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रविवार, 30 दिसंबर 2018

रांची विवि के पूर्व प्राध्यापक डॉ.अमल चक्रवर्ती का निधन


* श्राद्धकर्म 9 जनवरी को
रांची। प्रख्यात शिक्षाविद और रांची विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र के भूतपूर्व प्रोफेसर डॉ. अमल चक्रवर्ती नहीं रहे। उनका निधन  रविवार को हो गया। वे बरियातू स्थित मेडिका अस्पताल में इलाजरत थे। रांची विश्वविद्यालय में अपने उत्साही और मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाने वाले अमल दा छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय थे। वह 84 वर्ष के थे और उनके भरे पूरे परिवार में दो पुत्र, पुत्रवधू और दो पौत्रियाँ हैं। उनकी पत्नी गीता चक्रवर्ती रांची विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की प्रोफेसर थीं जिनका स्वर्गवास 2011 में हुआ था। भागलपुर में जन्मे, प्रो चक्रवर्ती ने  संत जेवियर्स, रांची, साइंस कॉलेज, पटना और पटना विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने 33 वर्षों तक रांची विश्वविद्यालय में अपनी सेवायें दी। उनके कई छात्र आज  अग्रणी शिक्षाविद हैं, कई डॉक्टर और सिविल सेवाओं में पदस्थापित हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में भी उनकी गहरी अभिरुचि रही। उन्होंने अपने करियर के शुरुआती चरण में पीटीआई के संवाददाता के रूप कार्य किया, जहां उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार आरएन झा,  बलबीर दत्त सहित अन्य पत्रकारों के साथ काम किया था। वह एक उत्साही बांसुरी वादक और एक गायक भी थे। उन्होंने रांची विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व कई राष्ट्रीय सांस्कृतिक मंचों पर किया। हरमू मुक्ति धाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र उज्ज्वल भास्कर और सजल चक्रवर्ती ने जानकारी दी कि 9 जनवरी, 2019 को उनके डोरंडा स्थित निवास पर उनका श्राद्धकर्म संपन्न होगा।

झारखंड नामधारी दलों के एका के निहितार्थ



रांची। झाऱखंड में झारखंड नामधारी दलों के बीच कुछ अलग खिचड़ी पक रही है। राजनीतिक दलों का ऐसा मानना है। हाल में झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच मुलाकात और वार्ता के बाद यह कयास लगाया जा रहा कि वे सीटों के बंटवारे में कांग्रेस के साथ मनोनुकूल नतीजे नहीं निकलने पर अपना अलग मोर्चा बना सकते हैं। दोनों दल एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। दोनों का मुख्य जनाधार संताल परगना के इलाकों में है। बाबूलाल शिबू सोरेन के बाद आदिवासियों के दूसरे सबसे बड़े नेता हैं। हेमंत को वे जूनियर मानते रहे हैं। लेकिन वे स्वयं हेमंत सोरेन के आवास पर गए। उनके साथ मंत्रणा की। इससे कई संकेत मिलते हैं। दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच हमेशा छत्तीस का रिश्ता रहा है। इसके तिरसठ में बदलने के पीछे कोई बड़ा सियासी खेल हो सकता है।
हाल में कोलेबिरा उपचुनाव में झामुमो ने झारखंड पार्टी को समर्थन देकर उसे अपने पक्ष में कर लिया है। आजसू के साथ भी उनकी वार्ता चल रही है। आजसू सुप्रीमो अभी एनडीए में हैं लेकिन भाजपा से उनका मोहभंग हो चला है। लिहाजा वे पाला बदल सकते हैं। झारखंड जनाधार मोर्चा के सालखन सोरेन पहले से ही झारखंड नामधारी दलों का अलग मोर्चा बनाने जरूरत बताते रहे हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि अगर बाबूलाल, हेमंत और सुदेश अन्य झारखंड नामधारी दलों को लेकर एकजुट हो जाते हैं तो झारखंड में बड़ी चुनौती बन सकते हैं। भाजपा भी यही चाहती है कि चुनाव त्रिकोणीय अथवा बहुकोणीय हो। यह भाजपा के लिए यह लाभदायक होगा। अभी राज्य  में लोकसभा की चौदह सीटों में से बारह पर भाजपा का कब्जा है। आमने सामने की लड़ाई उसे महंगी पड़ सकती है। ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हों तो विपक्षी मतों के बिखराव से उसका रास्ता आसान हो सकता है।
जहां तक झारखंडी दलों का सवाल है केंद्र की राजनीति में उनकी खास दिलचस्पी नहीं है। उनका लक्ष्य विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर अपनी सरकार बनाना है। उनका मानना है कि राष्ट्रीय दल क्षेत्रीय मुद्दों को अहमियत नहीं देते। झारखंडी दलों की गोलबंदी के दो अर्थ निकाले जा रहे हैं। पहला यह कि वे कांग्रेस के साथ तालमेल में बेहतर सौदेबादी की भूमिका तैयार कर रहे हैं और दूसरा यह कि जरूरत पड़ने पर अपनी अलग राह भी बना सकते हैं। अगर झारखंड नामधारी दलों का अलग मोर्चा बना तो महागठबंधन में कांग्रेस, राजद और वामपंथी दल ही शेष रह जाएंगे।
हालांकि अभी हेमंत और बाबूलाल महागठबंधन के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त कर रहे हैं लेकिन उनके मन में क्या है कोई नहीं जानता।


