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गुरुवार, 8 अगस्त 2019

जनजातीय उद्यम पर राष्ट्रीय कार्यशाला


रांची। केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुण्डा ने आज नई दिल्ली में ट्राईफेड तथा जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित शहद, बांस और लाह पर फोकस के साथ जनजातीय उद्यम पर राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री  रेणुका सिंह, मंत्रालय के सचिव दीपक खाण्डेकर और ट्राईफेड के प्रबंधन निदेशक प्रवीर कृष्णा उपस्थित थे। श्री मुण्डा ने बांस तथा बांस अर्थव्यवस्था, लाह तथा शहद पर रिपोर्ट जारी की। इस राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन बांस, शहद और लाह पर जनजातीय उद्यम को प्रोत्साहित करने में कार्य योजना को प्रखर बनाने के लिए किया गया।

अपने उद्घाटन भाषण में अर्जुन मुण्डा ने कहा कि इस तरह के प्रयासों का फोकस केवल रोजगार सृजन तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि बाजार की आवश्यकताएं पूरी करने पर फोकस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समर्थन प्रणाली और अनुसंधान बाजार प्रेरित होने चाहिए और बाजार में मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों के लिए बाजार को नवाचारी और अनुसंधान आधारित होना चाहिए। उत्पादों की गुणवत्ता और कीमतें भी उचित ढ़ंग से बनाई रखी जानी चाहिए। जनजातीय लोगों के साथ उद्यमी की तरह व्यवहार करने चाहिए और उन्हें टेक्नोलॉजी में उन्नत बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
इस अवसर पर रेणुका सिंह ने कहा कि ऐसी पहलों से वन धन विकास केन्द्र मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि वन धन, जनधन और पशुधन के एकीकरण से जनजातीय लोगों की जिन्दगी में सुधार आए। वन धन योजना में जनजातीय लोगों को समर्थन देने के लिए स्वयं सहायता समूहों का क्लस्टर है और यह वन क्षेत्रों में तथा आसपास रहने वाले लोगों की पारिवारिक आय का मुख्य स्रोत है।

अपने स्वागत भाषण में दीपक खाण्डेकर ने कहा कि वन धन योजना के लिए बांस, शहद और लाह को शामिल करने का कारण यह है कि ये सामग्रियां पहले से बाजार में हैं और उत्पादकों यानी जनजातीय उद्यमियों को खरीद-प्राथमिक स्तर की प्रोसेसिंग, भण्डारण, मूल्यवर्धन और विपणन श्रृंखला तक ले जाने में सहायक हैं।
उद्घाटन सत्र के बाद बांस उत्पादों, लाह उत्पादों और शहद पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने इन उत्पादों से संबंधित सफलता की गाथाओं, उत्पादन, उपयोग और व्यवसाय पर प्रेजेन्टेशन दिया। राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्देश्य बांस, शहद और लाह के क्षेत्र में कौशल और स्थानीय संसाधनों पर आधारित जनजातीय उद्यम स्थापित करने के लिए रणनीति बनाना है। कार्यशाला में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने विचार –विमर्श किया और कार्य योग्य तथा वाणिज्यिक रूप से व्यवहारिक जनजातीय उद्यम स्थापित करने के बारे में अपनी राय प्रकट की।


बुधवार, 7 अगस्त 2019

कृषि और खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद निर्यात को लेकर कार्यशाला का आयोजन

उद्योग विभाग के सचिव श्री के रवि कुमार और उद्योग निदेशक मुकेश कुमार ने संबोधित किया
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★ निर्यातकों को माकूल सुविधाएं दे रही सरकार

★ झारखंड के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादो को विदेशों में मिले बाजार

★ जमशेदपुर में कंटेनर डिपो और साहेबगंज में गंगा नदी पर मल्टी म़ॉडल टर्मिनल से झारखंड के उत्पादों के निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

★ राज्य में 73 फूड प्रॉसेसिंग यूनिटों से कृषिगत उत्पादों को हो रहा बेहतर इस्तेमाल, किसानों को भी हो रहा फायदा

