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रविवार, 22 दिसंबर 2019

विलक्षण व्यक्तित्व के मालिक हैं हेमंत गुप्ता



* प्रबंधकीय और प्रशासनिक कार्यों में दक्ष व्यक्ति सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर बखूबी अपनी सहभागिता निभाए, ऐसा उदाहरण कम ही देखने को मिलता है। ऐसे व्यक्ति विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसी ही शख्सियतों की श्रेणी में शुमार हैं हेमंत गुप्ता। श्री गुप्ता फिलवक्त एचईसी में महाप्रबंधक (कार्मिक व प्रशासनिक) सह मुख्य नगर प्रशासक के पद पर सेवारत हैं। अपने कर्तव्यों के प्रति सदैव सजग रहने वाले हेमंत गुप्ता बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं। एचईसी में उनकी पहचान एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में तो है ही, साथ ही साथ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी लोगों के बीच उनकी एक विशिष्ट पहचान है। वह रांची में ही पले-बढ़े। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजधानी रांची स्थित मारवाड़ी हाई स्कूल से हुई। वहीं से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। तत्पश्चात रांची कॉलेज से इंटरमीडिएट व स्नातक तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने एक्सआईएसएस से  मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की। रांचीवासी श्री गुप्ता के पिता स्व.शिव रतनलाल गुप्ता और माता स्व. सुंदर देवी गुप्ता भी सुप्रसिद्ध समाजसेवी के रूप में जाने जाते थे। हेमंत गुप्ता को समाजसेवा की प्रेरणा अपने माता-पिता से मिली। मैनेजमेंट की डिग्री प्राप्त करने के बाद श्री गुप्ता  21 सितंबर 1982 को एचईसी में बतौर कार्यपालक अधिकारी (प्रशिक्षु)  नियुक्त हुए। अपनी व्यवहारकुशलता, उत्कृष्ट कार्यशैली, कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी के बलबूते वह एचईसी में कदम-दर-कदम आगे बढ़ते गए। कार्यपालक अधिकारी से जूनियर मैनेजर, फिर असिस्टेंट मैनेजर,डिप्टी मैनेजर,मैनेजर, सीनियर मैनेजर,सीनियर डीजीएम और फिर जीएम के पद तक प्रोन्नत हुए। अपने कार्यकाल के दौरान एचईसी में उन्होंने कई उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने में सफलता पाई। वह अपने सहकर्मियों और मातहत कर्मियों के साथ समन्वय स्थापित कर एचईसी के विकास में महत्वपूर्ण सहभागिता निभाते आ रहे हैं। राज्य सरकार और अन्य संस्थाओं/संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर निगम की बेहतरी के लिए उन्होंने कई ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। श्री गुप्ता एक कुशल प्रशासनिक और प्रबंधकीय अधिकारी होने के अलावा आरटीआई एक्टिविस्ट भी हैं।  प्रबंधकीय और प्रशासनिक कार्यों में दक्षता प्राप्त श्री गुप्ता विजिटिंग फैकल्टी के रूप में विभिन्न संस्थानों में भी अपने अनुभवों का लाभ पहुंचाने के लिए व्याख्यान देने जाते हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी संस्था रोटरी क्लब और वाईएमसीए से भी वे जुड़े हैं। सूचनाधिकार कार्यकर्ता के रूप में भी उनकी एक विशिष्ट पहचान है। इससे संबंधित उनके विभिन्न आलेख कई समाचार पत्रों में भी प्रकाशित होते रहे हैं। संगीत प्रेमी श्री गुप्ता को देश-विदेश के नामचीन हस्तियों के ऑटोग्राफ कलेक्शन करने का भी शौक है। वह बताते हैं कि उनके पास देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी, विश्वविख्यात समाजसेवी और नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा सहित अन्य कई हस्तियों का ऑटोग्राफ्स हैं। उनकी पत्नी सुजाता गुप्ता भी समाजसेवा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों में अपनी सहभागिता निभाती रहती हैं।श्रीमती  गुप्ता रांची के हटिया स्थित निफ्ट में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। हेमंत गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने 37 वर्ष से अधिक अवधि एचईसी में बतौर अधिकारी बिताए हैं। इस दौरान उन्होंने एचईसी की बेहतरी के लिए कई ऐसे कार्य किए हैं, जो आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय ही नहीं प्रेरणा स्रोत भी है। श्री गुप्ता इसी वर्ष 31 दिसंबर को एचईसी से सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्होंने 37 वर्षों की सेवा काल के दौरान एचईसी में कई उतार-चढ़ाव देखे। कंपनी को शिखर तक पहुंचाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह कहते हैं कि ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के बलबूते इंसान हर मुकाम हासिल करने में सफल हो सकता है। अपने कर्तव्यों को बखूबी निभाते हुए समाज सेवा के प्रति भी हर नागरिक को सजग रहने की आवश्यकता है। इससे हमारा देश व समाज सशक्त होगा।
प्रस्तुति : नवल किशोर सिंह