उपलब्धियों भरा रहा एचइसी के सीएमडी का कार्यकाल



31 दिसंबर को सेवा निवृत्त हो रहे अभिजीत घोष

रांची। हेवी इंजीनियरिंग कार्पेरेशन (एचइसी) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अभिजीत घोष 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वे पिछले पांच वर्षों से इस पद की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे थे। उनका कार्यकाल काफी उपलब्धियों भरा रहा है। इस अवधि में उन्होंने कई देशी-विदेशी कंपनियों के साथ एमओयू किया। मशीनों के आधुनिकीकरण और प्लांट के जीर्णोद्धार में इनका अहम योगदान रहा। औद्योगिक शांति कायम रखने में इन्हें सफलता मिली। उद्योग हित के साथ श्रमिक हित का भी इन्होंने ध्यान रखा। श्रमिक हित में लिए गए निर्णयों के कारण मजदूर आंदोलनों में भी कमी आई। रक्षा, इस्पात, परमाणु, अंतरिक्ष, रेलवे आदि से संबंधित कंपनियों से बड़े कार्यादेश प्राप्त करने में भी वे सफल रहे। बड़े बकायेदारों और राजस्व संग्रहण में भी इन्होंने अहम भूमिका रही। अधिनस्थ अधिकारियों को वे समय-समय पर उद्योग के हित में आवश्यक निर्देश देते रहे। सोमवार को नए सीएमडी की घोषणा हो सकती है। भारी उद्योग मंत्रालय में इस संबंध में निर्णय लिया जा सका है।

क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल हुए सीएम रघुवर दास

 धनबाद के नावाडीह में आयोजित  हुआ समापन समारोह

राज्य के 4,400 पंचायत में खेल मैदान का निर्माण होगा-- रघुवर दास, मुख्यमंत्री झारखंड


नवाडीह, धनबाद।‘‘पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलो-कूदोगो तो बनोगे लाज़वाब’’। आम आदमी के सामने क्रीड़ा भारती का विशाल स्वरूप का उदय हुआ। इसके उदय से खेल के क्षेत्र को परम वैभव मिलेगा। इस तरह का अधिवेशन युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करेगा। प्रधानमंत्री जी खेलों इंडिया के माध्यम से खिलाड़ियों को मंच प्रदान कर उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान कर रहा है, जिसमें स्कूली बच्चों के साथ-साथ युनिवर्सिटी स्तर के युवाओं के खेल-कूद को बढ़ावा देना है। राज्य में भी खेल प्रतिभा की कमी नहीं है। खेल के क्षेत्र में कई कार्य हुए हैं प्रखंड और जिला स्तर पर कमल क्लब के गठन किया गया है। खेल एकडेमी के माध्यम से 400 बच्चों जो आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं। उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने यह बातें धनबाद के नावाडीह में आयोजित क्रीडा भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन समारोह में कही।

मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश से योगा का प्रदर्शन करने आये प्रमोद पटेल और गरिमा चौधरी को मुख्यमंत्री विवेकानुदान कोष से 3 लाख देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने श्री मोहन भागवत का भगवान बिरसा मुण्डा की धरती पर स्वागत करते हुए कहा कि ‘‘अखिल भारतीय क्रीड़ा मंच’’ का विशाल सम्मेलन और भव्य कार्यक्रम का आयोजन से राज्य में खेल को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के 4,400 पंचायत में खेल मैदान का निर्माण होगा। अगले साल पंचायत स्तर में खेल मैदानों को बहुत उच्च स्तर का रूप दिया जाएगा ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाडि़यों को अपनी प्रतिमा निखारने हेतु प्रशिक्षण दिया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के बालक एवं बालिकाओं के बीच फूटबॉल प्रतियोगिता पंचायत स्तर पर, प्रखण्ड स्तर पर, जिला स्तर से होते हुए राज्य स्तर पर आयोजित होती है। इस बार कुल 1,36,446 खिलाडि़यों ने भाग लिया, जिनमें 31,998 खिलाड़ी बालिकाएँ थीं। इस वर्ष झारखण्ड में चार खेलों हॉकी, फूटबॉल, तीरंदाजी एवं बुशु का राष्ट्रीय स्तर का स्कूल गेम्स फेडरेशन आयोजित कर रहा है। जिसमें बुशू की प्रतियोगिता 10-13 जनवरी, 2019 को आयोजित होनी है। राज्य में आवासीय एवं डे-बोर्डिंग प्रशिक्षण केन्द्र चल रहा है। आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र तथा 126 डे-बोर्डिग प्रशिक्षित विभिन्न विद्यालयों में चला रहें हैं।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि धनबाद के नावाडीह स्टेडियम का जीर्णोद्धार 4 करोड़ की लागत से होगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार तीरंदाजी, फूटबॉल, हॉकी एवं एथेलेटिक्स खेलों में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस खोला जा रहा है। जिनमें 16-22 वर्ष के बालक एवं बालिकाएँ को प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रत्येक एक्सीलेंस में 32-32 खिलाड़ी प्रशिक्षित किया जायेगा। यह केन्द्र रांची एवं देवघर में होंगे। अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाडि़यों को राज्य में सीधी नियुक्ति देने का कार्य कर रही है। छात्रवृति एवं सम्मान राशि इस योजना के तहत इस खिलाडि़यों जो राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेते है या पदक प्राप्त करते हैं इन्हें छात्रवृति एवं सम्मान राशि दी जाती है। इस वर्ष कुल 406 खिलाडि़यों को छात्रवृति एवं सम्मान राशि दी गई है।

खेल से स्वास्थ्य और शील तैयार होता है। भारत को खेल जगत में सिरमौर बनाना है- मोहन भागवत

श्री मोहन भागवत ने कहा कि खेल से स्वास्थ्य और शील तैयार होता है। इसके लिए आराम की परिस्थिति को छोड़ना पड़ता है। खेल के लिए संकल्प की जरूरत होती है। साथ ही खिलाड़ी को अपने अहंकार को पीछे छोड़ सामूहिकता व निःस्वार्थ भाव का प्रदर्शन करना होगा। खिलाड़ी, जातपात, धर्म नहीं जानता खिलाड़ी को अपना साथी मानकर खेलता है। यह एकता, सामूहिकता बनाने का माध्यम बनता है। यही कार्य क्रीड़ा भारती कर रहा है। क्रीड़ा भारती खेल के क्षेत्र में भारत को सिरमौर बनाने के लक्ष्य को लेकर चल रहा है। श्री भागवत ने कहा कि खेल इन सब के साथ मानसिक और चातुर्य बल प्रदान करने में सहायक बनता है।

श्री मोहन भागवत ने कहा कि लोग अपने बच्चों को मिलकर खेलने के लिए प्रेरित करें। खेल कोई भी बच्चा किसी भी बच्चे से जाति और धर्म नहीं पूछता। बच्चा सामूहिकता और एकता के साथ खेलता है। यही आगे चल कर सामूहिकता को बल प्रदान करेगा, जो भारत का कल्याण करेगा। क्योंकि क्षमता, शक्ति व शील देने वाला खेल ही बच्चों का गौरव बनाना चाहिए।

