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शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

अगले साल से राज्य सरकार मनाए सावित्रीबाई फुले जयंती: राजेश गुप्ता


*  शिक्षित समाज की पक्षधर थीं सावित्रीबाई फुले : गुंजन गुप्ता

रांची। शिक्षा के बिना स्वस्थ और स्वच्छ समाज का निर्माण असंभव है। शिक्षित समाज के बिना देश व राज्य का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। उक्त बातें सामाजिक संस्था सृजन हेल्प की संचालिका और लोकप्रिय समाजसेवी गुंजन गुप्ता ने कही। श्रीमती गुप्ता शुक्रवार को राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के तत्वावधान में हरमू स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 190 वीं जयंती समारोह के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में देश को विकसित करने में सावित्रीबाई फुले की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। समाज को शिक्षित करने की दिशा में उन्होंने जो कदम उठाए, वह अनुकरणीय व अविस्मरणीय है। इसके लिए उन्होंने पीड़ा भी उठाई। लेकिन अपने मिशन से वह जरा भी अडिग नहीं हुई। उन्होंने कहा कि श्रीमती फुले ने शिक्षा का अलख जगाते हुए साक्षरता दर में में वृद्धि के लिए जो प्रयास किए, उसी का प्रतिफल है कि आज हमारा समाज शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम आज के दिन शिक्षा के क्षेत्र में समाज को समृद्ध करने का संकल्प लें, यही सावित्रीबाई फुले के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जयंती समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सावित्रीबाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि सावित्रीबाई फुले ने विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का व्यापक प्रचार- प्रसार किया। इस क्रम में उन्होंने लोगों से ताने भी सुने। शिक्षित समाज की अवधारणा को आत्मसात कर आगे बढ़ रही श्रीमती फुले को कई बार विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन इससे विचलित हुए बिना वह अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर होती रहीं। श्री गुप्ता ने सावित्रीबाई फुले के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सर्वप्रथम एक जनवरी 1848 को तात्या भाई भिड़ेबाड़ा
के  बुधवारपेठ,पुणे में उन्होंने एक स्कूल खोला। तत्पश्चात 1849 में पुणे में ही उस्मान शेख के घर में मुस्लिम समुदाय के बच्चे और महिलाओं के लिए फातिमा शेख के सहयोग से एक स्कूल खोला। वर्ष 1852 तक उन्होंने अपने प्रयास से 18 स्कूल बिना किसी आर्थिक सहायता के खोले। शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान से प्रभावित होकर तत्कालीन अंग्रेज सरकार ने उन्हें व उनके पति ज्योतिबा फुले को सर्वश्रेष्ठ दंपति शिक्षक के रूप में सम्मानित किया। जयंती समारोह में मोर्चा के अन्य वक्ताओं ने भी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर प्रकाश डाला और श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा की छात्र इकाई के अध्यक्ष नवीन साहू, मीडिया प्रभारी अशोक महतो, मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य डॉ. धनंजय कुमार, संजय चौरसिया, मोहम्मद अल्तमस, सूबेदार एसएन सिंह कुशवाहा, दिनेश कुमार मौर्य, शत्रुघ्न कुमार राय, सुधीर राय, राम लखन साहू, मोहम्मद आशिक, शिव प्रसाद साहू, सज्जाद अंसारी, छोटू अंसारी सहित काफी संख्या में मोर्चा के पदधारी व सदस्यगण उपस्थित थे।

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