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रविवार, 25 अगस्त 2019

निशा कुमारी भगत जदयू में शामिल


रांची। 25 अगस्त, 2019 दिन रविवार को गुमला जिला निवासी, समाजसेवी निशा कुमारी भगत ने जदयू पार्टी का दामन थामा। उन्हें युवा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह कोषाध्यक्ष एवं झारखण्ड प्रभारी कुणाल अग्रवाल जी ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।

सुश्री भगत ने उन्हें शामिल कराने का श्रेय युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल सिंह को दिया। उन्होंने कहा कि वह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के सिद्धांत, आदर्श एवं विचारों से प्रभावित हो पार्टी में शामिल हुई है। उन्होंने कहा कि वह गुमला जिला में पार्टी को मजबूत करेगी।

मौके पर कौशल सिंह, देवनाथ सिंह आदि मौजूद थे।

रविवार, 23 जून 2019

राष्ट्रीय नेता बनेंगे नीतीश, राष्ट्रीय दल बनेगा जदयू




देवेंद्र गौतम
विपक्षी दलों में सर्वमान्य नेतृत्व के संकट को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजनीतिक उड़ान भरने की तैयारी कर ली है। उन्होंने एनडीए के साथ अपने संबंध भी बनाए रखे और इसकी सीमा भी तय कर दी है। वे सिर्फ बिहार में एनडे के साथ हैं। बिहार के बाहर जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगा। अपने निर्णय स्वयं लेगा। कुछ महीने बाद चार राज्यों के चुनावों में और 2020 में होने वाले चुनावों में वह अकेले अपने प्रत्याशी खड़े करेगा। केंद्र सरकार में शामिल नहीं होगा। लेकिन बाहर से समर्थन करेगा।
पिछले दिनों जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह तमाम बातें साफ हो गई हैं। पीके द्वारा ममता के चुनावी कमान संभालने के सवाल पर बैठक में कोई खास चर्चा नहीं हुई। लेकिन पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने संकेत दिया कि पीके की कंपनी से जदयू का कुछ लेना-देना नहीं है। वह जदयू का हिस्सा नहीं है। वह अपने व्यावसायिक क्रियाकलाप के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में वाइसीआर कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाली तो कोई सवाल नहीं उठा। प्रशांत किशोर की जदयू के प्रति उनकी निष्ठा असंदिग्ध है। कुल मिलाकर जदयू ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि भाजपा उसपर किसी तरह का दबाव नहीं बना सकती। विधानसभा चुनाव में नीतीश का निर्णय ही सर्वमान्य होगा। राजद में बिखराव के बाद नीतीश वैसे भी बिहार की सबसे ताकतवर राजनीतिक हस्ती बन चुके हैं।
निश्चित रूप से भाजपा के पास इस रणनीति की कोई काट नहीं है। बिहार में नीतीश का साथ उसकी विवशता है। भाजपा के पास उनकी कद-काठी का कोई चेहरा नहीं है। नीतीश कुमार ने ऐसी नीति अपनाई कि उनकी और उनकी पार्टी जदयू की धर्म निरपेक्ष तथा समाजवादी छवि भी बरकरार रहेगी और बिहार के बाहर अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में भागीदारी कर वे पार्टी का विस्तार भी कर सकेंगे। उनमें जीत हासिल हो न हो लेकिन वोटों के प्रतिशत में बढ़ोत्तरी होगी। इस बहाने संगठन का विस्तार होगा और जदयू क्षेत्रीय दल की हैसियत से उठकर राष्ट्रीय दल बनने की ओर बढ़ेगा। आने वाले समय में भाजपा उनकी मजबूरी नहीं होगी बल्कि वे भाजपा की मजबूरी होंगे। इतना नपा तुला कदम नीतीश और पीके जैसे रणनीतिकार ही उठा सकते हैं।