क्रीड़ा भारती के लक्ष्यों को पूरा करने का लक्ष्य लेकर जाएं- अमर कुमार बाउरी, मंत्री पर्यटन, कला संस्कृति एवं खेल-कूद

खेल खिलाड़ी की आत्मा, जुनून और भगवान होता है- चेतन चौहान

इससे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास,  मोहन भागवत, और क्रीड़ा भारती के अध्य्क्ष  चेतन चौहान ने परेड का निरीक्षण किया। साथ ही, क्रीड़ा भारती द्वारा प्रकाशित पुस्तक का लोकार्पण किया।

कार्यक्रम में मंत्री श्री अमर कुमार बाउरी, क्रीड़ा भारती के अध्यक्ष  चेतन चौहान, क्रीड़ा भारती के उपाध्यक्ष  नारायण सिंह राणा, कार्य अध्यक्ष चैतन्य कश्यप, राज चौधरी व अन्य उपस्थित थे।

विस्थापितों को मालिकाना हक देना सरकार की प्राथमिकताः रघुवर दास

 गरीबी उन्मूलन वर्ष होगा 2019




रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य को बसाने में विस्थापित परिवारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. झारखंड राज्य को विस्थापन विरासत में मिली थी. वर्तमान सरकार के गठन के बाद से ही सरकार का यह लक्ष्य रहा है कि पहले पुनर्स्थापन फिर विस्थापन. राज्य में जितने भी विस्थापित परिवार हैं उन्हें पक्के मकान बनाकर देना राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है. नवनिर्मित विधानसभा परिसर के आसपास क्षेत्र में जितने भी गरीब परिवार के लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं उन्हें किसी एक स्थान पर कॉलोनी बनाकर प्रति परिवार को 2 रूम, किचन, शौचालय वाला एक यूनिट सरकार द्वारा दिया जाएगा. आदर्श कॉलोनीे के तर्ज पर विकसित होने वाले कॉलोनी में मैरिज हॉल, पार्क इत्यादि की भी सुविधा रहेगी. गरीब परिवार के लोगों को घर के साथ साथ भोजन की भी व्यवस्था हो इसके लिए रोजगार भी उपलब्ध कराए जाएंगे. वैसे गरीब बच्चे-बच्चियां जो कम पढ़ी-लिखी हैं उन्हें हुनरमंद बनाया जाएगा. अनस्किल्ड बच्चे-बच्चियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर स्किल्ड बनाया जाएगा ताकि वे रोजगार से जुड़ सकें और सम्मान की जिंदगी जी पाएं. उक्त बातें मुख्यमंत्री  रघुवर दास ने हटिया विस्थापित परिवार समिति द्वारा आयोजित वनभोज सह सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहीं.

मुख्यमंत्री  रघुवर दास ने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा आपके जमीन पर ही बना है आपने विस्थापित होकर जमीन दिया है. आप सभी विस्थापितों का सर्वांगीण विकास हो यह सरकार की प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने विस्थापित परिवार के लोगों से यह अनुरोध किया कि वे अपने बच्चे बच्चियों को कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित अवश्य करें. आप अपने बच्चे बच्चियों का एक लिस्ट तैयार करें। राज्य सरकार उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत स्किल्ड करेगी. राज्य सरकार कौशल विकास के लिए 700 करोड़ रुपए की बड़ी राशि बजट में रखी है ताकि राज्य के युवा प्रशिक्षित होकर झारखंड के अलावा दूसरे राज्यों और शहरों में नौकरी पा सके. उन्होंने कहा कि राज्य में अभी बहुत सारे छोटे बड़े उद्योग स्थापित हो रहे हैं. टैक्सटाइल इंडस्ट्रीज के क्षेत्र में भी रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. हाल के दिनों में रांची के नामकुम में एक टैक्सटाइल इंडस्ट्री का उद्घाटन भी हुआ है जहां पर एक हजार युवक-युवतियों को नौकरी मिली है. अभी रांची में स्मार्ट सिटी, हाई कोर्ट, विधानसभा इत्यादि बने हैं जल्द ही नवनिर्मित इन आधारभूत संरचनाओं के आसपास क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा. प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, हाउसकीपिंग इत्यादि की आवश्यकता पड़ेगी. उन्होंने कहा कि हमारा मानव संसाधन दक्ष होगा तो रोजगार भी तेजी से बढ़ेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ हम सब की जिम्मेदारी है. राज्य सरकार जनवरी 2019 से मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत की जा रही है. इस योजना के तहत बेटी के जन्म पर उसकी मां के खाता में सीधे 5000 रुपए जमा किए जाएंगे. डीबीटी के माध्यम से पहली, पांचवी, आठवीं और 12वीं कक्षा में जाने पर 5000 रुपये सीधे मां के खाते में जमा किए जाएंगे. बेटी जब 18 साल की हो जाएगी और अविवाहित रहने पर उसकी मां के अकाउंट में सीधे 10000 रुपए जमा किए जाएंगे. इसके उपरांत उसके विवाह के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सीधे 30 हजार रुपए का लाभ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि बच्चियों का ड्रॉपआउट न हो. साथ ही साथ कम उम्र में बच्चों की शादी नहीं हो इसके लिए प्रोत्साहन राशि 18 वर्ष तक दी जाएगी.

