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बुधवार, 28 नवंबर 2018

नए साल में मिलेगी मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की सौगात



बाल विवाह उन्मूलन पर फोकस करना हमारी जिम्मेदारीः रघुवर 
26 लाख परिवार की बच्चियों को मिलेगा इस योजना का लाभ
जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के उम्र तक की बच्चियों को मिलता रहेगा वित्तीय लाभ
डीबीटी के माध्यम से सीधे बच्चियों के खाते में जाएगी प्रोत्साहन राशि
एसएचजी, सामाजिक संस्था एवं स्वैच्छिक संस्था राज्य के विकास की आत्मा

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2019 में  मुख्यमंत्री सुकन्या योजना शुभारंभ करने का एलान किया। इसकी पूरी तैयारी चल रही है। 1 जनवरी 2019 से इस योजना का लाभ सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना के तहत आने वाले 26 लाख परिवार की बच्चियों को मिलेगा. जन्म से लेकर 18 वर्ष तक की बच्चियों को शिक्षा के साथ साथ अन्य आर्थिक सामाजिक विकास के लिए राज्य सरकार समय-समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी. बच्चियों के सहायतार्थ मिलने वाली राशि का भुगतान सीधे डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक अकाउंट में किया जाएगा। थारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड मंत्रालय में आयोजित बाल विवाह उन्मूलन हेतु कार्य योजना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह एलान किया।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य से गरीबी,पलायन, अशिक्षा,कुपोषण, बाल विवाह आदि कुव्यवस्था को समूल नष्ट करना सरकार की प्राथमिकता रही है। सरकारी तंत्र, गैर सरकारी तंत्र और पंचायती राज की संरचनाओं में आपसी समन्वय स्थापित कर के ही समाज में व्याप्त कुव्यवस्थाओं को मिटाया जा सकता है। उन्होंने सभी स्वयंसेवी संस्थाओं को सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बाल विवाह के खिलाफ मुहिम चलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करके ही इस मुहिम में सफलता पाई जा सकेगी।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के 5 जिले गोड्डा, देवघर, कोडरमा, गिरिडीह और पलामू के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह के ज्यादा मामले उभर कर सामने आए हैं। इन 5 जिलों में बाल विवाह उन्मूलन के प्रति अधिक से अधिक फोकस करना हम सबों की जिम्मेवारी है। इन जिलों में बाल विवाह के रोकथाम हेतु बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है। बाल विवाह महिला एवं पुरुष दोनों के लिए हानिकारक है। बाल विवाह शारीरिक और मानसिक  तनाव का बड़ा कारण है। बाल विवाह से मातृत्व मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है। उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले 4 वर्ष में मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है परंतु अभी भी और कार्य करने की आवश्यकता है। हमें राज्य से बाल विवाह जैसी कलंक प्रथा को जड़ से मिटाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार नारी सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं के विकास के लिए राज्य में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। राज्य में बच्चियों का ड्रॉप आउट  रोकना सरकार की प्राथमिकता है. बच्चियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त हो इस हेतु शिक्षा के स्तर में भी काफ़ी कार्य किए जा रहे हैं. भारतीय संस्कृति में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है. महिला एवं पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं. नारी शक्ति को हमें सिर्फ परिवार की ही शक्ति नहीं बल्कि राष्ट्र की शक्ति बनानी है।

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