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रविवार, 1 मार्च 2020

गायत्री यज्ञशाला में सार्वभौम स्वास्तिवाचन सहित 33 कोटि देवपूजन हुआ



रांची। अखिल विश्व गायत्री परिवार संस्थान,शान्तिकुंज, हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित होने वाले महायज्ञ एवं संस्कारोत्सव यज्ञशाला मंडप में आज रविवार को 33 कोटि देवगणों एवं दैवी शक्तियों का वैदिक व वैज्ञानिक पद्धति से आवाहन,नमन, वंदन , पूजन सहित षोडशोपचार अभिनंदन एवं रक्षा विधान प्रकिया
किया गया।
इस महायज्ञ देवपूजन
में गायत्री साधकों में करीब सवा सौ ऐसे साधक भागीदारी  किए थे , जिन्होंने  गत वसंतोत्सव से लेकर होलिकोत्सव तक 40 दिवसीय अनुष्ठान करने का संकल्प लिया था।  इस 40 दिवसीय अनुष्ठान में 125000 गायत्री महामंत्र का विशेष जप ध्यान साधना का संकल्प लिया है , जो गत वसंत पंचमी 30 जनवरी से शुभारम्भ हुआ और उसकी महा पूर्णाहुति होली महोत्सव के पूर्व संध्या 9 मार्च पर होगी । यह महा अनुष्ठान भारत सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शान्तिकुंज ने प्रत्येक जिला स्तर पर वसुधैव कुटुंबकम् में सुख-शांति , सबका स्वास्थ्य संवर्धन और अध्यात्म स्वाध्याय के साथ सबका कल्याण, सबका विकास के लिए कराया है।
शान्तिकुंज की विशिष्ट टोली में वरिष्ठ आचार्य पुरोहित व्यास पीठ से नमोनारायण पांडेय के नेतृत्व में सहायक वसंती लाल  सोलंकी और दिलफेंक जी, संगीत
वादक गुणसागर, गायक हरिओम तथा सारथी दिनेश पाल इस महायज्ञ में योगदान कर रहे हैं ।
यज्ञारम्भ पूर्व सर्व प्रथम गायत्री मंत्र का सस्वर गायन पाठ फिर गुरुवर श्री की गुरूवंदना, व्यास पीठ वंदना-प्रार्थना से शुभारम्भ किया गया।
सभी भागीदारों का सामूहिक जल व पुष्प वर्षा से मंगलाचरण एवं पवित्रीकरण कराकर सत्प्रवृत्ति संवर्धन , सद्बुद्धि जागरण , सन्मार्ग गमन एवं सत्कर्म आचरण का संकल्प करा कर गुरुवर श्री के संदेश उज्ज्वल भविष्य  निर्माण योजना के सूत्रों का विवेचन किया गया।
एनएन पांडे ने कहा कि
गायत्री महाशक्ति युग शक्ति बनीं हैं।  यह ऐसा महामंत्र है जो कि युग शक्ति बन अवतरित हुई है । यह युग शक्ति का ऐसा सार्वभौम स्वरूप है, जिसे हर क्षेत्र में, हर वर्ग में,हर संगठन में अपनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि साधना में अपनी रूचि जगाएं ,
विश्व मानवता की रक्षा के लिए युग ऋषि के साधनात्मक अभियान से जुड़ें तथा आत्म चिंतन , आत्म कल्याण, जन कल्याण के लिए आगे आएं।
दैवी सभ्यता का अर्थ भजन करना नहीं होता, वरन् जीवन को दैवी सभ्यता के अनुरूप ढाल लेना होता है ।
आज कुछ बच्चों के अन्नप्राशन संस्कार और विद्यारंभ संस्कार हुए और यज्ञ के रक्षा विधान के बाद दो पालियों में मंत्राहुति में आज करीब 1800 परिवार परिजनों एवं गायत्री साधकों ने यज्ञाहुति देकर सर्व जनों की सामूहिक शुभकामना और प्रार्थना सहित आरती करके कार्यक्रम को विराम किया गया और अमृताशन का भंडारा कराया गया।
शाम में प्रज्ञा गीत भजन एवं गुरुदेव श्री के विचारों उपदेशों को तथा शांतिकुंज के अधीनस्थ अनेक संस्थानों के उद्देश्य व विषय में बताया गया। उक्त जानकारी
जय नारायण प्रसाद व
मनोज कुमार राय ने दी।

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