सोमवार, 10 जून 2019

वाह नीतीश जी! रिंद के रिंद रहे, हाथ में जन्नत भी रही




देवेंद्र गौतम

शब को मय खूब सी पी, सुब्ह को तौबा कर ली.
रिंद के रिंद रहे हाथ से ज़न्नत न गई।

मानिक जलालपुरी का यह शेर वर्तमान राजनीति परिदृश्य में जदयू सुप्रीमो सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सटीक बैठती है। उन्होंने ऐसी रणनीति अपनाई जिसकी तोड़ न भाजपा के पास है न एनडीए के पास और न विपक्षी महागठबंधन के पास। उनका एनडीए के साथ रिश्ता बिहार से शुरू होकर बिहार पर ही खत्म हो जाएगा। देश के अन्य राज्यों में वे अपने प्रत्याशी स्वयं खड़े करेंगे। जदयू के निर्णयों पर एनडीए का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। बिहार विधानसभा के चुनाव में वे एनडीए के साथ होंगे। लेकिन इसी वर्ष कुछ महीने बाद प्रस्तावित चार राज्यों के चुनावों में अकेले दम पर लड़ेंगे। यानी एनडीए के साथ हैं लेकिन भाजपा की उन नीतियों के साथ नहीं जो उनकी समाजवादी और धर्म निरपेक्ष छवि पर आघात करती हों।
नीतीश कुमार राजनीति के चाणक्य समझे जाते हैं। ऊपर से प्रशांत किशोर जैसे चुनावी रणनीतिकार उनके साथ हैं। उनकी हर चाल बहुत नपी-तुली होती है। वे कब क्या करेंगे उनके अलावा कोई नहीं जान सकता।
लोकसभा चुनाव में राजद के शून्य पर आउट हो जाने के बाद वे बिहार के सबसे बड़े जन नेता बन गए हैं। बिहार में सिर्फ लालू प्रसाद उनके समतुल्य थे। अभी वे जेल में हैं और गंभीर रूप से बीमार हैं। वे जमानत पर छूटे भी तो पहले की तरह सक्रिय राजनीति में शायद ही उतर पाएं। लालू स्वयं तो सज़ायाफ्ता होने के कारण चुनाव नहीं लड़ सकते लेकिन राजनीति के मैदान में उनकी मौजूदगी चुनाव की हवा बदल सकती है। उनके दोनों पुत्र उनका उत्तराधिकार नहीं संभाल पा रहे। माई समीकरण की हवा निकल चुकी है। बिहार के यादवों का एक हिस्सा राजद का दामन छोड़ चुका है। ऐसे में नीतीश की सोशल इंजीनियरिंग बहुत प्रभावी हो सकती है। बिहार में भाजपा या कांग्रेस के अंदर उनके टक्कर का कोई नेता नहीं है। आज की तारीख में वे जिस भी खेमे में जाएंगे उसकी जीत सुनिश्चित हो जाएगी।
नीति कहती है कि जब घर मजबूत हो तो बाहर पांव पसारना चाहिए। नीतीश जी यही कर रहे हैं। यह अपनी पार्टी को राष्ट्रीय और स्वयं को पीएम एलीमेंट साबित करने का अनुकूल समय है।

सोमवार, 20 अगस्त 2018

आगामी चुनाव के लिए कमर कसने की जरूरतः नुरूल होदा


रांची। युवा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव, एवं बिहार युवा जदयू के प्रभारी मो. नुरुल होदा का झारखंड आगमन हुआ। उनके झारखंड प्रवास के दौरान पार्टी के प्रदेश कार्यालय में उनका स्वागत युवा जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार एवं रांची महानगर अध्यक्ष अखिलेश रॉय के द्वारा माला पहनाकर किया गया। इस अवसर पर जदयू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष  कृष्णानंद मिश्रा जी, प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता श्रवण कुमार , प्रदेश सचिव  रमेश सिंह, प्रदेश सचिव अर्जुन गिरी गोसाई एवं रांची महानगर अध्यक्ष संजय सहाय आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
मो. नुरुल होदा ने कहा कि युवा जदयू के कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव हेतु कमर कसने की जरूरत है। युवा जदयू के संगठन को पंचायत एवं बूथ स्तर तक ले जाने की आवयश्कता है। उन्होंने कहा की युवा जदयू के सभी जिला प्रभारी अपने अपने जिला में जाकर जिलावार युवा जदयू के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करें एवं जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जी के कार्यों के विषय मे जन-जन को जागरूक करें।

उन्होंने कहा कि झारखंड के कार्यकर्ताओं में काफ़ी उत्साह है एवं पार्टी के लिए समर्पित रूप से कार्य करते रहने से निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले युवा जदयू के राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन में झारखंड से अधिक से अधिक संख्या में सभी कायकर्ता हिस्सा लें।

स्वागत करने वालों में अरविंद जायसवाल, पूनम देवी, आदि थे।

शुक्रवार, 10 अगस्त 2018

जदयू की बैठक में राज्यव्यापी धरना की समीक्षा

 रांची। झारखंड प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्यालय मे एक औपचारिक बैठक हुई । इस बैठक कि अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष जलेशवर महतो ने की । इस बैठक में दिनांक 9  अगस्त को सम्पूर्ण झारखंड राज्य के जिलों के प्रखंडों में स्थानीय मुद्दों को लेकर हुए एक दिवसीय धरना की समीक्षा की गई । इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जलेशवर महतो ने राज्यसभा के उप सभापति निर्वाचित हुए हरिवंश जी को बधाई देते हुए कहा कि यह जनता दल यूनाइटेड के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है । हरिवंश जी का जैसा स्वभाव है उन्हें सदन में सभी का समर्थन मिलेगा ।अपनी जिम्मेवारियो को बेहतर तरीके से निभायेंगे। उन्होंने उपस्थित पदाधिकारियो को कहा कि कार्यकर्ताओ और नेताओ में उत्साह का महौल बनाना होगा तभी हमारा संगठन मजबूत होगा ।
पुर्व मंत्री  सुधा चौधरी ने कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है । समावेशी समाज के निर्माण मे यह बहुत महत्वपूर्ण कदम है ।
इस अवसर पर कृष्णानंद मिश्रा, भगवान् सिंह, संजय सहाय, जफर कमाल, धनंजय कुमार सिंहा, अर्जुन गिरी गोसाई, ओम प्रकाश, राकेश कुमार, अखिलेश राय, अरविंद जायसवाल ने भी अपने विचार रखे ।

