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गुरुवार, 19 सितंबर 2019

रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का चुनाव संपन्न

 मदनलाल पारीक बने अध्यक्ष, प्रभाकर सिंह सचिव


रांची। 19 सितंबर को आरजीटीए (रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) के पदाधिकारियों का चुनाव  इटकी रोड, राँची स्थित एसोसिएशन कार्यालय में सपन्न हुआ।
विगत 15/09/2019 को सम्पन्न हुए चुनाव में विजयी रहे 11 कार्यकारिणी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से  चार पदाधिकारियों को मनोनीत जिसमें रवनीत सिंह, राजेश कयाल, रणजीत तिवारी,जे के पटेल हैं।

इस प्रकार 15  कार्यकारिणी के सदस्यों ने पदाधिकारियों का चुनाव किया जिसमें मदनलाल पारीक(अध्यक्ष),प्रभाकर सिंह(सचिव),श्यामबिहारी सिंह(उपाध्यक्ष), 
रवींद्र दुबे (सह सचिव), अनिल माथुर (संगठन मंत्री),घनश्याम शर्मा(कोषाध्यक्ष), दिलबाग शर्मा(आंतरिक अंकेक्षक),ऋषिदेव  यादव (संयोजक), चुने गए।

चुनाव के अवसर पर आर जी टी ए  के पूर्व अध्य्क्षगण महेंद्र प्रसाद सिंह पवन शर्मा, सजंय जैन, सुनील सिंह चौहान एवँ पूर्व कोषाध्यक्ष नीरज ग्रोवर,अभिषेक जैन उपस्थित थे।

सोमवार, 12 अगस्त 2019

फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स की आमसभा 7 और चुनाव 8 सितंबर को



6 क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, 21 कार्यकारिणी सदस्य चुने जाएंगे. 
कुल मतदाता-3492,
 हरमू रोड स्थित मारवाड़ी भवन में होगा मतदान


रांची। फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एड इंडस्ट्रीज की वार्षिक आमसभा और चुनाव की तिथियां घोषित हो गई हैं। चेंबर की चुनाव समिति 2019-20 के चेयरमेन विष्णु बुधिया एवं को-चेयरमेन पवन शर्मा ने चेंबर भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि 7 सितंबर को अपराह्न 2 बजे से चेंबर भवन में आमसभा आयोजित होगी। सी दिन शाम 4 बजे से विस्तृत आमसभा होगी जिसमें भारत सरकार के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर शामिल होंगे। चुनाव 8 सितंबर को हरमू रोड स्थित मारवाड़ी भवन में सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा। 6 क्षेत्रीय उपाध्यक्ष एवं कार्यकारिणी समिति के 21 सदस्यों का चुनाव होना है जिसका नामांकन 21 अगस्त से 24 अगस्त की शाम 4 बजे तक दाखिल किया जा सकेगा। शाम 4 बजे से स्कूटनी का काम शुरू हो जाएगा। नामांकन वापसी 27 अगस्त को शाम 4 बजे तक की जा सकेगी। चुनाव में कुल 3088 आजीवन सदस्यों के अलावा 235 साधारण सदस्य, 160 एफेलिटेड सदस्य, 14 कारपोरेट सदस्य और 2 पेट्रोन मतदाता होंगे। उनमें 3 साधारण सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं होगा जबकि एफेलिटेड सदस्यों में 78 को दो वोट देने का अधिकार होगा। इस प्रकार मतदाताओं की कुल संख्या 3492 होगी।
नियमतः जिन सदस्यों ने 2019-20 का सदस्यता शुल्क जमा नहीं किया है उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं होगा।चुनाव की घोषणा होने की तिथि तक जिनकी सदस्यता का एक साल पूरा हो चुका है वही उपाध्यक्ष अथवा कार्यकारिणी सदस्य के उम्मीदवार को रूप में नामांकन दाखिल कर सकेंगे। जिनका सदस्यता शुल्क बकाया है वे चुनाव स्थल पर भी नकद राशि के रूप में शुल्क जमा कर सकते हैं। नए आजीवन, पैट्रोन अथवा कारपोरेट सदस्य अपनी सदस्यता के 30 दिन पूरे होने पर और साधारण सदस्य 90 दिन पूरे होने पर ही वोट देने के अधिकारी होंगे। संबद्ध संस्थाओं को दो वोट देने का अधिकार होगा।
प्रत्याशियों को नामांकन के साथ डीन नंबर, डीआइआर-2, और डीआरआर-8 भरकर जमा करना अनिवार्य होगा। चुनाव प्रक्रिया इलेक्शन बाईलॉज, और आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के अनुरूप संचालित होगी। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष संथाल परगना, कोल्हान, कोयलांचल, नार्थ छोटानागपुर, साउथ छोटानागपुर और पलामू डिवीजन के लिए चुने जाएंगे।
चुनाव समिति के चेयरमेन विष्णु बुधिया और को-चेयरमेन पवन शर्मा ने जोर देते हुए कहा कि जिनका सदस्यता शुल्क बकाया है उनका नामांकन स्वीकार नहीं किया जाएगा। चेक से सदस्यता शुल्क 30 अगस्त तक ही स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि सभी प्रमंडलों में चेंबर के क्षेत्रीय कार्यालय हों ताकि चेंबर का कार्य और बेहतर ढंग से संचालित किया जा सके।


