* परोपकार में समर्पित किया जीवन
अपने भविष्य की चिंता छोड़ गरीब व मेघावी छात्रों के जीवन को संवारने का बीड़ा उठाना महानता कहलाता है। प्रतिभाशाली छात्रों के सुनहरे भविष्य निर्माण में अपना सबकुछ न्योछावर कर देना आसान नहीं है। लेकिन इसे सच कर दिखाया है चक्रधरपुर निवासी युवाओं के मार्गदर्शक व प्रेरणास्रोत निरूप कुमार प्रधान ने। श्री प्रधान का लक्ष्य गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा चक्रधरपुर स्थित कारमेल हाई स्कूल से हुई। वहीं के आरपीएस कॉलेज से इंटर पास किया। ग्रैजुएशन जेएलएन कॉलेज से किया। वह पढ़ने में काफी तेज रहे। मैट्रिक से लेकर ग्रैजुएशन तक कक्षा मे अव्वल रहे। मैट्रिक की परीक्षा में स्कूल टॉपर का खिताब हासिल किया। उन्होंने पढ़ाई के बाद निजी व सरकारी नौकरियों में ज्वाइन किया, लेकिन नौकरी उन्हें रास नहीं आई। बैंक, रेलवे सहित कई नौकरियों को तिलांजलि दे दी। बचपन से ही उनमें गरीबों के प्रति दया का भाव रहा। उनके पिता बंशीधर प्रधान रेलवे में काम करते हैं। गृहस्थ परिवार से आते हैं। उन्होंने गरीब व मेघावी छात्रों को पैसे के अभाव में आगे पढ़ाई नहीं कर पाने की समस्या से अवगत होते हुए चक्रधरपुर में शिक्षा कोचिंग सेंटर की स्थापना की है। यहां वह गरीब छात्रों को न सिर्फ कोचिंग देते हैं, बल्कि उन्हें नौकरी दिलाने में भी हरसंभव सहयोग करते हैं। वह कहते हैं कि बेरोजगारी का दंश झेलना अधिकतर युवाओं की पीड़ा है। गरीबी व अभावग्रस्त युवाओं को सही मार्गदर्शन देना व उन्हें रोजगार से जोड़ना श्री प्रधान का लक्ष्य है। वह बताते हैं कि गरीबी के कारण कई छात्र अपना भविष्य संवारने में सफल नहीं हो पाते हैं। उन्हें किसी सहारे की जरूरत होती है। ऐसे में परोपकार की भावना से ओतप्रोत होकर जरूरतमंद लोगों की मदद करना चाहिए। वह कहते हैं कि गरीब होना गुनाह नहीं, गरीबी में जीना गुनाह है। वर्ष 2014 में स्थापित उनके कोचिंग सेंटर से प्रशिक्षित छात्रों में से अबतक भारतीय सेना में 170, सीआरपीएफ में 60, एस एस बी में 6 छात्र नौकरी कर रहे हैं। फिलवक्त तकरीबन 300 गरीब व मेधावी छात्र उनके कोचिंग सेंटर में विभिन्न पाठ्यक्रमों की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। युवाओं के सुनहरे सपने को साकार करने में निरूप प्रधान ने अपनी सारी ऊर्जा लगा दी है। गरीब और मेधावी युवा उन्हें अपना मसीहा मानते हैं। उनके कोचिंग सेंटर में झारखंड के अलावा पड़ोसी राज्यों के भी गरीब, प्रतिभाशाली छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। श्री प्रधान कहते हैं कि सक्षम की सहायता सब करते हैं, कोई असहाय व बेसहारों की सहायता कर उनके जीवन संवारने में समय दे, तो महानता है।
(रांची से प्रकाशित हिन्दी सांध्य दैनिक मेट्रो रेज से साभार)
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