* मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में दिया जाएगा तीरंदाजी का प्रशिक्षण
रांची। छात्रों को संस्कारयुक्त शिक्षा देने व उन्हें बहुमुखी प्रतिभा से लैस करने की दिशा में प्रयासरत मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में छात्रों को तीरंदाजी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में तीरंदाजी के प्रति बढ़ती रुचि को देखते हुए विद्यालय प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। इस संबंध में मदर्स इंटरनेशनल स्कूल की प्राचार्या डॉ. रोमी झा ने कहा कि स्कूल की नई शाखा रांची के ब्राम्बे स्थित जाहेर गांव में स्थापित मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में छात्रों के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से तीरंदाजी के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। तीरंदाजी के क्षेत्र में इच्छुक छात्रों को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में तीरंदाजी के प्रति खिलाड़ियों का आकर्षण बढ़ रहा है। यहां खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है उन्हें तराशने की और आवश्यक संसाधनों से लैस करने की। डॉ.झा ने कहा कि झारखंड की झानू हांसदा, कुमारी दीपिका सहित अन्य खिलाड़ियों ने तीरंदाजी के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर परचम लहराया है। झारखंड का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें समुचित सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराया जाय तो देश- दुनिया में झारखंड का नाम रौशन होगा। उन्होंने बताया कि स्कूल में छात्रों को अगले सत्र से तीरंदाजी का प्रशिक्षण देने संबंधी सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध होंगे। इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया गया है।
रांची। छात्रों को संस्कारयुक्त शिक्षा देने व उन्हें बहुमुखी प्रतिभा से लैस करने की दिशा में प्रयासरत मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में छात्रों को तीरंदाजी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में तीरंदाजी के प्रति बढ़ती रुचि को देखते हुए विद्यालय प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। इस संबंध में मदर्स इंटरनेशनल स्कूल की प्राचार्या डॉ. रोमी झा ने कहा कि स्कूल की नई शाखा रांची के ब्राम्बे स्थित जाहेर गांव में स्थापित मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में छात्रों के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से तीरंदाजी के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। तीरंदाजी के क्षेत्र में इच्छुक छात्रों को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में तीरंदाजी के प्रति खिलाड़ियों का आकर्षण बढ़ रहा है। यहां खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है उन्हें तराशने की और आवश्यक संसाधनों से लैस करने की। डॉ.झा ने कहा कि झारखंड की झानू हांसदा, कुमारी दीपिका सहित अन्य खिलाड़ियों ने तीरंदाजी के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर परचम लहराया है। झारखंड का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें समुचित सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराया जाय तो देश- दुनिया में झारखंड का नाम रौशन होगा। उन्होंने बताया कि स्कूल में छात्रों को अगले सत्र से तीरंदाजी का प्रशिक्षण देने संबंधी सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध होंगे। इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया गया है।
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