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शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने में लगे चक्रधरपुर थाना प्रभारी

मुख्यमंत्री की जनसभा में चक्रधरपुर के तेजतर्रार थाना प्रभारी ने संभाल रखी थी चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था
चक्रधरपुर। शुक्रवार को चक्रधरपुर के बूढ़ीगोड़ा उच्च विद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री के सभा स्थल पर पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था संभाल रखी थी। मुख्यमंत्री की जनसभा के दौरान वह अपने सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ विधि व्यवस्था बनाए रखने में सफल रहे। गौरतलब है कि प्रवीण कुमार पुलिस विभाग में एक तेजतर्रार और जांबाज़ अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कर्तव्यनिष्ठा सर्वविदित है। चक्रधरपुर में मुख्यमंत्री की जनसभा होने के कारण पूरे क्षेत्र में गहमागहमी का माहौल था। हेलीपैड की सुरक्षा से लेकर सभा स्थल पर विधि व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती थी। प्रवीण कुमार ने अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से जनसभा संपन्न कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

चुनाव प्रचार में पसीना बहा रहे हैं सुबोधकांत


* महागठबंधन की जीत सुनिश्चित कराने के लिए झोंकी ताकत


नवल किशोर सिंह

रांची। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।  चुनाव प्रचार में पसीना बहा रहे हैं। इ गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से सुबोध कांत सहाय को विधानसभा चुनाव कैंपेन कमेटी के नेतृत्व का भार सौंपा गया है। श्री सहाय  झारखंड के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जाकर महागठबंधन के प्रत्याशियों के नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार तक में सक्रियता से भाग ले रहे हैं। उनका मानना है कि इस बार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत होगी और सरकार बनेगी। श्री सहाय झारखंड में कांग्रेस पार्टी का जनाधार बढ़ाने और विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को जीत दिलाने के लिए सतत प्रयासरत हैं।  झारखंड के विकास के प्रति भी उनकी गंभीरता इस बात से झलकती है कि विगत दिनों उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झारखंड के परिप्रेक्ष्य में एक बड़ी बात कही। झारखंडवासियों के प्रति उनके अंदर का दर्द छलक आया। उन्होंने कहा कि जब वे केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री थे, तो उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में फूड पार्क खुलवाए थे। उत्तराखंड में बाबा रामदेव की पतंजलि ने उसी योजना के तहत  खाद्य प्रसंस्करण की इकाई लगाई थी। आज उनकी कंपनी बहुराष्ट्रीय कंपनी का दर्जा प्राप्त कर चुकी है। झारखंड में फूड पार्क के लिए जमीन का आवंटन हुआ। चहारदीवारी बनी। लेकिन उनके मंत्रिपद से हटने के बाद राज्य सरकार ने वहां औद्योगिक इकाइयां लगाने की दिशा में कोई काम नहीं किया। आज उसकी चहारदीवारी की ईंटें तक चोरी हो रही हैं।
निश्चित रूप से यह योजना यूपीए सरकार के समय लाई गई थी, लेकिन यदि उसे मूर्त रूप दिया जाता, तो रोजगार का सृजन होता। किसानों के दिन बहुरते। राज्य का आर्थिक विकास होता। लेकिन केंद्र में मोदी और राज्य में रघुवर सरकार के आने के बाद इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया। यह संकीर्ण राजनीतिक सोच के कारण हुआ। यदि राजनीतिक वैमनस्य की जगह झारखंड को उससे होने वाले लाभ पर ध्यान दिया गया होता, तो झारखंड से भी किसी पतंजलि कंपनी का अभ्युदय हो सकता था। श्री सहाय ने कहा कि विकास का दावा करने वाली रघुवर सरकार ने विकास के इस अवसर की उपेक्षा कर दी, क्योंकि उन्हें राज्य का विकास नहीं, विकास का श्रेय चाहिए। उसका राजनीतिक लाभ चाहिए।
सुबोधकांत सहाय जेपी आंदोलन के समय से सक्रिय राजनीति में रहे हैं। उन्होंने चंद्रशेखर से लेकर मनमोहन सिंह तक कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। वे जनांदोलनों से जुड़े रहे हैं और संसदीय राजनीति का भी उन्हें लंबा अनुभव रहा है। उन्हें झारखंड की मिट्टी से प्रेम है और झारखंडवासियों का दर्द उनका साझा दर्द रहा है। वे किसी पद पर रहें हों, सभी समुदायों के प्रति उनके मन में हमेशा आत्मीयता की भावना रही है। उनके दरवाजे हर खासो-आम के लिए खुले रहते हैं। किसी के साथ वे भेदभाव नहीं करते। पार्टी और जनता के प्रति उनकी निष्ठा में स्वाभाविकता है। ऐसा कोई मुद्दा नहीं, जिसका जनता से सरोकार हो और उन्होंने उसमें भागीदारी न की हो।
   आज झारखंड में कांग्रेस का जनाधार निश्चित रूप से संयुक्त बिहार जैसा नहीं रहा है। लेकिन यथासंभव उसे बचाए रखने और बढ़ाने में जिन नेताओं की भूमिका है, उनमें सुबोधकांत सहाय का नाम अव्वल रहा है।
  अभी झारखंड विधानसभा चुनाव में श्री सहाय को जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे बखूबी निभा रहे हैं। विपक्षी महागठबंधन को विजय दिलाने में उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। जनता के बीच जाकर रघुवर सरकार की नाकामियों को उजागर करने में वे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने में सुबोधकांत सहाय की कोशिशों की सराहना की जानी चाहिए। कांग्रेस आलाकमान का झारखंड के मामलों में उनपर पूरी तरह भरोसा कायम है।

