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मंगलवार, 2 अक्टूबर 2018

एकता,अखंडता और राष्ट्रवाद का संदेशवाहक है तिरंगा सम्मान यात्रा अभियान : द्रौपदी मुर्मू


 *  एक हाथ मे तिरंगा, दूजे हाथ मे पौधा अभियान जारी रहेगा : सुधांशु सुमन

रांची । तिरंगा सम्मान यात्रा के सूत्रधार समाजसेवी सुधांशु सुमन ने गांधी जयंती के 150 वीं वर्षगांठ की  पूर्व संध्या, एक अक्टूबर, सोमवार को रांची एक्सप्रेस ग्राम सेवा फाउंडेशन एवं राष्ट्रीय एकता अभियान के तहत राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को तिरंगा भेंट किया। श्री सुमन ने राज्यपाल को बताया कि इसके माध्यम से अमन के सिपाही कार्यक्रम 2 अक्टूबर 2018, गांधी जयंती के शुभ अवसर पर प्रारंभ हो रहा है। इस अवसर पर श्री सुमन ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को तिरंगा , पौधा एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर राज्य में खुशियाली ,अमन चैन एवं भाईचारे की कामना की ।
2 अक्टूबर 2018, 150 वीं गांधी जयंती के शुभ अवसर पर रांची एक्सप्रेस ग्राम सेवा फाउन्डेशन तिरंगा सम्मान यात्रा पार्ट-2 व राष्ट्रीय एकता अभियान के द्वारा "अमन के सिपाही" के कार्यक्रम का आयोजन रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में महात्मा गांधी जी के प्रतिमा के समक्ष होगा। जिसमें सभी धर्म , जाति , सर्व - दलीय राजनीति समुदाय के लोग मुख्य रूप से भाग लेंगे । तिरंगा सम्मान यात्रा के सूत्रधार व झारखंड के लोकप्रिय समाजसेवी सुधांशु सुमन ने कहा कि इस राष्ट्रीय एकता अभियान के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय की अध्यक्षता में कार्यक्रम होगा। जिसमें सभी राजनीतिक दल के लोगो को शामिल किया जा रहा है। जिससे देश की अनेकता में एकता का संदेश राष्ट्र के प्रति एक नई सोच व भावना को देश के साथ- साथ चतरा लोकसभा में सभी गांवो तक तिरंगा के माध्यम से "अमन के सिपाही" के रूप में भेजा जाएगा। यह एक नई सोच लोकप्रिय समाजसेवी सुधांशु सुमन की है । श्री सुमन ने वार्ता में कहा है कि वर्तमान समय में समाज की दिशा और दशा को तय करना, व इसकी सम्प्रभुता को अक्षुण्ण रखना हर एक भारतीय का परम कर्तव्य है। तिरंगा सम्मान यात्रा के पार्ट-2 , "अमन के सिपाही" को नया रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि गांधी जयंती के शुभ अवसर पर देश की एकता व अखंडता एवं भाईचारे के लिए समर्पित होकर "अमन के सिपाही" बने यह अभियान आप सबों का है व राष्ट्र के लिए समर्पित है।
उन्होंने कहा कि देश  मे सामाजिक समरसता बरकरार रखने के लिए सभी समुदाय , सम्प्रदाय  के लोगों को  संविधानिक व राष्ट्रीय स्तंभ  तिरंगे के  नीचे एक जुट होकर  देश के दुश्मन आतंकवाद ,अलगाववाद,उग्रवाद ,बेरोजगारी  और भुखमरी को  जड़ से हटाना पड़ेगा  और हर गांव को स्वरोजगार  ,हरियाली , स्वास्थ्य , स्वछता ,शिक्षा , विलेज एक्शन प्लान से मूलभूत आवश्यकता  को जमीन पे उतारना यही हमारा संकल्प है।  श्री सुमन ने  कहा कि तिरंगा सम्मान यात्रा का  मकसद सम्पूर्ण राष्ट्र को तिरंगे के माध्यम से प्रदूषणमुक्त भारत ,शिक्षित भारत ,स्वास्थ्य भारत ,स्वच्छ भारत ,मूलभूत आवश्यकता से परिपूर्ण भारत  और तिरंगा मय भारत का निर्माण करना है। कहा कि चतरा के 1476 गांवों को  मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना ,पलायन  रोकना और यहां के खनिज सम्पदा के माध्यम से लोगों को पलायन रोकना हमारा संकल्प है ।
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि गांधी जी का सपना यह है कि स्वच्छता और सामाजिक समरसता से देश महान बनेगा और अनेकता में एकता का संदेश जाएगा।

