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बुधवार, 28 अगस्त 2019

एनएसयूआई ने दुहराई विवि परिसर में पुलिस पिकेट की मांग


रांची। 28 अगस्त को एनएसयूआई रांची जिला अध्यक्ष कुमार विक्की के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल रांची विवि के कुलपति डा रमेश पांडेय से मिला। प्रतिनिधिमंडल द्वारा कुलपति से अपनी पिछली मांग पर मिले आश्वासन के बावजूद काम शुरू नहीं होने की बातों को रखा गया। ज्ञात हो कि पिछले दिनों एनएसयूआई का एक प्रतिनिधिमंडल विवि कैंपस में पुलिस पिकेट लगाने की मांग की गयी थी जिसपर आश्वासन दिया गया था कि एक सप्ताह के अंदर लगा दिया जाएगा परंतु अभी तक पिकेट नहीं लगाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप बीते दिनों विनोबा भावे विश्विद्यालय के कुलपति के साथ अशोभनीय बर्ताव किया गया।
अतः संगठन उपरोक्त मांग को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए आज पुनः सारे कालेज कैंपस के समीप पुलिस पिकेट लगवाने हेतु मिली ताकि किसी छात्र संगठन या असामाजिक तत्व द्वारा पिछले दिनों की तरह किसी अप्रिय घटना की पुनरावृति ना हो सके जिससे शैक्षिक परिसर इन सब वारदातों से अछूता रहे और परिसर में हमेशा शैक्षिक माहौल क़ायम रहे।
रांची ज़ोनल प्रभारी शारिक़ अहमद ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति जैसी बनी हुई है उससे समाज में क्या संदेश जा रहा है यह स्वतः समझ में आ रहा है। अगर इस तरह के दुर्व्यवहारों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले दिनों में कोलेज परिसर आने से छात्र छात्राएं डरेंगे। एनएसयूआई अभिव्यक्ति की लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का समर्थन करती है लेकिन विरोध के नाम पर की गयी ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करती है।
इस मौक़े पर उपस्थित रांची जोनल प्रभारी शारीक अहमद , कुमार विक्की , अमरजीत सिंह , विवेक सिंह , चिंटू चौरसिया , अमन अहमद , अमित सिंह , अमर गुप्ता , आदित्य गुप्ता आदि लोग मौज़ूद थे ॥

शनिवार, 17 अगस्त 2019

जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के विभागाध्यक्ष का स्वागत


रांची। आज दिनांक 17 अगस्त 2019, दिन शनिवार को जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग, रांची विश्वविद्यालय, रांची में शिक्षकों एवं छात्रों के द्वारा नवनियुक्त विभागाध्यक्ष डॉ हरि उराँव का स्वागत किया गया। इस अवसर पर स्वागत गान एवं पुष्प गुच्छ व उपहार देकर नवनियुक्त विभागाध्यक्ष के रूप में स्वागत किया गया। स्वागत के दौरान विभाग के  शिक्षकों के द्वारा उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा गया कि आप हमारे गुरु हैं और हम आपके फौज हैं। जहां आपको हमारी आवश्यकता पड़े, हमारा सहयोग ले सकते हैं। हम आपके साथ हैं। नवनियुक्त विभागाध्यक्ष डॉ हरि उराँव ने कहा कि हर व्यक्ति का अपना अपना महत्व है। सब मिलकर विभागीय परिवार को सुचारू रूप से संचालित करेंगे। विभाग विकासशील अवस्था में है, इसको और आगे ले जाना है।  उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय इस विभाग को अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्कृष्ट शिक्षण केंद्र बनाने की आकांक्षा है। उसे मूर्त रूप देने में आप सभी सहायक प्राध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान अपेक्षित है। विभाग के 9 भाषा के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण मिले, ताकि विभाग की उपलब्धि सर्व विदित हो। नवनियुक्त विभागाध्यक्ष को बधाई एवं शुभकामना देने में डॉक्टर सरस्वती गागराई, डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, डॉ राकेश किरण, महेश भगत, अरुण अमित तिग्गा, डॉ पार्वती मुंडू, डॉ किरण कुल्लू, किशोर सुरिन, राधिका उराँव, कर्म सिंह मुंडा, धीरज उराँव, विकास उराँव के अलावा विभाग के शोधकर्ता एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

