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बुधवार, 20 नवंबर 2019

हाईवे के पास यात्री सुविधा केंद्रों का जाल बिछाएगी सरकार

झारखंड के मुख्य सचिव डा.
डी के तिवारी ने दिया निर्देश



रांची। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने हाईवे (राज्य की मुख्य सड़कें) पर यात्रियों के लिए सुविधा केंद्र बनाने की योजना पर काम करने का निर्देश पथ निर्माण विभाग को दिया है। इसके लिए प्राधिकृत समिति में प्रस्ताव लाने को कहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा शौचालय की कमी महसूस की जाती है। खासकर महिलाओं को शौचालय के अभाव में काफी परेशानी होती है। इसके लिए उन्होंने मुख्य सड़कों से सटे 200-250 मीटर हटकर यात्री सुविधा केंद्र बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र प्रत्येक 50 से 100 किलोमीटर की दूरी पर हो, ताकि यात्री वहां रुक कर फ्रेस हो सकें। कुछ खा-पी सकें और थोड़ी सी यात्रा की थकान भी दूर कर सकें। उन्होंने पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर सबसे पहले रांची-पटना, रांची-जमशेदपुर मार्ग पर इसे लागू करने पर बल दिया। उन्होंने हाईवे पर माइल स्टोन के माध्यम से सबसे नजदीक के स्थान के साथ राह में पड़नेवाले मुख्य स्थानों की दूरी दर्शाने का निर्देश दिया। वहीं सड़क किनारे विभिन्न सूचनाएं, प्रेरक स्लोगन आदि से जुड़े साइनेज तकनीकी विशिष्टियों और आइआरसी के अनुरूप लगाने का भी निर्देश दिया। मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में पथ निर्माण विभाग की तीन वर्षों की योजनाओं की प्रगति और आगामी 100 दिनों की कार्ययोजना की समीक्षा कर रहे थे। 

*रोड जंक्शन को आधुनिक करें*
मुख्य सचिव ने शहर में रोड जंक्शन (गोलंबर) को सुगम यातायात के लिए आधुनिक बनाने का निर्देश दिया। कैसे करना है, इसे लेकर उन्होंने पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि शहर के गोलंबरों के पास आवागमन के लिए ऐसी व्यवस्था करें कि वाहन या तो सीधे निकल जाएं, या कुछ सेकेंड के लिए ही उसे रुकना पड़े। इसके लिए रांची के किसी एक मार्ग के गोलंबर पर तात्कालिक रूप से इसे विकसित करने पर बल दिया। साथ ही शहर से अनावश्यक ब्रेकर हटाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जहां जरूरी हो, वहां नियमानुसार तकनीकी विशिष्टिओं के अनुसार स्टैंडर्ड स्पीड ब्रेकर बनाएं।

*ऊपरी परत हटाकर करें सड़कों का सुदृढ़ीकरण*
मुख्य सचिव ने पथ निर्माण विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया कि आगे से सड़क निर्माण में यह ध्यान रखें कि सड़क की मूल ऊंचाई नहीं बढ़े। उन्होंने निर्देश दिया कि पहले से बनी सड़क की ऊपरी परत को हटाकर (मिलिंग) ही सड़क निर्माण करें। कहा, सड़क पर परत-दर-परत चढ़ाते जाने से नालियों से जल निकासी में दिक्कत के साथ आवासीय भवनों, घरों में बारिश का पानी घुसने की भी समस्या आती है। वहीं उन्होंने विभागीय स्तर से सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर भी फोकस करने का निर्देश दिया।

*इंजीनियर्स एकेडमी का गठन करें*
मुख्य सचिव ने कहा कि अभियंताओं के अपेक्षित प्रशिक्षण के अभाव में उनका समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। वहीं योजनाओं के क्रियान्वयन तथा गुणवत्ता नियंत्रण में भी विभाग को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए उन्होंने इंजीनियर्स एकेडमी के गठन का निर्देश दिया। कहा, आइएएस अधिकारियों की तरह राज्य के अभियंताओं को भी लगातार हो रहे तकनीकी बदलाव के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। इंजीनियर्स एकेडमी के गठन के लिए उन्होंने विभाग के तीन-चार अभियंताओं की टीम बनाकर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वहीं इसकी पूर्व तैयारी को लेकर झारखंड मंत्रालय के सभागार में एक कार्यशाला आयोजित करने को कहा। उसमें अन्य राज्यों के विशेषज्ञों, अभियंताओं को भी आमंत्रित करने का निर्देश दिया। साथ ही अकुशल अभियंताओं को चिह्नित कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने को कहा।

*बिना तकनीकी स्वीकृति के टेंडर नहीं करें फाइनल*
मुख्य सचिव ने बिना तकनीकी स्वीकृति के टेंडर फाइनल करने की परंपरा पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश दिया। कहा, आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए। इससे सभी संबंधित अभियंताओं को अवगत कराने का निर्देश दिया। वहीं उन्होंने पथ निर्माण विभाग को जेसेक से समन्वय बनाकर राज्य के सभी तरह के पथों का एक समेकित मैप तैयार कर लेने का निर्देश दिया। उस मैप में सभी विभागों के पथों को अलग-अलग रंगों के माध्यम से प्रदर्शित करने को कहा। मुख्य सचिव ने कहा कि सेटेलाइट मैपिंग से सड़क निर्माण के पहले ही जमीन की प्रकृति का पता चल जाएगा। साथ ही जमीन अधिग्रहण के दौरान पक्का पता रहेगा कि कितनी जमीन रैयती है और कितनी सरकारी या अन्य प्रकृति की। इससे रोड एनाइलमेंट की सुविधा भी हो जाएगी। बैठक के दौरान इसके अलावा पथ निर्माण विभाग के आय-व्यय से लेकर अन्य मामलों की भी समीक्षा की गई।

*अजजा, अजा, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग विभाग की भी हुई समीक्षा*
एक अन्य बैठक में मुख्य सचिव की अध्क्षता में अजजा, अजा, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग विभाग की भी समीक्षा की गई। इस दौरान विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई तथा आगे की रणनीति पर फैसला हुआ। एकल विद्यालयों की समीक्षा में उसकी प्रगति संतोषजनक पाई गई। वहीं अन्य योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए विभाग की सचिव श्रीमती हिमानी पांडे को निर्देश दिए गए।

*मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न पथ निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, सचिव श्री केके सोन, सचिव हिमानी पांडे के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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