रांची। झारखंड राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य और लोकप्रिय समाजसेवी राकेश कुमार सिंह ने राशन कार्ड से वंचित राज्य के मध्यम व निम्नवर्गीय परिवारों को भी खाद्यान्न मुहैया कराने और उनका राशन कार्ड बनाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र व राज्य सरकार के प्रथम और द्वितीय वर्ग के अधिकारियों को छोड़कर सूबे के सभी मध्यम और निम्नवर्गीय परिवारों को राशन कार्ड से आच्छादित किया जाना जरूरी है। श्री सिंह ने कहा कि जिस प्रकार कई लोग स्वेच्छा से गैस की सब्सिडी नहीं लेते हैं, उसी प्रकार से राशन कार्ड के मामले में भी वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के शासनकाल में राशन कार्ड बनाने के लिए जो मापदंड निर्धारित किया गया था, वह जनहित में उचित नहीं है। अपने घरों में मोटरसाइकिल,वाशिंग मशीन, टीवी आदि रखने वाले लोगों को राशन कार्ड की सुविधा से वंचित कर दिया जाना तर्कसंगत नहीं जान पड़ता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान विशेष रुप से मध्यम, निम्न मध्यम और निम्नवर्गीय परिवारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के लाखों परिवारों को राशनकार्ड से वंचित रखने और खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में शामिल नहीं किए जाने से उन परिवारों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि इस दिशा में खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के अधीनस्थ भारी भरकम बजट वाला झारखंड राज्य खाद्य आयोग बिल्कुल मौन है। आयोग की इस निष्क्रियता से इसके औचित्य पर सवालिया निशान लग गया है। श्री सिंह ने राज्य सरकार से झारखंड राज्य खाद्य आयोग की उपयोगिता और इसके औचित्य के बारे में गंभीरता से विचार करने और विगत वित्तीय वर्षों में आयोग के खर्च की समीक्षा करने की भी मांग की है।
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शुक्रवार, 27 मार्च 2020
राशनकार्ड से वंचित लोगों को भी खाद्यान्न मुहैया कराए सरकार: राकेश कुमार सिंह
रांची। झारखंड राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य और लोकप्रिय समाजसेवी राकेश कुमार सिंह ने राशन कार्ड से वंचित राज्य के मध्यम व निम्नवर्गीय परिवारों को भी खाद्यान्न मुहैया कराने और उनका राशन कार्ड बनाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र व राज्य सरकार के प्रथम और द्वितीय वर्ग के अधिकारियों को छोड़कर सूबे के सभी मध्यम और निम्नवर्गीय परिवारों को राशन कार्ड से आच्छादित किया जाना जरूरी है। श्री सिंह ने कहा कि जिस प्रकार कई लोग स्वेच्छा से गैस की सब्सिडी नहीं लेते हैं, उसी प्रकार से राशन कार्ड के मामले में भी वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के शासनकाल में राशन कार्ड बनाने के लिए जो मापदंड निर्धारित किया गया था, वह जनहित में उचित नहीं है। अपने घरों में मोटरसाइकिल,वाशिंग मशीन, टीवी आदि रखने वाले लोगों को राशन कार्ड की सुविधा से वंचित कर दिया जाना तर्कसंगत नहीं जान पड़ता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान विशेष रुप से मध्यम, निम्न मध्यम और निम्नवर्गीय परिवारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के लाखों परिवारों को राशनकार्ड से वंचित रखने और खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में शामिल नहीं किए जाने से उन परिवारों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि इस दिशा में खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के अधीनस्थ भारी भरकम बजट वाला झारखंड राज्य खाद्य आयोग बिल्कुल मौन है। आयोग की इस निष्क्रियता से इसके औचित्य पर सवालिया निशान लग गया है। श्री सिंह ने राज्य सरकार से झारखंड राज्य खाद्य आयोग की उपयोगिता और इसके औचित्य के बारे में गंभीरता से विचार करने और विगत वित्तीय वर्षों में आयोग के खर्च की समीक्षा करने की भी मांग की है।
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