मीठी क्रांति के तहत 100 करोड़ की स्वीकृति मिली, प्रथमचरण में 10 करोड़ की राशि निर्गत , 1207 किसान प्र लाभान्वित
सीएम ने कहा-
◆ आप शहद का उत्पादन करें, सरकार आपको बाजार देगी
◆ 24 फरवरी को प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना का शुभारंभ होगा
◆ 20 हजार पूंजी निवेश और 1 लाख 30 हजार का मुनाफा
रांची । राज्य में मीठी क्रांति के लिए 100 करोड़ की योजना को स्वीकृति प्रदान गई है ताकि राज्य में नीली क्रांति के बाद मीठी क्रांति का आगाज हो सके। प्रथम चरण में राज्य सरकार 1207 किसानों को प्रशिक्षण देने के बाद आज उन्हें मधुमक्खी पालन हेतु 1 लाख लागत की इकाई प्रदान कर रही है, जिसमें 80 हजार की अनुदान राशि दे रही है जबकि 20 हजार की राशि का भुगतान लाभुक करेंगे। इस तरह एक किसान 20 हजार की पूंजी निवेश कर सालाना 1 लाख 30 हजार की आमदनी कर सकता है। हम सब मिलकर प्रधानमंत्री की हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, नीली क्रांति के बाद मीठी क्रांति के वाहक बन राज्य के किसानों की आय को 2022 तक दोगुना नहीं बल्कि 4 गुना करने की दिशा में कार्य करेंगे। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कही। श्री दास गुरुवार को झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित मीठी क्रांति योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने साहेबगंज से 16 अप्रैल 2016 को मीठी क्रांति का आगाज कर खेती के साथ साथ, बागवानी, पशुपालन और मीठी क्रांति का आह्वाहन किया था।
24 फरवरी को प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना का होगा शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश से और राज्य सरकार रांची के ओरमांझी से प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना का शुभारंभ करेगी। इसके बाद 27 फरवरी 2019 से राज्य के सभी जिलों में योजना का शुभारंभ होगा। इसके तहत प्रथम चरण में 2 हजार रुपये DBT के माध्यम से किसानों के खाते में जायेगा। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत अप्रैल माह से 5 हजार रुपये राज्य के 22 लाख 76 हजार किसानों को उनके बैंक खाते में जायेगा। ताकि बरसात से पूर्व किसान खेती से संबंधित जरूरी संसाधन जुटा सकें। इस तरह केंद्र और राज्य सरकार की योजना से एक किसान को न्यूनतम 11 और अधिकत्तम 31 हजार रुपये डबल इंजन की सरकार से प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए पतंजलि योगपीठ से बात चल रही है. जल्द ही इस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाना है. कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा निरंतर समन्वय स्थापित कर प्रोसेसिंग यूनिट का प्रारंभ किया जाएगा. प्रोसेसिंग यूनिट के लगने से किसानों को उत्पादित वस्तुओं का सही कीमत मिल सकेगा.