शुक्रवार, 15 नवंबर 2019

नागरिक अधिकार पार्टी के 25 प्रत्याशी चयनित


6 सीटों पर उम्मीदवार घोषित
रांची। नागरिक अधिकार पार्टी ने पांच चरणों में होने वाले झारखंड विधानसभा के चुनाव में 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है। पार्टी ने 25 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों का चयन कर लिया है। वहीं, 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। इस संबंध में नागरिक अधिकार पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने बताया कि हटिया विधानसभा क्षेत्र से लोकप्रिय वार्ड पार्षद उर्मिला यादव, खिजरी विधानसभा क्षेत्र से समाजसेवी प्रिया बड़ाईक, ईचागढ़ से लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता अंबुज कुमार, चतरा से कौलेश्वर कुमार भोक्ता, सिमरिया से नरेश भुइयां, सिसई से सुखदेव उरांव चुनाव में नागरिक अधिकार पार्टी के प्रत्याशी होंगे। उन्होंने बताया कि शेष अन्य सीटों पर भी प्रत्याशियों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। श्री यादव ने कहा कि नागरिक अधिकार पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र से प्रभावित होकर अन्य राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता पार्टी से संपर्क साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक अधिकार पार्टी के यूथ विंग का भी गठन किया गया है। इसके प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि पाठक मनोनीत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड अलग राज्य गठन के 19 वर्षों के बाद बाद भी राज्य की जनता की समस्याएं कम नहीं हुई है। नागरिक अधिकार पार्टी को यदि जनसमर्थन मिला, तो सबसे पहले राज्य की जन समस्याओं को दूर करने की दिशा में ठोस पहल करेंगे। उन्होंने बताया कि हटिया विधानसभा क्षेत्र से उर्मिला यादव 18 नवंबर को नामांकन दाखिल करेंगी।

बुधवार, 6 नवंबर 2019

सासंद गीता कोड़ा तय करेंगी जगरनाथपुर का कांग्रेस प्रत्याशी

गुमला से रामेश्चवर उरांव, हटिया से सुबोधकांत सहाय हो सकते हैं प्रत्याशी


चक्रधरपुर। कांग्रेस की चुनाव समिति ने लिया महत्वपूर्ण निर्णय जगरन्नाथपुर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी तय करने की जिम्मेदारी सांसद श्रीमती गीता कोड़ा को मिली है।गौरतलब हो कि जगरनाथपुर विधानसभा सीट कि विधायक रही श्रीमती गीता कोड़ा के सांसद बनने के बाद से विधायक सीट खाली थी अब विधानसभा चुनाव के लिए जगरनाथपुर सीट के दावेदार कौन होंगे ये निर्णय सांसद श्रीमती गीता कोड़ा लेंगी। इस बात का खुलासा कोंग्रेस के चुनाव समिति की बैठक में तैयार की गई पैनल से हुआ है ।जबकि चाईबासा जिले के  झामुमो के चार विधायकों की सीटिंग सीट पर कांग्रेस की कोई दावेदारी नही है ,जिसमे मनोहरपुर, चाईबासा,मंझगांव व चक्रधरपुर हैं।संसदीय क्षेत्र की बात करे तो कांग्रेस सरायकेला सीट में भी दावेदारी नही की है खरसावां में भी दावेदारी नही ।यानी कि झामुमो के सीटिंग सीट पर कोई दावेदारी नही। कांग्रेस के  संभावित प्रत्याशियों की सूची
के मुताबिक गुमला से लड़ सकते है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव। हटिया से सुबोध कांत का नाम चर्चा में है। घाटशिला सीट यदि कांग्रेस को मिला तो प्रदीप बलमुचू हो सकते हैं प्रत्याशी। वहीं बाघमारा से जलेश्वर महतो की चर्चा  है। 

