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शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

कर्तव्यनिष्ठा की प्रतिमूर्ति हैं आईपीएस सुधीर कुमार झा



चाईबासा। कर्तव्य परायणता को अपने जीवन में आत्मसात कर जीवन पथ पर अग्रसर होते रहना व्यक्ति की विशिष्टता का परिचायक होता है। कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारी जहां भी पदस्थापित रहें, अपनी बेहतरीन कार्यशैली के बलबूते लोकप्रियता हासिल करने में सफल होते हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं, वर्ष 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार झा। श्री झा एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। वर्तमान में वह जैप के आईजी पद पर हैं। वह चाईबासा में भी पुलिस अधीक्षक के पद पर रह चुके हैं। कोल्हान प्रमंडल में नक्सल विरोधी गतिविधियों पर काबू पाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नक्सल विरोधी अभियान में उन्हें महारत हासिल है। पुलिस और जनता के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को वह हमेशा तरजीह देते रहे हैं। जनसमस्याओं के त्वरित निष्पादन हेतु पुलिस हेल्पलाइन की विचारधारा के जनक श्री झा अपनी बेहतरीन कार्यशैली से विभाग का नाम तो रोशन करते ही रहे हैं, जनता के बीच भी उनकी छवि एक ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में बनी है। एसपी के पद पर रहते हुए भी उन्होंने बखूबी अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। विभागीय कार्यों के निष्पादन की दिशा में भी उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किए, जो अन्य पुलिस अधिकारियों के लिए अनुकरणीय व  प्रेरणास्रोत भी हैं। झारखंड आर्म्ड पुलिस के आईजी के पद पर आसीन श्री झा पुलिस विभाग की छवि निखारने में भी लगे हैं। उनका मानना है कि पुलिस और जनता के बीच मधुर संबंध होने चाहिए। इससे पुलिस के प्रति जनता का विश्वास बढ़ता है। वह कहते हैं कि अपराध नियंत्रण और नक्सल विरोधी गतिविधियों को समाप्त करने की दिशा में भी ठोस पहल और सकारात्मक प्रयास जरूरी है। यह स्वच्छ और स्वस्थ समाज निर्माण में भी काफी सहायक होता है। अपराध मुक्त समाज से हम सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। इसके लिए जन सहयोग भी जरूरी है। वह ग्रामीण युवाओं का आह्वान करते हुए कहते हैं कि युवा समाज की मुख्यधारा से जुड़े और अपने उज्जवल भविष्य निर्माण के लिए सतत प्रयासरत रहें। पुलिस विभाग जनता को अपराध मुक्त समाज देने के प्रति कृतसंकल्प है। श्री झा कहते हैं कि जिस किसी भी क्षेत्र में रहे, जहां कहीं भी कहीं भी रहें, अपनी कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी को न भूलें, यही जीवन का मूल मंत्र भी है। इसके सहारे व्यक्ति अपने जीवन की सफलता की सीढ़ियां चढ़ता जाता है। स्वस्थ और स्वच्छ समाज के लिए यह आवश्यक भी है। इसलिए हमें सामाजिक नव निर्माण की दिशा में ईमानदार पहल करने की आवश्यकता है।
 प्रस्तुति : विनय मिश्रा

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