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मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

पदयात्रा कर महागठबंधन प्रत्याशी को जिताने की अपील


रांची। कांग्रेस के पूर्व सचिव आदित्य विक्रम जयसवाल ने अपने कार्यकर्ताओं संग  पदयात्रा कर राजधानी वासियों से महागठबंधन के प्रत्याशी मामाजी के पक्ष में मतदान करने की अपील की। पदयात्रा कार्यक्रम में कांग्रेस, जेएमएम एवं राजद के नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए। यह पदयात्रा कार्यक्रम रांची के कई प्रमुख चैक-चौराहों में की गई। इसके साथ कांग्रेस नेता आदित्य विक्रम जायसवाल ने महागठबंधन प्रत्याशी की जीत को लेकर राजधानी के चुटिया, लालपुर, रातु रोड़, हिन्दपीढ़ी आदि क्षेत्रों में पैकेट मीटिंग किया तथा महुआ माजी को भारी से भारी मतों से विजय बनाने की अपील की।
इस मौके पर श्री  जायसवाल ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में महागठबंधन प्रत्याशियों की जीत हो रही है। इस बार के चुनाव में जनता महागठबंधन पर विश्वास किया है। पूर्व की भाजपा सरकार की शासनकाल से जनता काफी नाराज एवं आक्रोशित है। युवा रोजगार को लेकर, महिलाएं सुरक्षा को लेकर, बच्चे अच्छी शिक्षा को लेकर, पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी, शिक्षकेतर कर्मचारी अपना वेतनमान को लेकर चिंतित है। इन तमाम परिस्थिति को सुढ़ृढ करने एवं राज्य को विकास के मुख्या धारा से जोड़ने के लिए सबों ने इस बार महागठबंधन को विजय बनाने का मन बनाया है।प्रत

सुबोधकांत ने मांगे महागठबंधन प्रत्याशी महुआ मांजी के पक्ष में वोट

कहा, दें समर्थन, करेंगे कायाकल्प

रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता सुबोधकांत सहाय ने अपने समर्थकों संग रांची विधानसभा सीट से महागठबंधन के प्रत्याशी महुआ माजी के पक्ष में जनसंपर्क अभियान चलाया। इस क्रम में उन्होंने जनता से झामुमो प्रत्याशी महुआ माजी को वोट देने की अपील की। रांची शहर में जनसंपर्क अभियान के दौरान श्री सहाय ने कहा कि विपक्षी महागठबंधन को समर्थन मिला, तो क्षेत्र का कायाकल्प करेंगे। उन्होंने विभिन्न मोहल्लों में घूम-घूम कर महागठबंधन के प्रत्याशी महुआ माजी के समर्थन में वोट मांगे। मतदाताओं से भाजपा के विरुद्ध मतदान करने की अपील की। इस दौरान श्री सहाय ने कहा कि भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों से जनता त्रस्त हो चुकी है। भाजपा को इस बार जनता सत्ता से बेदखल कर देगी। जनता ने विपक्षी महागठबंधन के प्रति विश्वास व्यक्त किया है। उन्होंने दावा किया कि इस बार व्यापक जनसमर्थन से विपक्षी महागठबंधन की सरकार बनेगी। झारखंड का विकास तेजी से संभव हो सकेगा। जनसंपर्क अभियान में काफी संख्या में कांग्रेस झामुमो सहित महागठबंधन में शामिल अन्य दलों के कार्यकर्ता भी साथ थे।

रविवार, 8 दिसंबर 2019

चक्रधरपुर में मतदाताओं में दिखा उत्साह

*बुजुर्ग मतदाताओं ने भी उत्साहपूर्वक डाले वोट


विनय मिश्रा
चक्रधरपुर : चुनाव में कोल्हान प्रमंडल के मतदाताओं में उत्साह देखा गया। युवा, महिला और बुजुर्ग मतदाताओं ने भी उत्साहपूर्वक चुनाव में दिलचस्पी दिखाई। चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के 12 प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में बंद हो गई है। अब उन्हें 23 दिसम्बर तक इंतजार करने का दायित्व सौंप के चुनाव परिणाम आने तक धैर्य रखने का संदेश भी दे दिया है।  मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में चक्रधरपुर की जनता ने अपनी सहभागिता निभाई। चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में 65.61प्रतिशत मतदान हुआ। विधानसभा चुनाव में बुजुर्ग,महिला एवं युवाओं ने बढ़ चढ़ कर मतदान किया। चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र में बुजुर्ग महिला मतदाता शारदा देवी ने 99 वर्ष की उम्र में मतदान कर लोगों के बीच उदाहरण पेश किया। इसी प्रकार चक्रधरपुर में कुल 236 मतदान केंद्रों में मतदाताओं ने मतदान किया। हालांकि, विगत वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 71.54 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार करीब पांच प्रतिशत मतदान कम हुआ। शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी दलों की ओर से जनता और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