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जमशेदपुर। झारखंड में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात की काफी संभावनाएं हैं. इसे बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस दिशा में 73 फूड प्रोसेसिंग यूनिट सफलतापूर्वक काम कर रहा है और 43 यूनिटों को खोलने की प्रक्रिया चल रही है. इसके साथ कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए साहेबगंज जिले में गंगा नदी पर मल्टी मॉडल टर्मिनल लगभग बनकर तैयार है और अक्टूबर में इसका उद्घाटन होने की संभावना है. जमशेदपुर जिले में भी कंटनेर डिपो को सितंबर माह में चालू कर दिया जाएगा. उद्योग विभाग के सचिव के रवि कुमार ने बुधवार को होटल होलिडे होम में प्रमोशन आफ एग्रीकल्चरल एंड प्रोसिस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए ये बातें कही. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण (एपीईएडी) के सहयोग से आय़ोजित इस कार्यशाला में उन्होंने कहा कि किसानों की समृद्धि और उनकी आय़ को 2022 तक दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि उत्पादों का निर्यात करने वालों को सरकार की ओर से सभी जरुरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.

राज्य से सालाना 8500 करोड़ रुपए का हो रहा निर्यात

उद्योग सचिव ने बताया कि झारखंड से हर साल लगभग 8500 करोड़ रुपए का निर्यात हो रहा है. अब सरकार का जोर कृषिगत उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर है. इस दिशा में फूड प्रॉसेसिंग पॉलिसी क्रियान्वित की गई है. इसमें सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए यूरोप और गल्फ कंट्री समेत अन्य देशों में निर्यातकों को यहां के उत्पादों के साथ निर्यात करने की सभी जानकारी मुहैय्या कराई जा रही है. इतना ही नहीं, यहां के किसानों को बेहतर तरीके से कृषि करने की जानकारी लेने के लिए इजरायल भी भेजा गया. वहां से प्रशिक्षण लेकर आए किसान अन्य किसानों के प्रशिक्षित कर रहे हैं कि कैसे जमीन और जल प्रबंधन कर ज्यादा सेज ज्यादा फसलों का उत्पादन किया जा सकता है. यहां के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की जानकारी विदेशों तक पहुंचाने और एक्सपोटर्स और किसानों को उत्पादन और बाजार के बारे में बताने के लिए ग्लोबल फूड समिट का आयोजन किया गया. सरकार के इन प्रयासों का नतीजा है कि कृषिगत उत्पादों खासकर वेजिटेबल्स के निर्यात को लेकर एंटरप्रेन्योर्स में रुचि जगी है और वे लगातार आगे आ रहे हैं.

 झारखंड के वेजिटेबल्स के विदेशों में निर्यात की है काफी संभावनाएं

उद्योग विभाग के निदेशक श्री मुकेश कुमार ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में वेजिटेबल्स उत्पादों के विदेशों में निर्यात की काफी संभावनाएं हैं. यहां की मिट्टी और मौसम कटहल, मटर, बीन, ईमली, भिंडी आदि के उत्पादन के लिए काफी अनुकूल है. ऐसे में अंतराराष्ट्रीय मानकों के अनुकूल इसका उत्पादन, क्वालिटी और पैकेजिंग कर निर्यात किया जा सकता है. उन्होंने कार्य़शाला मे फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्टेक होल्डर्स को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाते हुए इस दिशा में आगे आऩे के लिए प्रेरित किया. उन्होंने निर्यात के क्षेत्र में काम कर रहे एंटरप्रेन्योर्स से कहा कि वे जिन किसानों से उत्पाद खरीदते हैं उसका बाजार मूल्य से 10 से 15 प्रतिशत ज्यादा कीमत उन्हें दे, ताकि वे इन उत्पादों के उत्पादन को और बढ़ाएं. इतना ही नहीं, किसानों को अपने साथ कनेक्ट करते हुए उन्हें निर्यात के लिहाज से उत्पादों की खेती के लिए प्रशिक्षण भी दें.