शुक्रवार, 17 मई 2019

कांग्रेस के नेतृत्व में बनेगी सरकार: राजेश कुमार सिन्हा


शत्रुघ्न सिन्हा और सुबोधकांत सहाय होंगे मंत्री

रांची / पटना । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश कुमार सिन्हा ने कहा है कि केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार का गठन होना तय है। बिहार और झारखंड में कांग्रेसनीत महागठबंधन के पक्ष में चुनाव परिणाम आएगा। श्री सिन्हा ने दूरभाष पर बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा के झूठे वादे से जनता ऊब चुकी है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जुमलेबाजी व दिग्भ्रमित करने की कला से जनता भलिभांति परिचित हो गई है। भाजपा के बहकावे में जनता अब नहीं आनेवाली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की नीतियों का लाभ जनता को मिलता रहा है। कांग्रेस से ही देश का कायाकल्प संभव है। उन्होंने कहा कि झारखंड और बिहार में अधिकतर मतदाताओं ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली महागठबंधन के पक्ष में समर्थन दिया है। अंतिम चरण में 19 मई को भी बिहार और झारखंड में जनता ने कांग्रेस के पक्ष में समर्थन देने का फैसला लिया है। श्री सिन्हा ने कहा कि पटना साहिब संसदीय सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा और रांची से सुबोधकांत सहाय की जीत सुनिश्चित है। केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनने पर सुबोधकांत सहाय और शत्रुघ्न सिन्हा का मंत्री बनना भी तय है।

शुक्रवार, 3 मई 2019

अंग्रेजों के जमाने के जेलर ने बांधा कांग्रेस के पक्ष में समां

कांग्रेस के स्टार प्रचारक हास्य कलाकार असरानी ने खोली भाजपा की पोल



रांची। कांग्रेस प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय के पक्ष में कांग्रेस के स्टार प्रचारक और फिल्म अभिनेता हास्य कलाकार असरानी ने शुक्रवार को वार्ड 31 देवीमंडप, रातू रोड में जनसभा को संबोधित की तथा कर आमलोगों से कांग्रेस के समर्थन में वोट करने की अपील किया। जनसभा का नेतृत्व मृणाल सिंह ने की। इस अवसर पर मुख्य रूप से कांग्रेस नेत्री रेखा सहाय, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव आदित्य विक्रम जायसवाल, स्वर्णलता तिवारी , संटू सिंह, अमिताभ रंजन, सुमित साहू, जेएमएम की महुआ मांझी मौजूद थे।