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वर्तमान सरकार महिलाओं के सम्मान में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक उन्नयन हो इसके लिए सखी मंडलों को बैंक से ऋण मुहैया कराकर कई प्रकार के विभिन्न रोजगार से जोड़ा गया है. देश में झारखंड पहला ऐसा राज्य है जहां पर महिलाओं के नाम पर 50 लाख तक की संपत्ति की रजिस्ट्री मात्र ₹1 में कराई जा रही है. राज्य की 1 लाख 20 हजार महिलाओं ने अब तक इसका लाभ लिया है और अपने संपत्ति की मालकिन बनी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन गांव, गरीब और किसान को देखते हुए किया है. किसानों की आय दोगुनी करना सरकार की प्राथमिकता है. सरकार ने किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए यह घोषणा की है कि राज्य के किसानों को हरेक वर्ष खरीफ फसल के लिए प्रति एकड़ ₹5000 की सहायता राशि खाद एवं बीज खरीदने के लिए दी जाएगी. किसान वर्ग के लोग अपने विवेक से पैदावार बढ़ाने के लिए इस राशि का उपयोग कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने लोगों से यह अपील किया कि जैविक खेती की ओर किसान ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें. किसान द्वारा उत्पादित सब्जियों का मार्केटिंग राज्य सरकार करेगी. झारखंड की सब्जियों की डिमांड यूरोप और दुबई जैसे कई देशों में काफी है. बाजार सरकार उपलब्ध कराएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार गरीबों के उन्नयन के प्रति समर्पित सरकार है. उन्होंने कहा कि मैं भी एक गरीब परिवार से ही आया हूं. इस गरीब परिवार के लड़के को आप सबों ने राज्य का मुख्य सेवक बनने का मौका दिया है. मैं आप सबों को यह विश्वास दिलाता हूं कि वर्ष 2019 गरीबी उन्मूलन का वर्ष होगा. गांव गरीब और किसान समृद्ध होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि 2022 तक सभी गरीब बेघर लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है परंतु राज्य कि वर्तमान सरकार का लक्ष्य है कि 2020 तक ही हम राज्य के सभी गरीब बेघर लोगों को घर उपलब्ध कराएं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में बदलाव के लिए आया हूं. आप सभी को साथ जोड़कर आगे बढ़ना है. विस्थापित परिवारों को राज्य सरकार पट्टा उपलब्ध करवा रही है ताकि उन्हें पहचान पत्र इत्यादि बनाने में कोई दिक्कत नहीं हो. राज्य सरकार विस्थापितों को मालिकाना हक दे रही है. जिस आशा और उम्मीद के साथ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग राज्य का निर्माण कराया था उस उम्मीद और आशा पर हमें खरा उतरना है. राज्य बनने के बाद 14 वर्ष दुर्भाग्यवश राजनीतिक स्थिरता रहने के कारण जितना विकास होना था उतना विकास अभी नहीं हो पाया है. अभी और अच्छे काम करने बाकी हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनभोज के माध्यम से आप सबों के बीच आने का अवसर मिला है. समिति को मैं साधुवाद देता हूं और यह मैं आश्वस्त करता हूं कि आप विस्थापित परिवारों की छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण जल्द ही कर दिया जाएगा.