इस कार्यशाला को कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण (एपीईएडी) की असिस्टेंट जेनरल मैनेजर श्रीमती समिधा गुप्ता ने भी संबोधित किया. इसके अलावा निर्यातक व जेसीबी एग्रो फ्रेश के रितम सिन्हा और आल सेशन फार्म फ्रेश के मोहम्मद अब्दुल हमीद ने भी अपने विचारों को साझा किया. इस मौके पर फूड प्रॉसेसिंग के क्षेत्र में काम कर रहे एंटरप्रेन्योर्स और स्टेक होल्डर्स भी मौजूद थे.

शनिवार, 27 जुलाई 2019

नेशनल माइनिंग,मेटल्स व मेटलर्जी पर एसोचैम की कार्यशाला आयोजित


औद्योगिक इकाइयां पर्यावरण संरक्षण का भी रखें ध्यान : सरयू राय

रांची। औद्योगिक विकास के लिए समेकित पहल वह सामूहिक प्रयास किया जाना जरूरी है। इससे देश व राज्य समृद्ध होता है। औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलता है। उक्त बातें राज्य सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कही। श्री राय आज एसोचैम द्वारा नेशनल माइनिंग,मेटल्स व मेटलर्जी पर होटल बीएनआर चाणक्य में आयोजित कार्यशाला सह सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्खनन के दौरान पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखा जाना जरूरी है। उद्योग लगाने में यह ख्याल रहे कि वनों की अंधाधुंध कटाई न हो, प्रकृति और वन्य जीवों को सरंक्षित रखना भी आवश्यक है, तभी उद्योग-धंधे भी फलेेंगे-फूलेंगे और हमारा संसार भी सुरक्षित रहेगा। खनिज प्राकृतिक संसाधनों की श्र्रेणी में आता है। इसके दोहन के क्रम में पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इस दिशा में सामुहिक प्रयास से हम देश व राज्य को आगे ले जाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण में खनिज व धातुओं की महत्ता से इंकार नहीं किया जा सकता है। उद्योगों के क्षेत्र में नित नए अनुसंधान और विकास हो रहे हैं। इसका लाभ उठाने की आवश्यकता है। इस दिशा में नई चुनौतियां भी हैं। इन चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ें। नई तकनीकों, नये उपकरणों का इस्तेमाल कर झारखंड के औद्योगीकरण की दिशा में संयुक्त पहल करने की उन्होंने अपील की। सम्मेलन में स्वागत भाषण एसोचैम के रिजनल डायरेक्टर भरत कुमार जायसवाल ने दिया। इस अवसर पर झारखंड सरकार के खान व भूतत्व विभाग के सचिव अबु बकर सिद्धिकी, उद्योग निदेशक मुकेश कुमार, यूरेनियम कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक एके सारंगी, इलेक्ट्रो स्टील लिमिटेड के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी पंकज मल्हान,जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के उप महाप्रबंधक अरुणेष भारती ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला में राष्ट्रीय आर्थिक विकास के क्षेत्र में खनन सेक्टर की सहभागिता और खनन क्षेत्र का भविष्य, संभावानाएं व चुनौतियां विषय पर भी चर्चा की गई। 
* उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए मिला पुरस्कार
खनन सहित अन्य क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए  एसोचैम की ओर से कंपनियों व उनके अधिकारियों को सम्मानित किया गया। हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड को इनोवेटिव माईनिंग के लिए पुरस्कृत किया गया। वहीं, जेएसपीएल के अधिकारी एनए अंसारी को सीईओ आॅफ द ईयर, इलेक्ट्रो स्टील के डिप्टी सीईओ पंकज मल्हान को उत्खनन के क्षेत्र में उत्कृष्ट सहयोग के लिए व इलेक्ट्रो स्टील के ही एक अन्य अधिकारी बी एक्का को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया। उक्त लोगों को मंत्री सरयु राय के हाथों सम्मान प्राप्त हुआ। इस अवसर पर काफी संख्या में खनन क्षेत्र की कंपनियों के प्रतिनिधि व विशेषज्ञ  उपस्थित थे।

