* अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उद्योगों को सपोर्ट करे सरकार : संजय सबरवाल
रांची। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद उद्योग जगत में होने वाले परेशानियों के मद्देनजर कन्फेडरेशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई),झारखंड ने उद्योग और अन्य गतिविधियों पर ब्लू प्रिंट तैयार किया है। सीआईआई ने इससे संबंधित कई महत्वपूर्ण सुझाव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दिये हैं। सीआईआई, झारखंड के चेयरमैन संजय सबरवाल ने सोमवार को वेबिनाॅर के माध्यम से आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि सरकार को लाॅकडाउन में उद्योग और एमएसएमई के लिए आर्थिक पैकेज और रसद क्षेत्र पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। झारखंड में लाॅकडाउन की अवधि चरणबद्ध तरीके से कम की जाय। पहले चरण में विनिर्माण, ई-कॉमर्स और निर्माण के साथ- साथ लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट की सुविधा देनी होगी। दूसरे चरण में अन्य सभी सेक्टर शुरू किए जा सकते हैं। पेज वन की शुरुआत के हफ्तों के बाद इसे शुरू किया जा सकता है। तीसरे चरण को तीन सप्ताह के बाद शुरू करने के लिए कर्मचारियों को 50-50 प्रतिशत रूप में काम पर लौटने का आदेश दिया जाय। एक बार लाॅकडाउन खत्म हो जाने के बाद श्रमिक और दैनिक ग्रामीण मजदूरों को पहले काम पर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। फिर धीरे-धीरे कार्यालय के कर्मचारियों को अपना काम फिर से शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है। इसके अलावा कार्य के स्थान के आसपास के क्षेत्र में स्थानीय परिवहन की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि काम करने वाले और दैनिक वेतन भोगी अपने पास पहुंच सकें।
श्री सबरवाल ने बताया कि सीमाओं और विभिन्न चेक पोस्टों पर अधिकारियों द्वारा ट्रक चालक के साथ कोई उत्पीड़न नहीं हो। इस संबंध में राज्य के अंदर काम करने वाले पुलिस कर्मियों को निर्देश दिये जाये। राज्य में ट्रकों का आवागमन शुरू किया जाये। राजमार्गों पर ढाबों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि आवश्यकता हो तो ट्रक चालकों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो। राजमार्गों पर पेट्रोल,डीजल स्टेशन और मरम्मत की दुकानें खुली होनी चाहिए। रसद सेवा प्रदाताओं को बीमा कवर का विस्तार करना चाहिए। श्रमिकों और उनके परिवारों को तीनों चरण की अवधि के लिए 10-15 लाख का बीमा हो।
श्री सबरवाल ने कहा कि लाॅकडाउन में उद्योग जगत को राहत पैकेज मिले। पूंजी के लिए बैंक कम ब्याज दर कम होनी चाहिए। सरकार द्वारा 15,000 प्रति माह से कम आय वाले वेतन-भत्ते के लिए राहत पैकेज के हिस्से के रूप में पीएफ देयता का हिस्सा सरकार द्वारा वहन किया जाये। घरेलू और एमएसएमई ग्राहकों के बिजली बिल के लिए भुगतान की तारीख का विस्तार हो। रियल एस्टेट परियोजनाओं के पंजीकरण की वैधता का विस्तार, आवश्यक व्यापार छूट के तहत ई-कॉमर्स क्षेत्र का समावेश, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा कॉर्पोरेट रेटिंग का अस्थायी निलंबन, आवश्यक वस्तुओं के अंतर्गत बीजों को सूचीबद्ध करना, उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योग को विशिष्ट सब्सिडी दें। उन्होंने कहा कि सीआईआई उद्योग हित, राष्ट्र हित और श्रमिक हित में सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर काम करती है। ऐसे संकट की घड़ी में मानवता को देखते हुए सरकार सबों के प्रति सहानुभूति रखे, यह सरकार का कर्तव्य और धर्म भी है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के प्रति सरकार का नजरिया सकारात्मक हो, तभी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और देश व राज्य संकट से निपटने में सक्षम होगा।
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