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बुधवार, 9 अक्तूबर 2019

औद्योगिक संबंधों को विकसित करने वाले कर्मयोगी हैं राणा शुभाशीष



प्रतिभा और कर्तव्यनिष्ठा की जीती जागती मूर्ति हैं बहुमुखी प्रतिभा के धनी राणा शुभाशीष चक्रवर्ती। वे वर्तमान में एचईसी के निदेशक (उत्पादन व विपणन) के पद पर कार्यरत हैं। उनकी शिक्षा-दीक्षा रांची में ही हुई। उनके पिता स्व. प्रो.जगन्नाथ चक्रवर्ती और माता स्व. तृप्ति चक्रवर्ती ने उन्हें संस्कारयुक्त शिक्षा दिलाने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। अपने माता पिता को प्रेरणास्रोत मानते हुए श्री चक्रवर्ती अपने जीवन पथ पर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बीआईटी, मेसरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। तत्पश्चात इग्नू से डिप्लोमा इन मैनेजमेंट का कोर्स किया। इसके बाद एमबीए (मार्केटिंग मैनेजमेंट) में बीआईटी, मेसरा से प्रथम श्रेणी की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के प्रति उनका जुनून, इतनी डिग्रियां हासिल करने के बाद भी कम नहीं हुआ। फिलवक्त श्री चक्रवर्ती पीएचडी कर रहे हैं। उनके शोध का विषय "सार्वजनिक क्षेत्र में कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारियों की चुनौतियां और अवसर" है। राणा एस. चक्रवर्ती को 52 वें इंजीनियर्स दिवस समारोह पर इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, झारखंड द्वारा प्रतिष्ठित "एमिनेंट इंजीनियर पुरस्कार" से सम्मानित किया गया।  उन्हें यह पुरस्कार एचईसी के विपणन में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए दिया गया। उन्हें "भारत की ऊर्जा सुरक्षा में विद्युत क्षेत्र की भूमिका" पर तकनीकी पेपर प्रस्तुत करने के लिए इंस्टीच्यूशंस ऑफ इंजीनियर्स की ओर से 'विश्वेश्वरैया गोल्ड मेडल'  भी मिला है। उन्होंने भारत और विदेशों में विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित सेमिनार में पर्यावरण इंजीनियरिंग, विपणन, प्रबंधन और उद्योग के क्षेत्र में तकनीकी कागजात भी प्रस्तुत किए हैं। जिसके लिए उन्हें पुरस्कृत किया जाता रहा है। श्री चक्रवर्ती सार्वजनिक उपक्रम, मेकॉन लिमिटेड में तकरीबन 32 वर्षों तक बतौर अधिकारी विभिन्न पदों पर सेवारत रहे।  मेकाॅन में कार्यकाल के दौरान अपनी बेहतरीन कार्यशैली से उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जो मील का पत्थर साबित हुई हैं। अपने सहयोगियों से मित्रवत व्यवहार करना, जिम्मेदारियों को बखूबी निभाना और प्रत्येक कार्यों को समयबद्धता तथा प्रसन्नता से पूरा करना उनकी विशेषता है। प्राथमिकताएं तय कर निर्णय लेने की उनमें अद्भुत क्षमता है। सकारात्मक सोच के साथ अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन उनकी दिनचर्या में शुमार है। एचईसी में उत्पादन बढ़ाने और औद्योगिक वातावरण विकसित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।  विदित हो कि राणा चक्रवर्ती ने उस समय एचईसी के निदेशक का पद संभाला, जब एचईसी के समक्ष कई चुनौतियां थी। एचईसी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा था। श्री चक्रवर्ती ने उन चुनौतियों का सामना करते हुए उससे निबटने की ठोस रणनीति बनाकर टीम भावना से काम करना शुरू किया। एचईसी के ग्राहकों और कर्मचारियों के भरोसे को मजबूत किया। इसका सकारात्मक परिणाम सामने है। उन्होंने इसरो, विजाग स्टील, कोल इंडिया, रक्षा क्षेत्र आदि सेक्टर से कार्यादेश प्राप्त करने में सफलता पाई। इस  दौरान वह विदेशों से भी कार्यादेश प्राप्त करने में सफल रहे। इस क्रम में उन्होंने इंडोनेशिया, जापान सहित अन्य देशों का भी दौरा किया। देश-विदेश से एचईसी के लिए कार्यादेश प्राप्त करने की दिशा में श्री चक्रवर्ती सतत प्रयासरत हैं। एचईसी की दशा और दिशा सुधारने में अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं। श्री चक्रवर्ती को विपणन व प्रबंधन क्षेत्र के अतिरिक्त पर्यावरण, इंजीनियरिंग,ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में भी काफी अनुभव प्राप्त है। उनके इस अनुभव का लाभ एचईसी को मिल रहा है। श्री चक्रवर्ती की पहचान एक मल्टीटैलेंट पर्सनैलिटी के रूप में स्थापित हो चुकी है। उनकी इन्हीं विशेषताओं के कारण 28 मार्च 2019 को स्टैंडिंग कॉन्फ्रेंस ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज (स्कोप) के कार्यकारी बोर्ड का सदस्य चयनित किया गया। श्री चक्रवर्ती अपने उत्तरदायित्व के प्रति सदैव सजग रहते हैं। समाज के प्रति अपने संदेश में वह कहते हैं कि अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदार पहल करते हुए सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते रहें। इससे हमारा देश सशक्त व समृद्ध होगा और विश्व पटल पर भारत का दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।
 प्रस्तुति : नवल किशोर सिंह

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