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मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

अविस्मरणीय है डा. राजेंद्र प्रसाद के देशप्रेम का जुनून

डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर विशेष

भारती सत्येंद्र देव
* भारती सत्येंद्र देव
बिहार के सिवान जिला अंतर्गत जीरादेई में 3 दिसंबर 18 84 को जन्मे डॉ. राजेंद्र प्रसाद का देश प्रेम के प्रति जज्बा और जुनून अविस्मरणीय है। आजादी की लड़ाई में उन्होंने काफी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। डॉ.प्रसाद कांग्रेस में शामिल होने वाले बिहार के प्रमुख नेता थे। वकालत में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करने वाले डॉ.प्रसाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कट्टर समर्थक रहे।

उन्होंने वर्ष 1931 में सत्याग्रह आंदोलन और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में गांधीजी की अगुवाई में राष्ट्रप्रेम का अलख जगाया। इस दौरान वे जेल भी गए। वर्ष 1934 से 1935 तक डॉ. प्रसाद कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1946 में केंद्र सरकार के खाद्य एवं कृषि मंत्री बनाए गए। राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण और योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया। डॉ. प्रसाद कुशाग्र बुद्धि थे। पढ़ाई- लिखाई में बचपन से ही तेज-तर्रार थे। सभी धर्मों के प्रति समान आदर उनकी विशेषता रही। स्कूल-कॉलेज के दिनों में वे तेज-तर्रार छात्र के रूप में जाने जाते थे। कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उन्हें छात्रवृत्ति के रूप में ₹30 प्रति महीने प्राप्त होती थी। वर्ष 1902 में उन्होंने कोलकाता स्थित प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया। वह इतने बुद्धिमान थे कि एक बार परीक्षा के दौरान कॉपी चेक करने वाले अध्यापक ने उनकी उत्तर पुस्तिका पर लिख दिया, " परीक्षा देने वाला छात्र परीक्षा लेने वाले से ज्यादा बुद्धिमान है"। वर्ष 1905 में गोपाल कृष्ण गोखले ने उन्हें इंडियन सोसायटी से जुड़ने का प्रस्ताव दिया, लेकिन पढ़ाई की जिम्मेदारियों को देखते हुए उन्होंने इस प्रस्ताव को विनम्रता पूर्वक ठुकरा दिया। वर्ष 1906 में उन्होंने बिहार के छात्रों के लिए स्टूडेंट कॉन्फ्रेंस की स्थापना की। वर्ष 1913 में उन्होंने डॉन सोसायटी और बिहार छात्र सम्मेलन के मुख्य सदस्य के रूप में सहभागिता निभाई। चंपारण आंदोलन में उन्होंने गांधी जी का समर्थन किया। सरल ह्रदय और शालीन व्यक्तित्व के धनी स्व.डॉ.प्रसाद वर्ष 1914 में बंगाल और बिहार में आई बाढ़ के दौरान पीड़ितों के बीच जाकर जो सेवाएं दी ,वह पीड़ित मानवता की सेवा के प्रति उनका समर्पण दर्शाता है। वर्ष 1934 में बिहार भूकंप और बाढ़ की त्रासदी झेल रहा था। उस समय उन्होंने पीड़ितों की जमकर सहायता की और पीड़ित मानवता की सेवा का परिचय दिया। उनके जीवन पर गांधीजी का गहरा प्रभाव था। वह छुआछूत,जाति,पाति के प्रति गांधी जी के नजरिए का पूरा समर्थन किया करते थे। उन्होंने नमक सत्याग्रह में वर्ष 1930 में योगदान दिया और नमक सत्याग्रह का बिहार में नेतृत्व किया। नमक बेचकर आजादी की लड़ाई के लिए धन की व्यवस्था की। इस दौरान अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें कानून व्यवस्था के उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में ले लिया। वे 6 महीना जेल में भी रहे। डॉ. प्रसाद वर्ष 1934 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे। वर्ष 1935 में कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन का उन्होंने अध्यक्षता किया। वर्ष 1940 में सुभाष चंद्र बोस के बाद उन्होंने जबलपुर में आयोजित कांग्रेस सेशन की अध्यक्षता की। डाॅ. प्रसाद ने महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के बीच दूरियां कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  आजादी के बाद वे देश के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए। इनकी जयंती पर शत-शत नमन और श्रद्धांजलि।
(लेखक बिहार के पटना जिलांतर्गत करनौती ग्राम  निवासी और जाने-माने समाजसेवी हैं)

