स्थापना दिवस पर विशेष
झारखंड स्थापना दिवस की तैयारी बैठक को संबोधित करते मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी |
देवेंद्र गौतम
रांची। रघुवर दास झारखंड के पहले नेता हैं जो मुख्यमंत्री के रूप में
लगातार राज्य का पांचवां स्थापना दिवस मनाने जा रहे हैं। 18 वर्षों के झारखंड में
वे झारखंड के 10 वें मुख्यमंत्री हैं। राज्य गठन के 18 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इतने
वर्षों में पहली बार कोई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने जा रही है। रघुवर दास इस
मायने में भाग्यशाली रहे कि उन्हें बहुमत पर आधारित
एक स्थिर सरकार मिली। हालांकि पहला गैर आदिवासी मुख्यमंत्री होने के
नाते उनके समक्ष जनता का विश्वास जीतने की गंभीर चुनौती थी। राजनेताओं की एक लाबी
उनकी गतिविधियों पर तीखी नज़र गड़ाए हुए थी। उन्हें कटघरे में खड़ा करने की निरंतर
कोशिशें होती रहीं। लेकिन वे पूरे धैर्य के साथ अपने काम में लगे रहे। उनके शासन
काल में भ्रष्टाचार या घोटाले का कोई आरोप नहीं लगा। उनकी कुर्सी को न कभी कोई
चुनौती मिली, न उन्हें सत्ता में बने रहने की चिंता करने की जरूरत पड़ी। इसीलिए
उनका पूरा ध्यान विकास कार्यों की ओर केंद्रित रहा। जो कार्य पूरे हुए उनका विवरण
और जो अधूरे हैं उनका कारण वे जनता से साझा भी करते रहे। कुछ महीने पूर्व बिजली की
गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी। उत्पादन और आपूर्ति के बीच संतुलन बिगड़ गया था।
थर्म प्लांटों की कई यूनिटें कोयले के अभाव में बंद पड़ी थीं। लेकिन मुख्यमंत्री
ने स्थिति पर काबू पा लिया और अब वे जुलाई 2019 तक निर्बाध बिजली आपूर्ति के
लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। अभी तक चार जिले शत-प्रतिशत विद्युतीकृत हो चुके हैं।
शेष जिलों में विद्युतीकरण का काम तेजी से चल रहा है। इससे पहले जितने भी
मुख्यमंत्री आए उनकी कुर्सी निरंतर डोलती रही और उनकी ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा उसे
बचाने में व्यय होता रहा। उन्हें समय से पूर्व गद्दी से हटना भी पड़ा। इस हिसाब से
रघुवर दास लगातार सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने का रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं।
यही कारण है कि इस बार स्थापना
दिवस समारोह को पहले से कहीं ज्यादा उत्साह के साथ और कहीं ज्यादा भव्य तरीके से
मनाया जा रहा है। 15 नवंबर की की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम में झारखंड की जनता फिल्मी
दुनिया के मशहूर गायक सुरेश वाडकर और गायिका कविता कृष्णमूर्ति की सुरीली आवाज सुनेगी।
वहीं जिला स्तर पर भी असम का बिहू नृत्य, बिहार की कजरी, गुजरात का डांडिया और
बंगाल के कलाकारों की कला का प्रदर्शन होगा। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मुख्य
समारोह में ग्रामीण विद्युतीकरण और खुले में शौच से मुक्त होने की दिशा में मिली
उपलब्धियों पर लघु फिल्म प्रदर्शित करने जा रहा है। वहीं 13 से 15 नवंबर तक सरकारी
भवनों और महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर आकर्षक विद्युत साज-सज्जा की जा रही है।
समारोह स्थल पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति, ध्वनि विस्तारक यंत्र, पेयजल की
व्यवस्था, शौचालय की समुचित व्यवस्था, चिकित्सीय व्यवस्था आदि की जिम्मेवारी संबंधित
विभागों के लोग उठाएंगे। इसके अलावा योग्य व्यक्तियों को झारखंड सम्मान से नवाजा
जाएगा। साथ ही विभागवार शिलान्यास और लोकार्पण वाली योजनाओं की प्रकृति तय की गई।
इसके साथ नव चयनित लोगों को नियुक्ति पत्र, लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण,