शनिवार, 7 दिसंबर 2019

मतदाताओं के उत्साह को सराहा



चक्रधरपुर। झारखंड विधानसभा के पांचवी चुनाव के लिए संपन्न हुई मतदान के पश्चात जननायक समिति के संरक्षक राजू प्रसाद कसेरा ने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व में चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने जिस उत्साह के साथ हिस्सा लिया वो काबिले तारीफ़ है महिलाओं ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपनी जागरूकता का परिचय दिया है श्री कसेरा ने चक्रधरपुर विधानसभा 56 के मतदाताओं के हिस्सेदारी को काफी सराहा

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए नीतीश कुमार की पहल सराहनीय : भारती सत्येंद्र देव


* झारखंड में भी नीतीश मॉडल अपनाने से तेजी से होगा विकास
लेखक
रांची / पटना : जल और पर्यावरण संरक्षण के प्रति बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई पहल की चहुंओर सराहना की जा रही है। उन्होंने जल, जीवन और हरियाली मिशन के तहत राज्य में पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने का जो बीड़ा उठाया है, उसके लिए उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए। उक्त बातें बिहार के पटना जिलांतर्गत करनौती ग्राम निवासी जाने-माने समाजसेवी भारती सत्येंद्र देव ने कही। श्री भारती एक निजी समारोह में शामिल होने रांची पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जल और हरियाली के बिना जीवन की परिकल्पना बेमानी है। इस दिशा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महत्वाकांक्षी परियोजना की ओर जो कदम बढ़ाया है, इसका सकारात्मक परिणाम जल्द ही सामने आएगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के विजन का अनुकरण देश के अन्य राज्यों में किया जाता है। उन्होंने बिहार में शराबबंदी लागू किया, इससे पूरे राज्य में सामाजिक परिवर्तन की बयार बहने लगी। विकास के क्षेत्र में उनकी दूरदर्शी सोच और सक्रियता का देश के अन्य राज्य भी अनुकरण करने लगे हैं। नीतीश माॅडल अपनाने लगे हैं। श्री भारती ने कहा कि बिहार में पीने के पानी के लिए "हर घर नल का जल" परियोजना शुरू करने का निर्णय नीतीश कुमार की दृढ़ इच्छाशक्ति और समाज के प्रति उनके समर्पण का परिचायक है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिए जाने की दिशा में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल की है। जल, जीवन और हरियाली के प्रति व्यापक पैमाने पर जनसमर्थन प्राप्त करने के लिए उन्होंने अगले वर्ष 19 जनवरी को विशाल मानव श्रृंखला बनाने में सहयोग की जनता से अपील की है।
 श्री भारती ने कहा कि झारखंड में भी नीतीश मॉडल अपनाने से यहां विकास की गति तेज होगी। विकास के क्षेत्र में नीतीश कुमार ने बिहार में कई ऐसे महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। इसीलिए उन्हें विकास पुरुष भी कहा जाता है। जल और पर्यावरण के गहराते संकट के इस दौर में नीतीश कुमार ने चिंता जताते हुए इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है, यह राजनीतिक नहीं, उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता का परिचायक है। उनके इस प्रयास की जितनी भी सराहना की जाए, कम होगी।

मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

अविस्मरणीय है डा. राजेंद्र प्रसाद के देशप्रेम का जुनून

डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर विशेष

भारती सत्येंद्र देव
* भारती सत्येंद्र देव
बिहार के सिवान जिला अंतर्गत जीरादेई में 3 दिसंबर 18 84 को जन्मे डॉ. राजेंद्र प्रसाद का देश प्रेम के प्रति जज्बा और जुनून अविस्मरणीय है। आजादी की लड़ाई में उन्होंने काफी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। डॉ.प्रसाद कांग्रेस में शामिल होने वाले बिहार के प्रमुख नेता थे। वकालत में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करने वाले डॉ.प्रसाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कट्टर समर्थक रहे।