ग्राणीण बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगा रही है डॉ.रोमी झा

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रांची। शहरी क्षेत्रों में  बेहतर आधारभूत संरचनाओं से लैस स्कूलों में शिक्षण कार्य करना तो आसान है, लेकिन सुविधाविहीन और सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा के क्षेत्र मे सेवा देने को तत्पर रहने का जज्बा बहुत कम देखने को मिलता है। झारखंड की औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में पली, बढ़ी और पढ़ी डॉ.रोमी झा इसकी मिसाल हैं। इन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत सेवा करने का जो संकल्प लिया है, समाज के लिए अनुकरणीय है। डॉ. रोमी झा फिलवक्त राजधानी के अरगोड़ा-कटहल मोड़ रोड स्थित चापु टोली (वार्ड नं.35 ) में मदर्स इंटरनेशनल स्कूल की प्राचार्या हैं।  इनके बारे में स्कूल के निदेशक व प्रख्यात शिक्षाविद अंबुज झा बताते हैं कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जमशेदपुर में हुई। वहीं के वीमेंस कॉलेज से इंटर व स्नातक किया। उच्च शिक्षा के लिए भागलपुर विश्वविद्यालय गई। वहाँ से स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की व पीएचडी किया। डॉक्टेरेट की उपाधि ली। उनके भीतर समाज के निचले तबके के बच्चों के प्रति बचपन से ही दया व स्नेह की भावना रही। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं देने और गरीब बच्चों को शिक्षित करने का संकल्प लिया। उनकी इस इच्छा को पूरा करने में शिक्षाविद अंबुज झा ने सहयोग किया। शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र चापु टोली में स्कूल की शुरुआत की। पहले शिक्षा से वंचित आसपास के ग्रामीण बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे उनका यह प्रयास रंग लाने लगा। डॉ.रोमी झा शुरुआत के दिनों में अथक परिश्रम कर बच्चों को स्कूल आने के लिए अभिभावकों को भी जागरूक करने लगी। जल्द ही इसका सकारात्मक परिणाम सामने आने लगा। उनके प्रयास से स्कूल में बच्चों की संख्या में निरंतर वृद्धि होने लगी। बच्चों संग वात्सल्यमयी वातावरण में समय बिताने की उनकी कला के जादू ने ऐसा असर दिखाया कि स्कूल के बच्चे उन्हें अपने परिवार का सदस्य व अभिभावक समझने लगे। स्कूल के छात्र उनमें ममतामयी मां की छांव सरीखे अनुभव का एहसास करने लगे। नतीजतन स्कूल के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ने लगा।उनके प्रयास से स्कूल की लोकप्रियता काफी बढ़ रही है। शिक्षा के प्रति समर्पित व्यक्तित्व डॉ.रोमी झा के अथक प्रयासों का प्रतिफल है कि स्कूल कदम दर कदम आगे बढ़ रहा है। हाल ही में उनके निर्देशन में रांची जिले के ब्रांबे स्थित जाहेर गांव में मदर्स इंटरनेशनल स्कूल की एक नई शाखा की स्थापना की गई है। वहां सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों के बच्चों के लिए छात्रावास सहित शिक्षा सुविधा उपलब्ध है। शिक्षा सेवा के प्रति समर्पित शिक्षकों की टीम वहां डॉ. रोमी झा के नेतृत्व में छात्रों के बीच शिक्षा का अलख जगा रहे हैं। वह कहती हैं कि शिक्षा से ही देश समृद्धशाली हो सकता है। स्वस्थ्य और स्वच्छ समाज के लिए शिक्षा जरूरी है। अभी भी हमारे देश में साक्षरता दर अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। शिक्षा से वंचित समाज के बीच शिक्षा के प्रति रुचि जगाने का काम जनहित का अहम काम है। थोड़ा कम शिक्षण शुल्क लेकर और गरीबों को नि:शुल्क शिक्षा देकर हम शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं दें तो काफी हद तक सेवा का संकल्प सार्थक होगा।