जनसमर्थन से अगली बार फिर बनेगी भाजपा की सरकार : नीतू झा

कार्यक्रमों में उमड़ रही भारी भीड़

संताल परगना से विनय मिश्र
दुमका। भारतीय जनता पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह भाजपा को व्यापक जनसमर्थन मिलने के संकेत दे रहा है। जनता के सहयोग से अगली बार फिर झारखंड में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनेगी। उक्त बातें संताल परगना क्षेत्र के लोकप्रिय समाजसेवी और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री नीतू झा ने कही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में शामिल मंत्री राज परिवार, डॉ. लुईस मरांडी सहित अन्य मंत्रीगण अपने कार्यकाल में जनहित की योजनाओं को सफलीभूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे, इसीका परिणाम है कि जनता भाजपा के प्रति समर्पित भाव से अपना समर्थन दे रही है। श्रीमती झा ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में अन्य मंत्रीगण लगनशीलता के साथ जनहित के मुद्दों के प्रति संजीदा रहे हैं। इसीका परिणाम है कि भाजपा के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है। पूरे सूबे में पार्टी का व्यापक जनाधार है। उन्होंने कहा कि इस बार संताल परगना क्षेत्र में विपक्षी महागठबंधन का खाता भी नहीं खुलेगा। जनता पहले से ही मन बना चुकी है कि भाजपा को समर्थन देगी। भाजपा ने अपने शासनकाल में जनहित की समस्याओं को तवज्जो देते हुए उसके समाधान के प्रति संवेदनशीलता से कार्य किया। वर्ष 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रघुवर
 दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने जनहित में कई ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास का सफलतम कार्यकाल झारखंड के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। अबकी बार भाजपा 65 पार के लक्ष्य को पूरा करते हुए विधानसभा चुनाव में सफलता का परचम लहराएगी। संताल परगना क्षेत्र में पार्टी के कार्यकर्ता लगातार जनसंपर्क अभियान में जुटे हैं।

सोमवार, 4 नवंबर 2019

एआईएमआईएम ने किया कोर कमेटी का गठन



रांची।  हिंदपीढ़ी स्थित  केजीएन टावर में मोहम्मद अर्श की अध्यक्षता में एआईएमआईएम  की कोर कमेटी का गठन किया गया। कमिटी के सदस्यों को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिम्मेदारी सौंपी गई। पार्टी के  एक्टिव मेंबर  को अपने कार्यों को जिम्मेदारीपूर्वक  करने का निर्देश दिया गया। इस मौके पर मोहम्मद अर्श, मोहम्मद अनवर ,  डॉक्टर इंतजार अली, आरिफ   खान जावेद अख्तर मोहम्मद आरिफ परवेज पारस,  आलम भाई समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

