यह झारखंड के लिए गौरव की बात है कि प्रभात खबर के वरीय स्थानीय संपादक, ग्रामीण सुशील भारतीय की तीन-तीन किताबें भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन जैसे देश के सम्मानित प्रकाशन से एक साथ प्रकाशित हो रही हैं। इनमें एक खंडकाव्य है और दो पत्रकारिता से संबंधित पुस्तकें हैं। खंडकाव्य कौत्स की गुरुदक्षिणा का मूल्य 300 रुपये है जबकि पत्रकारिता दशा और दिशा और पत्रकारिता और प्रेस अधिनियम का मूल्य 500-500 रुपये है। तीनों पुस्तकें जल्द ही पाठकों तक पहुंचेंगी। किसी एक लेखक की तीन किताबों का एक साथ प्रकाशन ज्ञानपीठ प्रकाशन के इतिहास में संभवतः पहली घटना है। खबरगंगा की ओर से सुशील भारती और ज्ञानपीठ प्रकाशन को बधाई।
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सुशील भारती ने एक सफल पत्रकार के रूप में लंबी यात्रा की है। एक ओर खोजी पत्रकारिता तो दूसरी ओर चिंतन शील संपादक जिसने पत्रकारिता के मूल्यों से समझौता नहीं किया, कितनी बार जान जोखिम में डाला। मुझे गर्व है कि पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे इनका मार्गदर्शन मिला। बहुत बधाई सुशील भारती भैय्या!
जवाब देंहटाएंज्ञानपीठ प्रकाशन से किसी लेखक का एक साथ तीन-तीन पुस्तकें प्रकाशित होना सामान्य बात नहीं है। जो संस्थान ज्ञानपीठ जैसा गरिमामयी और प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान करता है, उसकी साहित्य के किसी भी विद्या में कितनी गहराई होगी, उसका सहज अंदाज लगाया जा सकता है। ऐसे में एक साथ प्रकाशित होने वाली तीन पुस्तकों के लेखक की गहराई का भी पता चलता है। ....और वह लेखक मित्र, भाई हो तो सीना गर्व से चौड़ा होना स्वाभाविक ही है।
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