निर्दलीय उम्मीदवार सीताराम पाठक ने जरमुंडी से भरा पर्चा

 कहा, जनसमर्थन मिला, तो करेंगे जरमुंडी का कायाकल्प

विनय मिश्रा
जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में  सीताराम पाठक ने पर्चा दाखिल किया। श्री पाठक के नामांकन के दौरान उनके समर्थकों की विशाल भीड़ उमड़ी। गौरतलब है कि श्री पाठक भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रहे हैं। वे 10 वर्षों तक गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे के प्रतिनिधि भी रहे हैं। श्री पाठक जरमुंडी विधानसभा सीट के लिए टिकट के प्रबल दावेदार थे।भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण वे जनदबाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं। श्री पाठक ने प्रख्यात विद्वान और ज्योतिषाचार्य आचार्य कृष्णकांत से आशीर्वाद लेने के पश्चात अपना नामांकन दाखिल किया। श्री पाठक जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हर वर्ग और समुदाय के लोगों के बीच सामाजिक कार्यों को सदैव तरजीह देते रहे हैं। श्री पाठक ने नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा कि यदि उन्हें जनसमर्थन मिला और जनता ने चुनकर सदन में शामिल होने का अवसर दिया, तो जरमुंडी का कायाकल्प करेंगे। जनसमस्याओं के त्वरित निष्पादन हेतु सतत प्रयासरत रहेंगे। उनके समर्थकों ने उन्हें चुनाव में विजयी बनाकर विधानसभा में भेजने का संकल्प लिया।

शनिवार, 30 नवंबर 2019

ज्ञानपीठ प्रकाशन से पत्रकार सुशील भारती की एक साथ तीन किताबें




यह झारखंड के लिए गौरव की बात है कि प्रभात खबर के वरीय स्थानीय संपादक, ग्रामीण सुशील भारतीय की तीन-तीन किताबें भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन जैसे देश के सम्मानित प्रकाशन से एक साथ प्रकाशित हो रही हैं। इनमें एक खंडकाव्य है और दो पत्रकारिता से संबंधित पुस्तकें हैं। खंडकाव्य कौत्स की गुरुदक्षिणा का मूल्य 300 रुपये है जबकि पत्रकारिता दशा और दिशा और पत्रकारिता और प्रेस अधिनियम का मूल्य 500-500 रुपये है। तीनों पुस्तकें जल्द ही पाठकों तक पहुंचेंगी। किसी एक लेखक की तीन किताबों का एक साथ प्रकाशन ज्ञानपीठ प्रकाशन के इतिहास में संभवतः पहली घटना है। खबरगंगा की ओर से सुशील भारती और ज्ञानपीठ प्रकाशन को बधाई। 

शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने में लगे चक्रधरपुर थाना प्रभारी

मुख्यमंत्री की जनसभा में चक्रधरपुर के तेजतर्रार थाना प्रभारी ने संभाल रखी थी चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था
चक्रधरपुर। शुक्रवार को चक्रधरपुर के बूढ़ीगोड़ा उच्च विद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री के सभा स्थल पर पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था संभाल रखी थी। मुख्यमंत्री की जनसभा के दौरान वह अपने सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ विधि व्यवस्था बनाए रखने में सफल रहे। गौरतलब है कि प्रवीण कुमार पुलिस विभाग में एक तेजतर्रार और जांबाज़ अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कर्तव्यनिष्ठा सर्वविदित है। चक्रधरपुर में मुख्यमंत्री की जनसभा होने के कारण पूरे क्षेत्र में गहमागहमी का माहौल था। हेलीपैड की सुरक्षा से लेकर सभा स्थल पर विधि व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती थी। प्रवीण कुमार ने अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से जनसभा संपन्न कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