बढ़ने लगा कोल्हान का सियासी तापमान



विनय मिश्रा
चाईबासा। झारखंड विधानसभा चुनाव में कोल्हान में द्वितीय चरण के अंतर्गत 7 दिसम्बर को मतदान होगा। इसे लेकर कोल्हान का राजनीतिक तापमान बढ़ने लगा है। इसकी प्रमुख वजह यह भी है कि कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिले पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और अर्जुन मुंडा का क्षेत्र है।
अर्जुन मुंडा  खूंटी के सांसद बनने के पश्चात केंद्रीय मंत्री हैं। वहीं, दूसरी ओर मधु कोड़ा का जगरनाथपुर विधानसभा सीट पर विगत दो दशक से कब्जा है। उन्होंने दो बार विधायक, मंत्री के पश्चात मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है। इसके पश्चात 2009 में निर्दलीय सांसद चुन कर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनकी पत्नी गीता कोड़ा भी दो बार विधायक चुनी गई।  श्रीमती कोड़ा वर्तमान समय में सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की एकमात्र सांसद है। इस बार विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के साथ ही महागठबंधन की बात सामने आ रही हैं। गौरतलब है कि पश्चिम सिंहभूम के कुल पांच सीटों में से चार पर झामुमो का कब्जा है। जगरनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की दावेदारी रहेगी। इसके अलावा सराईकेला- खरसावांवा जिला के तीन में से दो पर झामुमो का कब्जा है। एक पर भाजपा के विधायक हैं। हाल के दिनों में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सन्नी सिंकू  ने यह बयान देकर राजनीतिक तापमान बढा दिया है कि कांग्रेस सिंहभूम के सभी सीटों पर आगे रही थी, इसलिए कांग्रेस की सभी सीटों पर मजबूत दावेदारी है। वहीं, भाजपा और आजसू के बीच भी सीटों को लेकर खींच तान जारी है। बहरहाल, सीटों के बंटवारे को लेकर यूपीए और एनडीए में मंथन शुरू हो गया है। ऊंट किस करवट बैठता है, ये तो सीटों के तालमेल के पश्चात घोषणा के बाद ही पता चल पाएगा।

जनसमर्थन से संताल में परचम लहराएगी भाजपा : नीतू झा

संताल में भाजपा का गढ़ मजबूत


संताल परगना से विनय मिश्रा
दुमका। झारखंड में अगली बार फिर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आएगी। भाजपा के पक्ष में व्यापक जनसमर्थन है। पार्टी का जनाधार पूरे सूबे में है। उक्त बातें भाजपा की वरिष्ठ नेत्री नीतू झा ने कही। उन्होंने कहा कि संथाल परगना की सभी सीटों पर भाजपा का परचम लहराएगा। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरी तरह से कमर कस लिया है। उन्हें जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त हो रहा है। जनता यह जानती है कि भाजपा के अलावा कोई भी दल  सरकार चलाने में सक्षम नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि विपक्ष का कुनबा बिखरा हुआ है। अवसरवादी राजनीति की शिकार होकर विपक्षी पार्टियां जनता को बरगलाने में जुटी है। देश व राज्य का कायाकल्प सिर्फ और सिर्फ भाजपा से ही संभव है। श्रीमती झा ने कहा कि संथाल परगना क्षेत्र सहित पूरे झारखंड में भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता चुनावी तैयारियों में जुटे हैं। विशेष रुप से संताल परगना प्रमंडल के सभी जिलों में भाजपा कार्यकर्ता मतदाताओं से संपर्क कर जनहित में बनाई गई भाजपा की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने में लगे हैं। इसका लाभ चुनाव में भाजपा को निश्चित तौर पर मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता पूरी तन्मयता से चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। राज्य की जनता भी समझने लगी है कि उनकी समस्याओं का समाधान भाजपा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि झारखंड में अबकी बार 65 पार के लक्ष्य को भाजपा प्राप्त कर लेगी और फिर सत्ता संभालेगी।

शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2019

राजनीतिक दल रेस, शक्ति प्रदर्शन शुरू


संदर्भ :  विधानसभा चुनाव
नवल किशोर सिंह
झारखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल रेस हो गए हैं। सत्ता पक्ष सहित विपक्ष में शामिल दलों की भी सक्रियता बढ़ गई है। एक और भाजपा जोहार जन आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से जनता के साथ सीधे संवाद करने में जुटी है,वहीं दूसरी तरफ विपक्ष में शामिल प्रमुख दल झामुमो, कांग्रेस, झाविमो व राजद की ओर से भी अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। यहां सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के साथ आजसू का तालमेल है। वहीं, बिहार में भाजपा की सहयोगी दल जदयू ने झारखंड में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करने की घोषणा कर दी है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि झारखंड विधानसभा के चुनाव में भाजपा और आजसू गठबंधन चुनावी जंग में उतरेगी। वहीं, दूसरी ओर विपक्ष में शामिल दलों के महागठबंधन की तस्वीरें अभी साफ नहीं हुई है। कांग्रेस पार्टी रैलियों के माध्यम से सूबे में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।वहीं, झामुमो ने कल 19 अक्टूबर को राजधानी रांची में बदलाव रैली का आयोजन किया है। इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल की रैली 20 अक्टूबर को राजधानी में होने वाली है। इसके पूर्व विगत दिनों झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी राजधानी में रैली कर अपनी शक्ति प्रदर्शित की थी। लेकिन अभी तक विपक्षी महागठबंधन का खाका तैयार नहीं हो पाया है। विपक्षी दल कांग्रेस, झामुमो, झाविमो व राजद अपने-अपने स्तर से अपनी पार्टी की रैलियां आयोजित कर इसके माध्यम से जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटे हैं। भारतीय निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों के झारखंड दौरे के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि दीपावली के आसपास झारखंड में विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित कर दी जाएगी। इसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। भाजपा ने राज्य में विधि-व्यवस्था व निष्पक्ष मतदान कराने का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से यहां पांच चरणों में मतदान कराने की अपील की है। वहीं, विपक्ष में शामिल राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आयोग को एक ही चरण में पूरे झारखंड में चुनाव संपन्न कराने का प्रस्ताव दिया गया है। भाजपा की ओर से ईवीएम द्वारा मतदान कराने की बात कही गई।  वहीं, विपक्षी दलों ने ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से मतदान कराने का चुनाव आयोग को प्रस्ताव दिया है। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से राजनीतिक दलों के नेताओं की वार्ता के बाद संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी जाएगी। चुनावी शंखनाद होते ही सभी दल अपने-अपने स्तर से सक्रिय रूप से चुनावी तैयारियों में जुट जाएंगे। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर यह भी कयास लगाया जा रहा है कि विपक्ष की ओर से महागठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ा जाएगा। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि झारखंड में झामुमो को छोड़कर कांग्रेस, झाविमो, राजद सहित अन्य दलों का जनाधार लगातार कम होता जा रहा है। इसलिए उक्त दलों के महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की विवशता भी है। अपने बलबूते चुनावी मैदान में भारी शिकस्त की संभावना के मद्देनजर विपक्ष में शामिल सभी दल का प्रयास होगा कि सामूहिक रूप से महागठबंधन के तहत चुनाव लड़कर भाजपा के खिलाफ चुनावी जंग में उतरें। अब चुनावी बिगुल बजने ही वाला है। एक ओर भाजपा का स्टैंड तो बिल्कुल क्लियर नजर आ रहा है कि वह आजसू से पूर्व के समझौते के तहत  उसे साथ लेकर चुनावी मैदान में उतरेगी। लेकिन विपक्षी महागठबंधन पर लगा धुंध अभी छंट नहीं रहा है। बहरहाल, चुनावी गठबंधन को लेकर विपक्ष में शामिल राजनीतिक दलों की क्या भूमिका होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

सोमवार, 26 अगस्त 2019

छह विधान सभा क्षेत्रों में परचम लहराने की तैयारी में भाजपा



विनय मिश्रा
चक्रधरपुर। विधानसभा चुनाव में अब महज कुछ माह ही बचे हैं इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है यूँ तो इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सिंहभूम लोकसभा सीट के सभी के सभी 6 सीटों पर तैयारी प्रारंभ कर दी है और वर्तमान समय में मुख्यमंत्री रघुवर दास, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा संगठन के साथ साथ कार्यकर्ताओं की सुधि लेकर संगठन को मजबूती प्रदान करने के साथ साथ आम लोगों के साथ भी जुड़ने में सफल हो रहे हैं मुख्यमंत्री रघुवर दास के द्वारा विकास कार्यों की गति को तेज करने के साथ साथ शिक्षा, स्वास्थ्य ,सड़क, बिजली ,पानी गैस चूल्हा और सिलेंडर वितरण काफी कारगर साबित हो रहा हैं केंद्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान निरंतर ज़िला में विकास गति को बेहतर बता रहे हैं चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कई विकास कार्यों को मुख्यमंत्री ने विकास को गति दिया है बताया जाता है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की रूचि चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की है इसलिए चक्रधरपुर बंदगांव मार्ग का निर्माण भी यात्रा शीघ्र शुरू होगे श्री गिलुवा विकास  और  कार्यकर्ताओं तथा संगठन के बलबुते चुनावी मैदान में उतरने का मन बनाया है।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...