रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड के सर्वांगीण विकास में पुलिस की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिर सरकार बनने के बाद प्रत्येक सेक्टर में निरंतर
विकास हो रहा है। पुलिस और आम जनता के सहयोग के कारण राज्य भ्रष्टाचारमुक्त, उग्रवादमुक्त, अपराधमुक्त की दिशा में अग्रसर हो सका
है। पिछले 4 वर्षों में
झारखंड से 80 प्रतिशत
उग्रवाद का खात्मा किया जा चुका है। पूर्ण विश्वास है कि शेष 20 प्रतिशत उग्रवाद को भी झारखंड पुलिस
उखाड़ फेंकेगी। पुलिस कर्मियों का अथक प्रयास का ही परिणाम है कि आज झारखंड को
तीव्र गति से विकास करने वाले राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा करने में सफल हो
पाए हैं। पर्व, त्योहारों एवं
विपरीत परिस्थितियों में भी पुलिसकर्मी बिना कोई छुट्टी लगातार आम जनता की सुरक्षा
एवं विधि व्यवस्था के संधारण के लिए कर्तव्य स्थल पर तैनात रहते हैं। राज्य सरकार
द्वारा पूर्व में यह घोषणा किया गया था कि झारखंड में पुलिसकर्मियों को हर वर्ष 13 माह का वेतन दिया जाएगा। राज्य सरकार
द्वारा किया गया यह वादा जरूर पूरा होगा। 13 महीने वेतन निर्धारण की प्रक्रिया प्रगति पर
है आने वाले नए वर्ष में पुलिसकर्मियों को यह खुशखबरी मिलने की संभावना है। उक्त
बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर जैप वन
ग्राउंड डोरंडा में आयोजित 18वें
झारखंड स्थापना दिवस परेड एवं अलंकरण समारोह 2018 को संबोधित करते हुए कहीं.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार बनने के बाद आम जनता के सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था
के संधारण हेतु राज्य में 15
हजार पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की गई है। राज्य में अपराध मुक्त व्यवस्था लागू
करना सरकार की प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान आधारित युग में
पुलिस को भी तकनीकी का पूरा उपयोग करना चाहिए। राज्य एवं देश में साइबर क्राइम
चुनौती के तौर पर उभर रहा है। साइबर क्राइम जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य
सरकार द्वारा विभिन्न चिन्हित जगहों पर साइबर थाना भी बनाया गया है। साइबर क्राइम
को आधुनिक तकनीक अपनाकर ही खत्म किया जा सकेगा। पुलिस विभाग अपने मानव संसाधन को
दक्षता आयुक्त बनाएं ताकि वे साइबर क्राइम का मुंहतोड़ जवाब दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री कहा कि शहर में अमन चैन रहे इस हेतु सभी चिन्हित चौक चौराहों पर
सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि
राज्य सरकार द्वारा शहीद हुए पुलिसकर्मियों के वैसे परिवार अथवा आश्रितों को
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिया जाएगा जो आवासहीन हैं। महिला पुलिसकर्मी
एवं पुरुष पुलिसकर्मियों के आवासन एवं अन्य सुविधा हेतु अलग अलग बैरक का निर्माण कराया जा रहा है। महिला पुलिस कर्मियों
के लिए आवासन के लिए कुल 28
स्थानों में महिला बैरक का निर्माण कराया जा चुका है।
मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा अलंकरण दिवस 2018 के अवसर पर झारखंड पुलिस के कुल 102 पदाधिकारियों/ कर्मियों को विभिन्न
पुरस्कारों से नवाजा गया। इन पुरस्कारों में विशिष्ट सेवा के लिए 2 पदाधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, वीरता के लिए कुल 8 पदाधिकारी/आरक्षी कर्मियों को पुलिस
पदक, सराहनीय सेवा के
लिए कुल 28
पदाधिकारी/आरक्षी कर्मियों को पुलिस पदक सहित विशिष्ट सेवा के लिए झारखंड राज्यपाल
पदक हेतु एक पदाधिकारी, वीरता
के लिए कुल 35
पदाधिकारी/आरक्षीकर्मियों को झारखंड मुख्यमंत्री पदक तथा सराहनीय सेवा के लिए कुल 20 पदाधिकारी/आरक्षीकर्मियों को झारखंड
पुलिस पदक दिया गया. अलंकरण समारोह के दौरान संबंधित पुलिस पदाधिकारी एवं
आरक्षीकर्मी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी नौकरी में सम्मान प्राप्त
करना बहुमूल्य क्षण होता है। आज का दिन बहुत ही यादगार दिन है कि आप अपने कर्तव्य
निष्ठा से इस बहुमूल्य क्षण का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री
श्री रघुवर दास ने इस अवसर पर वीरगति प्राप्त हुए कुल 7 शहीदों के परिजनों को 25-25 हजार रुपए की राशि का चेक, शाल देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा
कि मैं नमन करता हूं उन माताओं बहनों को जिन्होंने अपना बेटा अपना पति को राज्य
एवं देश की रक्षा के क्रम में खोया है। उन्होंने शहीदों के परिवार एवं आश्रितों को
भरोसा दिया कि रघुवर का ये दास हर सुख दुख में आपके साथ सदैव खड़ा रहेगा।
इस अवसर पर
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने जैप वन ग्राउंड डोरंडा परिसर में स्पोर्ट्स
कंपलेक्स का भी उद्घाटन किया।
गृह विभाग के प्रधान सचिव श्री एस के
जी रहाटे एवं डीजीपी श्री डीके पांडे ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
इस अवसर पर
राज्य के मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, डीजी होमगार्ड श्री बी बी प्रधान, डीजी जैप श्री नीरज सिन्हा, डीजी मुख्यालय श्री पी आर के नायडू, पुलिस पदक से सम्मानित सभी वरीय एवं
कनीय पुलिस पदाधिकारी, पुलिस
पदाधिकारी, शहीद
पुलिसकर्मियों के परिजन एवं परेड में शामिल महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मी सहित अन्य
लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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