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मंगलवार, 7 मई 2019

रांचीवासियों के दिलों में रहेंगे हरदिल अज़ीज डा. मोती प्रसाद सिंह




रांची। राजधानी के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सक डा. मोती प्रसाद सिंह का निधन रांची वासियों के लिए ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई आने वाले कई वर्षों तक हो पाना संभव नहीं दिखता। हिनू स्थित शुक्ला कॉलोनी के प्रवेश मार्ग पर लगे बोर्ड को देखकर लोग यकीन ही नहीं कर पा रहे कि डाक्टर साहब नहीं रहे। वे चिकित्सा का व्यवसाय नहीं बल्कि उसकी साधना करते थे। अमीर-गरीब सबके लिए उनके द्वार खुले रहते थे। गरीब मरीजों का वे न सिर्फ मुफ्त इलाज करते थे बल्कि दवाएं भी अपने पास से दे देते थे।  
उनका देहांत 3 मई को जमशेदपुर के टीएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया। उनकी ज्येष्ठ पुत्री डा. विनीता सिंह और दामाद डां सुनील कुमार ने उनका दाह्य संस्कार और श्राद्ध कर्म जमशेदपुर में ही आर्य समाजी विधि सो कराया। डा. मोती प्रसाद सिंह की तीन पुत्रियां हैं। मंझली पुत्री डां मनीषा सिंह अपने पति डा. राजीव सिंह के साथ ब्रिटेन में रहती है। छोटी बेटी रिंकू सिंह एक कृशल गृहणी हैं और हिंडाल्कों कंपनी में पदस्थापित अभियंता विनीत कुमार के साथ रहती हैं। क्टर मोती प्रसाद सिंह एसोसियेशन ऑफ फिजिसियंस ऑफ इंडिया और कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की झारखंड इकाई के आजीवन पदधारी रहे। 

स्व, डा. सिंह चिकित्सकों की कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़े थे। उन्हें विदेशों में होने वाले चिकित्सा संबंधी सेमिनारों में विशेष वक्ता के रूप में बुलाया जाता था। श्रेष्ठ सेवाओं के लिए उन्हें दर्जनों पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है। उन्हें ब्रिटेन स्थित बिहार-झारखंड मेडिकल एसोसिएशन और ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ राजपूत सहित कई संस्थाओं के वार्षिक कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जाता था।
स्व. डां सिंह दरभंगा मेडिकल कॉलेज ह़ॉस्पीटल से एमबीबीएस की पढ़ाई की। एमडी किया। इसके बाद रांची स्थित एचइसी के प्लांट हास्पीटल में बतौर वरीय चिकित्सक योगदान दिया। वहां अपनी व्यवहार कुशलता से लोकप्रियता हासिल की। वे कोल इंडिया के डायरेक्टर, हेल्थ सर्विसेज चयनित किए गए। वहां भी उन्होंने अपने गहन अनुभव और ज्ञान के जरिए की पलब्धियां हासिल की। कोल इंडिया की परियोजनाओं में स्वास्थ्य सेवाओं के आधुनिकीकरण में इनका बड़ा योगदान रहा। कोल इंडिया से सेवानिवृत होने के बाद वे रांची आ गए। उन्हें मेकॉन प्रबंधन ने इस्पात अस्पतालों का सलाहकार नियुक्त किया। वहां भी इनका अहम योगदान रहा। रांची में अपनी व्यवहार कुशलता, सहज उपलब्धता और बेहतर इलाज के जरिए काफी लोकप्रियता हासिल की। 9 मई को को उनके हिनू स्थित आवास पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है।

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