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शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

कम उम्र में ही अदाकारी के जलवे बिखेर रही है ईसल आमना




चक्रधरपुर। कलाकार किसी जाति या मजहब के आधार पर नहीं, बल्कि अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर सबों के चहेते बन जाते हैं। अपनी बेहतरीन और उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन कर कलाकार किसी भी जाति, धर्म व संप्रदाय से संबंधित भूमिका को बखूबी निभाते हैं। इसे सच साबित कर दिखाया है चक्रधरपुर शहर की पांच वर्षीय बालिका इसल आमना ने। शहर के प्रख्यात शैक्षणिक संस्थान डीपीएस की कक्षा प्रथम की छात्रा एवं शम्स तबरेज की पांच वर्षीय पुत्री ईसल आमना कम उम्र में ही रोहित फाइन आर्ट्स अकैडमी के मार्गदर्शन में अपनी अदाकारी का जलवा बिखेर रही है। वह मुस्लिम समुदाय से आने के बाद भी सभी धर्मों के कार्यक्रमों में शामिल होकर अपनी बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन करती रही है।  कृष्णा जन्माष्टमी,डांडिया सम्मेलन, जन नायक समिति के सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेती है। ईसल के नाम खूबसूरती से जुड़े ढ़ेर सारी पुरस्कार भी हैं। वह अपनी उत्कृष्ट अदाकारी के लिए सिनी मे आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित की जा चुकी है। ईसल की सफलता के पीछे उनके माता-पिता की मेहनत है। अपने माता-पिता, अपने स्कूल व शहर का नाम रौशन करने में ईसल की महत्वपूर्ण भूमिका है। ईसल की इस उपलब्धि पर रोहित फाइन आर्ट्स अकैडमी के संस्थापक व संचालक रोहित दास कहते हैं कि आने वाले समय में भी ईसल आमना अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरते हुए इसी तरह अपने शहर का नाम रोशन करती रहेगी। ईसल की प्रतिभा को तराशने में रोहित फाइन आर्ट्स एकेडमी का महत्वपूर्ण योगदान है।

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