गुरुवार, 9 अगस्त 2018

जदयू ने दी हरिवंश को बधाई

       
 रांची।  जनता दल यूनाइटेड झारखंड प्रदेश ने  हरिवंश जी के राज्यसभा के उप सभापति निर्वाचित होने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्हे बधाई दी है पार्टी कार्यालय मे उपस्थित नेताओ ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर खुशी का इजहार किया ।नेताओ ने कहा कि पत्रकारिता से राजनिति मे आये श्री  हरिवंश जी बहुत ही सुलझे और समझ रखने वाले व्यक्ति है ।जिस प्रकार उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र मे उन्होंने अपनी कार्यकुशलता का परिचय देते हुए एक अलग छाप छोड़ी उसी प्रकार उनका अनुभव का लाभ सदन को मिलेगा ।वह सदन को बहुत ही अच्छे तरह से चलायेंगे और अपनी जिम्मेवारारियो को बेहतर तरीके से निभायेगे ।
नेताओ ने कहा कि आदरणीय नीतीश कुमार के प्रयास से एनडीए के उम्मीदवार के रूप मे हरिवंश जी का निर्वाचन इस देश के आम अवाम के बीच एक संदेश है कि सिर्फ आम जनता ही नही प्रबुद्ध नागरिक, पत्रकार, व्यापार जगत से जुड़े हुए लोग आदरणीय नेता का समावेशी समाज के निर्माण मे यह महत्वपूर्ण कदम है ।
श्री जलेशवर महतो, श्री कृष्णानंद मिश्रा, श्रीमती सुधा चौधरी, श्री भगवान् सिंह, जफर कमाल, आशा शर्मा, रत्ना शर्मा, अर्जुन गिरी गोसाई, बैजनाथ पासवान, उपेन्द्र नारायण सिंह, शीला सिंह, ओम प्रकाश , मनोज कुमार सिंहा राजेश पासवान ने श्री हरिवंश जी को हार्दिक बधाई दिये है ।

रविवार, 22 जुलाई 2018

झारखंड में किसी से तालमेल नहीं. सभी सीटों पर लड़ेगा जदयूः अरुण कुमार सिंह


* संगठन को सशक्त बनाने पर बल
रांची।  झारखंड प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्यालय मे प्रदेश अध्यक्ष जलेशवर महतो और झारखंड जदयू सह प्रभारी अरुण कुमार सिंह के साथ पार्टी के जिला अध्यक्षो और जिला प्रभारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को हुई । इस बैठक मे जिलाध्यक्षो और जिला प्रभारियों द्वारा जिलो मे किये कार्यो की समीक्षा की गई । सह प्रभारी अरुण कुमार सिंह ने उपस्थित पदधारियों से कहा कि  झारखंड मे किसी पार्टी के साथ कोई ताल मेल नही है । हम 81 विधानसभा मे चुनाव की तैयारी मे है । इसलिए हमे संगठन को मजबूत करना होगा । कार्यकर्ताओं और नेताओं मे उत्साह का महौल बनाना होगा । चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओ द्वारा विधानसभा सम्मेलन की तैयारी करे ।
प्रदेश अध्यक्ष जलेशवर महतो ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने की दिशा मे कार्य करे । सदस्यता के माध्यम से अच्छे लोगों को जोड़ें। हौसला और ताकत से पार्टी के नेताओ को लगना चाहिए । जिससे पार्टी आने वाले चुनाव मे अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सके । जो जिला मे जिलाध्यक्ष कार्य नही कर रहे है, निष्क्रिय हो गये है, उसे हटा कर काम करने वाले को आगे लाये । जिला से प्रखंड स्तर तक सम्मेलन करे , तभी हमारा संगठन मजबूत होगा । प्रभारी अपने  प्रभार  क्षेत्र मे जाकर सामंजस्य स्थापित करे । प्रभारी और जिलाध्यक्ष को एक दूसरे के मान सम्मान का ख्याल रखे । नीतीश कुमार के आदर्श को जन जन तक पहुचाने का कार्य करे ।
इस बैठक मे  बटेशवर मेहता,  कृष्णाननद मिश्रा, भगवान सिंह, आफताब जमील, श्रवण कुमार, जफर कमाल, संजय सहाय, बैजनाथ राम गोपी, अर्जुन गिरी गोसाई, मानिक चंद महतो, राज नारायण पटेल, हसीब खान, पिनटु कुमार सिंह, सरयू गोप, सुनील कुमार राय, राजु कुमार सिंह, राम प्रसाद महतो, खलीफा किस्को ने भी अपने विचार व्यक्त किए । यह जानकारी प्रवक्ता जफर कमाल ने दी।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...