रांची। शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन, राँची के द्वारा नेपाल राष्ट्र के ब्राह विघा रंग भुमि मैदान, जनकपुर धाम में शिव गुरू महोत्सव आयोजित किया गया। आओ, चलें शिव की ओर के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए नेपाल एवं भारत के आस-पास के क्षेत्रों से लगभग पचास हजार से अधिक लोग एकत्रित हुए थे। शिव गुरू महोत्सव में राँची से आई शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन के अध्यक्षा बरखा सिन्हा ने बेटियों के सम्मान विषय पर बोलते हुए कहा कि हमारे समाज में बेटियों को बराबर का दर्जा मिले इसके लिए हम कृतसंकल्पित हैं। हमारा पूरा परिवार देश की बेटियों के साथ खड़ा है। सम्मान पाना उनका हक है। हम कुछ नया नहीं कर रहे हैं अपितु हमारी संस्कृति रही है कि बेटियों को पूजा जाता है। नवरात्रि में कुमारी- पूजन तथा शक्ति आराधना का पर्व समूचे देश-विदेश में बड़ी निष्ठा एवं श्रद्धा से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शिव शिष्यता ने समाज को जागरूक करने का प्रयास किया है। आज हमारी बेटियां बाहर निकलती हैं, पढती हैं, शिव चर्चा करती हैं।
ं विराटनगर, नेपाल से आये ओम ने कहा इस कार्यक्रम का आयोजन महेश्वर शिव के गुरू स्वरूप से एक-एक व्यक्ति का शिष्य के रूप में जुड़ाव हो सके इसी बात को सुनाने और समझाने के निमित्त किया गया है। शिव के शिष्य एवं शिष्याएँ अपने सभी आयोजन ‘‘शिव गुरू हैं और संसार का एक-एक व्यक्ति उनका शिष्य हो सकता है’’, इसी प्रयोजन से करते हैं। ‘‘शिव गुरू हैं’’ यह कथ्य बहुत पुराना है। हमारे साधुओं, शास्त्रों और मनीषियों द्वारा महेश्वर शिव को आदिगुरू, परमगुरू आदि विभिन्न उपाधियों से विभूषित किया गया है।
सोमेन्द्र झा ने कहा कि शिव के शिष्य बनने की दिशा में साहब हरींद्रानंद जी द्वारा दिया गया तीन सूत्र ही सहायक है और कुछ नही। उन्होंने कहा कि वे जगत गुरु हैं इसलिए उनका शिष्य होने के लिए कोई नियम नही है और कोई वर्जना भी नही है। दिलीप, सम्भु और स्थानीय लोगों ने भी अपने विचार को रखा। उपस्थित लोगों में महिलाओं की संख्या काफी अधिक थी। पूरा का पूरा इलाका शिवमय हुआ था। शिव गुरु की व्याप्ति और फैलाव के निमित्त इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगो ने भी हिस्सा लिया।
महोत्सव में आस-पास के क्षेत्रों से लगभग पचास हजार लोग आए थे। महिलाओं की संख्या अधिक थी।
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