रांची। झारखंड के जाने-माने समाजसेवी और राष्ट्रीय अभियान "तिरंगा सम्मान यात्रा" के संयोजक सुधांशु सुमन वैश्विक महामारी कोरोना से मुक्ति के लिए प्रतिदिन नव ग्रह शांति का पाठ करते हैं। संपूर्ण विश्व के मानव जाति कल्याण हेतु उन्होंने विगत एक सप्ताह से अपने घर में नव ग्रह शांति पाठ करना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि नव ग्रह शांति पाठ के दौरान यज्ञ और हवन लॉकडाउन की अवधि तक चलेगा। उनका मानना है कि विश्व में फैले कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप को ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव से भी भारत सहित पूरी दुनिया से दूर किया जा सकता है। इसी आस्था और विश्वास के साथ श्री सुमन प्रतिदिन नियमित रूप से घर में नव ग्रह शांति पाठ अनुष्ठान करते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब मानव जीवन पर संकट गहराया है, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां काफी हद तक संकट दूर करने में सहायक हुईं हैं। उन्होंने वैश्विक आपदा कोरोनावायरस से बचाव के लिए किए गए देशव्यापी लाॅकडाउन के दौरान अपने घरों में रहकर अधिकतर समय धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान में व्यतीत करने, महापुरुषों की जीवनियां पढ़ने, योग करने व सकारात्मक सोच रखते हुए अपनी ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक कार्यों में करने की लोगों से अपील की।
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शनिवार, 11 अप्रैल 2020
कोरोना से मुक्ति के लिए हमाजसेवी सुधांशु सुमन ने किया नवग्रह शांति पाठ
रांची। झारखंड के जाने-माने समाजसेवी और राष्ट्रीय अभियान "तिरंगा सम्मान यात्रा" के संयोजक सुधांशु सुमन वैश्विक महामारी कोरोना से मुक्ति के लिए प्रतिदिन नव ग्रह शांति का पाठ करते हैं। संपूर्ण विश्व के मानव जाति कल्याण हेतु उन्होंने विगत एक सप्ताह से अपने घर में नव ग्रह शांति पाठ करना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि नव ग्रह शांति पाठ के दौरान यज्ञ और हवन लॉकडाउन की अवधि तक चलेगा। उनका मानना है कि विश्व में फैले कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप को ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव से भी भारत सहित पूरी दुनिया से दूर किया जा सकता है। इसी आस्था और विश्वास के साथ श्री सुमन प्रतिदिन नियमित रूप से घर में नव ग्रह शांति पाठ अनुष्ठान करते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब मानव जीवन पर संकट गहराया है, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां काफी हद तक संकट दूर करने में सहायक हुईं हैं। उन्होंने वैश्विक आपदा कोरोनावायरस से बचाव के लिए किए गए देशव्यापी लाॅकडाउन के दौरान अपने घरों में रहकर अधिकतर समय धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान में व्यतीत करने, महापुरुषों की जीवनियां पढ़ने, योग करने व सकारात्मक सोच रखते हुए अपनी ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक कार्यों में करने की लोगों से अपील की।
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