आय दूनी होने का दूर-दूर तक कोई लक्षण नहीं
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों के आय को लेकर उदासीन रही है। केन्द्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर वर्ष 2022 का लक्ष्य रखा है। यह संभव प्रतीत नहीं होता है , क्योंकि कृषि विकास दर जो वर्तमान में है, उसमें भी कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है । श्री शाहदेव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों से सीधा धान क्रय करने का निर्णय लिया गया तथा उन्हें तय मूल्य के अलावा प्रति क्विंटल बोनस देने की भी बात कही गई, लेकिन क्रय केन्द्रों तक किसान पहुंच नहीं पाये , यहां भी बिचौलिया ही हावी रहे , जो किसान धान क्रय केन्द्र तक पहुंचे, उन्हें भी समय पर भुगतान नहीं किया गया। श्री शाहदेव ने कहा कि सरकार यदि सही मायने में किसानों को उनका उत्पादन का उचित मूल्य देकर राहत पहुंचाना चाहती है, तो धान का क्रय खलिहान से ही किया जाना चाहिए । इससे बिचौलियों को मौका नहीं मिलेगा । श्री शाहदेव ने कहा सरकार की गलत नीतियों के कारण ही झारखंड के किसान आत्महत्या करने को विवश हए। एक ओर मनेरगा के तहत कार्य करने वालों का समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है । वहीं सुखाड़ से जूझ रहे राज्य के किसानों को अब तक राहत नहीं पहुंचाया जा रहा है । यहां तक कि पिछले साल जो राहत के लिए केन्द्र से सहायता मिला था, उसका वितरण भी नहीं हो पा रहा है । प्रदेश प्रवक्ता श्री शाहदेव ने कहा कि रघुवर सरकार ने धान क्रय के लक्ष्य को घटाकर यह साबित कर दिया है कि किसान के समस्याओं का उचित समाधान के प्रति उनका क्या रवैया है । सरकार सिर्फ चुनाव के वक्त किसानों के खाता में पैसा डालकर उनसे वोट लेना चाहती है । सरकार के इस मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा । श्री शाहदेव ने राज्य सरकार से यह मांग की है कि सुखाड़ राहत जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाया जाए और धान क्रय केन्द्र के माध्यम से किसानों द्वारा बेचे गये धान का भुगतान अविलंब किया जाए।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों के आय को लेकर उदासीन रही है। केन्द्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर वर्ष 2022 का लक्ष्य रखा है। यह संभव प्रतीत नहीं होता है , क्योंकि कृषि विकास दर जो वर्तमान में है, उसमें भी कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है । श्री शाहदेव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों से सीधा धान क्रय करने का निर्णय लिया गया तथा उन्हें तय मूल्य के अलावा प्रति क्विंटल बोनस देने की भी बात कही गई, लेकिन क्रय केन्द्रों तक किसान पहुंच नहीं पाये , यहां भी बिचौलिया ही हावी रहे , जो किसान धान क्रय केन्द्र तक पहुंचे, उन्हें भी समय पर भुगतान नहीं किया गया। श्री शाहदेव ने कहा कि सरकार यदि सही मायने में किसानों को उनका उत्पादन का उचित मूल्य देकर राहत पहुंचाना चाहती है, तो धान का क्रय खलिहान से ही किया जाना चाहिए । इससे बिचौलियों को मौका नहीं मिलेगा । श्री शाहदेव ने कहा सरकार की गलत नीतियों के कारण ही झारखंड के किसान आत्महत्या करने को विवश हए। एक ओर मनेरगा के तहत कार्य करने वालों का समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है । वहीं सुखाड़ से जूझ रहे राज्य के किसानों को अब तक राहत नहीं पहुंचाया जा रहा है । यहां तक कि पिछले साल जो राहत के लिए केन्द्र से सहायता मिला था, उसका वितरण भी नहीं हो पा रहा है । प्रदेश प्रवक्ता श्री शाहदेव ने कहा कि रघुवर सरकार ने धान क्रय के लक्ष्य को घटाकर यह साबित कर दिया है कि किसान के समस्याओं का उचित समाधान के प्रति उनका क्या रवैया है । सरकार सिर्फ चुनाव के वक्त किसानों के खाता में पैसा डालकर उनसे वोट लेना चाहती है । सरकार के इस मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा । श्री शाहदेव ने राज्य सरकार से यह मांग की है कि सुखाड़ राहत जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाया जाए और धान क्रय केन्द्र के माध्यम से किसानों द्वारा बेचे गये धान का भुगतान अविलंब किया जाए।
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