कृषि विभाग द्वारा किसानों पर केंद्रित कार्यक्रमों, शत प्रतिशत विद्युतीकृत
होनेवाले जिले और पूरे राज्य को खुले में शौचमुक्त घोषित करने की तैयारियों की गई
हैं। स्थापना दिवस की सुबह प्रभातफेरी निकाली जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री
आमंत्रण फुटबॉल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।
इस मौके पर सचिवालयों के गलियारे की सूनी दीवारें गुलजार होंगी। जिस
गलियारे में जिस विभाग का दफ्तर होगा, वहां उस विभाग से जुड़ी परियोजना और
कार्यक्रमों की फ्रेम की गई तस्वीरें लगाई जाएंगी। इससे गलियारे से गुजरनेवालों के
सामने उस विभाग के काम-काज और उपलब्धियां मुखर हो उठेंगी। मुख्य सचिव सुधीर
त्रिपाठी आयोजन की तैयारी का स्वयं जायजा ले रहे हैं। उन्होंने विभागीय सचिवों को
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से समन्वय कर इसे अमलीजामा पहनाने का निर्देश दिया।
स्थापना दिवस समारोह के इस जोशो-खरोश की एक वजह यह भी है कि वर्ष 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद 2014 तक लगातार सूबे में राजनीतिक
अस्थिरता का दौर रहा। इस बीच दस बार मुख्यमंत्री बदले गए। तीन बार राष्ट्रपति शासन
भी लगाया गया। सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड शिबू सोरेन के नाम रहा।
2005 में वे मात्र 2 मार्च से 12 मार्च तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे थे। बहुमत
का आंकड़ा नहीं छू पाने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था।
इस स्थापना दिवस पर रघुवर सरकार एक हज़ार योजनाओं का शिलान्यास करने
वाली है। एक हज़ार खुले में शौच से मुक्त पंचायतों की घोषणा की जाने वाली है।
सरकार की 101 उपलब्धियों का पत्रक भी जारी किया जाने वाला है।
2014 में रघुवर दास की सरकार सत्ता में आई थी, तब राज्य की विकास दर करीब 4.6 फीसदी थी। अब यह दहाई
का आंकड़ा छूने को है। इसी तरह 'ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस'
के मामले में झारखंड देश में तीसरे नंबर पर है। इसी आधार पर निवेश
हो रहे हैं। ज़ाहिर है कि रघुवर सरकार तेजी से विकास का दावा करने की स्थिति में
हैं।
बाक्स
अब तक के मुख्यमंत्री
15 नवम्बर 2000 से 18 मार्च 2003, बाबूलाल
मरांडी, भाजपा
18 मार्च 2003 से 2 मार्च 2005, अर्जुन
मुंडा, भाजपा
2 मार्च 2005 से 12 मार्च 2005, शिबू
सोरेन, झामुमो
12 मार्च 2005 से 18 सितंबर 2006, अर्जुन
मुंडा, भाजपा
18 सितंबर 2006 से 28 अगस्त 2008, मधु
कोडा, निर्दलीय
28 अगस्त 2008 से 18 जनवरी 2009, शिबू
सोरेन, झामुमो
19 जनवरी 2009 से 29 दिसम्बर 2009,
राष्ट्रपति शासन
30 दिसम्बर 2009 से 31 मई 2010, शिबू
सोरेन, झामुमो
1 जून 2010 से 10 सितम्बर 2010, राष्ट्रपति शासन
11 सितम्बर 2010 से 18 जनवरी 2013, अर्जुन
मुंडा, भारतीय जनता पार्टी
18 जनवरी 2013 से 13 जुलाई 2013 राष्ट्रपति
शासन
13 जुलाई 2013 से 23 दिसम्बर 2014, हेमंत
सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा
28 दिसम्बर 2014 से वर्तमान काल
तक, रघुवर
दास, भारतीय जनता पार्टी
अब
तक के राज्यपाल
1.
प्रभात कुमार- 15 नवंबर 2000 से 3 फरवरी 2002 तक
2.
विनोदचंद्र पांडे (अतिरिक्त प्रभार)- 4 फरवरी 2002 से 14 जुलाई 2002 तक
3.
एम रमा जोइस- 15 जुलाई 2002 से 11 जून 3003 तक
4.
वेद मारवाह- 12 जून 2003 से 9 दिसंबर 2004 तक
5.
सैय्यद सिब्ते रजी-10 दिसंबर 2004 से 25 जुलाई 2009 तक
6.
के शंकरनारायण- 26 जुलाई 2009 से 21 जनवरी 2010 तक
7.
एम ओ हसन फारुक मारिकार- 22 जनवरी 2010 से 3 सितंबर 2011 तक
सईद
अहमद- 4 सितंबर 2011 से 18 मई 2015 तक
द्रौपदी
मुर्मु-18 मई 2015 से वर्तमान तक
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