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शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

झारखंड राज्य खाद्य संरक्षण परिषद के सदस्य राकेश सिंह ने वापस कीं सरकारी सुविधाएं


* अन्य आयोग, बोर्ड के चेयरमैन व पदधारियों से अवैतनिक कार्य करने की अपील
रांची। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न परिस्थतियों के मद्देनजर झारखंड राज्य खाद्य संरक्षण परिषद के सदस्य राकेश कुमार सिंह ने सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाएं वापस करने की घोषणा की है। उन्होंने इससे संबंधित पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्विटर पर भेज दिया है। उन्होंने कहा है कि
देश में कोरोनावायरस के विरुद्ध जंग जारी है। विश्वास है कि भारतवासी धैर्य, संयम और अनुशासन से इस वैश्विक महामारी व संकट से जल्द ही निजात पाएंगे। वर्तमान में समाज के हर तबके के लोग देश की आर्थिक स्थिति और अर्थव्यवस्था के बारे में चिंतित हैं। कोरोनावायरस के प्रकोप और लाॅकडाउन समाप्त होने के बाद  अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए काफी संघर्ष व मेहनत करना होगा। अनावश्यक खर्च में कटौती करनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न आयोग और परिषद गठित हैं। इनके पदधारियों पर भारी-भरकम राशि खर्च होती है। इन आयोगों के सदस्यों को सरकार द्वारा मानदेय के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती है। कई आयोग व परिषद के अध्यक्ष और सदस्य के पद पर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पदस्थापित किए गए हैं। ऐसे रिटायर्ड अधिकारी एक तरफ सरकार से पेंशन प्राप्त करते हैं, दूसरी तरफ उन्हें आयोग के सदस्य और अध्यक्ष के रूप में वेतनमान भी मिलता है। श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान संकट को देखते हुए सरकार को चाहिए कि अगले दो वर्षों तक सभी आयोग ,परिषद के सदस्यों के वेतनमान पर रोक लगाएं। जो अधिकारी आयोग के सदस्य व अध्यक्ष के रूप में स्वेच्छा से अवैतनिक सेवा देने को इच्छुक हों, उन्हें आयोग के सदस्य और अध्यक्ष के रूप में पदस्थापित किया जाय। उन्होंने इस आशय से संबंधित प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी ट्वीट कर भेजा है।

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