शनिवार, 21 दिसंबर 2019

चक्रधरपुर में लाटरी और जुए पर कड़ी कार्रवाई


* थाना प्रभारी प्रवीण कुमार की कार्यशैली को पुलिस अधीक्षक ने सराहा

विनय मिश्र
चक्रधरपुर :  पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी प्रवीण कुमार  द्वारा शहर में हब्बा- डब्बा (जुआ) खेल तथा लॉटरी टिकट विक्रेताओं के विरुद्ध  सघन अभियान चलाया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप चक्रधरपुर शहर में जुआरियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। पूरे चक्रधरपुर शहर में जुआ और लाॅटरी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रवीण कुमार का मानना है कि जुआ के संचालन से आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। इससे लोगों का पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होता है। पश्चिम सिंहभूम के पुलिस कप्तान इंद्रजीत माहथा ने भी थाना प्रभारी की इस पहल को सराहा है। जनहित में जिला पुलिस के कार्यों को गंभीरता के साथ पूरा किये जाने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की है। श्री कुमार के मुताबिक  अपराध नियंत्रण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हब्बा-डब्बा खेल व लॉटरी टिकट की बिक्री रोकने के लिए वे कटिबद्ध हैं। यही नहीं, थाना रोड पर दिनभर भारी-भरकम वाहन खड़ा कर सामग्री उतारने पर दुर्घटना की आशंका को देखते हुए उन्होंने यह निर्देश दिया है कि  सुबह 8 बजे से पूर्व या फिर रात्रि बेला में सामग्री उतारा जाए। ताकि यातायात व्यवस्था बाधित न हो।  गौरतलब है कि सोनुवा मार्ग अति व्यस्त है तथा दिनभर मार्ग व्यस्त रहने पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए आमजन को सुगम, सुव्यस्थित और सुरक्षित यातायात के लिए पुलिस निरीक्षक ने यह कदम उठाया है। उनकी इस पहल की  चहुंओर सराहना की जा रही है।

सोमवार, 16 दिसंबर 2019

प्रशासनिक अधिकारियों ने भी दिखाई मतदान में तत्परता


* भू-राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव ने किया मतदान

रांची। झारखंड विधानसभा के चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं, मतदान और अपने मताधिकार के प्रति प्रशासनिक अधिकारियों की तत्परता भी लोगों के बीच चर्चित है। मेरा वोट मेरा अधिकार के तहत चौथे चरण चुनाव के दौरान झारखंड सरकार के भूमि राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव अवध नारायण प्रसाद ने अपने बूथ पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। श्री प्रसाद का मानना है कि मताधिकार का प्रयोग करने के साथ साथ लोगों को उसके लिए प्रेरित भी करना चाहिए। लोकतंत्र के इस महापर्व के अवसर पर हमें अपने मताधिकार का प्रयोग कर देश व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। इससे हमारा लोकतंत्र और सशक्त होगा।

एपवा ने ली 8 वर्षीय रेप पीड़िता बच्ची की सुधि

न्यायालय से मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग
अन्यथा आंदोलन की चेतावनी

रांची। भाकपा माले की महिला  शाखा  अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की रांची जिला की नेत्री आईती तिर्की  ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 8--10 बर्ष की या उससे भी छोटी उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार की शर्मनाक आपराधिक घटनाएं आम सामाजिक परिघटना बनती जा रही हैं । लगता है कि पूरा समाज एक आपराधिक मानसिकता के शिकंजे में फंस चुका है ।
गौरतलब  है कि 16 दिसंबर को ऐपवा की ओर से आईती तिर्की ओर सिंघी खलखो के नेतृत्व में महिलाओं का एक जांचदल 13नवम्बर को 8 बर्ष की उम्र की एक बच्ची के साथ घटित बलात्कार की घटना की जांच करने गया। तीन /चार दिन पहले यह घटना अखवार के जरिए उजागर हुई है । जांच के दौरान पीड़ित बच्ची की माँ के साथ बातचीत की गई । जो इस प्रकार है  :-- शुकर मुंडा और उनकी पत्नी मिनी अपने बच्चों के साथ नागराटोली में किसी   मकान में  किराएदार के रूप में रहती है । इनका दो बच्ची ,एक 10बर्ष की और एक 8 बर्ष की  है । 13 नवम्बर को रोज की तरह बच्ची की माँ और पिताजी काम पर यानी मजदूरी करने चली गई थी । इसी बीच दिन के लगभग तीन बजे मकान मालकिन की ननद के बेटा ने 8 बर्षीय बच्ची को रेप किया । उसी दिन उसने मकान मालकिन को कही । लेकिन  मकान मालकिन कोई नोटिस नही लिया । इससे बच्ची को इतना सदमा लगा कि दो दिन तक वह बच्ची  अपने माँ बाप को भी कुछ कह नही पायी । अमूमन तीसरा या चौथा दिन वह विस्तारित रूप से अपनी माँ बाप को बताई । लेकिन उस बच्ची के माँ बाप शुकर मुंडा और मिनी भी मकान मालिक के दबाव में आ गए ।फिरभी आज से 5-6 दिन पहले पीड़ित की माता पिता ने थाना में F I R किया और दबाव में आरोपी लड़के ने भी कोर्ट में समर्पण कर दिया । लेकिन अखवार की खबर के अनुसार 23  दिसंबर को कोर्ट के द्वारा आरोपी युवक को  छोड़ दिया जाएगा । ऐपवा के अनुसार इस तरह के शर्मनाक और खतरनाक अपराधिक मानसिकता के युबक पर निश्चित रूप से आवश्यक और  उचित कानूनी कार्यवाही करना चाहिए । ऐपवा न्यायालय से उचित कानूनी कार्यवाही करने की  मांग करती है । अन्यथा ऐपवा इस मुद्दों को आंदोलन का एजेंडा में शामिल करेगी ।
निवेदक :-- आईती तिर्की , शांति सेन , सिंगी खलखो   नेत्री रांची जिला कमिटी।

कार्यालय सचिव सुखदेव प्रसाद द्वारा प्रेषित

रविवार, 15 दिसंबर 2019

चक्रधरपुर पुलिस ने जुआरियों पर कसा शिकंजा


* हब्बा-डब्बा खेल हो रहे स्थल पर छापेमारी, सात मोटरसाइकिल जब्त

चक्रधरपुर। शहर में अपराध नियंत्रण की दिशा में स्थानीय पुलिस सक्रिय है। इस क्रम में चक्रधरपुर के एसडीपीओ नाथूराम मीना और थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने सदल बल शहर में हो रहे जुआ के कई अड्डों पर छापेमारी की। इस दौरान एक जगह हब्बा- डब्बा जुआ का खेल हो रहे स्थल पर धावा बोला गया। पुलिस को देखते ही सभी जुगाड़ी भाग निकले। मौके से पुलिस ने जुआरियों के सात मोटरसाइकिल को जप्त कर लिया। इस संबंध में थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि शहर को अपराध मुक्त करने की दिशा में पुलिस निरंतर सक्रियता से जुटी है। अपराधियों और जुआरियों पर लगातार दबीश जारी रहेगी।

सिन्नी में एनएससीएस का सम्मान समारोह

* सुपर डांसर मैत्री बसाक और मिस चक्रधरपुर इसल आमना  हुईं सम्मानित

विनय मिश्रा
चक्रधरपुर। एन एस सी एस के तत्वावधान में प्रतिभावान कलाकारों के लिए सिन्नी में  सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसका आयोजन रोहित फाइन आर्ट्स एकेडमी और फैशन वर्ल्ड के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। समारोह के दौरान मिस चक्रधरपुर इसल आमना और सुपर डांसर मैत्री बसाक को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर लोकप्रिय कवि रणविजय कुमार और उनकी पत्नी प्रतिभा विकास ने उभरते कलाकारों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें बधाई दी। श्री कुमार ने उभरते कलाकारों को तराशने और उन्हें प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नृत्य कला के प्रशिक्षक संजय बोस की भी सराहना की। उन्होंने कलाकारों को प्रोत्साहित करने और उन्हें एक सशक्त मंच प्रदान करने की दिशा में रोहित फाइन आर्ट्स अकैडमी और फैशन वर्ल्ड के संचालक रोहित दास की भी सराहना की। इस अवसर पर काफी संख्या में गणमान्य उपस्थित थे।

जवानों के प्रेरणा स्रोत हैं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित रामबाबू प्रसाद




