रांची। पुलिस में महिलाओं के बारे में 8वां राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीडब्ल्यूपी) कल रांची, झारखंड में शुरू होगा। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो झारखंड पुलिस के सहयोग से इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। यह सम्मेलन महिला पुलिस के मुद्दों का समाधान करने और उनकी व्यावसायिक दक्षता को अधिक से अधिक बढ़ाने तथा अनुकूल बनाने के लिए एक सक्षम माहौल तैयार करने वाला राष्ट्रीय स्तर का एक मात्र मंच है।
सम्मेलन के दौरान निम्नलिखित विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा:
- सीएपीएफ / पुलिस बल में महिलाओं की अनसुनी आवाज- लिंग भेदभाव रहित कार्य स्थल।
- कौशल वृद्धि के लिए प्रौद्योगिकी।
- अनुकूल कार्य माहौल के लिए सशक्त कार्य स्थल।
- स्मार्ट शहरों में महिला पुलिस की भूमिका।
- समुदाय जनित पुलिस व्यवस्था में महिलाएं।
- महिला पुलिस कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण की जरूरत।
- कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न - विभिन्न परिप्रेक्ष्य और प्रबंधन।
उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ज्ञानसुधा मिश्रा, सीबीआई के संयुक्त निदेशक डॉ. सी.के. गोस्वामी, आईपीएस, अतिरिक्त सीआईटी, नई दिल्ली श्रीमती शुभ्रता प्रकाश और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेखा शर्मा जैसे प्रसिद्ध वक्ता इस सम्मेलन में भागीदारी कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य विशेषज्ञ भी विचार-विमर्श करेंगे।
महिला पुलिस कर्मियों की क्षमता निर्माण से निपटने और संपूर्ण व्यावसायिकता प्राप्त करने के लिए पुलिस कार्यों में पर्याप्त अवसर प्रदान करने के लिए एक सशक्त निकाय की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। एनसीडब्ल्यूपी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक समग्र समाधान के रूप में सामने आया। एनसीडब्ल्यूपी का पहला सम्मेलन 2002 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों और केन्द्रीय पुलिस संगठनों की अलग-अलग रैंकों की महिला पुलिस कर्मियों ने बड़े उत्साहपूर्वक भाग लिया। एनसीडब्ल्यूपी सभी पुलिस संगठनों/सीपीओ में यौन उत्पीड़न से निपटने के तंत्र को मजबूत बनाने और उस पर निगरानी रखने तथा सक्रिय तरीकों और साधनों का सुझाव देने के लिए लगातार काम कर रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें