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गुरुवार, 29 नवंबर 2018

झारखंड में कृषि और फूड प्रोसेसिंग की अपार संभावनाएंः सुधीर त्रिपाठी

ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट 2018-झारखंड

नई ऊर्जा, प्रेरणा और विश्वास के साथ किसान कृषि कार्य में गति प्रदान करें- मुख्य सचिव

झारखण्ड के किसान अपने आय को दोगुना नहीं 4 गुना कर सकते हैं- CEO नीति आयोग

ग्रामीण झारखण्ड के विकास की बात हो- एमडी अमूल इंडिया



रांची।  झारखंड की जलवायु, यहां के भौगोलिक स्थिति, यहां के मेहनतकश किसान और मजदूर  उन्नत कृषि कार्य के लिए अनुकूल हैं। राज्य में कृषि और फ़ूड प्रोसेसिंग में अपार संभावनाएं है। खनिज संपदा के साथ साथ कृषि के क्षेत्र में भी झारखंड देश दुनिया मे जाना जाता है। वर्तमान सरकार के चार वर्षों की मेहनत के कारण कृषि के क्षेत्र में कई नए प्रयोग किये गए हैं। कृषकों को हेल्थ कार्ड, महिला समूहों का गठन, बीज ग्राम की स्थापना, क्रियाही बाजार का आधुनिकीकरण, कृषि आधारित उधोग की नींव स्थापित करना आदि महत्वपूर्ण कदम उठाए गए है। यह बात ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फ़ूड समिट 2018 के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कही। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उस मंच की तरह है जहां कृषि से संबंधित सभी लोग उपस्थित हुए हैं। कार्यक्रम में किसान, कृषि वैज्ञानिक, बाजार से जुड़े व्यवसायी, कृषि आधारित उद्योग के प्रतिनिधि उपस्थित है। एक मंच पर इन सब के आने से सब अपने विचारों का आदान प्रदान करेंगे तो उसका परिणाम कृषि क्षेत्र में परिलक्षित होगा। देश विदेश से आये कृषि प्रतिनिधियों को धन्यवाद। किसानों से आग्रह है कि कार्यक्रम के बाद यहां लगे स्टाल पर जरूर जाएं और नए तकनीक के विषय के संबंध में जाने। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में कई सकारात्मक कार्य हुए है। झारखंड के ओडीएफ होने, मनरेगा, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आदि से गांव का त्वरित विकास गया है। दिसंबर माह तक राज्य के हर गांव और हर घर तक बिजली पहुंच जाएगी। कृषि विकास की एक कड़ी आज का यह कार्यक्रम है। यह एक नई ऊर्जा है और आशा है कि यहां आए 10 हजार किसान यहां से मिले तकनीक को अपने गांव में और अन्य किसानों की समृद्धि के वाहक बनें।

आपका दृढ़ निश्चय ही आपकी प्रगति का वाहक बनेगा.

कार्यक्रम में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि 4 वर्ष के शासन काल मे क्रांति आई है। कृषि विकास दर में – 4 % से 14.2 % की वृद्धि दर्ज की गई। मत्स्य के क्षेत्र में भी लंबी छलांग झारखण्ड ने लगाई है मत्स्य उत्पादन 4 साल में 83% बढ़ी है। पूरे देश में ऐसा नहीं हुआ। 2022 तक किसानों नकी आय दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर कार्य हो रहा है। राज्य के किसान कृषि के साथ साथ डेयरी और मत्स्य पालन की ओर ध्यान दें, ऐसे में झारखण्ड के किसान 2022 तक अपने आय को दोगुना नहीं बल्कि 4 गुना तक कर सकते हैं। झारखण्ड में लगातार बदलाव हो रहा है, किसान अपनी दृढ़ निश्चय और संकल्पशक्ति की बदौलत अपनी प्रगति के वाहक स्वयं बनेगें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमूल इंडिया के एमडी  आर एस सोढ़ी ने कहा कि जब कभी भी झारखण्ड के विकास की बात होगी तो ग्रामीण क्षेत्र के विकास की बात पहले आएगी। भारत विश्व भर में दूध उत्पादन ने पहले नंबर पर है। झारखण्ड में 52 लाख लीटर दूध उत्पादन होता है हर दिन। जबकि जरूरत 130 लाख टन की है। प्रति व्यक्ति 157 ग्राम का उत्पादन हो रहा है जबकि जरूरत 176  ग्राम की है। 75 लाख लीटर की कमी है। अन्य राज्यों से झारखण्ड 13 से 14 हजार करोड़ का दूध खरीदता है। अगर झारखंड में 25 लाख लीटर दूध उत्पादन होता है तो 2 लाख 75 हजार परिवार लाभान्वित होंगे, 8 से 10 हजार करोड़ का मुनाफा राज्य सरकार को होगा। जिस तरह सब्जी के क्षेत्र में कार्य हो रहा है उसी तरह डेयरी के क्षेत्र में भी कार्य करें किसान।