पुलिसकर्मियों की वीरता के अनगिनत किस्से हैं। पुलिस विभाग के कई वीर जवान  ड्यूटी के दौरान अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपराधियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए हैं। वहीं, कई जवानों ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए जान की बाजी लगाकर अपराधियों को मौका-ए-वारदात पर धर दबोचने में सफलता हासिल की है। उनकी बहादुरी के किस्से अन्य पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणादायक हैं। ऐसे ही जांबाज जवानों की श्रेणी में शामिल एक शख्सियत हैं राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक पुरस्कार से नवाजे गए हवलदार रामबाबू प्रसाद। उन्होंने ड्यूटी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना दुर्दांत और इनामी नक्सलियों को हथियारों के साथ धर दबोचा। उनकी इस बहादुरी के किस्से आज भी पुलिस विभाग में चर्चित है। रामबाबू मूल रूप से पटना जिले के बख्तियारपुर थानांतर्गत करनौती ग्राम के निवासी हैं। गांव उनकी वीरता पर गर्व करता है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गांव में ही हुई। वर्ष 1982 में रामबाबू बिहार पुलिस में नियुक्त हुए। तत्पश्चात गया जिला पुलिस बल में उनकी प्रतिनियुक्ति की गई। पुलिस विभाग में बतौर कांस्टेबल वह अपनी ड्यूटी बखूबी निभाते रहे। इस दौरान उनका तबादला तत्कालीन नवसृजित जहानाबाद जिला पुलिस बल में हुआ। वहां वे जहानाबाद के तत्कालीन डीडीसी विजय प्रकाश के अंगरक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त किए गए। अपने कर्तव्यों के प्रति विशेष रूप से सजग रहने वाले राम बाबू ने वहां अपनी वीरता का जो परिचय दिया, उसे याद कर आज भी जहानाबाद शहर के निवासी सम्मानपूर्वक इनका नाम लेते हैं। घटना के बारे में रामबाबू बताते हैं कि 12 मई वर्ष 1988 में वे तत्कालीन डीडीसी के बंगले पर बतौर अंगरक्षक तैनात थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि स्थानीय बैरागीबाग मुहल्ले की ओर से छह व्यक्ति का गिरोह हाथ में हथियार लेकर भाग रहा है। उसके पीछे कुछ ग्रामीण भी उन अपराधियों को पकड़ने के लिए दौड़ रहे हैं। कोठी के बगल से अपराधियों को हथियार के साथ भागता देख उनसे रहा न गया। उन्होंने कोठी पर मौजूद अपने एक सहकर्मी (पुलिस विभाग के चालक) से कहा कि इन अपराधियों को पकड़ना चाहिए और दौड़ पड़े अपराधियों को दबोचने। इस क्रम में अपराधियों की ओर से उन पर निशाना साध कर फायरिंग की गई। अपराधियों की मंशा भांपते हुए रामबाबू ने सड़क पर बने एक पुलिया की ओट में छिप कर अपने सरकारी रिवाल्वर से जवाबी फायरिंग की। इसमें तीन अपराधियों को गोली लगी और घायल होकर  सभी गिर गए। वहीं, तीन अन्य अपराधी जान बचाकर भागने में सफल रहे। रामबाबू ने पलक झपकते घायल तीनों अपराधियों को धर दबोचा। इस बीच काफी संख्या में घटनास्थल पर ग्रामीण भी पहुंच गए थे। सबों ने रामबाबू की सराहना की और इस वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। गिरफ्तार अपराधियों की पहचान दुर्दांत और इनामी नक्सली के रूप में हुई। उनसे पूछताछ के क्रम में पता चला कि  सभी अपराधी माओवादी संगठन से जुड़े थे और अपने एक शीर्ष नेता की हत्या कर भाग रहे थे। रामबाबू के
 इस बहादुरी भरे कार्य के लिए पुलिस विभाग की ओर से राष्ट्रपति पुलिस पदक वीरता पुरस्कार के लिए उनके नाम की अनुशंसा की गई। वर्ष 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन की ओर से उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक वीरता पुरस्कार (पीपीएमजी) प्रदान किया गया। रामबाबू धनबाद में भी पदस्थापित रहे। वहां के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रणधीर वर्मा (अब मृत) और उनकी पत्नी रीता वर्मा के अंगरक्षक के रूप में भी अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया। वे चतरा और रांची में भी पदस्थापित रहे। तत्पश्चात इनका तबादला जमशेदपुर रेल थाना में किया गया। इसके बाद वे रांची रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाना में भी बतौर हवलदार पदस्थापित रहे। मार्च 2017 मे रामबाबू प्रसाद हवलदार पद ( सहायक अवर निरीक्षक रैंक ) से सेवानिवृत्त हुए। रामबाबू कहते हैं कि कर्म प्रधान होता है। ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से हम देश और समाज में एक विशेष पहचान बनाने में सफल होते हैं। इससे हमारा देश व समाज सशक्त होता है।
प्रस्तुति : नवल किशोर सिंह

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...