इस मौके पर अभिनेता असरानी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम अंग्रेजो के जमाने के जेलर है, अंदर क्या होता है वो बतायेंगे, भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार विकास विरोधी और उद्योगपतियों के हितैषी है। भाजपा के शासनकाल में देश में कर्ज के मारे सबसे अधिक किसान आत्महत्या, माॅब लिंचिंग एवं  झारखंड में कई लोगों का मौत भूख से भी हुई, जिसे भाजपा की सरकार मानने को तैयार नहीं है क्योंकि भाजपा कभी गरीबों की चिंता नहीं की है सिर्फ और अमीरों की चैकीदारी की है। उन्होंने कहा कि देश में सारी पार्टियां कांग्रेस की कोख से ही जन्मीं हैं इसलिए दावे के साथ कह सकता हॅू कि कांग्रेस ही देश का विकास कर सकती है। भाजपा सरकार ने काला धन लाने का वायदा किया था, लेकिन काला धन तो भूल जाओ, सफेद धन लेकर देश से लोग भाग गए।

आदित्य विक्रम जायसवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की हालत यह हो गई कि अपने पांच साल के शासन पर बात करने का जगह फर्जी राष्ट्रवाद और सेना के शार्य के नाम पर वोट मांग रही है। क्योंकि भाजपा विकास नहीं सिर्फ लोगों के धार्मिक उन्माद फैलाकार देश को तबाह करने का काम का काम किया है। आप लोगों का हर एक वोट सोने का सिक्का है, जो चाहे तो सरकार बना सकता है और चाहे तो सरकार गिरा सकता है। अगर हमारी सरकार बहुमत से बनती है तो राज्य के गरीब लोगों को प्रतिमाह तीस किलोग्राम चावल मुफ्त में दिया जाएगा।

रेखा सहाय ने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो सबसे पहले राजधानी के ज्वलंत समस्याओं का समाधान किया जाएगा। राजधानी के काया-कल्प के साथ कानून व्यवस्था, यातायात व्यवस्था सुगत बनाया जाएगा।

स्वर्णलता  तिवारी ने कहा कि सरना कोड दिलाने का काम करेंगे। न्याय योजना के तहत आर्थिक मदद कर गरीबी रेखा मिटा देंगे, अस्पताल दवा सब फ्री कर देंगे।

इस मौके पर मुख्य रूप से नीतू सिंह, सुमन तिवारी ,प्रतिमा ,त्रिपाठी ,नीलम, चिंता, आसिफ ,पंचांग, यस ,संजय, विशाल ,मेहराब ,गौरव ,चिंटू ,प्रेम, अनिल सिंह ,इरफ़ान ,श्रीकांत ,फरदीन, अजय, अमरजीत आदि मौजूद थे...

सुबोधकांत के पक्ष में आदिवासी संगठनों का एतिहासिक रोड शो





हजारों मोटरसाइकिलों पर निकले समर्थक
तिरंगे झंडे से पट गईं रांची की सड़कें

रांची। रांची लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के पक्ष में सरना समाज और आदिवासी संगठनों ने एतिहासिक रोड शो किया। रोड शो में कांग्रोस के दिग्गज नेता प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय एक खुली जीप पर थे जबकि हजारों मोटर सिकिलों पर आदिवासी समुदाय के लोग और कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे। रोड शो का नेतृत्व जानी मानी आदिवासी नेत्री वर्षा गाड़ी और अजय तिर्की कर रहे थे।
रोड शो की शुरुआत हरमू मैदान से हुई जो रातु रोड, पिस्का मोड़, आइटीआई, कटहल मोड़, अरगोड़ा, क़रू ओवर ब्रिज, डोरंडा, हिनू होते हुए बिरसा चौक, हटिया चांदनी चौक, सचिवालय, सेक्टर-3 होते हुए वापस हरमू मैदान पहुंचकर जनसभा में तब्दील हो गई।
जनसभा को अजय तिर्की, वर्षा गाड़ी सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया। जानकार लोगों के अनुसार इस रोड शो ने संख्या और दूरी के लिहाज़ से अबतक के सारे रोड शो का रिकार्ड तोड़ दिया।  

