सड़क सुरक्षा परिषद्
की बैठक में बोले सीएम रघुवर दास
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर
दास ने कहा कि मानव जीवन बहुत
कीमती है। सड़क दुर्घटना को न्यूनतम
करने का प्रयास करें। दुर्घटना में
मृत्यु होने से परिवार टूट जाता है।
दुर्घटना रोकने के लिए नियमों का कड़ाई
से पालन करायें। जिन स्थानों पर ज्यादा
दुर्घटनाएं होती हैं, उन स्थानों
पर एक किमी पहले से ही साइनेज आदि के
माध्यम से लोगों को सचेत करें। तेज
गति रोकने के लिए सीसीटीवी से मॉनिटरिंग
करें और नियम तोड़ने वालों पर चालान
करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास
ने झारखंड मंत्रालय में आयोजित राज्य सड़क सुरक्षा परिषद् की बैठक में कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी वाहनों की अधिकतम गति सीमा हाइवे पर 70 किमी प्रति घंटा तथा रिहाइशी क्षेत्रों में 40
किमी प्रति घंटे से ज्यादा न हो। इसी
प्रकार दोपहिया वाहनों के लिए यह सीमा 60
किमी प्रति घंटा तथा 40 किमी प्रति घंटा से ज्यादा न हो। लोगों को इसके प्रति सचेत करने के लिए जगह-जगह
स्पीड से संबंधित होर्डिंग लगायें। सबसे ज्यादा मौतें दोपहिया वाहन
चालकों की होती है। इसे रोकने के लिए हेलमेट पहनना कड़ाई से लागू करें। लोगों
को जागरूक भी करें। जिन स्कूलों के बच्चे दोपहिया वाहनों से स्कूल जाते हैं, उनपर विशेष ध्यान रखें। लोगों को ओवरटेक करने से भी रोकने के लिए जागरूक
करें। ओवरटेक कर 2-4 मिनट बचाये जा सकते हैं,
लेकिन कीमती जान को जोखिम में डालकर
चलते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा
कि हाइवे पर एंबुलेंस की संख्या बढ़ायें। उन एंबुलेंस को भी 108 से जोड़ दें, ताकि कम से कम समय
में दुर्घटना स्थल तक पहुंचा जा सके। समय पर इलाज मिलने पर
ज्यादातर लोगों की जान बचायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता
फैलाने के लिए रन फॉर सेफ्टी के नाम से अभियान चलायें। साप्ताहिक कार्यक्रम
बनायें। सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरुकता अभियान चलायें। हाइवे
पेट्रोलिंग वाहनों को सीट बेल्ट, वाहनों की स्पीड आदि की जांच के लिए लगायें। लेकिन वे चालान नहीं काटेंगे। वे किसी प्रकार की वसूली भी नहीं करेंगे। शिकायत
मिली तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
बैठक में बताया गया कि झारखंड में 143
ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये गये हैं। इन स्थानों पर विशेष काम किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि इस
वर्ष की तीसरी तिमाही में दुर्घटना तथा मृत्यु दर में कमी आयी है। ड्रंक एंड
ड्राइव के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाता रहा है। हेलमेट और सीट बेल्ट
की जांच में कड़ाई की जा रही है।
बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी,
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल,
नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह, पथ सचिव के के सोन, परिवहन सचिव प्रवीण टोप्पो,
सदस्य ललित ओझा, राम बांगड़ समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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