* न्यूरोलाजिकल विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए वरदान है रीजेनरेटिव रिहैबिलिटेशन थेरेपी : डॉ.रिचा बनसोड
रांची। स्टेमसेल थेरेपी के माध्यम से क्षतिग्रस्त मस्तिष्क के ऊतकों की मरम्मत संभव है। लाइलाज सेलेब्रेल पाल्सी और न्यूरोलाजिकल विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए न्यूरो रीजेनरेटिव रिहैबिलिटेशन थेरेपी वरदान की तरह है। उक्त बातें ख्यातिप्राप्त न्यूरोसर्जन और न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीच्यूट की सर्जिकल सेवा प्रमुख डॉ रिचा बनसोड ने कही। उन्होंने होटल एवीएन ग्रैंड मेंं आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि न्यूरोलाजिकल विकारों को दूर करने के लिए वयस्क स्टेम सेल थेरेपी मरीजों के लिए एक नई आशा की किरण है। उन्होंने कहा कि न्यूरो रीजेनरेटिव रिहैबिलिटेशन थेरेपी (एन आर आरटी) एक सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है। इसमें एक सूची की मदद से मरीज के बोन मैरो ( अस्थि मज्जा) से स्टेम सेल ली जाती है और प्रसंस्करण के बाद रीढ़ की हड्डी में तरल पदार्थ में वापस इंजेक्ट किया जाता है। उन्होंने बताया कि रांची में आठ वर्षीय कुमार धैर्य का स्टेम सेल थेरेपी से उपचार सफल रहा। उन्होंने बताया कि मस्तिष्क पक्षाघात प्रति एक हजार बच्चों में से हर तीन में से एक को प्रभावित करता है। कम वजन के साथ समय से पहले जन्मे शिशुओं में इसका प्रभाव अधिक देखा गया है। इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ आलोक शर्मा ने कहा कि मस्तिष्क संबंधी विकारों के लिए न्यूरो रीजेनरेटिव रिहैबिलिटेशन थेरेपी उपचार के नये विकल्प के तौर पर उभर रही है। उन्होंने कहा कि असाध्य न्यूरोलाजिकल विकारों से पीड़ित रोगी नि: शुल्क शिविर में परामर्श के लिए पुष्पकला से 9821529653 और 9920200400 पर संपर्क कर सकते हैं।
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