रांची। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच कुछ लोग स्वयं की परवाह किए बिना भूखे को भोजन और प्यासे को पानी देने में मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं हटिया स्टेशन रोड निवासी होटल संचालक और समाजसेवी रमाशंकर प्रसाद। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बिरसा चौक व आसपास के इलाके में सड़क के किनारे और फुटपाथ पर रहने को विवश बेघर और गरीब लोगों के बीच प्रतिदिन भोजन वितरण करने का बीड़ा उठाया है। पीड़ित मानवता की सेवा के प्रति उनका जज्बा और जुनून अनुकरणीय है। श्री प्रसाद जगन्नाथपुर थाना अंतर्गत विभिन्न जगहों पर जाकर गरीब लोगों के बीच दोपहर में भोजन का वितरण करते हैं। उनकी कोशिश रहती है कि कोई भी गरीब भूखा ना रहे। इस दौरान उन्हें गरीबों के नजदीक जाने की जरूरत पड़ती है, लेकिन इसके बावजूद वह अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करते हुए पूरी तरह सतर्कता बरतते हैं। विपरीत परिस्थितियों के बीच हाशिए पर रहने को विवश बेहद गरीब लोगों को भोजन मुहैया कराने का उनका यह प्रयास सराहनीय है। रमाशंकर कहते हैं कि लॉकडाउन की अवधि (14 अप्रैल) तक वह ऐसे गरीबों को चिन्हित कर उनके बीच दोपहर का भोजन मुहैया कराते रहेंगे। वह कहते हैं कि गरीबों की सेवा ही सच्चा और सबसे बड़ा मानव धर्म है। पीड़ित मानवता की सेवा करने से उन्हें सुकून मिलता है।
यह ब्लॉग खोजें
शनिवार, 28 मार्च 2020
भूखों को भोजन कराने में जुटे रमाशंकर प्रसाद
रांची। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच कुछ लोग स्वयं की परवाह किए बिना भूखे को भोजन और प्यासे को पानी देने में मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं हटिया स्टेशन रोड निवासी होटल संचालक और समाजसेवी रमाशंकर प्रसाद। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बिरसा चौक व आसपास के इलाके में सड़क के किनारे और फुटपाथ पर रहने को विवश बेघर और गरीब लोगों के बीच प्रतिदिन भोजन वितरण करने का बीड़ा उठाया है। पीड़ित मानवता की सेवा के प्रति उनका जज्बा और जुनून अनुकरणीय है। श्री प्रसाद जगन्नाथपुर थाना अंतर्गत विभिन्न जगहों पर जाकर गरीब लोगों के बीच दोपहर में भोजन का वितरण करते हैं। उनकी कोशिश रहती है कि कोई भी गरीब भूखा ना रहे। इस दौरान उन्हें गरीबों के नजदीक जाने की जरूरत पड़ती है, लेकिन इसके बावजूद वह अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करते हुए पूरी तरह सतर्कता बरतते हैं। विपरीत परिस्थितियों के बीच हाशिए पर रहने को विवश बेहद गरीब लोगों को भोजन मुहैया कराने का उनका यह प्रयास सराहनीय है। रमाशंकर कहते हैं कि लॉकडाउन की अवधि (14 अप्रैल) तक वह ऐसे गरीबों को चिन्हित कर उनके बीच दोपहर का भोजन मुहैया कराते रहेंगे। वह कहते हैं कि गरीबों की सेवा ही सच्चा और सबसे बड़ा मानव धर्म है। पीड़ित मानवता की सेवा करने से उन्हें सुकून मिलता है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी
झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी काशीनाथ केवट 15 नवम्बर 2000 -वी...
-
झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी काशीनाथ केवट 15 नवम्बर 2000 -वी...
-
* जनता के चहेते जनप्रतिनिधि थे पप्पू बाबू : अरुण कुमार सिंह बख्तियारपुर / पटना : पूर्व विधायक व प्रखर राजनेता स्व.भुवनेश्वर प्रसाद ...
-
मारवाड़ी युवा मंच महिला समर्पण शाखा द्वारा दो दिवसीय दिवाली मेला का आयोजन अग्रसेन भवन में किया जा रहा है | यह मेला 15 और 16 अक्टूबर...
-
अब जेल से चलेगी सरकार ! सरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होने के बावजूद अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। पार्टी के...
-
प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित रांची । राजधानी के श्री डोरंडा बालिका उच्च विद्यालय प्रांगण में सोमवार को प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किय...

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें