटिंग भी लगे हैं। जम्मू कश्मीर के ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण क्षणों को भी तस्वीरों के माध्यम से दर्शाया गया है। मैनें यहाँ कार्यरत लोगों से पूछा कि कर्ण सिंह आते हैं कि नहीं ? कर्मचारी ने जवाब दिया कि साल में एक-दो बार आ जाते हैं।

करीब घंटे भर महल परिसर में रहने के जामवंत गुफा आ गए। बाहर से तो मंदिर जैसा रूप है, लेकिन गुफा में पूरी तरह झुक कर अंदर जाना पड़ा। इस गुफे में जामवंत के अलावा भगवान शिव के  साथ-साथ अन्य देवी देवताओं की भी मूर्तियां स्थापित हैं। अद्भुत शक्ति का अनुभव हुआ इस गुफा में। जामवंत के संबंध में यह कहा जाता है कि उनका जन्म सतयुग में हुआ था और वे त्रेतायुग तथा द्वापर में भी देखे गए। जामवंत अग्नि पुत्र थे।परशुराम जी और हनुमान जी की तरह जामवंत भी तीनों युगों में देखे गए हैं और कलयुग में भी वे हैं। रावण से युद्ध के समय जामवंत श्री राम की सेना के सेनापति थे। जम्मू के जामवंत गुफा रामायण और महाभारत के अद्भुत शक्ति वाले  पात्र जामवंत की युद्ध कौशल, वीरता, विद्वता का आज भी अहसास कराता है।

यहाँ से निकलने के बाद तवी नदी के किनारे स्थित हरकिपौडी पहुँचे। यहाँ हरिद्वार के हरकिपौडी की तरह ही सभी देवी-देवताओं के मंदिर बने हैं। जम्मू के लोग यहाँ बड़ी आस्था के साथ आते हैं। तवी नदी के इसी घाट पर मूर्तियों का विसर्जन होता है। जम्मू दर्शन का यहाँ हमलोगों का अंतिम पड़ाव था।

यहाँ से आवासन स्थल वैष्णवी धाम के लिये निकला, तो बेटा सिद्धार्थ का दोस्त जम्मुवासी  शिवांग का फोन आया कि अंकल कहाँ हैं और क्या कार्यक्रम है? मैंने कहा-अभी हमलोग वैष्णवी धाम जा रहे हैं और खाना खा कर स्टेशन जाएंगे, शाम को ट्रेन है।शिवांग बोला हम वहीं आ जाते हैं अंकल। वह अपनी छोटी बहन के साथ स्कूटी से आ गया। दोनों भाई-बहन से मिलने पर लगा कि वर्षो से परिचित हैं। थोड़ी देर में ही दोनों बच्चे हमलोगों से ऐसे घुल मिल गए कि लगा जैसे वर्षों बाद परिवार के सदस्यों से मिला हूँ। दोनों घर चलने की जिद करने लगे। ट्रेन का समय हो जाने के कारण हम शिवांग के घर नहीं जा सके, लेकिन वादा किया कि अगली बार आऊंगा, तो जरूर तुम्हारे घर चलूँगा। दोनों भाई-बहन ने यह भी कहा कि जम्मू से कोई सामान नहीं खरीदें, क्योंकि काफी महंगे और ठगाने की ज्यादा संभावना रहती है। लेकिन, हमलोग प्रसाद खरीदने के दौरान ही अन्य कुछ सामानों की खरीदारी कर ली थी। दोनों को विदा करने के बाद हमलोग जम्मू स्टेशन आ गए अर्चना एक्सप्रेस पकड़ने के लिए।

कुल मिलाकर, तीन दिनों की माता वैष्णोदेवी औऱ जम्मू की यात्रा अच्छी रही। इस दौरान जम्मू से लेकर कटरा तक जो भी मिले, उनमे धारा 370 के हटने की खुशी और पूरे देश से जुड़कर हिंदुस्तानी कहलाने का गर्व था।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...