महागठबंधन के समर्थन में आए विभिन्न छात्र संगठन


* सुबोधकांत को जिताएं, रांची का मान बढ़ाएं : रानी कुमारी


रांची। कांग्रेस प्रत्याशी और जुझारू जनप्रतिनिधि सुबोधकांत सहाय को रांची संसदीय क्षेत्र से चुनाव में विजयी बनाकर रांची का मान बढ़ाएं। उक्त बातें ‌शहर की लोकप्रिय समाजसेवी रानी कुमारी ने बिहार क्लब में विभिन्न छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सुबोधकांत सहाय की छवि एक सुलझे हुए राजनेता की रही है। वह दूरदर्शी और जुझारू जननेता हैं। रांची इनकी कर्मभूमि रही है। आम आवाम के लिए हमेशा सुलभ रहते हैं। जनसमस्याओं के समाधान के लिए सदैब संघर्षरत रहना इनकी दिनचर्या में शुमार है। उन्होंने कहा कि श्री सहाय के जीतने से रांची का मान बढ़ेगा। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए पूर्व उप महापौर अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय को रांची से भारी मतों से जिताने का संकल्प लें। वहीं रांची महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने श्री सहाय के समर्थन में वोट डालने की अपील की। मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी अजीत सहाय, कांग्रेस नेता सुधीर सिंह, शुभम चौधरी, गोपाल सिंह,सौरभ चौधरी, बबली कुमारी, मंगल कुजूर सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

बुधवार, 1 मई 2019

कांग्रेस लाएं, लोकतंत्र बचाएःरणविजय सिंह



कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घर घर किया जन-संपर्क

रांची। हटिया प्रखंड कांग्रेस कमेटी और एनएसयूआई के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को घर-घर जन-संपर्क किया गया। कार्यकर्ताओं ने सिंहमोड़, सोलंकी, कल्याणपुर, रेलवे कॉलोनी सहित विभिन्न मुहल्लों में घूम-घूमकर कांग्रेसप्रत्याशी सुबोधकांत सहाय के पक्ष में मतदान की अपील की।
रांची महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रणविजय सिंह ने मतदाताओं से कहा कि आज के समय लोकतंत्र को बचाने के ले कांग्रेस को लाना और बड़बोले मोदी सरकार को विदा करना बेहद जरूरी है। वहीं हटिया प्रखंड कमेटी के अध्यक्ष काजल भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी सरकार जो कहती है वह कभी करती नहीं। यह जुमलेबाजों की सरकार है।
जन संपर्क अभियान के दौरान संजय चौबे, पिकलू चटर्जी, एनएसयूआई के उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह, कांग्रेस नेता टीपन बाउरी, आकाश रजवार, युवराज सिंह सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।

गुरुवार, 18 अप्रैल 2019

निर्दलीय उम्मीदवार एनके यादव ने भरा पर्चा


रांची। एचइसी के सेवानिवृत कर्मी एव वार्ड 41 की पार्षद उर्मिला यादव के पति नंद किशोर यादव ने आज रांची लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा। सेवानिवृत्त होने के बाद वे समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। अपनी पत्नी के चुनाव का कुशल संचालन कर तीन बार पार्षद का चुनाव जिताने में सफल रहे। दो बार उर्मिला यादव को हटिया विधान सभा से भी चुनाव लड़ाया। विधानसभा चुनाव में भले जीत हासिल नहीं करा पाए लेकिन चुनाव लड़ने-लड़ाने का अनुभव प्राप्त किया। श्री यादव स्वयं पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। नामांकन दाखिल करने के बाद  उन्होंने खबरगंगा से बात करते हुए कहा कि यदि रांची संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने मौका दिया तो वे क्षेत्र में विकास की नई बयार बहाएंगे। संसदीय क्षेत्र की समस्याओं से वे पूरी तरह अवगत हैं। विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से उनका व्यापक संपर्क भी रहा है। उनके पास जन समस्याओं के निदान का एक पूरा खाका है। श्री यादव के मुताबिक जनता का पारंपरिक दलों से मोहभंग हो चुका है। ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि जनता उन्हें सेवा का एक अवसर अवश्य देगी।

