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शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

सरायकेला से भी बांस की बनी वस्तुओं को विदेश भेजा जाएगाः रघुवर दास


★मध्यम, लघु एवं कुटीर उद्योग गरीबी समाप्त करने में सहायक होगा

★आदिम जनजाति की महिलाओं को नई तकनीक से मिलेगा प्रशिक्षण

★95 हजार शिल्पकार मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड से जुड़ चुके हैं
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सरायकेला/नीमडीह। झारखंड को कला के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड का गठन किया गया। बोर्ड में राज्य के प्रतिभावान शिल्पकारों को चिन्हित कर उनका निबंधन हुआ है। करीब 95 हजार शिल्पकार अब तक बोर्ड से जुड़ चुके हैं। बोर्ड का मुख्य उद्देश्य शिल्पकारों और कलाकारों को बदलते समय और की मांग के अनुसार प्रशिक्षण देकर उन्हें और प्रतिभावान बनाना है। जल्द सरायकेला से भी बांस की बनी वस्तुएं विदेश भेजी जाएगी। ताकि यहां की आदिम जनजाति की महिलाएं का आर्थिक स्वालंबन सुनिश्चित हो सके। आने वाले दिनों में उद्योग विभाग द्वारा आदिम जनजाति की महिला शिल्पकारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद महिलाएं बाजार की मांग के अनुरूप बांस के उत्पाद तैयार कर सकेंगी। ये बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने सरायकेला के नीमडीह स्थित मकुला गांव में कही। श्री दास मकुला में स्वावलंबी सहयोग समिति द्वारा बॉस से बनी वस्तुओं का अवलोकन कर रहे थे।

रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने की पहल हो रही है

मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल परगना में भी बांस अधिक मात्रा में होता है। इसलिए वहां की महिलाओं व कलाकारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दुमका स्थित में कलाकार बांस की वस्तुएं तैयार कर रहें हैं। बांस की इन वस्तुओं को विदेश में भेजा जा रहा है। दुमका में बांस आधारित मेला का आयोजन भी किया गया ताकि, कलाकारों को एक मंच मिल सके। कुटीर, लघु और मध्यम उद्योग को सरकार बढ़ावा दे रही है। यह गरीबी समाप्त करने में सहायक हो सकता है।

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