गांधी जयंती पर पेंटिंग प्रतियोगिता

रांची। सामाजिक संस्था शारदा फाउंडेशन की ओर से कांके रोड स्थित बिरसा उच्च विद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 जयंती के शुभ अवसर पर  स्वचछ भारत अभियान के तहत पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिसका शीर्षक स्वच्छ  भारत था। जिसमें लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  के स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कक्षा 6 से 10 के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया एवं अपने आस पास के लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का संकल्प लिया।मौके पर मुख्य रूप से स्कूल की प्रचार्या सुषमा तिवारी, राजीव रंजन,आशुतोष द्विवेदी ने सभी विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।इस अवसर पर श्याम देव,ललिता, सुभाष,चंदा आदि उपस्थित थे। पेंटिंग में  प्रथम तनु कुमारी क्लास 6,द्वितीय आयुष मुंडा कक्षा 7,तृतीय सुषमा सिंह कक्षा 8, सांत्वना पुरस्कार बिंदी साह कक्षा 9 , सांत्वना पुरस्कार प्रीति कुमारी 10 रहीं। ये जानकारी नीलकमल झा ने दी।

रविवार, 30 सितंबर 2018

मारवाडी ब्राम्हण सभा की आम सभा में आय व्यय का लेखा-जोखा



रांची। रविवार 30 सितम्बर को मारवाडी ब्राम्हण सभा,रांची की वर्तमान सत्र की आम सभा मारवाडी ब्राम्हण भवन सभागार में हुई।आम सभा की अध्यक्षता सभा के अध्यक्ष रवि शंकर शर्मा ने की।
बैठक में समाज के 100 से अधिक सम्मानित सदस्य उपस्थित थे।सर्वप्रथम सभा अध्यक्ष ने आगंतुको का स्वागत किया।तदोपरान्त सभा के मंत्री ज्ञानचन्द्र शर्मा ने सभा को वर्तमान सत्र 2016-18 कार्यकाल का ब्यौरा अपने प्रतिवेदन के माध्यम से प्रस्तुत किया।सभा के कोषाध्यक्ष किशन लाल शर्मा ने वार्षिक आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया जिसे उपस्थित सदस्यों ने कर्तल ध्वनि से पास किया।
सभा के वरिष्ट कार्यकारिणी सदस्य राम गोपाल शर्मा को उत्कृष्ट सदस्य (2016-18) के रूप में सम्मानित सभा के पूर्व मंत्री  विधाधर शर्मा अध्यक्ष रवि शर्मा एवं मंत्री  ज्ञान चन्द्र शर्मा ने किया।उन्हें पुष्प गुच्छ एवं एक स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
उपस्थित सदस्यों की राय के पश्चात  रवि शर्मा ने घोषणा की कि दिपावली एवं छठ पर्व के बाद नई कार्यकारिणी का चुनाव करवाया जाएगा।
सभा में फिलहाल चुनाव अधिकारी के तीन नाम आए।मुख्य चुनाव अधिकारी श्री दाऊ लाल मिश्रा एवं सदस्य के रूप में  राधेश्याम भारद्वाज एवं श्री बंसत सांगरवाला जिन्हें सर्व सम्मति से स्वीकार किया गया।बैठक में पूर्व अध्यक्ष हनुमान गौड पूर्व मंत्री विधाधर शर्मा,श्याम सुन्दर सारस्वत,सुशील माटोलिया सहित पवन शर्मा,लक्ष्मी चंद दीक्षित,रमेश शर्मा,आलोक शर्मा,पंडित श्याम सुदंर भारद्वाज,दया नंद शर्मा,डा विजय शर्मा सहित गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।सभा के अन्त में उपाध्यक्ष नंद लाल शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।कायर्कारिणी सदस्य  आनंद शर्मा ने उक्त बातों कि जानकारी दी।

