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गुरुवार, 13 जून 2019

आठ दिवसीय विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप 23 जून से


फिल्म मेकिंग के गुर सिखाएंगे विशेषज्ञ

रांची। कला और सिनेमा की आधारभूत समझ और तकनीकी पहलुओं की जानकारी देने के लिए 23 से 30 जून तक रांची में विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। राज्य के युवाओं को विजुअली कहानी कहने व फिल्ममेकिंग के गुर सिखाने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा की ओर से किया जा रहा है। सप्ताह भर चलने वाले इस विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप में झारखंड व देश के सुप्रसिद्ध लेखक, पत्रकार, स्टोरीटेलर और फिल्ममेकर क्लास लेंगे। कार्यशाला के निदेशक हैं जाने-माने फिल्मकार और फिल्म एवं टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के रंजीत उरांव। विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप के बारे में जानकारी देते हुए अखड़ा की महासचिव वंदना टेटे और कार्यशाला निदेशक रंजीत उरांव ने बताया कि कार्यशाला निःशुल्क है, लेकिन इच्छुक प्रतिभागियों को इसमें भाग लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। फिल्ममेकर रंजीत ने कहा कि झारखंड में प्रतिभा, कहानी और लोकेशंस की कमी नहीं है। झारखंडी और आदिवासी भाषाओं में बहुत सारी फिल्में भी यहां के युवा लोग बना रहे हैं। लेकिन कला और सिनेमा की समझ, तकनीक, वित्तीय समर्थन, स्क्रीनिंग और प्रोत्साहन का अभाव है। हमारी कोशिश है कि इस वर्कशॉप के माध्यम से हम इस कमी को दूर करने की दिशा में कुछ पहल कर सकें।
झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा की महासचिव वंदना टेटे ने कहा कि फिल्म एक लोकप्रिय विधा है। इसलिए हर कोई अपनी कहानी और कल्पनाओं को विजुअली दुनिया को सुनाना और दिखाना चाहता है। पर झारखंड में फिल्म निर्माण और प्रशिक्षण संस्थान का अभाव है। आदिवासी और झारखंडी कला की दृष्टि से यहां आज तक सिनेमा पर कोई पहल नहीं हुई है। विजुअल स्टोरीटेलर वर्कशॉप में झारखंड के पहले हिंदी फिल्मकार और ‘आक्रांत’ फेम डा. विनोद कुमार, जानी-मानी डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का प्रदर्शन करेंगे।

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