बाजार सरकार देगी, खूंटी का कटहल सिंगापुर जा रहा है
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि अब खूंटी का कटहल सिंगापुर जा रहा है। आप किसान भाई शहद का उत्पादन करें, बाजार सरकार उपलब्ध कराएगी। किसान सिर्फ एक फसल का उत्पादन कर अपने आय को नहीं बढ़ा सकते। आपको पशुपालन, बागवानी और जैविक खेती पर भी ध्यान देना होगा। सरकार आपके साथ है। गव्य पालन हेतु 90 % अनुदान पर महिलाओं को दो गाय दिया जा रहा है। राज्य के युवा भी 50 % अनुदान पर दी जा रही गव्य योजना का लाभ लें. आपके उत्पाद को मिल्क फेडरेशन खरीद लेगी।
आधुनिक खेती की जानकारी हेतु इजरायल भेजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को बदलते समय के अनुसार आधुनिक खेती की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 100 किसानों को इजरायल भेजा गया। आज वे किसान खुश हैं और आधुनिक खेती की दिशा में कार्य कर रहें हैं। अब हर वर्ष सरकार 100 किसानों को इजराइल भेजने का कार्य करेगी। यही वजह रही कि राज्य में एग्रीकल्चर एंड फ़ूड समिट का आयोजन हुआ। ताकि राज्य के किसान आधुनिक कृषि से अवगत हो सकें। सरकार इस बात से भी उत्साहित है कि 2014 में जो कृषि विकास दर -4.5% थी वह राज्य के मेहनती किसानों ने 4 साल में +14% कर दिया।
राज्य के किसानों को सशक्त एवं समृद्ध करना सरकार की प्रतिबद्धता
मंत्री कृषि पशुपालन एवं सहकारिता श्री रणधीर सिंह ने कहा कि राज्य गठन के बाद नीली क्रांति के बाद मीठी क्रांति का शुभारंभ ही रहा है। किसानों की आय दुगना करने में मीठी क्रांति, श्वेत और मीठी क्रांति वरदान साबित होगा। 1200 किसानों को यह योजना से जोड़ने की पहल प्रथमचरण में हुआ है। 12 हजार किसान इस योजना से जुडेंगे। मधु प्रसंस्करण इकाई की स्थापना होगी। यह योजना कारगर साबित होगा। किसानों को सशक्त करना राज्य सरकार का उद्देश्य है।
किसानों को होगा फायदा
झारखण्ड राज्य खादी बोर्ड के अध्य्क्ष श्री संजय सेठ ने कहा कि मुख्यमंत्री मीठी क्रांति के लिए हमेशा से प्रयासरत रहे हैं। इसके जरिये हम रोजगार का सृजन कर सकते हैं। प्रधानमंत्री के आह्वाहन के बाद इसको अभियान बनाया गया। जिसका परिणाम है आज मीठी क्रांति का शुभारंभ हो रहा है। किसानों को 1 लाख से ज्यादा की आमदनी 1 मधुमक्खी की इकाई से होने का अनुमान है। आर्गेनिक मधु की दिशा में हम आगे बढ़ रहें हैं। यह योजना किसानों को अतिरिक्त आय की प्रप्ति होगी।
किसानों के आय को दोगुना करने हेतु मीठी क्रांति का शुभारंभ किया जा रहा है
मीठी क्रांति को धरातल में उतारना है। स्वेत क्रांति की तरह मीठी क्रांति हो। 2022 तक विकसित राज्य में खड़ा करने एयर किसानों की आय दुगना करने हेतु शहद के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। *यह सर्वश्रेष्ठ राज्य है 30 प्रतिशत भूमि वन से आच्छादित है।
500 मिलियन डॉलर का बाजार। यूरोप, चीन, USA और UAE में भारतीय हनी की मांग अधिक है। पूरे विश्व में 500 मिलियन डॉलर का है हनी का बाजार. इस योजना के लिए सरकार द्वारा 100 करोड़ की स्वीकृत मिली है। योजना तहत एक इकाई में 1 लाख का खर्च आ रहा है जिसमें 80 हजार रुपये राज्य सरकार व 20 हजार रूपये लाभुक वहन करेगा। सरकार योजना के तहत 80 % अनुदान प्रदान कर रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सांकेतिक तौर पर जलेश कोंगड़ी, खूंटी के लक्ष्मण महतो, गुमला की सरिता देवी व अमरुद्दीन अंसारी को मधुमक्खी पालन हेतु 1 इकाई सौंपा। इस इकाई में 20 मधुमक्खी की कॉलोनी है।
इस अवसर पर मंत्री कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता श्री रणधीर सिंह, झारखण्ड राज्य खादी बोर्ड अध्यक्ष श्री संजय सेठ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील वर्णवाल, सचिव कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता श्रीमती पूजा सिंघल, निदेशक कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता श्री रमेश घोलप व सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद थे।
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