झूठ को कितना भी दुहराओ, सच नहीं होगा




देवेंद्र गौतम

जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर का कहना था कि झूठ को इतनी बार दुहराओ कि वह सच प्रतीत होने लगे। दक्षिणपंथी राजनीति इसी सूत्रवाक्य का अनुसरण करती है। लेकिन हिटलर के समय और आज के समय में काफी अंतर आ चुका है। उस समय जर्मनी, इटली और जापान में उग्र राष्ट्रवाद की लहर चल रही थी। जनता सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेताओं पर आंख मूंदकर भरोसा करती थी। यह उग्रराष्ट्रवाद प्रथम विश्वयुद्ध में शर्मनाक पराजय और वर्साय संधि के तहत जबरन लादी गई शर्तों की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न हुआ था। उस संधि को नकार कर सत्ता में आए हिटलर सरीखे नेता पर लोगों का पूरा भरोसा था। यहूदी विरोध के जरिए उत्पन्न नस्लवादी घृणा ने इस भरोसे को और भी मजबूत किया था। उसे झूठ को बहुत अधिक दुहराने की जरूरत भी नहीं थी। देशवासियों के लिए उसका वचन ब्रह्मवाक्य का दर्जा रखता था। अविश्वास का कोई प्रश्न ही नहीं था। झूठ को सिर्फ अपनी तसल्ली के लिए दुहराना पड़ता था।
      अब समय बदल चुका है। अब उग्र राष्ट्रवाद की वैसी लहर दुनिया में कहीं मौजूद नहीं है। हिटलर जैसा नेतृत्व और व्यक्तित्व भी नहीं है। निस्संदेह भारत में वह तमाम तत्व, वह तमाम परिस्थितियां मौजूद हैं जो जर्मनी और विक्षुब्ध राष्ट्रों में थी। लेकिन उनका प्रतिशत कम है। उनकी धार में वैसी तीव्रता नहीं है। कहते हैं कि भारत को वर्साय संधि जैसी शर्तों के आधार पर ही आजादी मिली थी लेकिन संधि का दस्तावेज़ कहीं उपलब्ध नहीं है। हिटलर को सफलता इसलिए भी मिली थी कि वह प्रथम विश्वयुद्ध में सैनिक के रूप में लड़ा था और युद्ध समाप्त होते ही उसने संधि का मानने से इनकार करते हुए मुहिम चलानी शुरू कर दी थी।
जब नेता पर जनता के भरोसे का ग्राफ उतना ऊंचा न हो और वह लगातार फर्जी आंकड़ों के जरिए अपनी उपलब्धियों का दावा करे तो उसका झूठ सच में नहीं परिणत होता बल्कि खीज़ उत्पन्न करता है। देश में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ रहा हो और आप दो करोड़ लोगों को नियोजन देने का दावा करें तो लोगों के अंदर आक्रोश उत्पन्न होना स्वाभाविक है। इससे लोकप्रियता का ग्राफ गिरता है और भरोसा टूटता है। एक दो झूठ तो फिर भी ठीक लेकिन लगातार झूठ पर झूठ। विफल प्रयोगों को भविष्य में लाभदायक होने का दावा चंद लोगों को भ्रमित कर सकता है सारे देशवासियों को नहीं। धर्म के अफीम का नशा रोजी-रोटी के सवाल को गौण नहीं कर सकता। मूर्खतापूर्ण प्रयोगों की विफलता पर सफलता की मुहर नहीं लगा सकता।  भारत में सत्ता पलटती है जब नेतृत्व पर भरोसा टूटता है। हिटलर के अंदर जिद थी, महत्वाकांक्षा थी लेकिन अहंकार नहीं थी। उसके व्यक्तित्व में बनावट नहीं थी। उसके पास कोई मुखौटा नहीं था। अब झूठ को जितनी बार दुहराया जाएगा वह उतना ही आक्रोश उत्पन्न करेगा और अहंकार तो इस धरती पर किसी का कायम नहीं रहा है। बड़ी से बड़ी ताकतें पलक झपकते मिट्टी में मिल जाती हैं।

