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बुधवार, 16 जनवरी 2019

पहले पुनर्वास फिर विस्थापन हमारी सरकार की नीतिः सीएम रघुवर दास


50 लाख और मुफ्त जमीन विस्थापितों को मिला है
साहेबगंज से गंगा का पानी लेकर संथाल परगना के 6 जिलों तक सिंचाई और पेयजल पहुंचाया जाएगा


देवघर। विस्थापन का दर्द हमें विरासत के रूप में मिला। 67 साल तक झारखण्ड ने विस्थापन का दंश झेला है। लेकिन हमारी सरकार पहले पुर्नवास फिर विस्थापन का काम कर रही है। राजस्व विभाग को स्पष्ट निदेश दिया गया है कि बड़े विकास कार्य मे विस्थापितों को उनकी जमीन का पट्टा दें। क्योंकि जमीन देने वाला भी जमीन का मालिक होना चाहिए। देवघर हवाई अड्डा विस्तारीकरण से विस्थापित हुए परिवारों को 50 लाख रुपये और मुफ्त जमीन दिया जा रहा है। उनके लिए टाउनशिप का निर्माण किया जा रहा है, जहां गुणवत्तापूर्ण मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित किया जाएगा। आनेवाले दिनों में यह विस्थापन के बाद पुनर्वास राज्य के लिए मॉडल बनेगा। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कही. श्री रघुवर दास बुधवार को बैद्यनाथधाम नयाडीह में देवघर हवाई अड्डा प्राधिकरण से विस्थापित परिवारों के लिए निर्मित टाउनशिप निरीक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देवघर में विस्थापितों के लिए गुणवत्तापूर्ण कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। यहां स्कूल होंगे अस्पताल होगा सामुदायिक भवन होगा दुकानें होंगी बिजली होगी. रोजगार सृजन हेतु कौशल विकास का प्रशिक्षण भी होगा. श्री दास ने बताया कि सभी विस्थापितों को उनका सही हक मिलेगा जो सही रूप से विस्थापित हैं. वह इस बात की चिंता तनिक भी ना करें कि उनके हक को छीना जाएगा धैर्य रखें आपको आपका हक अवश्य मिलेगा.

हम पहले बसाते हैं तब विस्थापन 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी रांची में विधानसभा निर्माण के दौरान कई परिवार विस्थापित हुए। लेकिन उनकी सहमति से उनके अनुसार, उनके लिए रहने की व्यवस्था 245 करोड़ की लागत से की गई। आज वे सभी खुश हैं। एक गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराकर हमें भी गर्व की अनुभूति होती है। सरकार को इस बात का ध्यान है कि 67 साल तक राज्य विस्थापन का दंश झेला है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आपने हमें स्थिरता और विकास के लिए अपने वोट के माध्यम से मजबूती प्रदान की है। विकास के काम हो रहे हैं। संथाल में सालों से लोगों को ठगा गया है। संथाल जो विकास से दूर रहा। इस कलंक को हमें दूर करना है। संथाल परगना को विकसित करना मेरी प्राथमिकताओं में से है। मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। देवघर अंतरराष्ट्रीय शहर बने यह सरकार की सोच है। यहां निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने जो अपना धर्म निभाया है वह काबिले तारीफ है। एम्स, इंटरनेशनल एयरपोर्ट और जल्द साहेबगंज जलमार्ग का केंद्र होगा। यहां मार्च से बंगलादेश मयार और बनारस तक मार्ग प्रारंभ होगा। यह बदलाव नहीं तो और क्या है?

साहेबगंज से आएगा संथाल के 6 जिलों में सिंचाई व पीने हेतु नीर 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह पलामू की धरती में सोन नदी से 1138 करोड़ की लागत से पाइप लाइन से सिंचाई और पेयजल लाने का कार्य प्रारंभ हुआ है। उसी तरह साहिबगंज से गंगा का पानी लाने को मैं प्राथमिकता दे रहा हूं। जल्द इस दिशा में काम होगा और 6 जिलों को सिंचाई व पेयजल की समस्याओं से निजात दिलाने का मैं प्रयास करूंगा। क्योंकि 2014 में मैंने आपसे कहा था आप हमें बहुमत दें हम संपूर्ण विकास करेंगे। आपने झारखंड को वनवास से मुक्त किया, उसका परिणाम धीरे धीरे आपके सामने परिलक्षित हो रहा है। 4 साल में गांव, गरीब, किसान, महिलाएं और युवाओं की चिंता केंद्र और राज्य सरकार ने की है। नैयाडीह की बहनें फूल की खेती कर रही हैं, वह हुनरमंद होकर स्वावलंबी बन रही हैं। यह देख मन प्रफुल्लित हुआ। जिला प्रशासन की योजनाओं को आप आत्मसात करें और अपने स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त करें सरकार आपके साथ है।

वंशवाद में पैदा हुए लोग क्या जाने गरीबी क्या होती है
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद से राज्य के विकास पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। वंशवाद में पैदा लिए लोग गरीबों का दर्द क्या जाने। आपको ऐसे लोगों को करारा जवाब देना है। 67 साल तक आप के लिए क्या किया गया? क्यों नहीं आपके घरों तक बिजली पहुंची? क्यों नहीं आपके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्राप्ति हुई? क्यों नहीं घर की मां बहनों को सम्मान से जीने का हक मिला? क्यों नहीं माताओं एवं बहनों को धुआं से मुक्ति मिली? क्यों नहीं गरीबों का मुफ्त इलाज सुनिश्चित हुआ है? आप उनसे जरूर पूछें और पिछले 67 साल और 2014 से लेकर 2019 तक के कार्यकाल का आकलन कर अपना निर्णय लें।

