* कलश के साथ निकली भव्य शोभायात्रा
रांची। गायत्री परिवार का महायज्ञ एवं संस्कारोत्सव का शुभारंभ शनिवार को किया गया। मौके पर 108 कुंडीय भव्य कलश शोभायात्रा दिव्य वातावरण में निकाली गई। स्थानीय क्षेत्र की माताओं, बहनों एवं देव कन्याओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई। इसमें
2100 से ऊपर ही देव कन्याओं,माताओं बहनों ने सिर पर कलशदेव को पूजन नमन कर धारण किया।
उनमें 24 देव कन्याएं आगे रहीं तथा साथ साथ यात्रा प्रज्ञागीत के महा स्वर गूंज उठे।
कलश के मुख में विष्णु सोहें, कण्ठ से लगकर शंकर सोहे,
ब्रह्मा सोहें मूलाधार कलश के, तेरा सौभाग्य अमर हो जाए ,
हम गायत्री मां के बेटे तुम्हें जगाने आए हैं,
जाग उठो रांची के सपूतों तुम्हें जगाने आएं हैं।
एक बनेंगे नेक बनेंगे ,
हम सुधरेंगे , युग सुधरेगा,
जैसे अनेक प्रज्ञा गीतों के महा स्वर से पूरा मुहल्ला व क्षेत्र गुंजायमान हो उठा।
देव कन्याओं की झांकी में काजल, श्वेता , ज्योति, अदिति, नंदिनी, अक्षिता, श्रुति कुमारी आदि रहीं।
इसके पूर्व रानू, तन्नु, प्रिया, वीणा शर्मा, नीलम ,रुपा के साथ
स्टील कलश का पूजन करके मेयर आशा लकड़ा ने दीप प्रज्ज्वलित किया, 24 देवकन्याओं को स्वागत सत्कार करके अभिवादन सहित पूजन में सहयोग किया ।
मेयर ने कहा कि अनुष्ठान से अनुभूति विशेष होती है।
ट्रस्ट टीम की वरिष्ठ साधिका वीणा शर्मा ने बताया कि
गुरु कीजिए जान कर ,
और पानी पीजिए छान कर।
कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार वाले गुरुदेव चमत्कारी गुरु नहीं है , बल्कि वे युग द्रष्टा ,युग प्रवर्तक, युग निर्माता और 21 वीं सदी नारी सदी तथा उसके उज्ज्वल भविष्य के उद्घोषक हैं , व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण एवं राष्ट्र के नवनिर्माण के स्रष्टा हैं।
वरिष्ठ सदस्य प्रज्ञा पुरोहित सुरेन्द्र शर्मा एवं मुख्य ट्रस्टी मनोज कुमार राय ने
108 से ज्यादा संकल्पित साधकों द्वारा 40 दिवसीय अनुष्ठान करने वाले को सराहा। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुष्ठान करने वाले साधकों की तरह कल देव पूजन में भागीदारी करने एवं महा पूर्णाहुति तक अपने लक्ष्य उद्देश्य को पूरा करने के लिए उनको आह्वान किया। कार्यक्रम में
रांची के सांसद संजय सेठ का आगमन हुआ। उनका और विनय जायसवाल का स्वागत किया गया। उन्हें गायत्री मंत्र चादर ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। संजय सेठ द्वारा इस महायज्ञ के तपोभूमि व शान्तिकुंज की दिव्य शक्ति कलश का मंच पर शुभारंभ में वैदिक पूजन कराया गया।
उन्होंने ने देवकन्याओं एवं माताओं बहनों को मान सम्मान एवं उनकी भारतीय गरिमा को गाया, दुहराया ।
यहां के 40 दिवसीय गायत्री महामंत्र का महा अनुष्ठान करने वाले बहनों, भाइयों व साधकों को सराहना की ।
कहा कि हमारे भारत में दैवी शक्ति की उपासना साधना तथा गायत्री के अनुष्ठान के गौरवशाली इतिहास रहा है।
जोन प्रतिनिधि
सच्चिदानन्द सिंह ने कहा भारतीय संस्कृति को विश्व व्यापी बनाना है।
सुरेन्द्र शर्मा ने सभी कलशधारियों को विधिवत पवित्रीकरण , सत्प्रवृत्ति संवर्धन ,सद्बुद्धि जागरण सन्मार्ग गमन का
संकल्प व स्वस्तिवाचन क
मंगल पूजन कराकर जल पूरण कराया।
कलशधारी यात्रियों माताओं, बहनों को आरती वंदना के बाद उन्हें फल, शर्बत,प्रसाद वितरण कर के महाप्रसाद के लिए भोजन शाला में भंडारा करने और शाम में पुनः गायत्री संस्थान शान्तिकुंज का और गुरुदेव श्री के शुभ संदेश भविष्य की योजना और उसमें अपनी भूमिका निभाने की जानकारी लेने सुनने के लिए आवाहन किया गया।
शाम में प्रज्ञा गीत और प्रवचन किया गया।
कल सुबह सामूहिक जप, ध्यान, प्रज्ञा योग, व्यायाम
तथा 8 बजे से 11 बजे तक सामूहिक देव पूजन और गायत्री महायज्ञ की प्रथम आहुतियां शुरू की जाएंगी।
मंच में शान्तिकुंज टोली में
नमो नारायण पांडेय के अलावा राम नरेश सिंह, शिवशंकर राम थे। इसमें रांची की महिला मंडल युवा मंडल स्वाध्याय मंडलों के सदस्यों ने सहयोग किया।
यह जानकारी
जय नारायण प्रसाद एवं
मनोज कुमार पाण्डेय ने दी।
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