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बुधवार, 19 दिसंबर 2018

प्रकृति पर्व करमा को राष्ट्रीय त्योहार घोषित करने की मांग


* समाजसेवी सुधांशु सुमन ने गृहमंत्री को लिखा पत्र

रांची । राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सम्मान यात्रा के संयोजक व सुप्रसिद्ध समाजसेवी सुधांशु सुमन ने आदिवासी समुदाय के प्रकृति पर्व करमा को राष्ट्रीय त्यौहार घोषित करने और इसे राष्ट्रीय अवकाश की सूची में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर अनुरोध किया है। गौरतलब है कि इसके पूर्व भी श्री सुमन ने दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान इस संबंध में अनुरोध किया था। उन्होंने पत्र में कहा है कि करमा पर्व के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना आदिवासियों के प्रति सम्मान होगा। यह राष्ट्र हित में होगा। श्री सुमन ने कहा कि करमा प्रकृति पूजक आदिवासियों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसे झारखंड के अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल व पूर्वोत्तर के सभी राज्यों सहित देश के तमाम आदिवासी बहुल इलाकों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर पवित्र करम पेंड़ की डाली को काटकर पूजन स्थल पर स्थापित किया जाता है और उसकी विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। वृक्षों के संरक्षण के प्रति इनका समर्पण बेमिसाल है। प्राकृतिक सौन्दर्य को बरकरार रखने के प्रति इनकी निष्ठा भी अद्भुत है। आदिवासी भारत के एकमात्र समुदाय हैं, जो प्रकृति की गोद में रहते हैं और उसकी पूजा करते हैं। वर्तमान में उनकी सांस्कृतिक विरासत उपेक्षित है और उनकी पहचान व अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है। पर्यावरण पर मंडराते वैश्विक संकट के मद्देनजर इस समुदाय के रीति- रिवाजों और पर्व- त्योहारों के संरक्षण और संवर्द्धन की जरूरत है।इसलिए आदिवासियों के करमा पर्व को राष्ट्रीय त्योहारों की सूची में शामिल कर इस अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की  कृपा की जाए। इससे एक ओर उनकी संस्कृति की रक्षा होगी, वहीं दूसरी तरफ देश के अन्य समुदायों के बीच प्रकृति प्रेम का एक सकारात्मक संदेश जाएगा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

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