इस अवसर पर विधायक राम कुमार पाहन, हटिया विस्थापित परिवार समिति के अध्यक्ष  पंकज शाहदेव, उपाध्यक्ष  कलाम आजाद, उपाध्यक्ष मेघनाथ महत्व, संरक्षक करमा उरांव, संरक्षक अशोक शाहदेव, सचिव  महावीर मुंडा, सदस्य झारखंड राज्य स्वतंत्रता सेनानी कोष लाल प्रवीर नाथ शाहदेव सहित हटिया विस्थापित परिवार के लोग एवं अन्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

जेटा डायरी के 19 वें संस्करण का विमोचन


विकास में व्यवसायियों की अहम भूमिका : महेश पोद्दार

रांची। समाज व देश के आर्थिक व सामाजिक विकास में व्यवसायियों की अहम भूमिका है। व्यावसायिक संगठनों के माध्यम से आर्थिक विकास को गति मिलती है। उक्त बातें राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने रविवार को झारखंड इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन के डायरी विमोचन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि जेटा न सिर्फ अपने संगठन बल्कि समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए सामाजिक और आर्थिक विकास में सहभागिता निभा रहा है। उन्होंने व्यवसायियों को सामाजिक और आर्थिक विकास की रीढ़ बताया। मौके पर विशिष्ट अतिथि नगर निगम के उप महापौर संजीव विजयवर्गीय, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दीपक मारू ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए। स्वागत भाषण व विषय प्रवेश जेटा के अध्यक्ष जुगल केडिया ने दिया। उन्होंने जेटा के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जेटा के पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल अग्रवाल को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए लाइफ टाइम एचिवमेंट दिया गया। मंच संचालन जेटा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने किया। समारोह में जेटा के महासचिव पंकज कुमार ठक्कर, डायरी कमिटी के चेयरमैन नीतीश बागला, पूर्व अध्यक्ष विष्णु बुधिया, वेद प्रकाश बागला, मनोहर गुप्ता, राजेश अग्रवाल, संजय जौहर,प्रमोद सिंघानिया, राम बागड़, विजय मक्कड़, चेबर के पूर्व चेयरमैन पवन शर्मा सहित काफी संख्या में जेटा के सदस्य व अन्य व्यावसायिक संस्थाओं के प्रतिनिधिगण मौजूद थे।

शनिवार, 29 दिसंबर 2018

श्रीमद्भागवत कथा का समापन





jरांची। मारवाड़ी भवन हरमू में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी ने
श्रीकृष्ण भक्त एवं बाल सखा सुदामा के चरित्र का वर्णन किया।

आचार्य गोस्वामी ने कृष्ण और सुदामा के प्रसंग सुनाते हुए कहा कि, सुदामा के आने की खबर पाकर श्रीकृष्ण दौड़ते हुए दरवाजे तक गए थे।

योगेश्वर श्री कृष्ण अपने बाल सखा सुदामा जी की आवभगत में इतने विभोर हो गए के द्वारका के नाथ हाथ जोड़कर और अपने बाहों में भरकर जल भरे नेत्रो से सुदामा जी का हाल चाल पूछने लगे। कथा व्यास ने कहा कि, 'स्व दामा यस्य स: सुदामा' अर्थात अपनी इंद्रियों का दमन कर ले वही सुदामा है।

उन्होने बताया कि कभी भी मित्र के साथ धोखा नही करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भागवत कथा ही ऐसी कथा है  जिसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है। भगवान कृष्ण के समान कोई सहनशील नही है। क्रोध हमेशा मनुष्य के लिए कष्टकारी होता है। कृष्ण भक्त वत्सल हैं। सभी के दिलों में विहार करते हैं। जरूरत है तो सिर्फ शुद्ध ह्रदय से उन्हें पहचानने की।

कथा व्यास ने सुदामा चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि मनुष्य स्वंय को भगवान बनाने के बजाय प्रभु का दास बनने का प्रयास करे क्यों कि भक्ति भाव देख कर जब प्रभु में वात्सल्य जागता है तो वे सब कुछ छोड कर अपने भक्तरूपी संतान के पास दौडे चले आते हैं। गृहस्थ जीवन में मनुष्य तनाव में जीता है जब कि संत सद्भाव में जीता है। यदि संत नहीं बन सकते तो संतोशी बन जाओ। संतोश सबसे बडा धन है। उन्होंने कहा कि, सुदामा की मित्रता भगवान के साथ नि:स्वार्थ थी उन्होने कभी उनसे सुख साधन या आर्थिक लाभ प्राप्त करने की कामना नहीं की। लेकिन सुदामा की पत्नी द्वारा पोटली में भेजे गये चावलों में भगवान श्री कृष्ण से सारी हकीकत कह दी और प्रभु ने बिन मांगे ही सुदामा को सबकुछ प्रदान कर दिया।

