फूड प्रोसेसिंग सेक्टर एक उभरता हुआ क्षेत्र, इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगा महत्वपूर्ण योगदान
झारखण्ड भारत का पहला राज्य जहां किसानों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की हुई है शुरुआत
रांची। माननीया राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारा झारखंड राज्य एक कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी गाँवों में निवास करती है एवं कृषि ही उनके आजीविका का मुख्य साधन है। यहाँ कई प्रकार के अनाज, सब्जियों एवं फलों जैसे चावल, दलहन, टमाटर, गोभी, मटर, इमली, शरीफा, काजू, कटहल आदि के प्रमुख उत्पादों में से एक है। कृषि क्षेत्र का झारखण्ड के अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। उक्त बातें माननीया राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने खेलगांव, रांची में आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड सम्मिट 2018 के समापन अवसर पर अपने संबोधन में कहीं. उन्होंने कहा कि समारोह में सम्मिलित होकर मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है। इस अवसर पर मैं आप सभी आगन्तुकों का हार्दिक स्वागत करती हूँ।
राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारी कृषि वर्षा आधारित है, लेकिन देखा गया है कि कई बार अच्छी बारिश होने के बावजूद हम सिंचाई कार्य में वर्षा जल का बेहतर उपयोग नहीं कर पाते हैं। पठारी इलाके होने के कारण पानी का तेजी से बहाव हो जाता है। सिंचाई की कमी रहने के कारण अधिकांश कृषि भूमि में वर्षा आधारित धान की एक-फसली खेती की जाती है। हमें एक-फसल तक सीमित न रहकर बहुफसली खेती की ओर ध्यान देना होगा।
राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि किसानों को जल संचयन पर अधिक जोर लगाना होगा. जल संचयन के प्रति जागरुक होकर इसे अपनाना होगा क्योंकि इससे सबसे अधिक फायदा किसानों को ही होगा। हमारा मकसद एवं सोच है कि हमारे किसान आत्मनिर्भर बने। इस मकसद को पाने के लिए हमारे कृषि वैज्ञानिकों तथा इस विधा से जुड़े लोगों को पूरी निष्ठा एवं लगन से काम करना होगा। उन्हें किसानों के बीच खेतों में जाना होगा तथा कौन-सा भू-भाग किस प्रकार की खेती एवं फसल के लिए बेहतर होगा, इसकी जानकारी किसानों को सुलभ करानी होगी, तभी Lab to Land का Concept पूरी तरह से सफल होगा। विदित हो कि जब तक हमारे गाँवों का पूरी तरह से विकास नहीं होगा, तब तक हमारा देश खुशहाल नहीं हो पायेगा।
उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य की भूमि सब्जी पैदावार, वानिकी एवं फूल पैदावार की नज़रिये से भी अच्छी है। यहाँ के किसान इन सबकी खेती करें तो उन्हें अच्छी आमदनी हो सकती है। प्रसन्नता की बात है कि दलहन की अच्छी पैदावार के लिए राज्य को कई बार कृषि कर्मण पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है। झारखण्ड में जैविक खेती के लिए भी अत्यन्त संभावनायें है। सब्जियाँ, फलों और मसालों को भी जैविक तरीके से तैयार किया जाता है और काजू प्रसंस्करण, औषधीय पौधों की प्रसंस्करण, शहद उत्पादन और मांस, अण्डा, दुग्ध उत्पादों के लिए बहुत अधिक संभावनायें है। मछली उत्पादन के क्षेत्र में झारखण्ड ने प्रगति की है।हमारे राज्य में मुर्गीपालन, बकरीपालन आदि के क्षेत्र में भी असीम संभावनायें हैं। जरूरत है कि लोगों को इसके प्रति भी जागरूक किया जाय.
राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वर्तमान में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर एक उभरता हुआ क्षेत्र है और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान की संभावना को देखते हुए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में देखा जाता है। कच्ची सामग्रियों की उपलब्धता, टमाटर, आलू, मक्का, काजू, मटर, तेलहन, दलहन इत्यादि, जीवनशैली में बदलाव और सरकार की एग्रीकल्चर एवं फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में प्रोत्साहन नीतियाँ झारखण्ड में इस उद्योग के विकास और संवर्धन में व्यापक भूमिका निभा रही है।
उन्होंने कहा कि झारखण्ड के किसान मेहनती एवं प्रगतिशील है, राज्य में विविध जलवायु परिस्थितियाँ है, जोे फसलों के विस्तृत श्रृखंला के कृषि के लिए उपयुक्त है। राज्य को उपजाऊ मिट्टी, प्रचुर मात्रा में पानी, अनुकूल जलवायु और कम लागत वाले श्रम, राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करता है। पूर्वी भारत में कृषि के क्षेत्र में आदर्श राज्य के रूप में झारखण्ड का नाम स्थापित हो, साथ ही देश के एक बड़ी आबादी के लिए खाद्य उत्पादों की मांग को पूरा करे, ऐसा प्रयास करना है। प्रसन्नता का विषय है कि झारखण्ड सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत है और सरकार द्वारा इसे हासिल करने के लिए पहल की जा रही है।
राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखण्ड भारत का पहला राज्य है, जो किसानों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया है, जो विभिन्न सरकारी योजनाओं, मौसम, कृषि उत्पादों के लिए मूल्य निर्धारण, मिट्टी के हेल्थ कार्ड, बीज उर्वरक, फसल बीमा और ऋण के बारे में जानकारी प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह कार्यक्रम ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड प्रोसेसिंग सम्मिट उद्योग, खाद्य सुरक्षा और कृषि प्रौद्योगिकी, कृषि विपणन और बुनियादी ढांचे पर अपना ध्यान केन्द्रित करने के साथ आपकेे लिए व्यवहारिक और ज्ञानवर्द्धक रहा होगा।
राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि झारखण्ड की अनुकूल परिस्थितियाँ आपको प्रेरित करेगी और हमारे राज्य के लिए एग्रीकल्चर एंड फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में सतत् विकास को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी। हमें उम्मीद है आपके सहयोग एवं समर्थन से हम इसे प्राप्त करने में सक्षम होंगे। मैं इस अवसर पर आप सभी को झारखण्ड में निवेश करने के लिए आमंत्रित करती हूँ।
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