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र

इस अवसर पर गोन्चिंग गैनबोल्ड एंबेसी ऑफ मंगोलिया ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और मंगोलिया सबसे छोटा लोकतंत्र वाला राज्य है। कृषि के क्षेत्र में मंगोलिया सरकार ने कई काम किया है। कृषि क्षेत्र में काम करने के कारण देश मे काफी प्रगति हुई है। 2019 में 6.2 प्रतिशत वृद्धि कृषि क्षेत्र में होगा। साफ सुथरा फसल सभी के लिए जरूरी है। झारखंड में कई देशों के निवेशक कृषि क्षेत्र में निवेश कर रहें हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। यह समिट सभी के लिए लाभकारी होगा। राज्य के उन्नति के लिए सभी को शुभकामनाएं। मंगोलिया हर तरह से झारखण्ड को अपना सहयोग देने को तत्पर है।


कोका कोला झारखण्ड में लगाएगा प्लांट

अपने संबोधन में कोका कोला के वाईस प्रेसीडेंट इश्तियाक अमजद ने कहा कि हिंदुस्तान सहित कई देशों में सबसे ज्यादा फ़ूड प्रोसेसिंग में कंपनी काम कर रही है। कंपनी फल, सब्जी, डेरी मिल्क आदि में काम कर रही है। 2017 से 2022 तक कंपनी 11000 करोड़ का निवेश फ़ूड के क्षेत्र में करने वाली है। इसके पीछे उद्देश्य है कि किसानों की आय को बढ़ाया जाए और किसानों को लाभ हो। भारत मे फ़ूड प्रोसेसिंग में बहुत कम काम हुए है। कोका कोला कंपनी भारत मे इस क्षेत्र में काम कर रही है। झारखण्ड में भी वे इस क्षेत्र में निवेश करना चाहते है। उन्होने कहा कि मेरी पैदाइश और पढ़ाई रांची से हुई है, इस कारण मेरा व्यक्तिगत रुझान भी झारखंड को आगे बढ़ने में ज्यादा है।

झारखण्ड के किसान मेहनती

इजराइल से आई माया कदोश ने कहा कि इजराइल कृषि क्षेत्र में कई तकनीकों पर काम कर रही है। हाल में ही झारखंड के कई किसान भी इजराइल दौरे पर आए थे। झारखंड में खनिज संपदा है और यहां के किसान भी मेहनतकश है।यहां की सरकार फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काम कर रही है। झारखंड सरकार कृषि नीति बना कर यहां के किसानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है। यहां की सरकार किसान को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।

30 दिन में मिला 27 एकड़ जमीन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  मदर डेयरी के प्रदीप्ता कुमार साहू ने कहा कि 2016 में कंपनी ने झारखण्ड में उद्योग स्थापना हेतु प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव के 30 दिन बाद हमें 27 एकड़ जमीन मिल गई। 1 साल के अंदर हमने 100  करोड़ का प्लांट तैयार कर उत्पादन शुरू कर दिया। राज्य के किसानों को प्रशिक्षित कर अमरीकन स्वीट कॉर्न, मटर और टमाटर की खेती प्रारंभ की। अब हम 1 लाख टन टमाटर उत्पादन का लक्ष्य रखें हैं। या कार्य मे 50 हजार किसान जुडेंगे

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