शनिवार, 22 जून 2019

दो दिवसीय झारखंड स्टार्टअप हैकाथन 2019 का उद्घाटन

देखें वो सब जो सभी देखते हैं, लेकिन हम सोचे वो जो बहुत थोड़े लोग ही सोचते हैः मुख्य सचिव

रिसर्च, इनोवेटिव आइडिया और वैल्यू एडिशन है स्टार्टअप का मूल फंडा


रांची। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने स्टार्टअप को समय की मांग बताते हुए इससे जुड़नेवालों से कहा कि देखें वो सब जो सभी देखते हैं, लेकिन हम सोचे वो जो बहुत थोड़े लोग ही सोचते है। जीवन के हर क्षेत्र में यही आपको दूसरे से अलग करेगा। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में ऋषि-मुनियों की चिंतन परंपरा से हमें जीवन को आसान बनाने के टिप्स मिलते थे। आज के डिजिटल युग की समस्याएं और आवश्यकताएं अलग हैं। इसलिए उसका समाधान भी अलग होगा और समाधान की राह रिसर्च, इनोवेटिव आइडिया और वैल्यू एडिशन से होकर निकलेगी। स्टार्टअप का मूल फंडा भी यही है। मुख्य सचिव शनिवार को होटल बीएनआर चाणक्या में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय झारखंड स्टार्टअप हैकाथन 2019 के उद्घाटन के अवसर पर पूरे देश से चयनित होकर आए स्टार्टअप इंटरप्रेन्योर को संबोधित कर रहे थे।

स्टार्टअप की यहां है जरूरत
मुख्य सचिव ने कहा कि अस्पताल, ट्रैफिक, बिजली, पानी, प्रदूषण, कचरा प्रबंधन जैसे तमाम सरकारी सेवा के क्षेत्र हैं, जहां राज्य को इनोवेटिव अइडिया के साथ स्टार्टअप की जरूरत है। वहीं राज्य में अनेक भाषा-भाषी के लोग हैं, जिनके स्पीच और स्क्रिप्ट को रियल टाइम अनुवाद के स्टार्टअप की जरूरत है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले चीनी राजदूत मुख्यमंत्री से मिलने आए थे, उनके कान में एक ऐसा डिवाइस लगा था, जो मुख्यमंत्री की हिंदी को चीनी भाषा में तत्काल अनुदित कर रहा था।

झारखंड सरकार दे रही स्टार्टअप को बढ़ावा
मुख्य सचिव ने बताया कि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार की सुस्पष्ट पॉलिसी है। इसके तहत ग्रुप के हर सदस्य को 8500 रुपये स्टाइपेंड दी जाती है। साथ ही प्रोटोटाइप डेवलपमेंट के लिए 10 लाख रुपये तक, रेंटल रिब्रसमेंट का 50 फीसदी, पेटेंट के लिए आवेदन देने का सौ फीसदी तथा एसजीएसटी के लिए सौ फीसदी सहायता का प्रावधान है। हैकाथन में हिस्सा ले रहे प्रतियोगियों को कुल छह क्षेत्रों में झारखंड सरकार को इनोवेटिव साल्यूशन देना है। इसमें निबंधित 400 प्रविष्टियों में से 50 को झारखंड सरकार ने चुना है। इसमें से चयनित सबसे अच्छे प्रोजेक्टों को एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा। वहीं स्कूलों के वर्ग नौ से 12 तक के जूनियर इनोवेटर को 50 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया जाएगा।

नया क्षेत्र खोजें युवा
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके अलावा भी अनेक क्षेत्र हैं, जहा अभी तक कुछ नया काम नहीं हुआ है, ऐसे क्षेत्र और विषय को युवा खोजें और स्टार्टअप करें। झारखंड सरकार उन्हें अपनी पॉलिसी के तहत प्रोत्साहन देगी। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक झारखंडी युवा ने साइकिल में मोटर को सोलर पैनल से जोड़कर मोटरसाइकिल बनाया है। यह प्रदूषण रहित और बिना तेल-पानी (खर्चे) से चलेगा। उन्होंने हैकाथन में देश भर से जुटे युवाओं से अपील की कि वे भी कुछ ऐसी ही आइडिया के साथ स्टार्टअप की दुनिया में प्रवेश करें। उन्होंने स्टार्टअप के माध्यम से युवाओं को लीडर ऑफ द वर्ल्ड बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इसी विजन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की ओर प्रयत्नशील हैं।

