देखें वो सब जो सभी देखते हैं, लेकिन हम सोचे वो जो बहुत थोड़े लोग ही सोचते हैः मुख्य सचिव
रिसर्च, इनोवेटिव आइडिया और वैल्यू एडिशन है स्टार्टअप का मूल फंडा
रांची। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने स्टार्टअप को समय की मांग बताते हुए इससे जुड़नेवालों से कहा कि देखें वो सब जो सभी देखते हैं, लेकिन हम सोचे वो जो बहुत थोड़े लोग ही सोचते है। जीवन के हर क्षेत्र में यही आपको दूसरे से अलग करेगा। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में ऋषि-मुनियों की चिंतन परंपरा से हमें जीवन को आसान बनाने के टिप्स मिलते थे। आज के डिजिटल युग की समस्याएं और आवश्यकताएं अलग हैं। इसलिए उसका समाधान भी अलग होगा और समाधान की राह रिसर्च, इनोवेटिव आइडिया और वैल्यू एडिशन से होकर निकलेगी। स्टार्टअप का मूल फंडा भी यही है। मुख्य सचिव शनिवार को होटल बीएनआर चाणक्या में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय झारखंड स्टार्टअप हैकाथन 2019 के उद्घाटन के अवसर पर पूरे देश से चयनित होकर आए स्टार्टअप इंटरप्रेन्योर को संबोधित कर रहे थे।
स्टार्टअप की यहां है जरूरत
मुख्य सचिव ने कहा कि अस्पताल, ट्रैफिक, बिजली, पानी, प्रदूषण, कचरा प्रबंधन जैसे तमाम सरकारी सेवा के क्षेत्र हैं, जहां राज्य को इनोवेटिव अइडिया के साथ स्टार्टअप की जरूरत है। वहीं राज्य में अनेक भाषा-भाषी के लोग हैं, जिनके स्पीच और स्क्रिप्ट को रियल टाइम अनुवाद के स्टार्टअप की जरूरत है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले चीनी राजदूत मुख्यमंत्री से मिलने आए थे, उनके कान में एक ऐसा डिवाइस लगा था, जो मुख्यमंत्री की हिंदी को चीनी भाषा में तत्काल अनुदित कर रहा था।
झारखंड सरकार दे रही स्टार्टअप को बढ़ावा
मुख्य सचिव ने बताया कि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार की सुस्पष्ट पॉलिसी है। इसके तहत ग्रुप के हर सदस्य को 8500 रुपये स्टाइपेंड दी जाती है। साथ ही प्रोटोटाइप डेवलपमेंट के लिए 10 लाख रुपये तक, रेंटल रिब्रसमेंट का 50 फीसदी, पेटेंट के लिए आवेदन देने का सौ फीसदी तथा एसजीएसटी के लिए सौ फीसदी सहायता का प्रावधान है। हैकाथन में हिस्सा ले रहे प्रतियोगियों को कुल छह क्षेत्रों में झारखंड सरकार को इनोवेटिव साल्यूशन देना है। इसमें निबंधित 400 प्रविष्टियों में से 50 को झारखंड सरकार ने चुना है। इसमें से चयनित सबसे अच्छे प्रोजेक्टों को एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा। वहीं स्कूलों के वर्ग नौ से 12 तक के जूनियर इनोवेटर को 50 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया जाएगा।
नया क्षेत्र खोजें युवा
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके अलावा भी अनेक क्षेत्र हैं, जहा अभी तक कुछ नया काम नहीं हुआ है, ऐसे क्षेत्र और विषय को युवा खोजें और स्टार्टअप करें। झारखंड सरकार उन्हें अपनी पॉलिसी के तहत प्रोत्साहन देगी। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक झारखंडी युवा ने साइकिल में मोटर को सोलर पैनल से जोड़कर मोटरसाइकिल बनाया है। यह प्रदूषण रहित और बिना तेल-पानी (खर्चे) से चलेगा। उन्होंने हैकाथन में देश भर से जुटे युवाओं से अपील की कि वे भी कुछ ऐसी ही आइडिया के साथ स्टार्टअप की दुनिया में प्रवेश करें। उन्होंने स्टार्टअप के माध्यम से युवाओं को लीडर ऑफ द वर्ल्ड बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इसी विजन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की ओर प्रयत्नशील हैं।
स्टोन एज से डिजिटल एज में पहुंच गए होः आईटी सचिव
आईटी सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि आज हम स्टोन एज से डिजिटल एज में पहुंच गए हैं। झारखंड का आईटी विभाग इनोवेशन और आइडिया को प्रमोट कर रहा है। अपनी पॉलिसी के तहत इंसेन्टिव और ग्रांट दे रहे हैं। बस जरूरत है स्टार्टअप के क्षेत्र में नये विजन के साथ आगे बढ़ने की।
हैकाथन में अमेजन के सचिन पुनयानी, नासकॉम के निरूपम चौधरी, लेट्सवेंचर के संजय कुमार झा और इनट्इट के विशी रंगनाथ, आइआइएम के अनिश सुगाथम तथा आईटी डायरेक्टर उमेश साह ने भी स्टार्टअप को लेकर अपने विचार रखे।
