झारखंड की राजधानी रांची के लालपुर चौक स्थित सर्कुलर रोड निवासी जयदीप चड्ढा युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए जा रहे कार्य प्रेरक और अनुकरणीय हैं। श्री चड्ढा का जन्म 4 दिसंबर 1988 को रांची में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा रांची स्थित बिशप वेस्टकाॅट ब्वायज स्कूल से हुई। इसके बाद रांची के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान संत जेवियर कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद व्यवसायिक शिक्षा की ओर उनकी अभिरुचि हुई। उन्होंने गाजियाबाद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होंने ओबरॉय होटल, दिल्ली में बतौर प्रोक्योरमेंट मैनेजर नौकरी शुरू की। लेकिन जल्द ही इस नौकरी से उनका मोहभंग हो गया। उनके दादा स्व. सीएस चड्ढा शहर के जाने-माने दवा व्यवसायी और लोकप्रिय समाजसेवी थे। जयदीप अपने दादा जी द्वारा स्थापित दवा व्यवसाय में हाथ बंटाने लगे। उनके पिता दविंदर पाल सिंह चड्ढा और माता सोनिया चड्ढा उन्हें अपने कैरियर निर्माण के साथ-साथ समाज के लिए भी सकारात्मक सोच के साथ कुछ करते रहने की प्रेरणा देते रहे। इसी से प्रेरित होकर जयदीप अपने दादा व पिताजी के दवा व्यवसाय में सहभागिता निभाते हुए समाज सेवा के कार्यों में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेने लगे। अपने परम पूजनीय दादा स्व. चरणजीत सिंह चड्ढा और अपने पिता दविंदर पाल सिंह चड्डा के पद चिन्हों पर चलते हुए उन्होंने सामाजिक कार्यों में भी अपनी सहभागिता निभाना शुरू किया। पारिवारिक और व्यावसायिक व्यस्तताओं के बीच समय निकालकर वह समाज सेवा के प्रति समर्पित रहने लगे। उन्होंने 10 अगस्त, 2014 को रोटरी क्लब ज्वाइन किया। रोटरी क्लब ऑफ रांची नॉर्थ के लगातार तीन वर्षों तक सचिव बने रहे। फिर इसके अध्यक्ष पद पर रहे। क्लब के माध्यम से समाज सेवा के कार्यों में जुटे रहना उनकी दिनचर्या में शुमार हो गया। जयदीप रांची शहर स्थित गुरुनानक होम फॉर हैंडिकैप्ड चिल्ड्रन नामक संस्था के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी भी हैं। वह रोटरी क्लब के माध्यम से सामाजिक कार्यों को गति देने में जुटे हैं। इसके आधार पर उन्हें वर्ष 2016-17 का आउटस्टैंडिंग रोटरी क्लब सेक्रेटरी डिस्ट्रिक्ट अवार्ड प्राप्त हुआ। समाजसेवा के प्रति उनके समर्पण और उत्कृष्ट कार्यशैली के लिए इस वर्ष उन्हें आउटस्टैंडिंग क्लब प्रेसिडेंट अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। क्लब के माध्यम से रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, बच्चों और महिलाओं के लिए टीकाकरण और स्वास्थ्य के प्रति महिलाओं को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन आदि कार्यक्रमों में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। जयदीप पशु प्रेमी और पर्यावरण प्रेमी भी हैं। बीमार पशुओं की सेहत ठीक रखने के लिए वह रोटरी क्लब के माध्यम से कई बार एनिमल वैक्सीनेशन कैंप का भी आयोजन कर चुके हैं। इंसान तो इंसान जानवरों के प्रति भी करुणा और दया का भाव रखना जयदीप की महानता का परिचायक है। ग्रामीण क्षेत्रों में एनीमिया से पीड़ित महिलाओं और कुपोषण से पीड़ित बच्चों की सेहत सुधारने की दिशा में भी जयदीप सक्रिय रहते हैं। बच्चों के लिए टीकाकरण, महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर स्वास्थ्य शिविर लगाकर अपने सहयोगियों संग जयदीप सक्रिय रहते हैं। वहीं, शिक्षा के प्रति भी बच्चों को जागरूक करते रहते हैं। स्कूली बच्चों के बीच पठन सामग्री का वितरण, बच्चों की बौद्धिक क्षमता विकसित करने के लिए अंतर स्कूल प्रतियोगिताओं का आयोजन, स्वास्थ्य के क्षेत्र में पोलियो उन्मूलन के लिए शिविर का आयोजन, बच्चों के केयर के लिए स्कूलों में कैंप लगाना आदि कार्यक्रम समय समय पर उनके माध्यम से आयोजित किया जाता है। लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में भी वह सतत प्रयत्नशील रहते हैं। पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी जयदीप गंभीरता से जुड़े हैं। विगत दो वर्षों में उन्होंने विभिन्न जगहों पर अपने सहयोगियों को साथ लेकर लगभग 25 हजार पौधरोपण किया है। उनका मानना है कि पर्यावरण संरक्षण मानव और वन्य जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। वह कहते हैं कि युवाओं को अपने पेशे और अपनी पारिवारिक व्यस्तता के बीच थोड़ा समय निकालकर सकारात्मक सोच के साथ सामाजिक नव निर्माण की दिशा में भी अग्रसर होना चाहिए। युवाओं के कंधे पर हमारे देश का भविष्य टिका हुआ होता है। इसलिए समाज की मुख्यधारा से जुड़े रहना और अपने परिवार, देश और समाज के प्रति उत्तरदायित्व को समझते हुए कर्तव्य पथ पर सदैव अग्रसर रहना चाहिए। जयदीप फिल्म बादल के इस गीत "अपने लिए, जिए तो क्या जिए,ऐ दिल, तू जी जमाने के लिए" को अपने जीवन में आत्मसात कर समाज सेवा के प्रति समर्पित हैं। वह कहते हैं कि युवा शक्ति का सदुपयोग सकारात्मक कार्यों में किया जाना चाहिए। इससे हमारा देश, समाज समृद्ध और मजबूत होगा। तभी हम विश्व के विकासशील देशों की श्रेणी में अग्रणी पंक्ति पर खड़ा हो सकेंगे।
प्रस्तुति: नवल किशोर सिंह
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