बुधवार, 17 अप्रैल 2019

भाजपा की झूठ पर जनता वोट से करे चोट : सहाय



कांग्रेस प्रत्याशी ने आज बुढ़मू प्रखंड के कई गांवों में किया चुनाव प्रचार


रांची। कांग्रेस प्रत्याशी सुबोध कांत सहाय ने आज बुढ़मू में जनसंपर्क अभियान चलाकर लोगों से वोट मांगा। चुनाव प्रचार के क्रम में कई जगह आयोजित बैठकों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा चुनाव में वोट पाने के लिए सिर्फ झूठ का सहारा लेती है। भाजपा ने चुनाव जितने के लिए वायदा किया था कि सता में आने पर हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रूपये देंगे। लेकिन सता में आने के बाद भाजपा ने लोगों को धोखा दिया और इस वायदा का जुमला कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव के माध्यम से जनता को मौका मिला है भाजपा के झूठ पर चोट करने का। ऐसे झूठे वायदों के सहारे चुनाव जितने वाले भाजपा को इस चुनाव में जनता सबक सिखयेगी। श्री सहाय ने कहा सता पाने के लिए भाजपा ने जितने वायदे किये थे। सता में आने के बाद सभी वायदों के विपरीत काम किया चाहे युवाओं को रोजगार देने का मामला हो, मंहगाई कम करने का या फिर पेट्रोल-डीजल के दामों को घटाने का। उन्होंने कहा कि जनता को भाजपा के झूठ से बचाने के लिए महागबंधन बना है। यही महागबंधन झारखंड में भाजपा का सूफड़ा करने वाली है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भाजपा के झूठे वायदों में आने वाली जनता के सामने भाजपा का असली चेहरा आ गया है। इसलिए इस बार जनता भाजपा के झांसे में आने वाली नहीं है। मतदाताओं से अपील किया कि इस चुनाव में आपको मौका मिला है भाजपा के झूठ पर वोट का चोट करने का। उन्होंने कांग्रेस को वोट देकर राहुल गांधी के हाथों को मजबूत करने की अपील मतदाताओं से किया। चुनाव प्रचार में ग्रमीण कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश बैठा, महिला अध्यक्ष मेरी तिर्की, प्रखंड अध्यक्ष जाकिर अंसारी, केदार पासवान, उमा, पूनम सिंह, सदन साहु, उस्मान खान, लक्ष्मीकांत, राम प्रताप तिवारी, जगलल महतो, प्यारे लाल महती, अताउल्लाह अंसारी, छोटू रजा, जावेद अख्तर जेएमएम के शमीम, भूणेश्वर साहु, अख्तर अंसारी, सनाउलाह अंसारी, राजद से एनुल खान तथा सज्जाद अंसारी सहित गठबंधन के कई नेता शामिल थे।