आनेवाला कल राज्य के युवाओं का
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवघर में इंजीनियरिंग कॉलेज का शुभारंभ होगा। सरकार की योजना हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ करने की है लेकिन 14 साल के गड्ढे को भरने में वक्त लगता है इसके लिए धैर्य की आवश्यकता है। नैयाडीह से विस्थापित हुए युवा टाउनशिप में प्रारंभ होने वाले कौशल विकास केंद्र में अवश्य प्रशिक्षण लें ताकि खुद को वे हुनर बनाकर आर्थिक स्वालंबन की ओर अग्रसर हो सकें। मुख्यमंत्री ने बताया कि जिस प्रकार राज्य के किसानों ने 2014 की कृषि विकास दर -4% को 2018 में +14% कर दिया उसके लिए राज्य सरकार उनकी ऋणी है। किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने व आधुनिक युग की कृषि से अवगत कराने के लिए सिर्फ पुरुष किसानों को ही नहीं महिलाओं को भी इजराइल व फिलिपिंस भेजा गया है। संथाल की 18 महिलाएं इजरायल और फिलीपींस गई हैं। ताकि वे कृषि में नए आयाम स्थापित कर सकें। उनके इस भगीरथ प्रयास से राज्य सरकार और किसानों की शक्ति मिलकर मिलकर 2022 तक किसानों की आय सिर्फ दुगनी नहीं बल्कि चौगुनी करने का लक्ष्य रखती है.


गोड्डा सांसद श्री निशिकान्त दूबे ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि सबसे बड़ा उदाहरण आज हमारे सामने नैयाडीह गाँव है, जिसे देखकर हम कह सकते हैं कि विस्थापन अभिशाप नहीं है। इस पूरे कार्यों को बेहतर तरीके से निष्पादित करने हेतु उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा व उनके पूरे टीम को बधाई। आज केन्द्र हो या राज्य हमारी सरकार ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ के तर्ज पर कार्य कर रही है। आज देवघर जिला विकास के नित नये आयामों को छू रही है। एयरपोर्ट, एम्स हो या फिर पुनासी डैम परियोजना का पूरा होना मुख्यमंत्री की देन है।

विधायक श्री नारायण दास ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के कार्यकाल में सिर्फ देवघर हीं नहीं पूरा झारखण्ड राज्य विकास की नयी गाथा और नये आयामों को छूने में कामयाब रहा है। इन वर्षों में इस नये प्रदेश ने कई नये ऊँचाईयाँ छुए हैं। आज चहुमुखी विकास की वजह से देवघर बदल रहा है। मुख्यमंत्री जी के प्रयासों के वजह से आज एम्स, एयरपोर्ट के अलावे देवघर में संस्कृत विश्वविद्यालय, डिगरिया पहाड़ पर राष्ट्रीय पार्क का निर्माण कार्य हो रहा है।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने बाबा बैजनाथ वाटिका जो देवघर हवाई अड्डा विस्थापितों के पुनर्वासन एवं आजीविका हेतु स्थापित किया गया उसका उद्घाटन किया। जहाँ 11,000 गुलाब, 5,000 गैंदा एवं 2,000 जरबेरा फूलों के पौधे लगाये गये हैं। फूलों के इस रोजागार से जुड़कर विस्थापित परिवार प्रतिवर्ष लाखों रूपये कमा सकते हैं। आने वाले समय में यह एक दर्शीय व प्रशिक्षण स्थल के रूप में  विकसित किया जायेगा। साथ ही चिल्ड्रंस पार्क, जन सुविधा केंद्र और नए ट्रांसफार्मर का उद्घाटन भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने देवघर एयरपोर्ट निर्माण से संबंधित पुस्तक का विमोचन किया।

उपायुक्त ने दी देवघर एयरपोर्ट निर्माण में विस्थापन एवं पुनर्वास से संबंधित कुछ जानकारी
कुल 650 एकड़ जमीन का आवंटन हुआ, 700 परिवारों को जमीन उपलब्ध कराया गया। सभी परिवारों को ₹50 लाख और मुफ्त में जमीन दी गई, ताकि वह अपने घर का निर्माण कर सकें। 30 एकड़ में 700 प्लॉट मुफ्त प्रदान किया गया। 18 साल के वयस्कों को 10 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई। 1 वर्ष पूर्व निर्माण कार्य शुरू हुआ। 4 डीप बोरिंग सौभाग्य योजना व अन्य के तहत विद्युतीकरण कार्य, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सार्वजनिक स्थल, जन सुविधा केंद्र, चिल्ड्रंस पार्क, वैधनाथ धाम वाटिका का निर्माण व उद्घाटन हुआ है।

इस अवसर पर सांसद निशिकांत दुबे, देवघर विधायक नारायण दास, संथाल परगना के पुलिस उपमहानिरीक्षक  राज कुमार लकड़ा, देवघर उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक देवघर नरेन्द्र कुमार व अन्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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