उन्होंने ने गुरु भक्ति पे कहा कि, पापों का नाश करने के लिए भगवान धरती पर अवतार लेते हैं। धरती पर आने के बाद भगवान भी गुरु की भक्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि सच्चे गुरु के आशीर्वाद से जीवन धन्य हो जाता है। कलयुग में माता-पिता और गुरु भक्ति करने से पापों का नाश होता है।

कथावाचक ने कहा, जब सत्संग में जाएं तो सिर्फ कान न खोलें बल्कि आंख भी खोल कर रखें। उन्होंने कहा, मनुष्य को आत्मचिंतन और आत्म साक्षात्कार की आवश्यकता है।कथा केवल सुनने के लिए नहीं है बल्कि इसे अपने जीवन में उतारें इसका अनुसरण करें।

उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित को कथा के सातवें दिन ही मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। उन्होंने बताया कि बलराम पहले अपने धाम के लिए प्रस्थान किये। उसके बाद भगवान इस लोक को छोड़कर अपने धाम के लिए गमन कर गए। उन्होंने शुकदेव की विदायी, कंस वध के बारे में भी विस्तार पूर्ण वर्णन किया।

कथा के समापन के अवसर पर उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य अर्पण करें, भगवान को भोग लगाएं, गाय को रोटी दें और अपने आत्मविश्वास को हमेशा कायम रखें। अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा अच्छे कार्यों के लिए अवश्य निकालें। उन्होंने भगवत गीता के प्रथम और अंतिम श्लोक के साथ इस कथा का समापन किया।

कथा समापन के पश्चात मंगल आरती का पाठ किया गया। फूलों की होली खेली गयी व भक्तो के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

कथा के अंतिम दिन के यजमान नारायण जालान, राजू पोद्दार, कृष्णा अग्रवाल जमशेदपुर, आयुष अग्रवाल, रोहित पोद्दार, कुणाल शर्मा, सोनू टाटा, श्रवण जालान, शंकर लाल अग्रवाल, प्रवीण नारसरिया, अजय कुमार पोद्दार, राज कुमार गाड़ोदिया, सुभाष अग्रवाल, पवन हलवाई थे।

मुख्य अतिथि के रूप में राँची के लोकसभा सांसद रामटहल चौधरी, राज्य सभा सांसद महेश पोद्दार , उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय, विश्व हिंदू परिषद के संत प्रमुख डॉक्टर स्वामी दिव्यानंद जी, महिला आयोग सदस्य आरती राणा, राँची एसएसपी अनीश गुप्ता उपस्थित थे।

सहयोगी संस्था मारवाड़ी युवा मंच ने कथा समापन के पश्चात बताया कि 30 दिसम्बर को प्रातः 11 : 00 बजे मारवाड़ी भवन में भव्य भंडारा का आयोजन किया गया है। 

आयोजन को सफल बनाने में मारवाड़ी युवा मंच राँची शाखा के सदस्य के रोहित शारदा, विष्णु प्रसाद, वरुण जालान, अनु पोद्दार, वर्तमान अध्यक्ष तुषार विजयवर्गीय, राजू खेतान, किरण खेतान, मीना टाईवाला, डिंपल सोनी, मनीष लोधा, सचिन मोतिका, दीपक गोयनका, रोहित पोद्दार, राजेश अग्रवाल, कन्हैया लाल भरतिया, अभिषेक चौधरी, अजय डिडवानिया, अमित सेठी, प्रमोद मोदी, संजय बजाज, अजय खेतान, अखिल टिकमानी, अर्पण जालान, आशीष जालान, सुनील जालान, सुभाष अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल, रौनक पोद्दार, विकास गोयल, गौतम अग्रवाल सहित अन्य सदस्यों की मुख्य भूमिका रही।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...