शनिवार, 5 जनवरी 2019

झारखंडःचुनावी संघर्ष को तिकोना बनाने की तैयारी



देवेंद्र गौतम

रांची। झारखंड में एनडीए और यूपीए की चुनावी तैयारी अपने ढंग से चल रही है। भाजपा की रणनीति तो साफ है। उसे लोकसभा चुनाव में किसी दल के सहयोग की जरूरत नहीं है। एनडीए के सहयोगी दल चुनाव को त्रिकोणात्मक बनाने में भूमिका निभाएं यह भाजपा की मदद होगी। जहां तक विपक्षी महागठबंधन का सवाल है मामला पेंचीदा होता जा रहा है। झारखंड नामधारी दलों का रुख अभी तक स्पष्ट नहीं है। उनकी कोई सैद्धांतिक प्रतिबद्धता नहीं है। वे सिर्फ अवसर का राजनीतिक लाभ ठाने की राजनीति करते हैं। लोकसभा चुनाव से उन्हें कुछ खास मतलब नहीं है। इसलिए उनकी नज़र विधानसभा चुनावों पर टिकी है। हालांकि सबसे बड़े झारखंड नामधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रांची में महागठबंधन को अंतिम स्वरूप देने के लिए कांग्रेस सहित सभी छोटे बड़े दलों की बैठक बुलाई है। 15 जनवरी के बाद दिल्ली में भी यूपीए की बैठक बुलाई जा रही है। लेकिन झारखंड नामधारी दलों को एकजुट कर अलग खिचड़ी पकाने का प्रयास भी चल रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छोटे-छोटे दलों के बीच अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। कोलेबिरा उपचुनाव में झामुमो ने झारखंड पार्टी का समर्थन किया था जबकि मैदान में कांग्रेस का उम्मीदवार भी था जिसने जीत हासिल की। महागठबंधन में वामपंथी दलों को भी जोड़ने की कोशिश हो रही है। इधर झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के बीच बातचीत चल रही है। आजसू अभी एनडीए में है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि सुदेश महतो एनडीए फोल्डर से बाहर निकलकर यूपीए का दामन थाम सकते हैं। वे झारखंड नामधारी दलों का अलग मोर्चा बनाकर चुनाव मैदान में उतरने के पक्ष में हैं। यदि उनकी बात पर अमल किया गया तो यूपीए के महागठबंधन में कांग्रेस, राजद और संभवतः वामपंथी दल शेष रह जाएंगे और चुनाव त्रिकोणात्मक हो जाएगा। भाजपा यही चाहती है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि यूपीए की बैठक से पूर्व छोटे बड़े तमाम झारखंड नामधारी दलों को एकजुट करने के पीछे सीटों के बंटवारे के मामले में कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने और बेहतर सौदेबाजी की पृष्ठभूमि तैयार करने का प्रयास है। झारखंडी दलों में कई ऐसे दल हैं जिनका न कोई विधायक है, न सांसद। जनाधार सीमित है और प्रभाव क्षेत्र छोटा। लेकिन जब गठबंधन में शामिल होंगे तो वे भी अपने हिस्से की सीट मांगेंगे। कांग्रेस चाहती है कि लोकसभा चुवाव में क्षेत्रीय दल उसके हाथ मजबूत करें और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को सत्ता में आने में सहयोग करे। लेकिन झारखंड के क्षेत्रीय दलों को राजनीतिक सौदेबाजी और पाला बदलने में महारत हासिल है। उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि केंद्र में किसकी सरकार बनती है। उन्हें राज्य की सत्ता में भागीदारी चाहिए और उन्हें पता है कि विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में उन्हें ज्यादा हिस्सेदारी तभी मिलेगी जब वे लोकसभा में अपना हिस्सा लेने में सफल होंगे। झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं। अभी तक इस बात की रजामंदी बन चुकी है कि कांग्रेस छह, झामुमो चार, राजद और झाविमो दो-दो सीटों पर उम्मीदवार देंगे। लेकिन बदली परिस्थितियों में अब अगर इसमें वामपंथी दल और दूसरे झारखंड नामधारी दल शामिल हुए तो जाहिर है कि वे भी सीटों के बंटवारे में हिस्सा मांगेंगे। ऐसा हुआ तो खींचातानी की स्थिति उत्पन्न होगी और सारा सोचा समझा फार्मूला ध्वस्त हो जाएगा।
भाजपा कहीं न कहीं से यह प्रयास कर रही है कि महागठबंधन में भेड़िया धंसान की स्थिति उत्पन्न हो जाए और क्षेत्रीय दलों की महत्वाकांक्षा इतनी बढ़ जाए कि वे कांग्रेस से अलग गठबंधन बनाकर मैदान में उतरें। विपक्षी मतों के बंटवारे का सहज लाभ उसे मिलेगा। अभी जिन 12 सीटों पर उसका कब्जा है वह बरकरार रह जाएगा और संभव है शेष दो सीटें भी झोली में आ गिरें। यदि लोकसभा में भाजपा झारखंड की अधिकांश सीटें जीतने में सफल रही तो  विधानसभा चुनाव के समय परोक्ष सहयोग करने वाले झारखंड नामधारी दलों को एनडीए के फोल्डर में लाया जा सकेगा। अभी भाजपा का एकमात्र लक्ष्य केंद्र में मोदी सरकार की वापसी है। केंद्र का किला सुरक्षित रहा तो राज्य का किला भी सुरक्षित रहेगा। 15 जनवरी के बाद यूपीए की बैठक में क्या निर्णय होगा, कहना कठिन है लेकिन फिलहाल झारखंड में भाजपा अपनी रणनीति में सफल होती दिख रही है।   


स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...