जहरीली शराब से मौत पर जताई चिंता


गुलाबी गैंग ने की शराबबंदी की मांग

रांची। राजधानी रांची में एकबार फिर जहरीली शराब ने मौत का कहर बरपाया है। शहर के वीवीआइ पी क्षेत्र से लगे गोंदा थाना क्षेत्र अंतर्गत हातमा बस्ती में जहरीली शराब ने पांच ज़िन्दगियां छीन लीं। इस घटना से झारखंड में शराबबंदी की मांग कर रही सामाजिक संस्था नारी शक्ति सेना गुलाबी गैंग ने गहरी चिंता जताई। गैंग की अध्यक्ष और महिला हितों के संरक्षण के लिए संघर्षरत समाज सेविका रानी कुमारी ने घटना पर दुःख जताते हुए सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने और राज्य में शराबबंदी लागू करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष सितंबर महीने में भी जहरीली शराब से कई जानें गई थीं। राज्य के कई क्षेत्रों मे जहरीली शराब से मौत की खबरें आए दिन उजागर होती रहती हैं। इससे महिलाएं अपना पति, भाई और अन्य परिजनों को असमय खो रही हैं। इस संबंध में रानी कुमारी अभियान चलाती रही हैं। पिछले दिनों उन्राहोंने ज्यपाल द्रौपदी मुर्मु से मिलकर शराबबंदी की मांग की थी। उनका मानना है है कि झारखंड में शराबबंदी से ही समृद्धि आ सकती है।

वेदप्रकाश बने औद्योगिक दुर्गापूजा समिति के अध्यक्ष



रांची महानगर औद्योगिक दुर्गापुजा समिति के अध्यक्ष बने वेद प्रकाश सिंह एवं वरीय उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह।
आज औधोगिक दुर्गा पूजा की वार्षिक सभा का आयोजन धुरवा के मॉन्टेशरी मैदान के मेफेयर हॉल में की गई। पुरानी कमिटी भांग की गई एवं नई कमिटी की घोषणा की नई। मुख्य अथिति के रूप में जय सिंह यादव एवं राजीव रंजन जी शामिल हुए।  सभी ने अपनी बात को रखा । मंच संचालन प्रदीप तिवारी ने किया।
समिति इस प्रकार है।
संरक्षक - चुन्नू मिश्रा, जय सिंह यादव, राजन वर्मा,
संयोजक- मंटू शर्मा
अध्यक्ष-वेद प्रकाश सिंह
वरीय उपाध्यक्ष- इंदरजीत सिंह
कार्यकारी अध्यक्ष- कमल ठाकुर
प्रधान महासचिव- बमबम सिंह
महासचिव- आकाश दीप, रंजन यादव, समुंदर मिर्धा,प्रेम सिंह
कोषाध्यक्ष- असीम मिश्रा
महामंत्री- पिंटू सिंह
उपाध्यक्ष- सभी 37 पंडालों के अध्यक्ष

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...