रिसर्च, इनोवेटिव आइडिया और वैल्यू एडिशन है स्टार्टअप का मूल फंडा
रांची। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने स्टार्टअप को समय की मांग बताते हुए इससे जुड़नेवालों से कहा कि देखें वो सब जो सभी देखते हैं, लेकिन हम सोचे वो जो बहुत थोड़े लोग ही सोचते है। जीवन के हर क्षेत्र में यही आपको दूसरे से अलग करेगा। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में ऋषि-मुनियों की चिंतन परंपरा से हमें जीवन को आसान बनाने के टिप्स मिलते थे। आज के डिजिटल युग की समस्याएं और आवश्यकताएं अलग हैं। इसलिए उसका समाधान भी अलग होगा और समाधान की राह रिसर्च, इनोवेटिव आइडिया और वैल्यू एडिशन से होकर निकलेगी। स्टार्टअप का मूल फंडा भी यही है। मुख्य सचिव शनिवार को होटल बीएनआर चाणक्या में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय झारखंड स्टार्टअप हैकाथन 2019 के उद्घाटन के अवसर पर पूरे देश से चयनित होकर आए स्टार्टअप इंटरप्रेन्योर को संबोधित कर रहे थे।
स्टार्टअप की यहां है जरूरत
मुख्य सचिव ने कहा कि अस्पताल, ट्रैफिक, बिजली, पानी, प्रदूषण, कचरा प्रबंधन जैसे तमाम सरकारी सेवा के क्षेत्र हैं, जहां राज्य को इनोवेटिव अइडिया के साथ स्टार्टअप की जरूरत है। वहीं राज्य में अनेक भाषा-भाषी के लोग हैं, जिनके स्पीच और स्क्रिप्ट को रियल टाइम अनुवाद के स्टार्टअप की जरूरत है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले चीनी राजदूत मुख्यमंत्री से मिलने आए थे, उनके कान में एक ऐसा डिवाइस लगा था, जो मुख्यमंत्री की हिंदी को चीनी भाषा में तत्काल अनुदित कर रहा था।
झारखंड सरकार दे रही स्टार्टअप को बढ़ावा
मुख्य सचिव ने बताया कि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार की सुस्पष्ट पॉलिसी है। इसके तहत ग्रुप के हर सदस्य को 8500 रुपये स्टाइपेंड दी जाती है। साथ ही प्रोटोटाइप डेवलपमेंट के लिए 10 लाख रुपये तक, रेंटल रिब्रसमेंट का 50 फीसदी, पेटेंट के लिए आवेदन देने का सौ फीसदी तथा एसजीएसटी के लिए सौ फीसदी सहायता का प्रावधान है। हैकाथन में हिस्सा ले रहे प्रतियोगियों को कुल छह क्षेत्रों में झारखंड सरकार को इनोवेटिव साल्यूशन देना है। इसमें निबंधित 400 प्रविष्टियों में से 50 को झारखंड सरकार ने चुना है। इसमें से चयनित सबसे अच्छे प्रोजेक्टों को एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा। वहीं स्कूलों के वर्ग नौ से 12 तक के जूनियर इनोवेटर को 50 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया जाएगा।
नया क्षेत्र खोजें युवा
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके अलावा भी अनेक क्षेत्र हैं, जहा अभी तक कुछ नया काम नहीं हुआ है, ऐसे क्षेत्र और विषय को युवा खोजें और स्टार्टअप करें। झारखंड सरकार उन्हें अपनी पॉलिसी के तहत प्रोत्साहन देगी। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक झारखंडी युवा ने साइकिल में मोटर को सोलर पैनल से जोड़कर मोटरसाइकिल बनाया है। यह प्रदूषण रहित और बिना तेल-पानी (खर्चे) से चलेगा। उन्होंने हैकाथन में देश भर से जुटे युवाओं से अपील की कि वे भी कुछ ऐसी ही आइडिया के साथ स्टार्टअप की दुनिया में प्रवेश करें। उन्होंने स्टार्टअप के माध्यम से युवाओं को लीडर ऑफ द वर्ल्ड बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इसी विजन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की ओर प्रयत्नशील हैं।
स्टोन एज से डिजिटल एज में पहुंच गए होः आईटी सचिव
आईटी सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि आज हम स्टोन एज से डिजिटल एज में पहुंच गए हैं। झारखंड का आईटी विभाग इनोवेशन और आइडिया को प्रमोट कर रहा है। अपनी पॉलिसी के तहत इंसेन्टिव और ग्रांट दे रहे हैं। बस जरूरत है स्टार्टअप के क्षेत्र में नये विजन के साथ आगे बढ़ने की।
हैकाथन में अमेजन के सचिन पुनयानी, नासकॉम के निरूपम चौधरी, लेट्सवेंचर के संजय कुमार झा और इनट्इट के विशी रंगनाथ, आइआइएम के अनिश सुगाथम तथा आईटी डायरेक्टर उमेश साह ने भी स्टार्टअप को लेकर अपने विचार रखे।
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