चुनाव प्रचार में पसीना बहा रहे हैं सुबोधकांत


* महागठबंधन की जीत सुनिश्चित कराने के लिए झोंकी ताकत


नवल किशोर सिंह

रांची। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।  चुनाव प्रचार में पसीना बहा रहे हैं। इ गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से सुबोध कांत सहाय को विधानसभा चुनाव कैंपेन कमेटी के नेतृत्व का भार सौंपा गया है। श्री सहाय  झारखंड के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जाकर महागठबंधन के प्रत्याशियों के नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार तक में सक्रियता से भाग ले रहे हैं। उनका मानना है कि इस बार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत होगी और सरकार बनेगी। श्री सहाय झारखंड में कांग्रेस पार्टी का जनाधार बढ़ाने और विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को जीत दिलाने के लिए सतत प्रयासरत हैं।  झारखंड के विकास के प्रति भी उनकी गंभीरता इस बात से झलकती है कि विगत दिनों उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झारखंड के परिप्रेक्ष्य में एक बड़ी बात कही। झारखंडवासियों के प्रति उनके अंदर का दर्द छलक आया। उन्होंने कहा कि जब वे केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री थे, तो उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में फूड पार्क खुलवाए थे। उत्तराखंड में बाबा रामदेव की पतंजलि ने उसी योजना के तहत  खाद्य प्रसंस्करण की इकाई लगाई थी। आज उनकी कंपनी बहुराष्ट्रीय कंपनी का दर्जा प्राप्त कर चुकी है। झारखंड में फूड पार्क के लिए जमीन का आवंटन हुआ। चहारदीवारी बनी। लेकिन उनके मंत्रिपद से हटने के बाद राज्य सरकार ने वहां औद्योगिक इकाइयां लगाने की दिशा में कोई काम नहीं किया। आज उसकी चहारदीवारी की ईंटें तक चोरी हो रही हैं।
निश्चित रूप से यह योजना यूपीए सरकार के समय लाई गई थी, लेकिन यदि उसे मूर्त रूप दिया जाता, तो रोजगार का सृजन होता। किसानों के दिन बहुरते। राज्य का आर्थिक विकास होता। लेकिन केंद्र में मोदी और राज्य में रघुवर सरकार के आने के बाद इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया। यह संकीर्ण राजनीतिक सोच के कारण हुआ। यदि राजनीतिक वैमनस्य की जगह झारखंड को उससे होने वाले लाभ पर ध्यान दिया गया होता, तो झारखंड से भी किसी पतंजलि कंपनी का अभ्युदय हो सकता था। श्री सहाय ने कहा कि विकास का दावा करने वाली रघुवर सरकार ने विकास के इस अवसर की उपेक्षा कर दी, क्योंकि उन्हें राज्य का विकास नहीं, विकास का श्रेय चाहिए। उसका राजनीतिक लाभ चाहिए।
सुबोधकांत सहाय जेपी आंदोलन के समय से सक्रिय राजनीति में रहे हैं। उन्होंने चंद्रशेखर से लेकर मनमोहन सिंह तक कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। वे जनांदोलनों से जुड़े रहे हैं और संसदीय राजनीति का भी उन्हें लंबा अनुभव रहा है। उन्हें झारखंड की मिट्टी से प्रेम है और झारखंडवासियों का दर्द उनका साझा दर्द रहा है। वे किसी पद पर रहें हों, सभी समुदायों के प्रति उनके मन में हमेशा आत्मीयता की भावना रही है। उनके दरवाजे हर खासो-आम के लिए खुले रहते हैं। किसी के साथ वे भेदभाव नहीं करते। पार्टी और जनता के प्रति उनकी निष्ठा में स्वाभाविकता है। ऐसा कोई मुद्दा नहीं, जिसका जनता से सरोकार हो और उन्होंने उसमें भागीदारी न की हो।
   आज झारखंड में कांग्रेस का जनाधार निश्चित रूप से संयुक्त बिहार जैसा नहीं रहा है। लेकिन यथासंभव उसे बचाए रखने और बढ़ाने में जिन नेताओं की भूमिका है, उनमें सुबोधकांत सहाय का नाम अव्वल रहा है।
  अभी झारखंड विधानसभा चुनाव में श्री सहाय को जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे बखूबी निभा रहे हैं। विपक्षी महागठबंधन को विजय दिलाने में उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। जनता के बीच जाकर रघुवर सरकार की नाकामियों को उजागर करने में वे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने में सुबोधकांत सहाय की कोशिशों की सराहना की जानी चाहिए। कांग्रेस आलाकमान का झारखंड के मामलों में उनपर पूरी तरह भरोसा कायम है।