स्टोन एज से डिजिटल एज में पहुंच गए होः आईटी सचिव
आईटी सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि आज हम स्टोन एज से डिजिटल एज में पहुंच गए हैं। झारखंड का आईटी विभाग इनोवेशन और आइडिया को प्रमोट कर रहा है। अपनी पॉलिसी के तहत इंसेन्टिव और ग्रांट दे रहे हैं। बस जरूरत है स्टार्टअप के क्षेत्र में नये विजन के साथ आगे बढ़ने की।
हैकाथन में अमेजन के सचिन पुनयानी, नासकॉम के निरूपम चौधरी, लेट्सवेंचर के संजय कुमार झा और इनट्इट के विशी रंगनाथ, आइआइएम के अनिश सुगाथम तथा आईटी डायरेक्टर उमेश साह ने भी स्टार्टअप को लेकर अपने विचार रखे।

गुरुवार, 13 जून 2019

आठ दिवसीय विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप 23 जून से


फिल्म मेकिंग के गुर सिखाएंगे विशेषज्ञ

रांची। कला और सिनेमा की आधारभूत समझ और तकनीकी पहलुओं की जानकारी देने के लिए 23 से 30 जून तक रांची में विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। राज्य के युवाओं को विजुअली कहानी कहने व फिल्ममेकिंग के गुर सिखाने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा की ओर से किया जा रहा है। सप्ताह भर चलने वाले इस विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप में झारखंड व देश के सुप्रसिद्ध लेखक, पत्रकार, स्टोरीटेलर और फिल्ममेकर क्लास लेंगे। कार्यशाला के निदेशक हैं जाने-माने फिल्मकार और फिल्म एवं टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के रंजीत उरांव। विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप के बारे में जानकारी देते हुए अखड़ा की महासचिव वंदना टेटे और कार्यशाला निदेशक रंजीत उरांव ने बताया कि कार्यशाला निःशुल्क है, लेकिन इच्छुक प्रतिभागियों को इसमें भाग लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। फिल्ममेकर रंजीत ने कहा कि झारखंड में प्रतिभा, कहानी और लोकेशंस की कमी नहीं है। झारखंडी और आदिवासी भाषाओं में बहुत सारी फिल्में भी यहां के युवा लोग बना रहे हैं। लेकिन कला और सिनेमा की समझ, तकनीक, वित्तीय समर्थन, स्क्रीनिंग और प्रोत्साहन का अभाव है। हमारी कोशिश है कि इस वर्कशॉप के माध्यम से हम इस कमी को दूर करने की दिशा में कुछ पहल कर सकें।
झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा की महासचिव वंदना टेटे ने कहा कि फिल्म एक लोकप्रिय विधा है। इसलिए हर कोई अपनी कहानी और कल्पनाओं को विजुअली दुनिया को सुनाना और दिखाना चाहता है। पर झारखंड में फिल्म निर्माण और प्रशिक्षण संस्थान का अभाव है। आदिवासी और झारखंडी कला की दृष्टि से यहां आज तक सिनेमा पर कोई पहल नहीं हुई है। विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप में झारखंड के पहले हिंदी फिल्मकार और ‘आक्रांत’ फेम डा. विनोद कुमार, जानी-मानी डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का प्रदर्शन करेंगे।

