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रविवार, 15 दिसंबर 2019

सहानुभूति लहर का लाभ मिल सकता है.निर्दलीय प्रत्याशी सीताराम पाठक को

जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र :
* भाजपा के 11 समर्पित कार्यकर्ताओं का निष्कासन  पार्टी के लिए बना परेशानी का सबब

विनय मिश्रा
 जरमुंडी । भाजपा द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में ग्यारह कार्यकर्ताओं के निष्कासन के बाद जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण प्रभावित होने के आसार नजर आ रहे हैं। इस क्रम में जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले सीताराम पाठक के निष्कासन से भी कार्यकर्ताओं व उनके समर्थकों में काफी रोष व्याप्त है। गौरतलब है कि सीताराम पाठक विगत 15 वर्षों से भी अधिक समय से भाजपा के समर्पित और ऊर्जावान नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। श्री पाठक पार्टी के लिए हमेशा समर्पित होकर काम करते रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से टिकट के लिए प्रबल दावेदार थे। लेकिन उनकी उपेक्षा कर अन्य को भाजपा प्रत्याशी बनाया गया। इससे भाजपा के भीतर ही कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो गया। जन दबाव के कारण श्री पाठक निर्दलीय प्रत्याक्षी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे। सीताराम पाठक को जिस  प्रकार से जनसमर्थन मिल रहा है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि श्री पाठक की जीत तय है।  वहीं, झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री सरयू राय के समर्थन  से इनकी स्थिति और भी मजबूत होती जा रही है। बता दें कि श्री पाठक गोड्डा  के सांसद निशिकांत दुबे के प्रतिनिधि भी रहे हैं। उनके कार्यकाल में इस क्षेत्र का विकास भी हुआ। श्री पाठक जनता के साथ जुड़े रहे हैं। समर्पित कार्यकर्ताओं के भाजपा से निष्कासन के बाद पार्टी के प्रति लोगों में काफी रोष देखा जा रहा है। आमजन भी श्री पाठक के प्रति सहानभूति व्यक्त कर रहे हैं। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से इस बार चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सीताराम पाठक जीत का परचम लहरा सकते हैं।

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