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बुधवार, 19 सितंबर 2018

हजरत अब्बास की याद में मजलिसे-ग़म का आयोजन: तहजिबुल हसन




रांची। मस्जिद जाफरिया में 19 सितंबर आठवीं मुहर्रम के मौके पर हजरत अब्बास की याद में मजलिस ए गम का आयोजन किया गया। मजलिस से गम में हजरत अब्बास की जीवनी पर मौलाना हाजी सैयद तहजीब उल हसन रिजवी ने प्रकाश डालते हुए कहा कि हर फौज में कोई ना कोई कमांडर होता है। लश्कर हुसैनी के कमांडर का नाम हजरत अब्बास था। जिसतरह सारि दुनिया हजरत अली के  बहादुरी पर नाज़ करती है। हजरत इमाम हुसैन ने हजरत अब्बास को जंग करने की इजाजत नहीं दी थी  बल्कि पानी लाने की इजाजत दी थी। और जब हजरत अब्बास पानी लेने गए तो यजीद के सैनिकों ने उन पर हमला कर दिया उनके दोनों हाथों को काट दिया। हजरत अब्बास शहीद हो गए। उसी शहादत की याद में आठवीं मोहर्रम को अलम का मातमी जुलूस निकाला जाता है। मजलिस में नोहा ख्वानी असगर इमाम, फैजान हैदर, ताबिश रजा, ने पढ़ी। मौके पर डॉक्टर शमीम हैदर,नजर इमाम, एजाज बहादुर, जावेद हैदर, अशरफ हुसैन, अनीस हैदर, सोहेल सईद, सेंट्रल मोहर्रम कमेटी के महासचिव अकील उर रहमान, मोहम्मद फारूक,मोहम्मद इस्लाम आदि शामिल थे।

अनवर टावर से निकलेगा मातमी जुलूस 20 को
अनवर टावर विश्वकर्मा मंदिर लाईन से शाम 7:30 बजे मातमी जुलूस निकाला जाएगा। जो मेन रोड, डॉक्टर फतुल्लाह रॉड होते हुए मस्जिद जा फरिया में पहुंचेगा। मस्जिद जा फरिया में मजलिस होगी।मजलिस के बाद ताबूत हजरत इमाम हुसैन निकाला जाएगा।

मुख्य जुलूस 21 सितंबर मस्जिद जाफरिया से 
मस्जिद जाफरिया से बाद नमाज जुमा 1:30 बजे आलम और ताबूत का मातमी जुलूस निकलेगा। जो चर्च रोड, हनुमान मंदिर,काली मंदिर, डेली मार्केट, टैक्सी स्टैंड, अंजुमन प्लाजा होते हुए डॉक्टर फतुल्लाह रोड होते हुए कर्बला पहुंचकर संपन्न होगा। जिसमें अंजुमन जाफरिया नोहा खानी करेगी।

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