उन्होंने वर्ष 1931 में सत्याग्रह आंदोलन और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में गांधीजी की अगुवाई में राष्ट्रप्रेम का अलख जगाया। इस दौरान वे जेल भी गए। वर्ष 1934 से 1935 तक डॉ. प्रसाद कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1946 में केंद्र सरकार के खाद्य एवं कृषि मंत्री बनाए गए। राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण और योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया। डॉ. प्रसाद कुशाग्र बुद्धि थे। पढ़ाई- लिखाई में बचपन से ही तेज-तर्रार थे। सभी धर्मों के प्रति समान आदर उनकी विशेषता रही। स्कूल-कॉलेज के दिनों में वे तेज-तर्रार छात्र के रूप में जाने जाते थे। कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उन्हें छात्रवृत्ति के रूप में ₹30 प्रति महीने प्राप्त होती थी। वर्ष 1902 में उन्होंने कोलकाता स्थित प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया। वह इतने बुद्धिमान थे कि एक बार परीक्षा के दौरान कॉपी चेक करने वाले अध्यापक ने उनकी उत्तर पुस्तिका पर लिख दिया, " परीक्षा देने वाला छात्र परीक्षा लेने वाले से ज्यादा बुद्धिमान है"। वर्ष 1905 में गोपाल कृष्ण गोखले ने उन्हें इंडियन सोसायटी से जुड़ने का प्रस्ताव दिया, लेकिन पढ़ाई की जिम्मेदारियों को देखते हुए उन्होंने इस प्रस्ताव को विनम्रता पूर्वक ठुकरा दिया। वर्ष 1906 में उन्होंने बिहार के छात्रों के लिए स्टूडेंट कॉन्फ्रेंस की स्थापना की। वर्ष 1913 में उन्होंने डॉन सोसायटी और बिहार छात्र सम्मेलन के मुख्य सदस्य के रूप में सहभागिता निभाई। चंपारण आंदोलन में उन्होंने गांधी जी का समर्थन किया। सरल ह्रदय और शालीन व्यक्तित्व के धनी स्व.डॉ.प्रसाद वर्ष 1914 में बंगाल और बिहार में आई बाढ़ के दौरान पीड़ितों के बीच जाकर जो सेवाएं दी ,वह पीड़ित मानवता की सेवा के प्रति उनका समर्पण दर्शाता है। वर्ष 1934 में बिहार भूकंप और बाढ़ की त्रासदी झेल रहा था। उस समय उन्होंने पीड़ितों की जमकर सहायता की और पीड़ित मानवता की सेवा का परिचय दिया। उनके जीवन पर गांधीजी का गहरा प्रभाव था। वह छुआछूत,जाति,पाति के प्रति गांधी जी के नजरिए का पूरा समर्थन किया करते थे। उन्होंने नमक सत्याग्रह में वर्ष 1930 में योगदान दिया और नमक सत्याग्रह का बिहार में नेतृत्व किया। नमक बेचकर आजादी की लड़ाई के लिए धन की व्यवस्था की। इस दौरान अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें कानून व्यवस्था के उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में ले लिया। वे 6 महीना जेल में भी रहे। डॉ. प्रसाद वर्ष 1934 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे। वर्ष 1935 में कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन का उन्होंने अध्यक्षता किया। वर्ष 1940 में सुभाष चंद्र बोस के बाद उन्होंने जबलपुर में आयोजित कांग्रेस सेशन की अध्यक्षता की। डाॅ. प्रसाद ने महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के बीच दूरियां कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  आजादी के बाद वे देश के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए। इनकी जयंती पर शत-शत नमन और श्रद्धांजलि।
(लेखक बिहार के पटना जिलांतर्गत करनौती ग्राम  निवासी और जाने-माने समाजसेवी हैं)

निर्दलीय उम्मीदवार सीताराम पाठक ने जरमुंडी से भरा पर्चा

 कहा, जनसमर्थन मिला, तो करेंगे जरमुंडी का कायाकल्प

विनय मिश्रा
जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में  सीताराम पाठक ने पर्चा दाखिल किया। श्री पाठक के नामांकन के दौरान उनके समर्थकों की विशाल भीड़ उमड़ी। गौरतलब है कि श्री पाठक भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रहे हैं। वे 10 वर्षों तक गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे के प्रतिनिधि भी रहे हैं। श्री पाठक जरमुंडी विधानसभा सीट के लिए टिकट के प्रबल दावेदार थे।भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण वे जनदबाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं। श्री पाठक ने प्रख्यात विद्वान और ज्योतिषाचार्य आचार्य कृष्णकांत से आशीर्वाद लेने के पश्चात अपना नामांकन दाखिल किया। श्री पाठक जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में लोकप्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हर वर्ग और समुदाय के लोगों के बीच सामाजिक कार्यों को सदैव तरजीह देते रहे हैं। श्री पाठक ने नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा कि यदि उन्हें जनसमर्थन मिला और जनता ने चुनकर सदन में शामिल होने का अवसर दिया, तो जरमुंडी का कायाकल्प करेंगे। जनसमस्याओं के त्वरित निष्पादन हेतु सतत प्रयासरत रहेंगे। उनके समर्थकों ने उन्हें चुनाव में विजयी बनाकर विधानसभा में भेजने का संकल्प लिया।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...