बुधवार, 19 दिसंबर 2018

झारखंड में सभी बेघरों को मिलेगा घरः रघुवर दास


रांची। झारखंड में वर्ष 2020 तक नगरीय क्षेत्रों के सभी बेघरों को घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक हर बेघर को घर देने का लक्ष्य तय किया है। उन्हीं के दिशा निर्देशों पर चलते हुए झारखंड सरकार इस लक्ष्य को वर्ष 2020 तक पूरा करने का प्रयास कर रही है। इसको पूरा करने के लिए समयबद्ध रोड मैप बनाने की जरूरत है। कितने बेघर हैं, उनसे किस प्रकार घर का आवेदन लिये जाएंगे, किस प्रकार आवंटन किया जाएगा इन सबका रोड मैप तैयार करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी द्वारा आयोजित कार्यशाला में कहीं। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ले और जनवरी से काम में हाथ लगा दे, तभी समय पर लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा।

योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने नियमों को आसान किया है ताकि काम में किसी प्रकार की अड़चन में आए और योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे। यह काम हमें मिशन मोड में करना है। किसी गरीब को घर मिलेगा तो इससे बड़े बढ़कर कोई पुण्य का काम नहीं हो सकता।

कोई बिचौलिया ना हो, काम पारदर्शी तरीके से हो
उन्होंने कहा इसका भी ख्याल रखे कि कोई बिचौलिया इसमें दिक्कत ना करें। काम पारदर्शी तरीके से हो इसमें वार्ड पार्षद से लेकर महापौर तक और इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभी लोग टीम वर्क के रूप में काम करें ताकि हर गरीब को घर का प्रधानमंत्री जी का सपना पूरा हो सके।

कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, नगर के वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, नगर विकास सचिव श्री अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार वर्णवाल, श्री आशीष सिंहमार, विभिन्न नगर निकायों के महापौर, उपमहापौर, अध्यक्ष उपाध्यक्ष, क्रेडाई के प्रतिनिधि, बैंकर्स, डेवलपर्स समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

गुरुवार, 23 अगस्त 2018

दिव्यांग जनों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला




रांची। दिव्यांग जनों के सशक्तीकरण हेतु राज्य स्तरीय तीन दिवसीय नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन वर्ल्ड विजन इंडिया द्वारा अमलतास होटल अशोक नगर रांची में 21 अगस्त 2018 से 23 अगस्त 2018 तक आयोजित किया गया |
 जिसके समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी - सह-संयुक्त सचिव महादेव धान एवं विशेष अतिथि उप निर्वाचन पदाधिकारी निर्वाचन आयोग के राजेश रंजन वर्मा उपस्थित हुए |

महादेव  धान ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार निर्वाचन आयोग सुगम मतदान वर्ष घोषित किया है जिसके अंतर्गत दिव्यांग जनों के लिए मतदान केंद्रों पर बाधा रहित वातावरण तैयार करने के लिए व्हीलचेयर, रैंप, दृष्टिबाधितों के लिए वोटिंग मशीन में ऑडियो, विशेष लाइन एवं विशेष केंद्र इत्यादि  की व्यवस्था किया जाएगा एवं जिनका  नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़ पाया है उन सभी दिव्यांग जनों के लिए विशेष कैंप 13 एवं 14 अक्टूबर 2018 को सभी मतदान केंद्रों का आयोजित किया जाएगा जो दिव्यांगजन मतदान केंद्रों पर जाने में सक्षम नहीं है उन्हें घर पर जाकर ही नाम जोड़ने की व्यवस्था की गई है |
इस मौके पर उप निर्वाचन पदाधिकारी राजेश रंजन वर्मा ने कहा कि राज्य के सभी जिले  में इस प्रकार के कार्यशाला का आयोजन झारखंड विकलांग मंच के माध्यम से किया जाएगा ताकि समाज में जागरूकता लाया जा सके| |

 इस मौके पर झारखंड विकलांग मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने कहा कि हमारा मंच बाधारहित मतदान के लिए वर्ष 2009 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया था जिसके उपरांत माननीय उच्च न्यायालय ने सभी केंद्रों को बाधारहित करने का आदेश दिया था तब से अभी तक विकलांग मंच बाधारहित  मतदान के लिए कई प्रकार के अभियान चला रखा है और हमारा मंच निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर बाधा रहित मतदान अभियान में अहम भूमिका निभाएगा |

वर्ल्ड विजन इंडिया  के जैकब जी ने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम में हमारी संस्था मदद करेगी

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...