पर्यावरण का एकमात्र रक्षक है आदिवासी समाजः डॉ रमेश पांडे


डॉ. बीरेन्द्र कुमार महतो
रांची। आज दिनांक 9 अगस्त दिन शुक्रवार को जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग रांची विश्वविद्यालय रांची में आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडे ने कहा कि आज पूरे विश्व में यदि पर्यावरण की रक्षा अगर कोई करता है तो वह है आदिवासी समाज। आदिवासी समाज ही एक ऐसा समाज है जो सभ्य समाज को जीने का सलीका सिखाया। आज पर्यावरण में, वातावरण में जो भी गड़बड़ियां पैदा हो रही हैं वह पर्यावरण के दूषित होने से हो रही है। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज के द्वारा अपनाई गई तौर तरीके के चलते ही आज पर्यावरण संकट गहराया है। उन्होंने जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की सराहना करते हुए कहा कि टीआरएल विभाग जनजातीय भाषा और संस्कृति का हमेशा से संरक्षक रहा है। इस विभाग से कई आंदोलनों को बल मिला है। कई आंदोलनों की अगुवाई की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी 9 भाषाओं में अब अलग-अलग डिग्रियां दी जाएंगी ताकि भविष्य में छात्रों को किसी भी तरह की कोई कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े।
रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अमर कुमार चौधरी ने कहा कि आज पूरी दुनिया बची है, हमारी प्रकृति बची है, हमारी संस्कृति बची है, तो इसे बचाए रखने में दुनिया के आदिवासियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। हमें उनके इस योगदान को भूलना नहीं चाहिए। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर हमें आदिवासियों की संस्कृति, उनकी भाषा, उनके अस्तित्व की रक्षा, उनमें अशिक्षा कैसे दूर हो, इन तमाम बातों पर गहन मंथन, चिंतन करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर त्रिवेणी नाथ साहू ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस ऐतिहासिक दिवस है। यह दिवस आदिवासियों के विकास और उत्थान के लिए शुरू किया गया, साथ ही आदिवासियों के पिछड़ेपन को दूर कर उन्हें आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का यह दिन है। हमें उन्हें समाज के मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयत्न करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में शिक्षा का अपना तौर तरीका है। उनकी अपनी सामाजिक संस्थाएं, जिसके माध्यम से उन्हें शिक्षित किया जाता है। जिसे मुख्यधारा का समाज दरकिनार कर दिया है। हम आदिवासियों को हेय दृष्टि से देखते हैं परंतु हमें यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि आज हमारी प्रकृति, संस्कृति बची हुई है, तो इसमें आदिवासियों का बहुत बड़ा योगदान है।
विषय प्रवेश कराते हुए जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के प्राध्यापक डॉ उमेश नन्द तिवारी ने कहा कि आदिवासी दिवस सही मायने में आदिवासियों के उत्थान और उनके अस्तित्व की रक्षा हेतु मनाया जाता है। आदिवासी में विकास नहीं हो पाया है इसलिए उनके चहुमुखी विकास को केंद्र में रखकर उनका उत्थान और संरक्षण की दिशा में पहल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी कोई एक धर्म में बंधे हुए नहीं है। यह सभी धर्म एवं जाति में पाए जाते हैं। पूरे दुनिया के आदिवासियों को एक सूत्र में बांधने के ख्याल से यह दिवस मनाया जाता है।
 इस मौके पर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अशोक कुमार बड़ाईक ने स्वागत गान प्रस्तुत किया तथा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अंजू कुमारी साहू, दिनेश कुमार दिनमणि, कर्म सिंह मुंडा आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। मंच संचालन डॉक्टर सरस्वती गगराई ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉक्टर हरी उरांव, डॉक्टर राकेश किरण, डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, डॉक्टर निरंजन कुमार, सुबास साहु, शकुंतला बेसरा, अमित आशीष तिग्गा, योगेश कुमार महतो, किशोर सुरिन, संतोष कुमार भगत, विजय कुमार साहु के अलावा बड़ी संख्या में विभाग के सहायक प्राध्यापक, शोधार्थी एवं छात्र छात्राएं मौजूद थे।

मंगलवार, 30 जुलाई 2019

पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न, परीक्षा स्थगित करने की मांग


रांची। एस.एस मेमोरियल कॉलेज के छात्र संघ पूर्व उपाध्यक्ष मो.हुसैन अंसारी औऱ छात्र नेता अमन अहमद के नेतृत्व में कॉलेज परिसर के विद्यार्थियों ने राँची विश्विविद्यालय के परीक्षा निरीक्षक डा.राजेश कुमार औऱ प्रति कुलपति डा.कामिनी कुमारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा।

मो.हुसैन अंसारी ने कहा कि दिनांक 29 जुलाई को सेमेस्टेर 1 की जो हिन्दी की परीक्षा हुई हैं उसमें 100 अंक में से 62 अंक के प्रश्न पाठयक्रम से बाहर से  पूछे गए थे। इसके कारण परीक्षा में अधिकांश छात्रों के फ़ैल होने की आशंका हैं।

वहीं छात्र नेता अमन अहमद ने राँची विश्विद्यालय के परीक्षा निरीक्षक डा.राजेश कुमार औऱ प्रति कुलपति डा.कामिनी कुमारी से अपनी बातों को रखते हुए कहा कि जो हिन्दी की परीक्षा हुई हैं उसे स्थगित किया जाए औऱ फ़िर बाकी बची हुई परीक्षा होने के बाद हिन्दी की परीक्षा फ़िर से ली जाए।
राँची विश्विद्यालय प्रशासन छात्र - छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा हैं , ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

छात्र नेताओं औऱ कॉलेज परिसर के छात्र - छात्राओं कि बातों को सुनने के बाद परीक्षा निरीक्षक औऱ प्रति कुलपति ने आश्वसन दिया कि विश्विद्यालय प्रशासन की बैठक के बाद छात्र हित में सही निर्णय लिया जाएगा।

मौक़े पर ज्ञान कुमार , मनीष शर्मा , सुमित कुमार , रौशनी कुमारी , शबाना परवीन , फरजाना खातून , राहुल , कंचन , अमित , प्रदीप , सुनील , रोहित आदि छात्र छात्राएँ मौज़ूद थे ॥

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...