मंगलवार, 26 नवंबर 2019

इंडियन रेल ट्रांसपोर्टेशन कार्यशाला में डीसीएम विजय कुमार यादव हुए शामिल


विनय मिश्रा


चक्रधरपुर। नई दिल्ली में आयोजित इंडियन रेल ट्रांसपोर्टेशन (आईआरटी) के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में चक्रधरपुर रेल डिवीजन के डिविजनल कमर्शियल मैनेजर विजय कुमार यादव शामिल हुए। श्री यादव दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से इस कार्यशाला में बतौर प्रतिभागी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। गौरतलब है कि आईआरटी द्वारा आयोजित कार्यशाला में मुख्य रूप से भारतीय रेलवे के चेयरमैन सहित पूरे देश के रेल डिवीजन से प्रतिनिधि शामिल होते हैं। कार्यशाला में दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से चक्रधरपुर के डिविजनल काॅमर्शियल मैनेजर विजय कुमार यादव,आद्रा डिवीजन के सीनियर डीसीएम शामिल हुए हैं। यह चक्रधरपुर रेल डिविजन के लिए गौरव की बात है। विदित हो कि चक्रधरपुर रेल मंडल में जब से बतौर डीसीएम श्री यादव ने योगदान दिया है, तब से रेल सुविधाओं में व्यापक सुधार हुआ है। यात्रियों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा राजस्व प्राप्ति में भी अपेक्षित सफलता हासिल हो रही है। श्री यादव के निर्देशन में रेलकर्मी अपने कर्तव्यों का निर्वहन सफलतापूर्वक कर रहे हैं। इससे चक्रधरपुर रेल मंडल के कार्यों की सराहना चहुंओर हो रही है। इस संबंध में श्री यादव ने कहा कि आईआरटी की कार्यशाला में रेल यात्रियों के सेवाओं में सुधार सहित अन्य प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारियां व अनुभवों को साझा करने का अवसर प्राप्त होता है। इसका लाभ चक्रधरपुर रेल मंडल के अधीनस्थ रेल कर्मियों सहित रेल यात्रियों को भी मिलेगा।

मन्नान मलिक के नामांकन में शामिल हुए सुबोधकांत


* पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय हुए शामिल
कहा, विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का लहरेगा परचम

रांची / धनबाद। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा की शिकस्त होगी और विपक्षी महागठबंधन का परचम लहरेगा। श्री सहाय आज धनबाद में महागठबंधन के प्रत्याशी मन्नान मल्लिक के नामांकन के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों से पूरे राज्य की जनता त्रस्त है। भाजपा के शासनकाल में नक्सलवाद चरम पर है, राज्य की विधि-व्यवस्था चरमरा गई है। महंगाई, बेरोजगारी की मार से आम जनता त्रस्त है। इस बार चुनाव में जनता भाजपा की गलत नीतियों का विरोध करते हुए उन्हें करारा जवाब देगी। श्री सहाय ने कहा कि मन्नान मल्लिक एक कर्मठ और जुझारू नेता रहे हैं। जनहित के प्रति समर्पित जनप्रतिनिधि के रूप में उनकी क्षेत्र में विशिष्ट पहचान है। उन्होंने धनबाद क्षेत्र के मतदाताओं से महागठबंधन के प्रत्याशी के समर्थन में मतदान करने की अपील की। इस अवसर पर कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ताओं के अलावा महागठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा सहित अन्य सहयोगी दलों के नेता और कार्यकर्ता भी काफी संख्या में मौजूद थे।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...